आदेशों में बताया गया है कि 3, 6 और 8 मई को सुबह साढ़े 11 बजे से साढ़े 12 बजे तक एक-एक घंटे के लिए मंडी से पंडोह के बीच यातायात बंद रहेगा। परन्तु आपातकाल के समय निर्माणकर्ता कंपनी को सड़क खुली रखनी होगी।
दरारें आने के चलते पहले ही खाली करवा ली थी बिल्डिंग
शिमला। न बारिश और न तूफान शिमला में एक चार मंजिला भवन धराशाही हो गया। मामला शिमला ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत घंडल के तहत डिग्री कॉलेज 16 मील के पास नेशनल हाईवे का है। बताया जा रहा है कि धामी 16 मील में प्लॉट की कटिंग की जा रही थी।
इसके बिल्कुल साथ की एक चार मंजिला बिल्डिंग गिर गई। यहां लॉ कॉलेज के छात्र रहते थे और दरारों आने के चलते इस इमारत को एक हफ्ता पहले ही खाली करवा दिया गया था।
नेशनल हाईवे पर पहाड़ी की तरफ बने चार मंजिला भवन के गिरने से धामी कॉलेज की बिल्डिंग को भी खतरा पैदा हो गया। कॉलेज की सड़क में भी दरारें आ गई हैं। भवन गिरने के दौरान नेशनल हाईवे पर भी वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया था।
फिर वन वे ट्रैफिक चलाई गई। मामले की सूचना मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मौके पर पहुंचे। गनीमत है कि किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
मनाली-लेह और आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे-305 पर यातायात अवरुद्ध
शिमला। हिमाचल में सर्दी धीरे धीरे बढ़ रही है। बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। अभी आगे और भी बर्फबारी देखने को मिलेगी। क्योंकि दिसंबर और जनवरी में अच्छी बर्फबारी होती है। हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी मौसम खराब रहा।
प्रदेश की राजधानी शिमला में बारिश के साथ ओलावृष्टि और चोटियों पर बर्फबारी हुई। राजधानी से सटे पर्यटन स्थल कुफरी में सीजन का पहला हिमपात हुआ। कुल्लू-मनाली और लाहौल की चोटियों पर एक फीट तक बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण मनाली-लेह और आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे-305 यातायात के लिए बंद हो गया।
गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर सहित सोलंगनाला, रोहतांग दर्रा, सिस्सू, कोकसर, कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला तथा जलोड़ी दर्रा में बर्फबारी हुई है। लाहौल घाटी में 34 सड़कें बंद हो गई हैं।
किन्नौर के ऊपरी इलाकों और चंबा जिले के पांगी-भरमौर की चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। चुराह के टेपा, डलहौजी के लक्कड़ मंडी, पौलहाणी में हल्की बर्फबारी हुई। चंबा-बैरागढ़-किलाड़ वाया साच पास मार्ग पर दो फीट तक बर्फबारी हुई है। अब किलाड़ पहुंचने के लिए चंबा से लोगों को वाया लाहौल-स्पीति और जम्मू का सफर तय करना होगा।
अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ और साउथ पोर्टल में बर्फबारी के कारण सैलानियों को वाहनों को सोलंगनाला में रोक लिया गया। सुरक्षा को देखते हुए मनाली प्रशासन ने सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर रोक लगा दी। पुलिस ने सोलंगनाला में बैरियर लगा रखा था।
हालांकि, फोर बाई फोर वाहनों से पर्यटक अटल टनल होते हुए सिस्सू तक पहुंचे। घाटी में दो दिन से मौसम खराब चल रहा है। टनल के दोनों तरफ बर्फ होने से खासकर साउथ पोर्टल में सड़क ढलान होने से वाहनों के स्किड होने का खतरा बढ़ गया है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि अटल टनल में बर्फबारी हो रही है। ऐसे में सफर करना सुरक्षित नहीं है।
