विभाग लेना और देना मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक साल के लंबे अंतराल के बाद सुक्खू सरकार में कैबिनेट विस्तार हुआ और दो नए मंत्रियों राजेश धर्माणी और यादविंदर गोमा को कैबिनेट में जगह दी गई। इसके करीब एक माह बाद नए मंत्रियों को विभाग वितरित किए गए। इसमें विक्रमादित्य सिंह से खेल मंत्रालय लेकर यादवेंदर गोमा को दिया गया।
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विक्रमादित्य के पास अब पीडब्ल्यूडी विभाग ही बचा है। इसके बाद से ही विक्रमादित्य की अपनी ही सरकार से नाराजगी की चर्चा भी सियासी गलियारों में शुरू हो गई। खासकर तब जब विक्रमादित्य सिंह 12 जनवरी, 2024 को कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए। अब विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर चुप्पी तोड़ी है।
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पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग वापस लेने पर कहा कि मुझे कोई नाराजगी नहीं है। वीरभद्र सिंह के नाम पर प्रदेश में चुनाव हुए, सबने मिलकर काम किया। विभाग लेना और देना मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि मंत्री का तमगा लेने वाले हम नहीं हैं।
व्यक्ति अपने कर्मों से जाना जाता है, कितने पोर्टफोलियो किसके पास हैं, इससे नहीं। सरकारें आती जाती हैं। जनता के साथ जुड़े रहना जरूरी है। एक साल में खेल विभाग में जो कर सकते थे किया और इसमें और बहुत कुछ करने की जरूरत है।