पालमपुर। कांगड़ा जिला के पालमपुर बस स्टैंड में युवती पर युवक द्वारा दराट से हमले को लेकर मंगलवार को केएलवी कॉलेज की छात्राओं का गुस्सा फूटा है।
छात्राओं ने पालमपुर बाजार में विशाल जुलूस निकाला साथ ही पालमपुर पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन भी किया। हाथ में स्लोगन लेकर छात्राओं ने खूब नारेबाजी की।
छात्राओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बताया कि पीड़ित युवती शाइना पढ़ाई में बहुत अच्छी है और अपने करियर को लेकर काफी ईमानदार है। कॉलेज में कभी भी उसकी ओर से कोई भी गलत गतिविधि नहीं देखी गई।
छात्राओं ने पीड़िता के बारे में फैलाई जा रही अफवाओं को रोकने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। इसी के साथ गुस्साई छात्राओं ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की है।
इसी के साथ छात्राओं ने समाज में महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार का संदेश देते हुए कहा कि सभी महिलाओं से सम्मान पूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि एक दिन कोई आपकी बेटी के साथ भी ऐसा कर सकता है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए नया कानून बनाकर उसमें कड़ी सजा का प्रवाधान किया जाना चाहिए ताकि कोई किसी की बहन-बेटी के साथ गलत काम करने से पहले कई बार सोचे।
पालमपुर। कांगड़ा के पालमपुर बस स्टैंड में युवती पर युवक द्वारा दराट से हमले का मामला सामने आया है। युवती पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल और खतरे से बाहर है। आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात 20 अप्रैल, 2024 शनिवार की है। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जान की परवाह किए बिना युवक धर दबोचा तो कुछ ने लड़की को अस्पताल पहुंचाकर मानवता दिखाई। इसमें थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र शामिल हैं।
युवक के हमले के बाद खून से लथपथ एक बिटिया का दर्द दूसरी बिटिया थुरल निवासी प्रियंका ने समझा। प्रियंका डिग्री कॉलेज पालमपुर में अंतिम वर्ष की छात्रा है और पीड़ित लड़की पालमपुर के निजी कॉलेज में पढ़ती है।
वह एक दूसरे को जानती तक नहीं थी। फिर भी प्रियंका पीड़ित के जख्म नहीं देख पाई और उसे बचाने की जद्दोजहद में लगी रही। प्रियंका पालमपुर अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज टांडा तक पीड़ित युवती के साथ गई।
प्रियंका ने यह भी परवाह नहीं कि उसके कपड़े खून से खराब हो जाएंगे। सच कहते हैं कि इंसान कपड़ों से नहीं जाना जाता बल्कि दिल से जाना जाता है। इस बात को प्रियंका ने बखूबी साबित किया है।
थुरल निवासी प्रियंका ने कहा कि जब वारदात वाली जगह के पास पहुंची तो देखा कि कुछ लोग एक लड़के को पीट रहे हैं। उसने पास जाकर पूछा तो लोगों ने बताया कि इस युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया है।
पास ही बैठी युवती को जब देखा तो उसके सिर से पानी की तरह खून बह रहा था। वहां पर किसी की हिम्मत नहीं कि युवती को अस्पताल ले जाया जाए।
फिर उसने वहां मौजूद एक व्यक्ति को कहा कि अंकल इसे जल्दी अस्पताल ले जाते हैं, नहीं तो युवती की मौत हो सकती है। क्योंकि खून काफी बह गया था।
फिर युवती को उठाकर सिविल अस्पताल पालमपुर ले आए। वहां पर डॉक्टरों ने फटाफट ड्रेसिंग बगैरा की और युवती को मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर कर दिया।
