शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) 1,355 करोड़ के घाटे में चल रहा है। निगम की मासिक आय 65 करोड़ है, जबकि खर्च 144 करोड़ रुपये होते हैं। HRTC के 4,100 से ज्यादा रूट चल रहे हैं।
HRTC की 1,199 बस अपना जीवन पूरा कर चुकी हैं, जिनमें से 369 बसों को बेड़े से हटाया जा रहा है। उनके स्थान पर 600 नई बसें खरीदी जाएंगी। HRTC के बेड़े में 196 नई बसें शामिल की गई हैं। 75 ई सिटी बस का ऑर्डर दे दिया गया है। 225 और नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी।
यह बात डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने बताया कि नई बसें आने से HRTC के बेड़े 300 इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी। इसके साथ डीजल बसें भी रखनी पड़ेंगी।
कर्मचरियों को हर माह 7 तारीख को वेतन दे दिया जाएगा। 7,700 पेंशनरों को पेंशन देने में देरी हो रही है। सरकार 9 करोड़ पेंशन के लिए दे रही है। 39 माह का रात्रि भत्ता लंबित पड़ा है, उसका भी प्रावधान किया जा रहा है।
एचआरटीसी में ओपीएस लागू करने का फैसला लिया गया है। एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए आने वाले समय में कड़े नियम बनाए जाएंगे। घाटे के रूटों को बंद करने सहित रियायतें देने वाले फैसलों पर विचार किया जाएगा।
राजनीतिक आधार पर लगी शून्य आय की बसों को रिव्यू किया जाएगा। जिन ढाबों में सस्ती व अच्छी रोटी मिलेगी, वहां HRTC बसें खड़ी होंगी। उन्होंने कहा कि 69 करोड़ यदि हर माह सरकार HRTC को दे देगी, तो कर्मियों के वेतन व पेंशन की समस्या खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अवैध वोल्वो बस माफिया पर नकेल कसने के लिए कैबिनेट बैठक में फैसला ले लिया है। उनसे अब 5 हजार प्रति दिन के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा। इससे 9 लाख सालाना आय होगी।
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगें पूरी करने को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात करने के लिए राज्य सचिवालय में बुलाया।
बैठक में हिमाचल परिवहन इंटक के सदस्यों ने हिस्सा लिया। यह बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और निगम प्रबंधन के साथ हुई बैठक में HRTC कर्मचारियों के सभी समस्याओं का चरणबद्ध तरीके से समाधान करने की बात कही गई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ बैठक के बाद हिमाचल परिवहन इंटक के अध्यक्ष उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को सुना है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कर्मचारी ओवर टाइम न मिलने की वजह से परेशान है। इसके अलावा कर्मचारियों की तनख्वाह भी समय पर नहीं आ रही है। ऐसे में ड्राइवर-कंडक्टर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार जल्द से जल्द इनकी मांगों को पूरा करेगी। इसके अलावा कर्मचारियों की तनख्वाह और रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन भी 7 तारीख से पहले आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही अपने बेड़े में 75 नई बसों को भी शामिल करने जा रही है। इसके अलावा जगह-जगह खड़ी बसों को भी एक जगह लाकर खड़ा करने की बात कही गई है, ताकि बसों का निष्पादन सही तरीके से हो सके।
शिमला । HRTC कर्मचारियों को OPS लागू करने को लेकर निगम प्रबंधन ने सभी डीडीएम और आरएम को आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशों में कहा गया है कि सरकार ने OPS को लागू करने और NPS का अंशदान बंद करने को लेकर आदेश जारी किए हैं।
इन आदेशों को निगम ने भी लागू करने का फैसला लिया है। ये फैसला HRTC की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी के बाद लिया गया है। HRTC एमडी संदीप कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार कर्मचारियों को इन निर्देशों के जारी होने के 60 दिन के अंदर पुरानी पेंशन या न्यू पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुनना होगा। ये नोटरी से अटेस्टेड करवाकर पूरे दस्तावेजों के साथ एमडी एचआरटीसी कार्यालय में जमा करवाना होगा।
