Categories
Himachal Latest Shimla State News

भाजपा प्रवक्ता बोले- महिलाओं का दर्द समझें प्रतिभा सिंह, 1500 का वादा करें पूरा

4000 करोड़ की बनती है देनदारी
शिमला। मंडी जिला से कांग्रेस की सांसद प्रतिभा सिंह क्षेत्र से पिछले साढ़े चार साल से गायब थीं और आज क्षेत्रों के लोगों की हमदर्द बनी फिर रही हैं। हम तो उनसे केवल यह अनुरोध करते हैं कि जो महिलाओं को उन्होंने 1500 रुपए देने का वादा किया था, उसको पूरा करें। यह बात प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय राणा ने कही।
हिमाचल : बद्दी व कालाअंब की हवा सबसे दूषित, शिमला की एयर क्वालिटी सबसे अच्छी
उन्होंने कहा कि आज एक वर्ष में 4000 करोड़ की देनदारी इन भोली भाली महिलाओं के प्रति हो गई है। प्रतिभा सिंह आप भी एक महिला हैं और आपको भी महिलाओं का दर्द समझना चाहिए।
हिमाचल में वेटरनरी ऑफिसर भर्ती की आवेदन तिथि बढ़ी-जानें नई डेट
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिभा सिंह कांग्रेस पार्टी में एक मूर्ति की तरह बनकर रह गई हैं, करना कुछ चाहते हैं पर काम कोई और ही कर जाता है। कांग्रेस पार्टी एक मौकापरस्त और झूठ बोलने वाली पार्टी है। जब से कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में सत्ता संभाली हैं, तब से केवल मात्र झूठ बोल रही है।
NCERT की किताबों में India की जगह होगा भारत, प्रस्ताव स्वीकार
कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिस प्रकार से मंडी में 31 करोड़ रुपए की राशि बांट रहे हैं, वो राशि केंद्र द्वारा भेजी गई है। इसके तथ्य हमारे पास हैं, सीएम सुक्खू केवल बयानबीर बने फिर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता अजय राणा ने कहा कि शायद कांग्रेस के नेताओं को यह तकलीफ है कि मंडी जिले से केवल एक ही विधानसभा सीट उनकी झोली में आई है और उनकी सांसद प्रतिभा सिंह को भी यही तकलीफ है कि मंडी संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया।
जनता का साथ ना देना एक नेता के लिए ग्राफ गिरने जैसा होता है। प्रतिभा सिंह को आगामी लोक सभा चुनाव से डर लग रहा है।
आज कांग्रेस के नेता मंडी संसदीय क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहे हैं, चले चलाए कॉलेज यूनिवर्सिटी को ठप करने का काम कर रहे हैं। सड़कें ना ठीक करके जनता को असुविधा प्रदान कर रहे हैं। आज सड़कें खुद बोल रही हैं कि हमारे हाल क्या हैं, कुछ चीजें छुपती नहीं हैं।
पालमपुर : जिम में कसरत करते समय युवक को आया साइलेंट हार्ट अटैक, गई जान
हिमाचल : सरकारी स्कूलों में जाकर छात्रों से इंटरैक्शन करेंगे अधिकारी, हो रहा विचार

 

हिमाचल क्रिप्टो करंसी स्कैम : एक महिला सहित सात गिरफ्तार

शिमला : नवरात्र पर भी फीका रहा पर्यटन कारोबार, 30 फीसदी से कम रही ऑक्यूपेंसी 

 

हिमाचल वन मित्र योजना : किस आधार पर होगा चयन, किसके कितने मिलेंगे अंक-जानें
देहरा : यहां भरे जाएंगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के दो तथा सहायिका के 10 पद

हमीरपुर : सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती, इंटरव्यू 25 से
ITI पास युवाओं को मौका : बद्दी की कंपनी दे रही रोजगार, मंडी में होंगे साक्षात्कार

हिमाचल से मुंह मोड़ रहे पर्यटक, कश्मीर आदि राज्यों का कर रहे रुख 

कुल्लू दशहरा-2023 : पार्किंग के लिए 17 स्थान चिन्हित, 7 Paid Parking 
चिंतपूर्णी से श्री खाटू श्याम जी HRTC बस सेवा शुरू, जानें टाइमिंग और रूट

हिमाचल : चार दिन मौसम साफ रहने के बाद फिर बिगड़ने की संभावना
हमीरपुर : बुनकर, मशीन ऑपरेटर सहित इन 150 पदों पर होगी भर्ती

हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें EWN24 NEWS की वेबसाइट https://ewn24.in/ फेसबुक https://www.facebook.com/ewn24 और यूट्यूब https://www.youtube.com/@ewn24news
Categories
Top News Lifestyle/Fashion Himachal Latest KHAS KHABAR State News

महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद पतरोडू और लिंगड़ू, नियमित करें सेवन

धर्मशाला। महिलाओं को गर्भ धारण करने से 3 महीने पहले ही फोलिक एसिड की खुराक लेनी शुरू कर देनी चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद भी आयरन व कैल्शियम की खुराक जारी रखनी चाहिए। बच्चे के जन्म से लेकर अगले एक हजार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और अगर इस दौरान सभी सावधानियां बरत ली जाएं तो आगे कोई भी मुश्किल नहीं आती है।

हिमाचल : आउटसोर्स कर्मियों को सितंबर के बाद एक्सटेंशन पर क्या बोले मंत्री-जानें

पतरोडू व लिंगड़ू जैसे पारंपरिक व्यंजनों के नियमित इस्तेमाल से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। यह जानकारी पोषण माह के अंतर्गत जिला कांगड़ा के धर्मशाला के सकोह वृत्त में ‘टेस्ट, टॉक एंड ट्रीट एनिमिया’ तथा ‘पढ़ाई भी और पोषण भी’ विषयों पर एक कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी बबिता गौतम दी।

 

उन्होंने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि प्रत्येक महिला को चालीस साल की आयु के उपरांत अपना मेमोग्राफी टेस्ट करवाते रहना चाहिए, जिससे हमें समय रहते स्तन कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के बारे में मालूम हो जाता है। उबले हुए पानी का उपयोग करने से टाइफायड और डायरिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

ऊना : भरे जाएंगे इलेक्ट्रीशियन, सुपरवाइजर व लैब सहायक के पद

उन्होंने कहा कि अपने खाने पीने में रिफाइंड तेल व चीनी का इस्तेमाल कम करना चाहिए। चीनी की जगह गुड का प्रयोग करना चाहिए और ज्यादा तली या भूनि चीजें नहीं खानी चाहिए। बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश जागवान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

कैसे बनते हैं पतरोडू

पतरोडू अरबी के पत्तों से बनते हैं। इसके लिए बेसन में अदरक, मिर्च, नमक, मसाले आदि मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है। कुछ लोग चावल का आटा भी प्रयोग करते हैं। पेस्ट ज्यादा पतला नहीं होना चाहिए। इसके बाद अरबी का पत्ता लेकर उस पर पेस्ट लगाया जाता है। फिर दूसरा पत्ता पहले पत्ते के ऊपर रखकर उस पर भी पेस्ट लगाएं।

पत्ते बड़े हों तो तीन या चार पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं। छोड़े पत्ते हों तो पांच से 6 पत्ते ले सकते हैं। सभी पत्तों पर पेस्ट लगाना है और एक को दूसरे के ऊपर रखते जाना है। इसके बाद इसे रोल कर लें। इसके बाद कुकर में डालकर इन्हें उबाला जाता है। उबालने के बाद इनके छोटे-छोटे पीस करके तेल में तलकर खाए जाते हैं।

HPPSC Breaking : इलेक्ट्रीशियन पोस्ट कोड 973 भर्ती को लेकर बड़ी अपडेट

 

लिंगड़ू की बात करें तो यह पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगते हैं। जून जुलाई से लिंगड़ू बाजार में बिकना शुरू हो जाते हैं।

 

 

कांगड़ा जिला के विवेक टलवाल का मैया तेरी मूरत भजन रिलीज, लोगों को आ रहा पसंद

 

हिमाचल : एक हफ्ते में निकलेगा वेटरनरी फार्मासिस्ट सहित इन पोस्ट कोड का रिजल्ट

 

पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे पर स्थित चक्की पुल को लेकर बड़ी अपडेट

 

हिमाचल मानसून सत्र : करुणामूलक आधार पर नौकरी को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की बड़ी बात

 

बथाऊधार-राजगढ़ HRTC बस पनेली के पास हुई खराब, अंधेरे में परेशान हुए यात्री

 

HRTC के लिए घाटे का सौदा रहीं करोड़ों खर्च कर खरीदीं JNNURM की बसें

 

चिंतपूर्णी-मुबारकपुर रोड पर लैंडस्लाइड : गाड़ी पर गिरे पत्थर, देखते ही देखते भड़की आग
Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Kangra State News