तीनों खंडों सहित काजा-स्पीति की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू
भावानगर। हिमाचल के किन्नौर जिला के नाथपा में भूस्खलन के चलते एक हफ्ते से बंद नेशनल हाईवे-पांच (NH-05) रविवार को यातायात के लिए बहाल हो गया है।
यातायात बहाल होने से लोगों को काफी राहत मिली है। इसी के साथ पहले की तरह फिर से जिला किन्नौर के तीनों खंडों सहित काजा-स्पीति की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है।
बता दें कि बीते सोमवार शाम को नाथपा में पहाड़ी से भारी भूस्खलन और चट्टानें दरकने के कारण नेशनल हाईवे पांच (NH-05) बाधित हो गया था। सड़क का करीब 250 मीटर हिस्सा पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गया था।
लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण एनएच को बहाल करना चुनौतियों भरा बना रहा और हजारों लोगों को आवाजाही करने में परेशानियां झेलनी पड़ी।
किन्नौर जिला के तीनों खंडों सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर जाने वाले यात्रियों को एक सप्ताह तक भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रविवार शाम को मार्ग बहाल होने के बाद कल्पा, निचार और पूह सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई।
नेशनल हाईवे प्राधिकरण रामपुर के अधिशासी अभियंता केएल सुमन ने बताया कि नाथपा में बाधित नेशनल हाईवे पांच (NH-05) को रविवार को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। मार्ग बहाली के बाद नेशनल हाईवे पर दोनों ओर से सुचारी रूप से आवाजाही हो रही है।
रिकांगपिओ। हिमाचल के किन्नौर जिला के नाथपा में नेशनल हाईवे पांच (NH-05) तीसरे दिन बुधवार को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। पहाड़ी से भूस्खलन और चट्टानें गिरने के चलते सोमवार शाम से नेशनल हाईवे-5 (NH-05) बंद पड़ा है। सड़क का करीब 200 मीटर हिस्सा मलबे में दब गया है।
NH-05 बंद होने के करण किन्नौर जिला के तीनों खंडों सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर जाने वाले यात्रियों को दिक्कत पेश आ रही हैं। एनएच बाधित होने के कारण दोनों ओर काफी समय वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। मार्ग बाधित होने के कारण कल्पा, निचार और पूह सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर छोटे और बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है।
हालांकि पानवी-प्लींगी-निचार वैकल्पिक मार्ग से केवल छोटे वाहनों की आवाजाही हो रही है। हजारों लोग छोटे वाहनों में करीब साढ़े छह किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर रहे हैं। खस्ताहाल इस सड़क पर छोटे वाहन जोखिमों भरा सफर तय कर रहे हैं। वहीं, नेशनल हाईवे प्राधिकरण ने बाधित नेशनल हाईवे को बहाल करने के लिए मौके पर तीन जेसीबी मशीनें और 15 मजदूर तैनात किए हैं।
पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण मार्ग बहाल करना चुनौती से कम नहीं है। नेशनल हाईवे प्राधिकरण रामपुर के एक्सईएन केएल सुमन ने बताया कि बाधित नेशनल हाईवे को बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पहाड़ी से बार-बार भूस्खलन के कारण मार्ग बहाली का कार्य प्रभावित हो रहा है। जल्द NH-05 को बहाल कर दिया जाएगा।
रिकांगपिओ। हिमाचल के किन्नौर जिला में लैंडस्लाइड होने से नेशनल हाईवे-5 बंद हो गया है। लैंडस्लाइड नाथपा के पास हुआ है।
लैंडस्लाइड के बाद नेशनल हाईवे-5 पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लैंडस्लाइड का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि पहाड़ी से कैसे मलबा गिर रहा है।