प्रियंका ने बताया कि युवती के परिजन नहीं पहुंचे थे। वह और अन्य व्यक्ति युवती के साथ मेडिकल कॉलेज टांडा में गए। युवती को इमरजेंसी में लेकर गए। वहां पर डॉक्टर आदि का बहुत लाइट वर्क था।
पहले पेपर वर्क पेपर वर्क कर रहे थे। यह नहीं कि पहले उस लड़की को चेक करें। पहले लड़की को तो देखना चाहिए। टांडा में डॉक्टरों ने युवती की ड्रेसिंग खोली और साफ बगैरा किया।
जख्म काफी गहरे थे। हाथ की हड्डियां सामने दिख रही थीं। सिर का भी बुरा हाल था। टांके लगाकर युवती को चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया।
मौका-ए-वारदात पर युवती चारों तरफ से लोगों से घिरी हुई थी। लोग दूर से वीडियो बना रहे थे अपने कंटेंट के लिए। किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि कोई उस लड़की के पास जाए और उसे वहां से अस्पताल ले जाए।
लड़की मर रही है, लेकिन लोगों को कंटेंट की पड़ी थी। प्रियंका का कहना है कि जब युवक और युवती की बहस हो रही थी तब लोगों ने कुछ नहीं किया। अगर लड़ाई हो रही है तब भी लोगों को पूछना तो चाहिए था कि क्या हो रहा है।
जब युवक ने दराट निकाला तब ही युवक को दबोच लेना चाहिए। उस वक्त भी लोग वीडियो बनाते रहे। अगर उस वक्त लोग हिम्मत दिखाते तो युवती की यह हालत न होती। जब युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया उसके बाद उसे पकड़ा गया।
प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि जब युवक लोगों से बात कर रहा था तो लोग युवती को ब्लैम कर रहे थे। इससे युवक और ज्यादा गुस्सा हो गया और उसने यह कदम उठा लिया। माहौल को शांत करने की जगह लोगों ने उसमें घी डालने का काम किया।
युवती प्रियंका की बातों पर मंथन जरूरी है। एक बात तो सत्य है कि कब और कहां किसी के साथ क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। परिवार वाले और जानने वाले उस वक्त हमेशा साथ नहीं होते हैं।
ऐसे में अजनबी व्यक्ति ही दूसरे का सहारा बन सकता है। ऐसा किसी कानून में नहीं लिखा गया है, लेकिन मानवता की किताब में जरूर अंकित है।
ewn24 news Choice Of Himachal थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र का जज्बे को सलाम करता है।
इसके चलते उसके बैग में दराट रहता ही था। क्योंकि मल्टी टास्क वर्कर को सड़क किनारे झाड़ियों आदि की छंटाई का भी कार्य करना पड़ता है।
वारदात वाले दिन 20 अप्रैल को आरोपी युवक युवती से यह जानने के लिए कि वह उससे बात क्यों नहीं कर रही है बस स्टैंड पालमपुर पहुंचा। युवती ने बात करने से साफ मना कर दिया। युवक आपा खो बैठा और बैग से दराट निकालकर युवती पर हमला कर दिया।
बता दें कि शनिवार 20 अप्रैल को पालमपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। पालमपुर बस स्टैंड के पास एक युवक ने युवती पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया।
युवक ने तेजधार हथियार (दराट) से युवती के सिर पर कई वार किए। युवती की चार उंगलियां कटी हैं और उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। आरोपी युवक ने युवती पर 9 से 10 बार दराट से हमला किया।
आरोपी युवक सुमित कुमार पुत्र रमेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक मस्सल, नगरोटा बगवां का रहने वाला है। युवती सुलह (सालन) की रहने वाली है और पालमपुर के निजी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि 20 अप्रैल को पालमपुर बस अड्डे में हुई दर्दनाक घटनाक्रम में पुलिस थाना पालमपुर में भारतीय दंड संहिता धारा 307, 326, 323, 341 के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
