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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के गिरिपार इलाके में रहने वाले हाटी समुदाय के लोगों का दशकों से चल रहा इंतजार खत्म हो चुका है। हाटी जनजाति अमेंडमेंट एक्ट पर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर लग गई है। इसका लाभ जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की 155 पंचायत के लोगों को मिलेगा।
हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने के बाद शिमला में अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल सहित भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व शिमला सांसद सुरेश कश्यप इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। हाटी समुदाय के लोग शिमला में पहुंच गए हैं और नाटी डालकर जश्न मना रहे हैं।
हाटी विकास मंच ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन सिंह मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आदि का आभार जताया है।
बता दें कि लोकसभा में दिसंबर 2022 में गिरीपार क्षेत्र के हाटी इलाके को जनजातीय दर्जा दिए जाने को लेकर पेश किए गए विधेयक को ध्वनि मत से पास किया गया था। इसके बाद 26 जुलाई को राज्यसभा में हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने वाला बिल पारित हुआ था।
राज्यसभा में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया।
इस विधेयक में हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में सिरमौर जिले के ट्रांस गिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
संसद से मंजूरी मिलने के बाद बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए बाकी था। 4 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति ने हाटी समुदाय बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
राष्ट्रपति से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब जिला सिरमौर की लाखों की आबादी को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। गौर हो कि 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी।
हाटी विधेयक से जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की 155 पंचायत के लोगों को लाभ मिलेगा। यह लाभ केवल 1.60 लाख लोगों को मिलना है, क्योंकि अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले समुदाय को एसटी से बाहर रखा गया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार इलाके के तीन लाख से अधिक लोगों को बड़ी सौगात मिल गई है। लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने वाला बिल पारित हो गया है। खबर मिलते ही इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई है।
इसकी पुष्टि शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर ने की है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से ये जानकारी साझा करते हुए हाटी समुदाय को बधाई दी है। गिरिपार को जनजाति क्षेत्र घोषित करवाने में बलदेव तोमर का बड़ा योगदान रहा है।
लोकसभा में दिसंबर 2022 में गिरीपार क्षेत्र के हाटी इलाके को जनजातीय दर्जा दिए जाने को लेकर पेश किए गए विधेयक को ध्वनि मत से पास किया गया था।
बुधवार को राज्यसभा में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया। इस विधेयक में हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में सिरमौर जिले के ट्रांस गिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
बीजू जनता दल की ममता मोहंता ने विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर सरकार ने स्वागत योग्य कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि समुदायों को केवल अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किये जाने से ठोस फायदा नहीं होगा। इन समुदायों का विकास और जीवन स्तर बढाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने ओड़िशा के कुछ समुदायों को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने की मांग की।
संसद से मंजूरी मिलने के बाद बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा और राष्ट्रपति से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद जिला सिरमौर 3 लाख आबादी को इसका लाभ मिलना आरंभ होगा। यह लाभ केवल 1.60 लाख लोगों को मिलना है, क्योंकि अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले समुदाय को एसटी से बाहर रखा गया है।
गौर हो कि 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। हाटी विधेयक से जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की 155 पंचायत के लोगों को लाभ मिलेगा।
हरिपुरधार। हिमाचल प्रदेश के गिरिपार क्षेत्र के लोगों (हाटी) को जनजातीय दर्जे के लिए अभी और इंतजार करना होगा। राज्य सभा सत्र के अंतिम दिन भी सदन में गतिरोध जारी रहा, जिसके चलते यह महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया। हाटी समिति की केंद्रीय कार्यकारिणी ने स्थिति को स्पष्ट किया है।
समिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल और महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि आज हमारे हाटी समुदाय से संबंधित हिमाचल प्रदेश तृतीय जनजातीय संशोधन बिल कार्यसूची में आने के बावजूद संसद सत्र के अन्तिम दिन भी गतिरोध के चलते राज्यसभा में प्रस्तुत नहीं हो सका। इससे कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को निराशा हुई।
केन्द्रीय जनजातीय मंत्री के सार्थक प्रयासों और सभी अनुकूलताओं के बावजूद हमें संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए अब थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। 28 मार्च को सांसद सुरेश कश्यप और पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर के नेतृत्व में जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा तथा जनजातीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह के साथ बैठक हुई।
हाटी समिति के पदाधिकारियों को बैठक में स्पष्ट आश्वासन मिला कि यह बिल अवश्य पास करवाया जाएगा। हाटी मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए तथ्यपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध करावा दी गई थी और हाटी समिति बराबर संपर्क में भी थी, लेकिन संसद सत्र का गतिरोध आज अंतिम दिन भी बना रहा।
इस स्थिति के चलते कुछ लोग जनता को भ्रमित कर सकते हैं। उन अफवाहों से स्वयं को बचाते हुए हमें अपने हाटी समुदाय के लोगों को भी आश्वस्त करना होगा कि हमारे जनजातीय अधिकार मिलने का मार्ग बिल्कुल स्पष्ट है। इसमें कोई बाधा आने वाली नहीं है, लेकिन आगे का कार्य संसद सत्र में ही होगा, जिसके लिए हमें प्रतीक्षा करनी ही होगी।