धर्मशाला : ग्राम पंचायत पद्धर की महिलाओं ने ऐसे लिखी सफलता की कहानी

बबूने के फूल और काली तुलसी ने महकाया जीवन

धर्मशाला। कांगड़ा जिला की पद्धर पंचायत की फिज़ा में आजकल बबूने के फूल (कैमोमाइल) और काली तुलसी की खुशबू तैर रही है। खेतों से उठती जन जीवन महकाने वाली इस सुगंध में ग्राम पंचायत पद्धर की मेहनतकश महिलाओं की सफलता की कहानी घुली है। जो न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ी हैं बल्कि आस पास के गांवों की महिलाओं के लिए एक मिसाल भी बनीं हैं।

धर्मशाला की ग्राम पंचायत पद्धर के पद्धर और घिरथोली गांवों की इन महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्वयं सहायता समूह बनाकर बबूने के फूल और काली तुलसी की हर्बल खेती से रोज़गार का नायाब ज़रिया ढूंढ निकाला है, जिसकी मदद से वे घर के कामों को करने के साथ ही परिवार की आर्थिक रूप से भी सहायता कर रही हैं।

बर्फबारी से बंद था रास्ता, सीएम सुक्खू ने बीमार महिला को करवाया एयरलिफ्ट

कैसे आया आइडिया

पद्धर के वैष्णो स्वयं सहायता समूह की सदस्य सुदर्शना देवी बताती हैं कि धर्मशाला के खंड विकास अधिकारी कार्यालय के शिविर में उन्हें कैमोमाइल और काली तुलसी की खेती का आइडिया मिला। उन्होंने अपनी करीब 1 बीघा जमीन पर परंपरागत खेती से हट कर इसे आजमाने की सोची। घर वालों ने भी इसमें साथ दिया। खेती के लिए विभाग से बीज फ्री मिल गए और ट्रेनिंग का प्रबंध भी जिला प्रशासन ने ही किया। जोगिंदरनगर और सोलन में लगे प्रशिक्षण कैंप में जाकर हर्बल खेती की बारकियां सीखीं और फिर आकर इसमें जुट गईं।

सुदर्शना बताती हैं कि उन्हें ये अंदाजा नहीं था कि अपने ही खेतों में इस तरह के काम के लिए मनरेगा में उन्हें दिहाड़ी भी मिलेगी। इससे बड़ी मदद हुई। वे साल भर से इसमें लगी हैं और बबूने के फूलों की करीब 30 किलो की एक फसल ले चुकी हैं, और इससे लगभग 13-14 हजार रुपये की आमदन उन्हें मिली है। उन्होंने परागपुर के एक बड़े ग्रुप को अपनी उपज बेची है। जबकि काली तुलसी की उपज अभी टेस्टिंग को भेजी है। 6-6 महीने के साइकल में की जाने वाली ये खेती नवंबर से मई और फिर मई से नवंबर के पीरियड में की जाती है।

पूरी तरह प्राकृतिक है ये खेती

वहीं, अपनी जमीन के बीघा भर में हर्बल खेती कर रहीं वैष्णो स्वयं सहायता समूह की ही एक और सदस्य आशा देवी बताती हैं कि ये खेती पूरी तरह प्राकृतिक है। इसमें केमिकल मिली खाद का प्रयोग नहीं किया जाता। जंगली जानवर भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते। हां…कीड़ा लगने पर खट्टी छाछ का छिड़काव या प्राकृतिक तरीके के और उपचार किए जाते हैं। वे बताती हैं कि उन्होंने बबूने के फूल और काली तुलसी के साथ कुछ पौधे अश्वगंधा, जटामासी तथा चिया सीड के भी लगाए हैं। उनकी भी बाजार में अच्छी खासी डिमांड है। उन्हें मार्केट उपलब्ध कराने में भी जिला प्रशासन पूरी मदद कर रहा है।

ये हैं बबूने के फूल और काली तुलसी के फायदे

बबूने के फूल और काली तुलसी के स्वास्थ्य के लिए अनेक फायदे हैं। इन्हें ग्रीन टी बनाने में उपयोग में लाया जाता है, जो अनिद्रा, पेट और लीवर की दिक्कतों तथा बीपी और शूगर जैसे विकारों को नियंत्रित करने में रामबाण है। इसके अलावा इनका सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों में भी इस्तेमाल होता है।
वहीं चिया सीड भी पाचन, तनाव और उच्च रक्तचाप को दुरूस्त रखने में मददगार है।