इस वारदात में 21 वर्षीय सुलह निवासी छात्रा को हाथ, बाजू, सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों की सहायता से पीड़िता को पहले सिविल अस्पताल पालमपुर और फिर टांडा अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।
अब पीड़िता की हालत में काफी सुधार है। मौके से पुलिस द्वारा साक्ष्य और हमला करने के लिए उपयोग में लाए गए दराट को कब्जे में ले लिया है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पीडब्ल्यूडी मसल में मल्टी टास्क वर्कर के रूप में कार्य कर रहा है। यह अपनी रिश्तेदार की शादी में 6 साल पहले गांव सालन में गया।
वहां पर शादी में इसने पीड़िता को देखा था और तब से दोनों में कॉल के माध्यम से बातचीत होने लगी। करीब 3 साल बाद इसे पता चला कि पीड़िता किसी एक और लड़के से बात करती है। पीड़िता ने पिछले 15-20 दिन से इसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
20 अप्रैल को इसने पीड़िता को बात करने के लिए कहा तो वह मना करने लगी, तब यह अपना आप खो बैठा और इसने उस पर दराट से 8-10 वार कर दिए।
आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया है। आरोपी से और गहनता से पूछताछ की जा रही है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामले से संबंधित सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है, जिस पर पुलिस की साइबर सेल टीम निरंतर नजर बनाए हुए है। अफवाह फैलाने वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हरिपुर। देहरा की हरिपुर तहसील की झकलेड़ पंचायत के छब्बड़ गांव में 19 साल की युवती के मामले में अभी मां और बेटा गिरफ्तार हैं। दोनों मां और बेटे को आज देहरा में जज के सामने पेश किया गया।
कोर्ट से उन्हें तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला है। सोमवार को दोनों को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। बाकी लोगों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बता दें कि झकलेड़ पंचायत के छब्बड़ गांव में 19 वर्षीय युवती ने 23 फरवरी को आत्महत्या कर ली। पूरा मामला 19 साल की युवती और 29 साल के युवक के प्रेम से शुरू हुआ था।
31 जनवरी के आसपास युवती अचानक लापता हो गई थी। परिजनों ने एक फरवरी को पुलिस स्टेशन हरिपुर में गुमशुदगी की शिकायत की, लेकिन उसी दिन परिजनों ने युवती को ढूंढ भी लिया।
युवती की माता ने उक्त युवक पर बेटी के शारीरिक शोषण का आरोप लगाया और शिकायत पुलिस स्टेशन हरिपुर में दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने युवती का मेडिकल करवाकर 376 आदि धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इससे पहले कि पुलिस मामले में आगे बढ़ पाती दो फरवरी को केस में नया मोड़ आ गया।
जिस युवक पर युवती की मां ने आरोप लगाए थे, उस युवक ने युवती से शादी करने को हामी भर दी। शादी का कोई प्रोपर तरीका नहीं अपनाया गया, बल्कि नोटरी हस्ताक्षर एफेडेविट बनाया गया। युवक के माता पिता ने कोई अच्छा मुहूर्त देखकर शादी करवाने की बात कही।
इसके बाद युवती के देहरा कोर्ट में बयान हुए। युवती ने बयान में कहा कि युवक ने उसके साथ शादी का फैसला लिया है। अब वह केस वापस लेना चाहते हैं। युवती के बयान के बाद केस बंद हो गया और युवक पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार भी हट गई। इसके बाद युवक के माता-पिता ने युवती को बहू के रूप में अपनाने से मना कर दिया।
