बोले-सत्र में एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा जाए
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आई भयंकर आपदा को देखते हुए प्रदेश सरकार को जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। इसमें हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को लेकर चर्चा हो। सत्र में एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा जाए। त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग की जाए। हिमाचल को केंद्र विशेष आर्थिक मदद करे। यह मांग कांग्रेस के विधायक व राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने की है। राठौर ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत की।
पूरा हिमाचल ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित, अधिसूचना जारी
कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की बरसात से भारी तबाही हुई है, जिसको देखते हुए सरकार को दोनों दलों की राय लेकर विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर से इसको लेकर बातचीत भी की है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने त्रासदी को राज्य आपदा घोषित कर दिया है और अब केंद्र सरकार भी इसको राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और हिमाचल को विशेष आर्थिक मदद प्रदान करें।
समरहिल लैंडस्लाइड : शिव बावड़ी मंदिर से 500 मीटर दूरी पर एक और शव मिला
बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री और धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा भी विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि, विधानसभा का मानसून सत्र अभी प्रस्तावित है। सुक्खू सरकार 22 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर मुहर लगा सकती है।
हिमाचल : घरों के आगे डंगा लगाने को अब विधायक निधि से दिए जा सकेंगे पैसे
उपलब्धि : दक्षिण अफ्रीका में कीनोट एड्रेस देंगे हिमाचल CU के प्रोफेसर मनोज सक्सेना
सिरमौर में बड़ा हादसा : खाई में गिरी कार, कॉलेज प्रोफेसर व छात्रा सहित तीन की गई जान
HPBose : D.El.Ed काउंसलिंग स्थगित, बोर्ड ने नई तिथि भी की घोषित
हिमाचल में कुछ दिन थमेगी मानसून की रफ्तार, 21 के बाद फिर होगा सक्रिय
कांगड़ा : 24 घंटे से अधिक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 1731 लोगों की बचाई जान
HPPSC Breaking : असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स स्क्रीनिंग टेस्ट का रिजल्ट आउट
हिमाचल कैबिनेट की बैठक की आगामी तिथि तय, इस दिन होगी
शिमला-मटौर नेशनल हाईवे नम्होल के पास हल्के वाहनों के लिए बहाल
शिमला : होटल हिमलैंड के पास लैंडस्लाइड, खलीनी चौक से लिफ्ट के बीच यातायात बंद
हिमाचल में यहां रोजगार का बड़ा मौका, 230 पदों के लिए होंगे साक्षात्कार