इससे पहले निगुलसरी के पास भी भारी लैंडस्लाइड होने से नेशनल हाईवे बंद रहा था। हाईटेक मशीनें मंगवाकर मार्ग बहाल किया था। अब नाथपा के पास मार्ग बंद हो गया है।
मार्ग बंद होने से किन्नौर का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब का सीजन जोरों पर है। ऐसे में बागवानों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। नेशनल हाईवे को बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
मंडी। चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे 5 पर चक्की मोड़ के पास लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है। शनिवार को चंडीगढ़ से शिमला जाते समय डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री चक्की मोड़ के पास रुके और सड़क का निरीक्षण किया।
मुकेश अग्निहोत्री ने अपना काफिला काफी पीछे रुकवाया और वहां से मोटरसाइकिल पर बैठकर ढही सड़क के आसपास का निरीक्षण किया।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने परवाणू से कैथलीघाट तक बने फोरलेन के निर्माण में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पत्थरों के लालच में पहाड़ों की अवैज्ञानिक कटिंग की गई है जिसकी वजह से भारी भूस्खलन हो रहा है।
अग्निहोत्री ने कहा कि नेशनल हाईवे पर लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। फोरलेन निर्माण कंपनी ने डंगे के निर्माण और सुरक्षा दीवारें, पत्थर, रेत और बजरी बचाने के लिए सही मानकों के साथ नहीं बनाई।
उन्होंने कहा कि जब वे उद्योग मंत्री थे तो उन्होंने कंपनियों को चेताया था कि पहाड़ों से आप पत्थर निकालकर बाहरी राज्यों में भी बेच रहे हैं और सड़क के निर्माण पर भी लगा रहे हैं। इससे सड़क तो बन जाएगी, लेकिन हिमाचल का बहुत नुकसान होगा और आज वही हो रहा है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक नुकसान राष्ट्रीय राजमार्गों का हुआ है क्योंकि इनके निर्माण में कोताही बरती गई है।
चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे 5 जब फोरलेन नहीं था तब तक वह कभी बंद नहीं हुआ है। यह मार्ग हिमाचल की लाइफ लाइन है। इस मार्ग पर 10 से 12 ऐसे स्पॉट हैं जो कभी भी गिर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि चक्कीमोड़ में स्थिति बेहद गंभीर है। उन्होंने NHAI के अधिकारियों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि चक्कीमोड़ पर नए सिरे से सड़क का निर्माण किया जाएगा। मौसम खुलने के बाद काम शुरू होगा। उसके 30 से 45 दिन में सड़क का निर्माण पूरा होगा।
बिलासपुर। एक व्यक्ति ने पीडब्ल्यूडी पर मलकीयत जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया है। जब सुनवाई न हुई तो व्यक्ति ने विरोध स्वरूप नेशनल हाईवे के बीच रेहड़ी लगा ली। व्यक्ति का दावा है कि जहां उसने रेहड़ी लगाई है वो जमीन उसकी है, जिस पर पीडब्ल्यूडी ने अतिक्रमण किया है। मामला हिमाचल प्रदेश के बिलासुपर जिला में शिमला-मटौर नेशनल हाईवे पर घाघस के पास मंगरोट का है।
व्यक्ति राजनकांत शर्मा पुत्र स्वर्गीय मनोहर लाल शर्मा गांव मंगरोट जिला बिलासपुर का कहना है कि एनएच के साथ उनकी माता के नाम जमीन है। जमीन पर पीडब्ल्यूडी ने जबरदस्ती अतिक्रमण करके सड़क निकाल दी गई।
राजनकांत ने कहा कि पहले उन्हें पता नहीं चला था बाद में तक्सीम के लिए केस किया था तहसीलदार के पास, जिसका फैसला 2009 में आ गया था। उसके बाद मौके पर जाकर पटवारी, कानूनगो ने जिसका जहां कब्जा था वहां पर कूहरे बनाए थे और निशानदेही की थी तो वहां उनकी जमीन पूरी नहीं हो रही थी।
