राजदेवता माधोराय के मंदिर से हुई शुरू, पड्डल मैदान में संपन्न
मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी के अवसर पर मंगलवार को मध्य जलेब निकाली गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनी राम शांडिल ने मध्य जलेब में शिरकत की। इस दौरान उनकी पुत्री डॉ. दीपाली धौल भी उनके साथ रही। उन्होंने राजदेवता माधोराय मंदिर में पूजा अर्चना की। देव ध्वनियों के साथ राजदेवता माधोराय के मंदिर से शुरू होकर मध्य जलेब पड्डल मैदान में संपन्न हुई।
मध्य जलेब के अवसर पर पड्डल में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि एक समर्थ, सशक्त और स्वस्थ हिमाचल बनाना प्रदेश सरकार का संकल्प है। इसी दृष्टिकोण से प्रदेश में जन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने को लेकर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक प्रदेश की सभी 68 विधानसभाओं में एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श संस्थान के तौर पर स्तरोन्नत कर दिया जाएगा। वहां लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टर और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। सरकार प्रदेश में एयर एबुलैंस सेवाएं उपलब्ध करवाने को दिशा में भी काम कर रही है। इसी दृष्टिकोण से स्वास्थ्य संस्थानों का ढांचागत विकास किया जा रहा है।
डॉ शांडिल ने कहा कि मंडी का शिवरात्रि मेला देवी-देवताओं का मेला है। यह बड़ी खुशी की बात है कि आज भी इसमें, मेले की जो पुरानी परंपराएं हैं, उन्हें पूरे मान-सम्मान के साथ, पूरी श्रद्धा से निभाया जाता है। उन्होंने मेले शुभारंभ पर मुख्यमंत्री द्वारा देवी-देवताओं के नजराने और बजंतरियों के मानदेय में जो 10-10 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा के लिए सभी को मुबाकरबाद दी।
उन्होंने कहा कि हिमाचली संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ साथ कांग्रेस सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मजबूती से काम कर रही है। सरकार ने सिर्फ 14 महीनों में 5 गारंटियां पूरी कर ली हैं।
डीसी एवं मेला कमेटी के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और मेले के विविध आयोजनों की जानकारी दी।
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला के तीन शिक्षा खंडों में स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया गया है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने हिमाचल के मंडी जिला के कुछ मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय घने कोहरे के कारण जनहित व बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी कर बल्ह, सलवाहन तथा औट शिक्षा खंडों के सभी निजी व सरकारी स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया है।
इसके तहत मंडी जिला के इन शिक्षा खंडों के सभी निजी व सरकारी स्कूल सुबह साढ़े नौ बजे से सायं साढ़े तीन बजे तक खुले रहेंगे। आदेश के अनुसार हालांकि संबंधित प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा उप-निदेशक द्वारा उपरोक्त स्कूलों के बंद होने के समय को बाद में बढ़ाया जा सकता है।
आदेशों के अनुसार प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा उप-निदेशक तथा संबंधित क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाचार्य को इन आदेशों की कड़ाई से पालना करने को कहा गया है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं तथा 31 जनवरी तक या आगामी आदेशों तक जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को पूरा करने के लिए चिंतित हैं और उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दी जा रही 125 यूनिट फ्री बिजली से भी हिमाचल बिजली बोर्ड को घटा हो रहा है। बिजली बोर्ड कर्मचारियों को हर महीने पहली तारीख को तनख्वाह मिले, समय पर ओपीएस बहाल हो इसके लिए बिजली बोर्ड कर्मचारी 125 यूनिट छोड़ने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री 13 अक्टूबर को शिमला में करेंगे सम्मानित
मंडी। आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए डीसी मंडी समेत जिले के 5 अधिकारी राज्य स्तर पर सम्मानित होंगे। इसके साथ ही सामाजिक संस्था श्रेणी में राधा स्वामी सत्संग ब्यास मंडी के क्षेत्रीय सचिव को भी पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 13 अक्टूबर को शिमला में आपदा प्रबंधन-समर्थ अभियान के तहत होने वाले कार्यक्रम में इन सभी को सम्मानित करेंगे। डीसी अरिंदम चौधरी को आपदा के समय में मंडी जिले में उम्दा टीम लीडर के रूप में शानदार कार्य के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
सम्मान पाने वालों में डीसी मंडी के अलावा जिले के बालीचौकी उपमंडल के एसडीएम मोहन शर्मा, तहसीलदार नितेश ठाकुर तथा बीडीओ सुरेंद्र ठाकुर, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव ओपी भाटिया तथा राधा स्वामी सत्संग ब्यास मंडी के क्षेत्रीय सचिव चेत राम कौंडल शामिल हैं।
मंडी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार ने बताया कि मानसून में भारी बारिश से उत्पन्न आपदा के समय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशारूप डीसी अरिंदम चौधरी की अगुवाई में जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों ने लोगों की सुरक्षा और उन्हें राहत देने के लिए बहुत हिम्मत और जज्बे से काम किया है।
सामाजिक संस्थाओं ने भी इसमें बहुत सहयोग किया। अपने कर्तव्य का उत्कृष्टता से पालन करने और आपदा प्रबंधन में बेहतर कार्य के लिए प्रदेश सरकार ऐसे अधिकारियों एवं संस्थाओं को सम्मानित करने जा रही है। इससे जनसुरक्षा के लिए जी-जान से काम करने वालों को और प्रोत्साहन मिलेगा।
बता दें कि भारी बारिश और बाढ़ से बालीचौकी उपमंडल में बहुत विकट परिस्थिति बन गई थी। अनेक जगह रास्ते ध्वस्त हो गए थे, जिससे लोगों तक पहुंचना कठिन हो गया था। ऐसी ही एक घटना में बालीचौकी के खोलानाल में बादल फटने के कारण उस इलाके का बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया था । ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा तय बनाने को तत्परता से कार्य किया।
सड़क संपर्क न होने की वजह से वहां पहुंचना बेहद कठिन था, लेकिन एसडीएम मोहन शर्मा, तहसीलदार नितेश ठाकुर तथा बीडीओ सुरेंद्र ठाकुर ने एनडीआरएफ की टीम के साथ 25 किलोमीटर कठिन पैदल यात्रा कर खोलानाल पहुंच कर 50 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकालने तथा उन्हें राहत शिविरों में पहुंचाने के ऑपरेशन को हिम्मत के साथ पूरी सटीकता और सफलता से अंजाम दिया था।
