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शिवरात्रि महोत्सव : देवमयी हुआ मंडी शहर, लोगों को मिल रहा देवी-देवताओं का आशीर्वाद

वाद्य यंत्रों की मधुर देव धुन से गुंजायमान हो रहा क्षेत्र

 

मंडी। मंडी जिला के साथ अन्य क्षेत्रों से देवी-देवता अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में पहुंचे हैं। इससे मंडी शहर देवमयी हो गया है। महोत्सव के दौरान संपूर्ण मंडी शहर देवी-देवताओं के वाद्य यंत्रों की मधुर देव धुन से गुंजायमान हो रहा है।

महोत्सव में पहुंचकर श्रद्धालु भी देवी-देवताओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। लोगों को एक जगह पर सभी देवी देवताओं के दर्शन करने को मिल रहे हैं।

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देव दर्शन के साथ लोग सांस्कृतिक संध्याओं को भी लुत्फ उठा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की चौथी संध्या में आज सारेगामापा लिटिल चैंप फेम पायल ठाकुर, गीता भारद्वाज और शिल्पा सरोच स्वर लहरियां बिखेरेंगीं।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला की तीसरी सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर एवं ग्राम नियोजन, तकनीकी  शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने की।

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उनके साथ विधायक धर्मपुर चंद्रशेखर, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जिला परिषद् सदस्य चंपा ठाकुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मेला समिति के अध्यक्ष एवं डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने इस अवसर पर समिति की ओर से उन्हें स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार गिफ्ट हैंपर भेंट किए।

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धूमधाम से मनाया जा रहा लोहड़ी पर्व : कल मकर संक्रांति पर होगा शाही स्नान

शिमला। साल का पहला त्योहार लोहड़ी हिमाचल प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोहड़ी पर्व पर लोग बाजार में खरीदारी करते नजर आए। वहीं इस वर्ष लोगों में मकर संक्रांति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है कि कब वह शाही स्नान कर व्रत रखें और दान करें।

पंचांग के अनुसार इस वर्ष भी मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। वहीं, दोनों त्योहारों को लेकर तिल, मूंगफली, गच्चक, रेवड़ी व बादाम के बने आइटम लोगों द्वारा पसंद किए जा रहे हैं। राजधानी में इस मौके पर विभिन्न जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष लोहड़ी का शुभ मुहूर्त शाम 5:38 से रात 7:40  तक रहेगा।

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पंडित उमेश नोटियाल ने बताया कि लोहड़ी का पर्व इस वर्ष आज है। लोहड़ी पूजन का शुभ मुहर्त शाम 5:38 से रात 7:40  तक रहेगा। पूरे विधि विधान से इस समय के बीच लोहड़ी का पूजन शुभ रहेगा। वहीं, उन्होंने मकर संक्रांति की तिथि को लेकर चल रहे संशय को लेकर कहा कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति है।

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उन्होंने कहा कि शास्त्रों और पंचांग के अनुसार यह पर्व रविवार को ही मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है, इसलिए इसको उत्तरायणी भी कहते हैं दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि यानी नकारात्मकता का प्रतीक और उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है।

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इसलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति का व्रत किया जा सकता है और इस दिन तीर्थस्थलों में स्नान का विशेष महत्व है। दान पुण्य करने वाले लोग 15 जनवरी को भी दान कर सकते हैं।

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दशहरा पर्व पर इस बार बन रहे दो शुभ योग, इस समय करेंगे शुभ काम तो होगी बरकत

कब किया जाएगा रावण दहन, जानिए मुहूर्त

मां दुर्गा को समर्पित नवरात्र पर्व के समापन के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में विजयादशमी यानी दशहरा पर्व मनाया जाता है। इस साल विजयादशमी पर्व मंगलवार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। विजयादशमी पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।

इस साल दशहरा पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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हर साल दशहरा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध में जीत हासिल की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

दशहरा पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए भी शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि को ये उत्सव मनाया जाता है। कई जगह पर इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।

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देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपराएं बिल्कुल अलग हैं। इस दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है। इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है।

बन रहे ये दो शुभ योग

इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन रवि योग सुबह 06:27 मिनट से दोपहर 03:38 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम 6:38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06:28 मिनट तक यह योग रहेगा। वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03:40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा।

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पंचांग के मुताबिक, दशहरे के दिन 24 अक्टूबर को रवि योग सुबह 6:27 मिनट से दोपहर 3:38 मिनट तक और शाम को 6:38 बजे से 25 अक्टूबर को सुबह 6:28 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष के मुताबिक, रवि योग को काफी शुभ माना जाता है और इस समय में किसी भी शुभ कार्य करने से शुरुआत करने से सफलता मिलती है।

