वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय से ले सकते हैं आवेदन पत्र
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हिमाचल में 2061 वन मित्र रखे जाएंगे। प्रत्येक वन बीट में इनकी तैनाती होगी। कैबिनेट से योजना को मंजूरी मिलने के बाद तैनाती के लिए औपचारिकताएं शुरू हो गई हैं। वन मित्र के चयन क्राइटेरिया की बात करें तो यह फोरेस्ट गार्ड के बराबर होंगे।
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वन मित्र को प्रति माह 10 हजार रुपए वेतन मिलेगा। पात्रता मानदंड में संशोधन के साथ पड़ोसी ग्राम पंचायत के निवासियों को भी शामिल करने और मूल्यांकन मानदंड को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। संबंधित वन बीट के अधिकार क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय का सामान्य/पड़ोसी निवासी आवेदन कर सकते हैं।
यदि ग्राम पंचायत/शहरी निकाय का केवल एक हिस्सा वन बीट के अधिकार क्षेत्र में आता है, तो ऐसे उम्मीदवारों को भी वन बीट के लिए वन मित्र के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदन करने के लिए पात्र माना जाएगा। आवेदक की आयु 18 साल से कम और 25 वर्ष से अधिक न हो।
किस आधार पर होगा चयन
इसमें भारत स्काउट एंड गाइड सर्टिफिकेट होल्डर के लिए दो अंक, एनएसएस एक साल सर्टिफिकेट/एनसीसी सर्टिफिकेट ए के लिए दो अंक, एनएसएस दो वर्षीय सर्टिफिकेट/एनसीसी सर्टिफिकेट बी के लिए 3 अंक, राष्ट्रीय स्तरीय खेल मेडल विजेता व एनसीसी सर्टिफिकेट सी के लिए पांच अंक निर्धारित किए हैं।
एक माह की सर्विस के बाद एक छुट्टी के हकदार होंगे। एक साल में अधिकतम 12 दिन छुट्टी मिलेगी। छुट्टी अगले वर्ष फारवर्ड नहीं होगी। इसके अलावा वन मित्र रविवार के अवकाश सहित राजपत्रित अवकाश के भी हकदार होंगे। महिला वन मित्र को दो बच्चों पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा। गर्भपात की स्थिति में 45 दिन की छुट्टी मिलेगी।
वन मित्र के रूप में नियुक्त किसी भी उम्मीदवार को राज्य सरकार के नियमित सरकारी कर्मचारी के रूप में नियमितीकरण/नियुक्ति आदि का दावा करने का कोई अधिकार नहीं होगा। आईआरडीपी/बीपीएल/ईडब्ल्यूएस परिवार से संबंधित उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाएगी।
वन मित्र के क्या होंगे कार्य
अग्नि सुरक्षा, वृक्षारोपण कार्य (मनरेगा सहित), बचाव संचालन आदि सहित विभिन्न वन संरक्षण और विकास कार्य। सहायता के लिए ग्राम पंचायत जैसे जमीनी स्तर के संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
वन संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए महिला मंडल, युवक मंडल, पूर्व सैनिक निकाय, ग्राम वन विकास समितियां, अन्य समुदाय आधारित संगठन शिक्षा संस्थान और गैर सरकारी संगठन के साथ तालमेल बनाना।
जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाने सहित समुदाय को जानकारी प्रदान करने और विभिन्न वानिकी जैसे वनीकरण कार्यक्रम, नर्सरी विकास, वन संरक्षण आदि पर उनके इनपुट मांगने के कार्य।
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