शादी के बाद भी युवती मायके में रही। कुछ दिन बाद युवक शायद किसी दबाव में युवती को मायके से ले गया और अपनी बुआ के घर रहने लगे। एक दिन युवक बुआ के घर से अचानक गायब हो गया और युवती वहीं पर रही। इसके बाद युवक के रिश्तेदार युवती को मायके छोड़ गए।
इसके बाद से युवक, युवती का फोन तक नहीं उठा रहा था। न ही उसका कोई अता पता चल रहा था कि कहां है। युवती परेशान हो गई।
19 फरवरी के आसपास परेशान युवती धर्मशाला में एसपी शालिनी अग्निहोत्री के समक्ष पेश हो गई।
युवती ने एसपी को बताया कि युवक कुछ से कहीं लापता है और उसका फोन तक नहीं उठा रहा है। युवक के परिजन भी कुछ नहीं बता रहे हैं। वह बहुत परेशान है और समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। मेरी मदद करें।
युवती ने एसपी को एफेडेविट भी दिखाया, लेकिन मात्र उस एफेडेविट को शादी का वैध दस्तावेज नहीं माना जा सकता है। एसपी ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत युवती के बयान कोर्ट में दर्ज करवाने का फैसला लिया और इसके बाद आगामी कार्रवाई होनी थी। पर बयान करवाने में कुछ देरी हो गई।
23 फरवरी की सुबह करीब आठ बजे युवती ने मायके में कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। युवती की आत्महत्या करने के बाद पुलिस भी एक्शन मोड़ में आ गई। पुलिस ने आत्महत्या के कुछ घंटों बाद युवक को ढूंढ निकाला, जोकि कहीं छिपा बैठा था।
धारा 306 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज है। साथ ही धारा 376 मामला भी रिओपन कर दिया है, जो कि पहले दर्ज था।
पुलिस को युवती की डायरी मिली है। जिसमें उसने उसके साथ क्या क्या और कब कब हुआ सब लिखा है। पुलिस इसे अहम सुबूत मानकर चल रही है।
हरिपुर। कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील की झकलेड़ पंचायत के छब्बड़ गांव में 19 वर्षीय युवती ने आत्महत्या कर ली। युवती ने आज सुबह मायके में नए बनाए कमरे में पंखे से दुपट्टे का फंदा लगाकर जान दे दी। युवक के प्यार में पड़ी युवती का ऐसा अंत देखकर रुह कांप जा रही है।
पूरा मामला 19 साल की युवती और 29 साल के युवक के प्रेम से शुरू हुआ। उस वक्त शायद युवती ने भी सोचा न होगा कि इस प्यार का अंत ऐसा होगा। 31 जनवरी के आसपास युवती अचानक लापता हो जाती है।
परिजनों के ढूंढने के बावजूद नहीं मिली तो परिजनों ने एक फरवरी को पुलिस स्टेशन हरिपुर में गुमशुदगी की शिकायत की, लेकिन उसी दिन परिजनों ने युवती को ढूंढ भी लिया।
युवती की माता ने उक्त युवक पर बेटी के शारीरिक शोषण का आरोप लगाया और शिकायत पुलिस स्टेशन हरिपुर में दी।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने युवती का मेडिकल करवाकर 376 आदि धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इससे पहले कि पुलिस मामले में आगे बढ़ पाती दो फरवरी को केस में नया मोड़ आ गया।
जिस युवक पर युवती की मां ने आरोप लगाए थे, उस युवक ने युवती से शादी करने को हामी भर दी।
शादी का कोई प्रोपर तरीका नहीं अपनाया गया, बल्कि नोटरी हस्ताक्षर एफेडेविट बनाया गया। युवक के माता पिता ने कोई अच्छा मुहूर्त देखकर शादी करवाने की बात कही।
इसके बाद युवती के देहरा कोर्ट में बयान हुए। युवती ने बयान में कहा कि युवक ने उसके साथ शादी का फैसला लिया है। अब वह केस वापस लेना चाहते हैं। युवती के बयान के बाद केस बंद हो गया और युवक पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार भी हट गई।
