शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के माल रोड स्थित मुख्यालय में बैंक की महत्त्वाकांक्षी नई योजना ‘सपनों का संचय’-डिपॉजिट लिंक्ड ऋण योजना का शुभारंभ किया। यह एक बहु-आयामी योजना है, जिसके तहत 10 से 18 वर्ष आयु वर्ग के युवा विशेषकर स्कूली छात्र बचत खाता खुलवाकर बैंक से जुड़ सकते हैं।
प्रतिवर्ष जो भी राशि उनके बचत खाते में जमा होगी, वह एक साल बाद फिक्सड डिपॉजिट में बदल जाएगी। यह क्रम 18 वर्ष की आयु तक चलता रहेगा। प्रार्थी बालिग होने पर अपनी उच्च शिक्षा व व्यवसाय इत्यादि शुरू करने के लिए अपनी कुल जमा राशि के 5 गुणा तक का ऋण लेने के लिए पात्र होगा।
मुख्यमंत्री ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक द्वारा चलाई जा रही सशक्त महिला ऋण योजना भी काफी लोकप्रिय हुई है। इसके तहत लगभग 4000 लाभार्थियों को लगभग 8.50 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किए गए हैं।
बैंक ने 25 नई शाखाएं खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त किए हैं। इसके उपरांत बैंक के आउटलेट की संख्या बढ़कर 262 हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों का सहकारी बैंक पर विश्वास निरंतर बढ़ा है, जिसके फलस्वरूप ग्राहकों की संख्या 16 लाख का आंकड़ा पार कर गई है।
बैंक ने 24 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जिसमें से 14997 करोड़ रुपये की जमा पूंजी तथा 9139 करोड़ रुपये के ऋण वितरण हैं। मुख्यमंत्री ने बैंक से लोगों को साइबर अपराध व धोखाधड़ी के प्रति जागरूक करने का भी आह्वान किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम ने बैंक की ओर से मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए 4 करोड़ रुपये का चेक भेंट किया। बैंक की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए देवेन्द्र श्याम ने कहा कि बैंक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, विधायक हरीश जनारथा, महापौर नगर निगम शिमला सुरेन्द्र चौहान, बैंक के निदेशक गण, प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा, नाबार्ड के महाप्रबंधक डॉ. विवेक पठानिया और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
धर्मशाला।महिलाओं को गर्भ धारण करने से 3 महीने पहले ही फोलिक एसिड की खुराक लेनी शुरू कर देनी चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद भी आयरन व कैल्शियम की खुराक जारी रखनी चाहिए। बच्चे के जन्म से लेकर अगले एक हजार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और अगर इस दौरान सभी सावधानियां बरत ली जाएं तो आगे कोई भी मुश्किल नहीं आती है।
पतरोडू व लिंगड़ू जैसे पारंपरिक व्यंजनों के नियमित इस्तेमाल से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। यह जानकारी पोषण माह के अंतर्गत जिला कांगड़ा के धर्मशाला के सकोह वृत्त में ‘टेस्ट, टॉक एंड ट्रीट एनिमिया’ तथा ‘पढ़ाई भी और पोषण भी’ विषयों पर एक कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी बबिता गौतम दी।
उन्होंने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि प्रत्येक महिला को चालीस साल की आयु के उपरांत अपना मेमोग्राफी टेस्ट करवाते रहना चाहिए, जिससे हमें समय रहते स्तन कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के बारे में मालूम हो जाता है। उबले हुए पानी का उपयोग करने से टाइफायड और डायरिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अपने खाने पीने में रिफाइंड तेल व चीनी का इस्तेमाल कम करना चाहिए। चीनी की जगह गुड का प्रयोग करना चाहिए और ज्यादा तली या भूनि चीजें नहीं खानी चाहिए। बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश जागवान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कैसे बनते हैं पतरोडू