बता दें कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल में OPS लागू कर कर्मचारियों को राहत प्रदान की है। 4 मई को सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर SOP और निर्देश जारी किए हैं।
एसओपी (SOP) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी एनपीएस (NPS) के तहत रहना चाहता है तो इन निर्देशों को जारी करने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प का प्रयोग करेगा, जिसे विधिवत रूप से नोटरीकृत किया जाएगा और कार्यालय के प्रमुख के पास जमा करवाया जाएगा। ऐसे कर्मचारी (कर्मचारियों) को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (जिसे अंशदायी पेंशन योजना भी कहा जाता है) के तहत कवर किया जाना जारी रहेगा।
सरकारी कर्मचारी जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, के तहत शामिल होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को अंडरटेकिंग भी देनी होगी। विकल्प और अंडरटेकिंग को नोटरीकृत किया जाएगा। इसे कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक बार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को चुनने का विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। यदि कोई कर्मचारी निर्धारित अवधि के भीतर किसी विकल्प का प्रयोग करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जारी रहना चाहता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, को चुनने वाले कर्मचारियों को भी सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के तहत कवर किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 के माध्यम से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) के योगदान को 1 अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा।
अब उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) का अंशदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा किया जाना जारी रहेगा।
किसी भी मामले में, यदि किसी कर्मचारी का अप्रैल, 2023 के महीने के लिए अंशदान, जिसने अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का विकल्प चुना है, को उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन के मद्देनजर रोक दिया गया था, तो वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत उसका योगदान जमा करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे मामलों में सरकारी हिस्सा भी जमा किया जाएगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है, उन्हें इन नियमों के तहत पेंशन लाभ का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश/वापसी राज्य सरकार को जमा किया जाए।
कर्मचारी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किए गए थे और 15 मई 2003 से 31 मार्च 2023 की अवधि के बीच पहले ही सेवानिवृत्त/मृत्यु हो चुके हैं और जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी और मृत कर्मचारी के पात्र परिवार के सदस्य, संभावित तिथि से यानी 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के हकदार होंगे। अन्य शर्तों के लिए एसओपी पढ़ें।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले कर्मचारी और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 यानी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी/छुट्टी नकदीकरण/जीआईएस से सरकारी योगदान और उस पर अर्जित लाभांश के समायोजन के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी, यदि वे ऐसी राशि को सरकारी खाते में जमा करने में विफल रहते हैं।
चंबा। कोरोना महामारी के समय बंद चंबा-धर्मपुर वाया मेडिकल कॉलेज टांडा बस रूट फिर से बहाल कर दिया गया है। रूट पर चंबा डिपो की बस शुरू हो गई है। पहले धर्मपुर डिपो की HRTC बस इस रूट पर चलती थी।
बस चंबा से वाया जोत, चुवाड़ी, नूरपुर, कांगड़ा, मेडिकल कॉलेज टांडा, पालमपुर होकर धर्मपुर चलती है। पर अभी तक बस चंबा से पालमपुर तक चल रही है। यह HRTC बस शुरू होने से चंबा, जोत, चुवाड़ी आदि क्षेत्रों से मेडिकल कॉलेज टांडा आने और जाने वाले लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