सबको ऐसा लगा कि मियां बीबी राजी हो गए, अब सब ठीक हो गया। लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि युवती की परेशानियां दूर नहीं हुई हैं। युवक के माता-पिता ने युवती को बहू के रूप में अपनाने से मना कर दिया।
शादी के बाद भी युवती मायके से विदा न हो सकी और मायके में रही। कुछ दिन बाद युवक शायद किसी दबाव में युवती को मायके से ले गया और अपनी बुआ के घर रहने लगे।
एक दिन युवक बुआ के घर से अचानक गायब हो गया और युवती वहीं पर रही। इसके बाद युवक के रिश्तेदार युवती को मायके छोड़ गए। युवती घर में नहीं छोड़ी, बल्कि बाहर छोड़कर चले गए।
इसके बाद से युवक, युवती का फोन तक नहीं उठा रहा था। न ही उसका कोई अता पता चल रहा था कि कहां है। युवती परेशान हो गई।
19 फरवरी के आसपास परेशान युवती धर्मशाला में एसपी शालिनी अग्निहोत्री के समक्ष पेश हो गई।
युवती ने एसपी को बताया कि युवक कुछ से कहीं लापता है और उसका फोन तक नहीं उठा रहा है। युवक के परिजन भी कुछ नहीं बता रहे हैं। वह बहुत परेशान है और समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। मेरी मदद करें।
युवती ने एसपी को एफेडेविट भी दिखाया, लेकिन मात्र उस एफेडेविट को शादी का वैद्य दस्तावेज नहीं माना जा सकता है। एसपी ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत युवती के बयान कोर्ट में दर्ज करवाने का फैसला लिया और इसके बाद आगामी कार्रवाई होनी थी। पर बयान करवाने में कुछ देरी हो गई।
इसके बाद युवती का एक-एक दिन भारी गुजरने लगा। युवक का कोई अता पता नहीं था। शायद युवती को भी आभास हो चुका होगा कि उसके साथ धोखा हुआ है। शादी का मात्र ड्रामा था।
युवती की हिम्मत टूटी और उसे जीवन में अंधेरा दिखा। 23 फरवरी, 2024 की सुबह छब्बड़ की यह बेटी उठी तो जरूर, लेकिन दोबारा कभी न उठ पाने के लिए सो गई।
सुबह करीब आठ बजे युवती ने मायके में कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस प्रकरण से पहले से दुखी माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
युवती की आत्महत्या करने के बाद पुलिस भी एक्शन मोड़ में आ गई। युवती जो चाहती थी कि पुलिस युवक को ढूंढे, वैसे ही हुआ। पुलिस ने आत्महत्या के कुछ घंटों बाद युवक को ढूंढ निकाला, जोकि कहीं छिपा बैठा था। लेकिन युवती दुनिया को अलविदा कह गई थी।
तमाम घटनाक्रम से प्रतीत होता है कि एफेडेविट पर शादी मात्र युवती और उसके परिवार वालों का मुंह बंद करने को रचा ड्रामा था। युवक और युवक के परिवार वालों की मंशा कुछ और ही थी।
नोटरी हस्ताक्षर एफेडेविट का ऐसे कोई फायदा नहीं, इसके आगे भी लीगल औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं, जोकि नहीं की, बल्कि युवक और उसके परिजन युवती से पल्ला छुड़ाते रहे।
युवक गायब हो गया, उसे ढूंढने की जगह युवक के परिजन युवती को घर छोड़ आए। यह अभागी बेटी ने तो मायके से ढंग से विदा हो पाई और न ही ससुराल से सही तरीके से मायके फेरा डाल सकी। युवक युवती को मायके से ले गया, उसे कहीं और रखा। बाद में युवक के परिजन उसे लावारिस की तरह रास्ते में छोड़ आए।
अपने भविष्य को लेकर ख्वाब देखने वाली अभागी बेटी ने दुनिया को अलविदा कहने का ही फैसला ले लिया। अच्छा मुहूर्त तो नहीं आया, लेकिन अभागा दिन जरूर आया। युवती ने शादी का ही तो सपना देखा था। क्या यह इतना बड़ा गुनाह था कि जिसकी यही सजा थी।
हरिपुर। देहरा की हरिपुर तहसील की पंचायत झकलेड़ के गांव छब्बड़ में 19 साल की युवती आत्महत्या मामले में डायरी अहम सुराग माना जा रहा है। पुलिस को युवती की डायरी मिली है।