चंबा-होली मार्ग पर पुल टूटा : नदी में गिरे दो डंपर-एक चालक की गई जान

अब बड़े पैमाने पर हर्बल खेती का है विचार

आशा देवी समेत गांव की तमाम महिलाओं की मदद के लिए स्वयं सहायता समूहों की सभी सदस्य प्रशासन और सरकार का आभार जताते हुए कहती हैं कि वे हर्बल खेती से अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं, उन्हें पैसा भी मिल रहा है और उन्हें व उनके गांव को नई पहचान भी मिली है। कई अफसर और दूर पार से लोग उनके काम को देखने और जानने यहां आते हैं। उन्हें इससे बड़ा हौंसला मिला है। और वे अब इस खेती को और बडे़ पैमाने पर करने का विचार कर रही हैं।

आकांक्षा स्वयं सहायता समूह की लक्ष्मी, मितांश स्वयं सहायता समूह की पूजा और कमला स्वयं सहायता समूह की कमला देवी बताती हैं कि हर्बल खेती में अच्छी संभावनाएं देखते हुए पद्धर पंचायत में और भी बहुत सी महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर इस काम में हाथ आजमाने को आगे आ रही हैं। हर समूह में 6 से 10 महिलाएं हैं, और सभी अपने अपने खेतों में इस खेती को कर रही हैं। धर्मशाला ब्लॉक में महिलाओं के लिए सामाजिक शिक्षा आयोजक का जिम्मा देख रहीं बीडीओ ऑफिस की अधिकारी कुसुम बताती हैं कि महिलाओं को उनकी रूचि के अनुरूप स्वरोगजार की शिक्षा देने पर बल दिया जा रहा है।

धर्मशाला ब्लॉक में 412 स्वयं सहायता समूह

बीडीओ स्पर्श शर्मा का कहना है कि धर्मशाला ब्लॉक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में महिलाओं के 412 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। उन्हें स्वरोजगार लगाने और उनकी पसंद के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शिक्षण, प्रशिक्षण से लेकर आर्थिक सहायता तक, उनकी हर तरह से मदद दी जा रही है।

क्या कहते हैं जिलाधीश

जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल का कहना है कि प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन का प्रयास है कि स्वयं सहायता समूहों के गठन के साथ ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार की ओर मोड़ा जाए। महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में ये प्रयास कारगर रहे हैं। जिले की बहुत सी पंचायतों में महिलाओं ने सराहनीय काम किया है। उनके प्रोत्साहन को हर तरह से मदद के साथ साथ उनकी उपज और उत्पादों के लिए मार्केट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।

Categories
Top News Himachal Latest Kangra State News

CU: कानून सुधार के बाद भी महिलाओं के साथ अपराधिक मामलों में कमी नहीं

समाज को  दृष्टिकोण में परिवर्तन करने आवश्यकता
देहरा। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) की स्पर्श (SPARSH) और यूजीसी (UCC) समिति की ओर से सप्त- सिन्धु परिसर देहरा में ‘महिलाओं के साथ भेदभाव’ (‘Discrimination Against Women) पखवाड़े के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सह-आचार्य डॉ. शाशि पूनम, सहायक आचार्य डॉ. श्रेया बक्‍शी और सहायक आचार्य मनीष कुमार ने निर्णायक मंडल के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
हिमाचल विस चुनाव: मतगणना से 3 दिन पहले तक नियुक्त कर सकते हैं एजेंट
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (CU) के में कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. शशि पूनम ने विद्याथियों का मार्गदर्शन करते हुए समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया कि महिलाओं को परिवारिक वातावरण से ही सशक्त होने की आवश्यकता है। तदोपरांत विद्याथियों द्वारा महिलाओं की प्राचीन समय से वर्तमान समय तक की समाजिक स्थिति से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (CU) के देहरा परिसर में कार्यक्रम के समापन में डॉ. श्रेया बक्‍शी ने कहा कि भारत में वैदिक समय में महिलाओं की स्थिति सम्मानजनक तथा सुदृढ़ थी लेकिन बाद के कालखंडों में महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया। वर्तमान में कानून सुधार के बाद भी महिलाओं के साथ अपराधिक मामलों में कमी नहीं हो रही है।
महिला समाज की ध्वजवाहक हैं, समाज को महिलों के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन करने आवश्यकता है। कार्यक्रम में यूजीसी की सदस्य सहायक आचार्य राम्य ऐरी, सहायक आचार्य विश्वमोहन शर्मा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. ज्योति रहीं।