टाइमिंग की बात करें तो बस चंबा से सुबह साढ़े 7 बजे निकलेगी। करीब 10 बजकर 15 मिनट पर चुवाड़ी, साढ़े 10 बजे लाहड़ू, 11 बजकर 25 मिनट पर नूरपुर, दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर कांगड़ा, करीब दो बजे टांडा और 3 बजकर 20 मिनट पर पालमपुर पहुंचेगी।
पालमपुर से सुबह 10 बजकर 04 मिनट, टांडा से करीब सवा 11 बजे, कांगड़ा से सुबह 11 बजकर 32 मिनट पर चंबा के लिए रवाना होगी। धर्मपुर से सुबह साढ़े पांच बजे चंबा के लिए रवाना होने का टाइम है।
किराए की बात करें तो चंबा से कांगड़ा करीब 310 रुपए और चंबा से टांडा का किराया करीब 322 रुपए है। चंबा से पालमपुर किराए की बात करें करीब 400 रुपए किराया लगेगा। एचआरटीसी (HRTC) द्वारा तय किराया ही मान्य होगा। उक्त किराया अनुमानित है।
शिमला। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की ओर से बैठक के लिए समय देने के बाद एचआरटीसी (HRTC) ड्राइवर यूनियन ने हड़ताल टाल दी है। बता दें कि अब रात्रि बस सेवाएं सामान्य तौर पर चलेंगी।
18 मई को सचिवालय में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार चालक यूनियन के पदाधिकारियों से बैठक करेंगे। इससे पहले एचआरटीसी (HRTC) चालक यूनियन ने रात्रि भत्ता न देने पर रात्रि सेवाओं के बहिष्कार का ऐलान किया था।
एचआरटीसी (HRTC) ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि सरकार लेट जागी है। कई रूट प्रभावित हुए हैं, लेकिन अब डिप्टी सीएम ने ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के मसले पर 18 मई को सचिवालय में बैठक बुलाई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को समय पर निर्णय लेना चाहिए था। बसें ना चलने से कई रूट भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर 18 मई को हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो कड़ा आंदोलन किया जाएगा।
लंबे रूट के साथ स्थानीय नाइट रूटों पर भी थमेंगे पहिए
शिमला। HRTC ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन ने सरकार और निगम प्रबंधन से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। नाइट ओवर टाइम सहित अन्य मांगें न माने जाने पर यूनियन ने रविवार रात 12 बजे के बाद से रात्रि बस सेवाएं ठप करने का ऐलान किया है। साथ ही कहा है कि एडवांस ओवर टाइम लेकर ही चालक-परिचालक नाइट ड्यूटी पर जाएंगे।
यूनियन ने प्रबंधन को रविवार पांच बजे तक वार्ता के लिए बुलाने का अल्टीमेटम दिया है। नहीं बुलाने पर रात 12 बजे के बाद रात्रि सेवा ठप करने की चेतावनी दी है। अगर यूनियन नाइट सर्विस पर ब्रेक लगाती है तो प्रदेश में करीब 2,500 नाइट रूट प्रभावित होंगे। इसमें लांग रूट के ही नहीं, बल्कि लोकल रात्रि रूट भी शामिल हैं। लोकल रूट प्रभावित होने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि हिमाचल में रात्रि के कई लोकल रूट हैं, जोकि गांवों में जाते हैं और लोगों को घर पहुंचने के लिए यातायात की सुविधा मुहैया करवाते हैं। शाम के बाद बसें रूट पर चलती हैं और रात को अंतिम स्टेशन के गांव पर रुकती हैं। सुबह फिर रूट पर निकलती हैं।
रात्रि सेवा ठप होने से देर शाम लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसें तो मिलेंगी ही नहीं बल्कि सुबह भी ऑफिस और अन्य कार्यों के लिए गांव से शहर की तरफ आने वाले लोगों के साथ स्कूली छात्रों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।
HRTC ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि करीब 2,500 लोकल और लंबे रूट प्रबावित होंगे। लोकल रूट पर रात को बसें चलती हैं जोकि गांव में जाती हैं। रात को वहीं रुकती हैं।
उन्होंने कहा कि यूनियन को वार्ता के लिए बुलाने के बाद आंदोलन को कुछ दिन के लिए होल्ड करने के बाद 15 मई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने न उन्हें वार्ता के लिए बुलाया और न ही कोई मांग मानी हैं। रविवार पांच बजे तक यूनियन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो रात से एडवांस ओवर टाइम मिलने की स्थिति में ही ड्राइवर-कंडक्टर ड्यूटी पर जाएंगे।