डायरी में युवती ने सारे घटनाक्रम के बारे विस्तार से लिखा है कि कब कब क्या क्या हुआ। डायरी को पुलिस सुबूत के तौर पर इस्तेमाल करेगी। मामले में डायरी काफी मददगार साबित होगी।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री युवती की डायरी मिलने की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि डायरी को सुबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। डायरी में युवती ने सारे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से लिखा है, जोकि केस में काफी मददगार साबित होगा।
बता दें कि झकलेड़ पंचायत के छब्बड़ गांव में 19 वर्षीय युवती आत्महत्या मामले में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की गिरफ्तारी होनी है। वहीं, युवती के शव का पोस्टमार्टम टांडा में करवाया जा रहा है।
युवती के पिता ने युवक अर्जित कुमार, उसके पिता, माता, बुआ और दादी पर आरोप लगाया है। वहीं, युवती करीब चार दिन पहले धर्मशाला में एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री से उनके ऑफिस में मिली थी।
युवती ने एसपी को बताया था कि युवक कुछ दिन से कहीं लापता है और उसका फोन तक नहीं उठा रहा। युवती इस बात से काफी परेशा थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।
युवक के परिजन भी उसके बारे में कुछ नहीं बता रहे थे। युवती ने एसपी को शादी के दस्तावेज भी दिखाए थे, लेकिन वह शादी के लिए वैध नहीं थे। मात्र एफिडेविट पर लिखा गया था।
एसपी ने युवती को लीगल प्रोसिजर के लिए कहा था। साथ ही एसपी ने सीआरपीसी 164 के तहत युवती के बयान कोर्ट में करवाने के निर्देश दिए थे। बयान से पहले युवती ने यह कदम उठा लिया। पुलिस ने 306 के तहत मामला दर्ज किया है इसी के साथ पुराना 376 का मामला भी रिओपन कर दिया है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि युवती उनसे मिलने आई थी और उन्होंने उसे उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था। पुलिस सीआरपीसी 164 के तहत कार्रवाई आगे बढ़ा रही थी।
आत्महत्या मामले में धारा 306 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज है। साथ ही धारा 376 मामला भी रिओपन कर दिया है, जोकि पहले दर्ज था। युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी ने बताया कि सुबह जैसे ही पुलिस को युवती की खुदकुशी के बारे में पाता चला तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए टीम बनाई। टीम ने युवक की तलाश शुरू कर दी। युवक इलाके में ही कहीं छिपा हुआ था जिसे पुलिस ने ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने बताया कि युवती की डायरी मिली है जिसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। डायरी में युवती ने सारे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से लिखा है जो कि केस में काफी मददगार साबित होगा।
नगरोटा बगवां। हिमाचल के नगरोटा बगवां पुलिस स्टेशन के तहत जसौर पंचायत के रोंखर में बड़े भाई और भाभी को गोलियों से भूनने वाला आरोपी दीपक कुमार परिवार से संपर्क न हो पाने के कारण खासे दबाव में था।
यही कारण रहा कि आरोपी ने सरेंडर (Surrender) कर दिया। नहीं तो अभी आरोपी का ऐसा कोई इरादा नहीं था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश गोवा, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़ में छिपने की कोशिश की।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी दीपक कुमार ने परिवार से संपर्क करने की पूरी कोशिश की। आरोपी ने नोएडा से एक चिट्ठी भी परिवार वालों को लिखी। पर पत्नी और बेटी के न्यायिक हिरासत में होने के चलते चिट्ठी पुलिस के हाथ लगी।