वहीं, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी मंडी ने आपदा के समय में राहत शिविरों में भोजन तथा स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रबंध के साथ साथ जिले में प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित कर बड़े पैमाने पर लोगों की मदद की। इसमें सचिव ओपी भाटिया का बड़ा महत्वपूर्ण रोल रहा।
आपदा की घड़ी में राधा स्वामी सत्संग ब्यास संस्था ने जिला प्रशासन को पूरा सहयोग प्रदान किया । संस्था द्वारा जहां प्रभावित लोगों के लिए नगवांई में अपने भवन में ठहरने व खाने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई, वहीं अनेक राहत शिविरों में खाना भी उपलब्ध करवाया गया।
मंडी। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व रेडक्रॉस सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को मंडी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डीसी मंडी व रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष अरिंदम चौधरी मुख्यतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की थीम ‘बदलती दुनिया में वृद्धजनों का अनुरूपण’ है। वर्ष 2005 से हर वर्ष 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है।
देश और समाज के विकास में वरिष्ठ नागरिकों के योगदान की सराहना करते हुए डीसी अरिंदम चौधरी ने कहा कि बुजुर्गों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए बुजुर्गों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन सर्वोपरि होता है। इनके सम्मान में हर वर्ष पहली अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है।
डीसी ने कहा कि हर समाज अपनी नई पीढ़ी को बुजुर्गों का सम्मान और आदर करना सिखाता है। इस बेहतरीन संबंध को पीढ़ी दर पीढ़ी बनाए रखा जाना चाहिए। वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज का आधार है। वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों से हम सब अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग उम्र के इस पड़ाव पर भी समाज व देश के निर्माण में अपने अनुभवो से महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मंडी डीसी ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल साक्षरता से भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बुजुर्गों को डिजिटल साक्षरता होना आवश्यक है, ताकि वे किसी भी प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड से बच सके। उन्होंने सभी वृद्धजनों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा वृद्धावस्था के समय स्वस्थ व संतुलित आहार लेना आवश्यक है।
इससे पहले जिला कल्याण अधिकारी समीर ने मुख्यतिथि का स्वागत किया तथा शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने उपस्थित अन्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ नागरिकों का स्वागत भी किया और बुजुर्गों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी एनआर ठाकुर ने पौष्टिक आहार व सुखाश्रय योजना व आयुर्वेद विभाग की ओर से डॉ सचिन ने स्वस्थ वृद्धावस्था ओर बढ़ने पर विस्तृत जानकारी दी। वरिष्ठ नागरिक परिषद के महासचिव तेज सिंह ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया।
समारोह में वरिष्ठ नागरिकों के मनोरंजन के लिए खेलों का भी आयोजन किया गया। इसमें म्यूजिकल चेयर और क्रेजी बॉल खेलें शामिल रहीं। खेलों में विजेता रहे प्रतिभागियों को अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम मंडी मनोज कुमार द्वारा सम्मानित किया गया।
बालीचौकी और थुनाग के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई सामग्री
मंडी। हिमाचल के मंडी जिले में लगातार दूसरे दिन राहत की उड़ान जारी रही। शुक्रवार को भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्रों में राशन समेत अन्य आवश्यक सामग्री और दवाइयों की खेप पहुंचाई। इसमें जिले के बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई।
डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्परता से लोगों को मदद पहुंचाई जाए। इसे लेकर लगातार दूसरे दिन वायुसेना की मदद से बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के करथाच, कशौड़, ओड़धार और भाटकीधार क्षेत्रों में राशन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई।
बता दें कि 22 और 23 को हुई भीषण बारिश, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन के कारण के मंडी जिला के बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के दूरदराज क्षेत्रों में भारी तबाही हुई थी। वहां रास्ते ध्वस्त होने के कारण आवागमन में दिक्कत आई है। ऐसे में वहां हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन और अन्य आवश्यक सामग्री भेजने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने वीरवार को भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन क्षेत्रों में राहत सामग्री की खेप पहुंचाई थी।
उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर की एक उड़ान में करीब 1350 किलो सामग्री भेजी जा रही है। इसमें खाद्य सामग्री की 15-15 किलो की किटें, दवाइयों के बक्से, तिरपाल, कंबल समेत अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाई गई है। खाद्य सामग्री की प्रत्येक किट में आटा, चावल, 2 दालें, तेल, नमक, हल्दी तथा अन्य किचन मसाले हैं।
लोगों ने सीएम का जताया आभार
वहीं, हेलीकॉप्टर से मदद भेजने के लिए प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने सीएम का आभार जताया है। उन्होंने मुश्किल की घड़ी में पूरी मजबूती से साथ खड़े रहने और हर तरह से सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशीलता और लोक हितकारी शासन व्यवस्था की प्रशंसा की।
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला में 25 अगस्त को भी सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने आदेश जारी किए हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए येलो अलर्ट के चलते बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
जारी आदेशों के अनुसार मंडी जिला में 25 अगस्त शुक्रवार को सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी रहेगी।