पतरोडू अरबी के पत्तों से बनते हैं। इसके लिए बेसन में अदरक, मिर्च, नमक, मसाले आदि मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है। कुछ लोग चावल का आटा भी प्रयोग करते हैं। पेस्ट ज्यादा पतला नहीं होना चाहिए। इसके बाद अरबी का पत्ता लेकर उस पर पेस्ट लगाया जाता है। फिर दूसरा पत्ता पहले पत्ते के ऊपर रखकर उस पर भी पेस्ट लगाएं।
पत्ते बड़े हों तो तीन या चार पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं। छोड़े पत्ते हों तो पांच से 6 पत्ते ले सकते हैं। सभी पत्तों पर पेस्ट लगाना है और एक को दूसरे के ऊपर रखते जाना है। इसके बाद इसे रोल कर लें। इसके बाद कुकर में डालकर इन्हें उबाला जाता है। उबालने के बाद इनके छोटे-छोटे पीस करके तेल में तलकर खाए जाते हैं।
देहरा। ढींगरी मशरूम की खेती बहुत ही आसानी से बहुत कम लागत के साथ शुरू की जा सकती है। इसके लिए किसी भी टेंपरेचर की आवश्यकता नहीं होती। ये मशरूम दूसरे मशरूम से ज्यादा पौष्टिक होता है, जो बहुत सारे रोगों के लिए फायदेमंद होता है। ये ढींगरी मशरूम ज्यादा समय तक रहने के बाद भी खराब नहीं होता है। इसको सूखाकर इसका पाउडर भी बना सकते हैं, जो किसी भी सब्जी में डाल कर उपयोग में लाया जा सकता है। यह जानकारी हिमाचल के कांगड़ा जिला के विकास खंड देहरा के अंतर्गत पंचायत अधवाणी के जीजल गांव में शुरू हुए प्रशिक्षण शिविर में दी गई।
बता दें कि हिमाचल के कांगड़ा जिला के विकास खंड देहरा के अंतर्गत पंचायत अधवाणी के जीजल गांव में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए ढिंगरी मशरूम की खेती करने का 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। शिविर सवेरा संस्थान रैन्खा ज्वालाजी द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हिमाचल के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। शिविर का शुभारंभ जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड धर्मशाला अरुण खन्ना ने किया। प्रशिक्षण शिविर 02 मार्च से 16 मार्च 2023 तक चलेगा।
इस प्रशिक्षण शिविर में स्वयं सहायता समूहों की लगभग 35 महिलाएं भाग ले रही हैं।डीडीएम नाबार्ड ने प्रशिक्षण में भाग ले रही महिलाओं को नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी व प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण में दिलचस्पी दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे अपना स्वरोजगार सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा समय-समय पर समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु हिमाचल व बाहरी राज्यों में प्रदर्शनी मेले आयोजित किए जाते हैं, जिसमें समूह अपना उत्पाद बिक्री कर सकते हैं।
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक अधवाणी के शाखा प्रबंधक रविन्द्र राणा व बैंक अधिकारी राकेश कुमार ने बैंक की योजनाओं, अटल पेंशन व बैंक द्वारा किए जा रहे जीवन बीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। समूहों को बैंक की ओर से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। ग्राम पंचायत अधवाणी प्रधान अनिता कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए नाबार्ड व सवेरा संस्थान का धन्यवाद किया है।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए महिलाओं को मन लगाकर मशरूम की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया व आश्वासन दिया कि इनके द्वारा तैयार किए जाने वाले मशरूम की बिक्री हेतु हरसंभव सहयोग किया जाएगा। सवेरा संस्थान के निदेशक सुभाष चौहान ने डीडीएम नाबार्ड, बैंक अधिकारियों, पंचायत प्रधान, पंचायत सदस्यों व प्रतिभागियों का स्वागत व धन्यवाद किया, साथ ही 15 दिवसीय प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी। इस प्रशिक्षण के प्रशिक्षक प्रवीण शर्मा ने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील की है कि यदि आप सभी मन लगा कर प्रशिक्षण प्राप्त करें तो उन्हें सिखाने में आसानी होगी व प्रशिक्षण के बाद भी वह आपकी मदद करते रहेंगे। आपके द्वारा तैयार किए मशरूम की बिक्री करने में मदद भी करेंगे।