इसके अलावा, आरोपी ने यह भी बताया कि उसने किसी के नंबर से घर बात करने की कोशिश भी की। पर पत्नी का फोन बंद आया। इससे आरोपी घबरा गया और उसे अंदेशा हो गया कि उसका परिवार मुश्किल में है।
उसने सरेंडर करने का फैसला लिया। 26 नवंबर 2023 को आरोपी ने शाम को एसपी ऑफिस धर्मशाला में सरेंडर कर दिया।
बता दें कि 2 नवंबर को दीपक कुमार ने बड़े भाई विपिन कुमार (54) और भाभी रमा देवी (46) की उनके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी। विपिन कुमार जमानाबाद स्कूल में लेक्चरर पद पर कार्यरत थे, जबकि उसकी पत्नी गृहिणी थी।
वारदात के बाद आरोपी अपनी कार में मौके से फरार हो गया। आरोपी का इरादा हिमाचल के बाहर दिल्ली आदि जाने का था। अगर आरोपी सीधे रास्ते से जाता तो शायद पकड़ा जाता। आरोपी दीपक कुमार ने अपनी कार से रानीताल वाया लंज, नूरपुर का रास्ता चुना और 3 नवंबर को दिल्ली पहुंचा।
दिल्ली में एक दिन किसी होटल में रुका। यहां से आरोपी ने गोवा जाने का प्लान बनाया। 4 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपनी कार पार्क कर गोवा की टिकट कटवाई। यहां से ट्रेन से गोवा चला गया।
आरोपी गोवा में दो दिन तक रुका। दो दिन बाद फिर दिल्ली लौट आया। लेकिन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपनी कार को गायब पाया। उसने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो लोगों ने बताया कि कार को पुलिस ले गई है। लोगों ने बताया कि मर्डर केस में पुलिस उसे ढूंढ रही है। इसके बाद आरोपी डरकर मथुरा भाग गया।
इस दौरान आरोपी जयपुर, अंबाला, नोएडा और चंडीगढ़ भी रहा। इस दौरान आरोपी होटल में ही रुका था। पर परिवार वालों से संपर्क न होने पर आरोपी प्रेशर में आ गया। आरोपी ने चंडीगढ़ से जम्मू रूट वाली बस ली और मुकेरियां उतरा। मुकेरियां से टैक्सी लेकर धर्मशाला पहुंचा और एसपी ऑफिस धर्मशाला में सरेंडर किया।
नगरोटा बगवां। हिमाचल के कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां डबल मर्डर केस के आरोपी ने वारदात के 24 दिन बाद एसपी ऑफिस कांगड़ा एट धर्मशाला में सरेंडर कर दिया। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि बड़े भाई और भाभी की गोली मारकर हत्या करने के बाद आरोपी दीपक कुमार दो नवंबर को अपनी गाड़ी में रानीताल वाया लंज नूरपुर होते दिल्ली के लिए फरार हुआ था। 3 नवंबर को दिल्ली पहुंचा और किसी होटल में रुका।
4 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पार्क कर टिकट लेकर गोवा चला गया। दो दिन गोवा में रुकने के बाद फिर दिल्ली वापस आ गया। इसी बीच मामले की जांच को डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा और एसएचओ कांगड़ा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने आरोपी की गाड़ी को ट्रैक कर उसे रेलवे स्टेशन से जब्त कर लिया था।
आरोपी जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा तो वहां गाड़ी नहीं थी। उसने लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। जैसे ही उसे पुलिस द्वारा गाड़ी कब्जे में लेने की बात पता चली तो वह इसके बाद मथुरा भाग गया।
इस दौरान वह जयपुर, अंबाला, नोएडा और चंडीगढ़ भी रहा।आरोपी को पुलिस का इतना डर हो गया था कि कहीं भी पुलिस को देखता था तो भाग जाता था। इस दौरान आरोपी ने अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश भी की।