दशहरे पर रवि योग के साथ-साथ वृद्धि योग भी निर्मित हो रहा है। वृद्धि योग की शुरुआत 24 अक्टूबर को दोपहर 3:40 बजे से होगी और यह योग 24 अक्टूबर की पूरी रात तक बना रहेगा। इस दौरान दशहरे की पूजा करने से इच्छा पूरी होगी।

शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में करें

दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है। दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है। ऐसे में दशहरे के दिन यानी 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 01:58 मिनट से दोपहर 02:43 मिनट तक रहेगा।

रावण दहन मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है। पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है। विजयदशमी के दिन यानी 24 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05:43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक होगा।

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पूजन विधि
  • दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर साफ कपड़े पहने और गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं।
  • गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें।
  • अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें।
  • यदि बहीखातों या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो उन पर भी ये सामग्री जरूर अर्पित करें।
  • इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा करें और गरीबों को भोजन कराएं।
  • रावण दहन के बाद शमी वृक्ष की पत्ती अपने परिजनों को दें।
  • अंत में अपने बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
नीलकंठ पक्षी के दर्शन से बनेंगे बिगड़े काम

दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है।इस दिन माना जाता है कि अगर आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है।

दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से पैसों और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि यदि दशहरे के दिन किसी भी समय नीलकंठ दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है और वहीं, जो काम करने जा रहे हैं, उसमें सफलता मिलती है।

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Lifestyle/Fashion

सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग

छोटी सी लापरवाही बन सकती है परेशानी का सबब

होली का त्योहार यानि रंगों की मस्ती में डूबने का अवसर। वैसे तो होली पर मस्ती की कोई सीमा नहीं होती, सभी इस दिन पूरी मस्‍ती में नजर आते हैं। रंगों और उमंगों पर किसी का बंधन नहीं होता। यह इसी खुशी से मनाया जाए यही जरूरी है, वरना कई बार छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। अगर आपको अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्‍याल तो होली पर इन बातों का जरूर ध्‍यान रखें ताकि होली के रंग में कहीं भंग न पड़ जाए..

केमिकल कलर्स है नुकसानदायक

होली पर बिकने वाले केमिकल वाले कलर्स सस्‍ते तो होते हैं पर सेहत पर इनका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों, त्वचा, नाक और कान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। होली को पूरी मस्‍ती से मनाने के लिए कोशिश करें की हर्बल कलर्स का ही इस्तेमाल करें। ये कलर स्किन फ्रेंडली होते हैं और आसानी से छूट भी जाते हैं।

ढके हुए कपड़े पहनें

होली पर रंग तो खेलना ही है पर इसके लिए अपने कपड़ों का बहुत ध्‍यान रखें। कोशिश करें कि पूरी तरह ढके हुए कपड़े ही पहनें। इससे त्‍वचा को कम नुकसान पहुंचेगा। शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जहां पर रंगों की पहुंच बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए कपड़ों का ध्‍यान रखना ज्‍यादा जरूरी है।

आंखों की सुरक्षा है जरूरी

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। रंग या केमिकल का एक छोटा सा कण भी आंखों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए जब भी होली खेलने निकलें, कोशिश करें कि आंखों पर रंगीन चश्‍मा पहन लें। इससे आप स्‍टाइलिश लगेंगे और आंखें भी सुरक्षित रहेंगी।

चेहरे पर बनाएं सुरक्षा चक्र

होली पर सबसे ज्‍यादा बुरा हाल चेहरे का होता है। इस पर रंग लगाए बिना हो होली की शुरूआत हो ही नहीं सकती। इसलिए चेहरे को छुपा तो नहीं सकते पर उस पर सुरक्षा चक्र बनाएं। इसके लिए चेहरे पर पेट्रोलियम जेली या सरसों/नारियल का तेल लगाएं। यह रंगों के खिलाफ आपके चेहरे पर सुरक्षा चक्र बनाएंगे।

बालों का रखें ध्‍यान

रंग चाहें हर्बल हों या केमिकल वाले, दोनों ही बालों के स्‍टफ को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए अगर आप होली की मस्‍ती प्‍लान कर रहे हैं तो बालों में तेल जरूर लगाएं। इससे रंग बालों पर गिरेगा तो जरूर पर उन्‍हें डैमेज नहीं कर पाएगा।

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