उसके बाद पटवारी कानूनगो ने बताया कि जो यह जमीन है वहां सड़क बना दी गई है और सड़क असल में कहीं ओर से है। मतलब सड़क कागजों में कहीं और से है। राजनकांत ने मांग की है कि निशानदेही कर उसकी कितनी भूमि सड़क में है उसको लिखित में दिया जाए, ताकि वह कोर्ट के माध्यम से पीडब्ल्यूडी से मुआवजा ले सके।
शिमला। हिमाचल में बर्फबारी बंद 153 सड़कें अभी बहाल नहीं हो पाई हैं, साथ ही तीन नेशनल हाईवे भी बंद हैं। लाहौल स्पीति जिले में सबसे अधिक 139 रोड बंद हैं। लाहौल सब डिवीजन में 84, उदयपुर में 48 व स्पीति में 7 मार्ग अवरुद्ध हैं। नेशनल हाईवे 505 ग्राफू से लोसर और नेशनल हाईवे तीन दारचा समर सीजन 2023 तक ऑफिशियली क्लोज हैं।
चंबा जिला में सात सड़कें बंद हैं। पांगी सब डिवीजन में 4, सलूणी में 2 व भरमौर में एक मार्ग पर वाहनों के पहिए थमे हैं। कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू में दो-दो सड़कें बंद पड़ी है। कांगड़ा जिला में धर्मशाला व कांगड़ा सब डिवीजन में एक-एक सड़क बंद है। पूह में दो, कुल्लू सब डिवीजन में दो व रोहतांग पास नेशनल हाईवे 03 व 305 अवरुद्ध पड़ा है। शिमला के डोडरा क्वार में एक मार्ग बंद है। बंद मार्गों को खोलने का काम जारी है।
हिमाचल में 23 ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। पांगी में 18, स्पीति में चोर और डोडरा क्वार में एक बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़ा है। 10 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। लाहौल स्पीति में 6, चंबा में चार पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।
हिमाचल में विंटर सीजन में 1 जनवरी से लेकर अब तक 769.28 लाख के करीब चपत लग चुकी है। दो पक्के और 16 कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 9 पक्के और 11 कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा है। 10 दुकानों/ फैक्ट्री को भी नुकसान पहुंचा है।
विंटर सीजन के दौरान 113 लोगों की जान गई है। सबसे अधिक सड़क हादसों में 71 लोगों ने दम तोड़ा है। शिमला में 14, सिरमौर में 11, मंडी में 10, ऊना में सात, सोलन में 6, चंबा व कांगड़ा में 5-5, बिलासपुर व कुल्लू में 4-4, हमीरपुर में 3 और किन्नौर जिला में दो की जान गई है। डूबने से 5 की मौत हुई है। आग लगने से 6 की मृत्यु हुई है। ऊना जिला के अंब क्षेत्र में प्रवासी परिवार के चार बच्चों की जलने से मौत हुई है। हमीरपुर व मंडी में 1-1 की जान गई है। हिमस्खलन से 2 की मृत्यु हुई है। पेड़/पहाड़ी से गिरने पर 24 लोगों की मौत हुई है।
मंडी। जिला मंडी में चंडीगढ-मनाली नेशनल हाईवे पर चार मील के पास रविवार को लैंडस्लाइड हुआ है जिसके चलते रास्ता बंद हो गया है। इस मार्ग पर रविवार दोपहर 1 बजे अचानक पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ गिरा। गनीमत ये रही कि इस घटना में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
एमसी कंपनी के सेफ्टी इंजिनियर कमल गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि खतरे को पहले ही भांप लिया गया था। उस जगह पर कार्य में लगी मशीन पर कर्मचारियों को पहले ही हटा दिया गया था और ट्रेफिक भी रोक दो गई थी।
कमल गौतम ने बताया कि रास्ते को खोलने का कार्य शुरू कर दिया है, दोनों तरफ मशीनें लगा दी गई हैं। जल्द ही रास्ता वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। जिला प्रशासन व पुलिस विभाग को भी इस बारे सूचित कर दिया गया है। जिला पुलिस विभाग ने आने जाने वाले पर्यटकों से आग्रह किया है कि वैकल्पिक मार्ग मंडी-कटोला-बजोरा व पंडोह-गोहर मार्ग का प्रयोग करें।