उसने नोएडा से चिट्ठी भी भेजी, जोकि पुलिस के हाथ लगी। साथ ही घरवालों के फोन नंबर पर भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन बंद आए। इससे आरोपी डर गया कि उसका परिवार मुसीबत में है।
परिवार से संपर्क नहीं हो पाने से प्रेशर में आकर आरोपी ने परिवार की खातिर सरेंडर कर दिया। आरोपी ने चंडीगढ़ से जम्मू रूट वाली बस ली और मुकेरियां उतरा। मुकेरियां से टैक्सी लेकर धर्मशाला पहुंचा और एसपी ऑफिस में सरेंडर किया। एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने आरोपी के सरेंडर करने की पुष्टि की है।
बता दें कि नगरोटा बगवां पुलिस स्टेशन के तहत जसौर भेड़ू टीका में छोटे भाई दीपक कुमार (45) ने अपने बड़े भाई विपिन कुमार (54) और भाभी रमा देवी (46) की गोली मारकर हत्या कर दी। विपिन कुमार जमानाबाद स्कूल में लेक्चरर पद पर कार्यरत थे, जबकि उसकी पत्नी गृहिणी थी।
आरोपी भी स्कूल चलाता है। मामला दो नवंबर (वीरवार) दोपहर दो बजे के बाद का है। इस वक्त दोनों पति-पत्नी (विपन और रमा) दिन में घर पर थे। आरोपी दीपक बंदूक लेकर उनके घर पहुंचा। घर के पिछली तरफ के आंगन में उसने दोनों पर गोली दाग दी।
एक गोली बड़े भाई विपन के सिर पर लगी और दूसरी भाभी के गले में लगी। गोली लगने से दोनों आंगन में गिर गए और दोनों ने दम तोड़ दिया। घटना के समय विपिन की गोद ली दोनों बेटियां घर पर थीं।
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। मामले की सूचना मिलने के बाद नगरोटा बगवां पुलिस स्टेशन से टीम मौके पर पहुंची। शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
आरोपी की पत्नी और बेटी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। डबल मर्डर केस में फरार आरोपी दीपक कुमार की पत्नी मान्या कुमारी व बेटी कविता कुमारी को गिरफ्तार कर कांगड़ा में न्यायाधीश शिवांगी जोशी की अदालत में पेश किया गया था।
पूछताछ के दौरान कई खुलासे भी हुए थे जैसे कि हत्याकांड से पहले हुई बहस और झगड़े की पल-पल की जानकारी आरोपी की बेटी अपने पिता को दे रही थी।
वारदात को अंजाम देने से पहले दोनों ही परिवारों में बहस हुई थी, वहीं हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी पत्नी, बेटी और अपने पिता को कार में बैठाकर 53 मील में छोड़कर फरार हुआ था।
पुलिस पूछताछ में मां-बेटी ने बताया है कि हत्याकांड से पहले दोनों ही परिवारों में बहस हुई थी। दोनों ही परिवारों में पार्किंग के लिए बनाए गए शेड को लेकर विवाद चल रहा था। इस दौरान छोटा भाई, उसकी पत्नी और बेटी एक साथ घर पर पहुंचे थे। छोटा भाई पत्नी और बेटी को वहां छोड़ कर खुद कहीं और चला गया था।
बहस की पूरी जानकारी उसकी बेटी उसे मोबाइल फोन पर दे रही थी। वारदात वाले घर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे, लेकिन घटना से कुछ देर पहले उन्हें भी बंद कर दिया गया था।
आरोपी छोटा भाई अपने घर से बंदूक निकाल कर लाया था और उसने उससे करीब पांच फायर किए थे, जिनमें से दो भाई और तीन भाभी को लगे थे, जबकि एक गोली बंदूक में ही थी।
आरोपी दीपक की पत्नी मान्या कुमारी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 12 बोर की बंदूक आरोपी के जसौर स्थित पुश्तैनी घर से बरामद की गई है बंदूक के अंदर जो खोल मिला वह भी उसी कंपनी का पाया गया जो खोल पुलिस ने वारदात वाले दिन घटनास्थल से कब्जे में लिया था। इससे ये स्पष्ट हो गया है कि इसी बंदूक से आरोपी ने गोली चलाई थी। (नगरोटा बगवां)