शिमला। अगर आप एचआरटीसी नाइट बस में कहीं जाने की सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़े लें। एचआरटीसी (HRTC) की रात्रि बस सेवा आज यानी रविवार रात 12 बजे के बाद थम जाएंगी। एचआरटीसी ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन ने मांगें मानने के लिए सरकार को 15 मई तक का अल्टीमेटम दिया था।
हालांकि, तीन माह का नाइट ओवरटाइम प्रबंधन ने दे दिया है, पर कर्मचारी इसे नकाफी करार दे रहे हैं। एचआरटीसी कर्मचारियों का 38 माह का नाइट ओवर टाइम अभी पेंडिंग है। मांगें न माने जाने पर यूनियन रात्रि बस सेवा को ठप करने जा रही है।
एचआरटीसी ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि यूनियन को वार्ता के लिए बुलाने के बाद आंदोलन को कुछ दिन के लिए होल्ड करने के बाद 15 मई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने न उन्हें वार्ता के लिए बुलाया और न ही कोई मांग मानी है। अगर प्रबंधन ने रविवार शाम तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो रात 12 बजे के बाद कोई रात्रि बस नहीं चलेगी।
इससे एचआरटीसी के 2,500 के करीब रूट प्रभावित होंगे। एडवांस ओवर टाइम मिलने की स्थिति में ही ड्राइवर-कंडक्टर ड्यूटी पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि 38 महीनों के रात्रि ओवरटाइम सहित समय पर सैलरी न मिलने समेत उनकी कई मांगें हैं, जिन पर सरकार गौर नहीं कर रही है।
शिमला। HRTC चालक और परिचालक यूनियन ने नाइट ओवरटाइम और अन्य देनदारियों को लेकर सरकार और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला है। यूनियन ने पहले 7 मई को बिना एडवांस लिए नाइट ड्यूटी पर न जाने की बात कही थी।
यूनियन को वार्ता के लिए बुलाने के चलते एचआरटीसी चालक और परिचालकों ने अपना आंदोलन टाल दिया था लेकिन आज प्रबंधन के साथ बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है। यूनियन ने अब एक बार फिर 15 मई तक अल्टीमेटम दिया है। अगर 15 मई से पहले उनकी मांगें नहीं मानी जाती और उनके ओवरटाइम, एरियर और ड्यूस क्लियर नहीं किए जाते तो यूनियन 15 मई आंदोलन शुरू करेगी।
एचआरटीसी चालक और परिचालक यूनियन की प्रबंधक निदेशक के साथ आज हुई बैठक में सिर्फ एक महीने के ओवरटाइम पर ही बात बन पाई। HRTC चालक और परिचालक यूनियन अभी भी असंतुष्ट है और 6 दिन का अल्टीमेटम प्रबंधन व सरकार को दिया है।
HRTC चालक यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर 15 मई से पहले उनकी मांगें नहीं मानी जाती और उनके ओवरटाइम, एरियर और ड्यूस क्लियर नहीं किए जाते तो यूनियन आंदोलन शुरू करेगी।
यूनियन किसी तरह का प्रदर्शन नहीं करेगी, बल्कि नाइट ओवरटाइम की अदायगी न होने पर 15 मई से चालक व परिचालक एडवांस लेकर ही रात्रि सर्विस पर जाएंगे। अगर उन्हें एडवांस न मिला तो नाइट ड्यूटी पर नहीं जाएंगे।
इसके साथ ही मान सिंह ठाकुर ने कहा कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री अभी दौरे पर हैं, उन्होंने कहा है कि दौरे लौटते ही वह 14 या 15 मई को यूनियन के साथ वार्ता करेंगे। HRTC चालक और परिचालकों को दो महीने का ओवरटाइम दे दिया गया और मार्च 2019 का ओवरटाइम भी जल्द जारी कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक 38 महीनों का ओवरटाइम बाकी है।
चिंतपूर्णी। हिमाचल के ऊना जिला के चिंतपूर्णी से दिल्ली HRTC वोल्वो बस सेवा शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी में बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बस में सफर भी किया। नई बस सेवा शुरू होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां पर आने वाले यात्रियों, पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को सुगम यातायात सुविधा मुहैया होगी।
बता दें कि एचआरटीसी (HRTC) के बेड़े में हाल ही में नई वोल्वो बसें शामिल हुई हैं। इसमें एक बस चिंतपूर्णी से दिल्ली के लिए चलाई थी। इसकी घोषणा डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने पहले ही कर दी थी।
HRTC वोल्वो बस वाया भरवाईं, अंब, ऊना, नंगल, रोपड़, चंडीगढ़ 43 सेक्टर, अंबाला और पानीपत होते चलेगी। टाइमिंग की बात करें तो चिंतपूर्णी से सुबह साढ़े 10 बजे वोल्वो बस दिल्ली के लिए रवाना होगी। ऊना से 12 बजे चलकर करीब 3 बजे चंडीगढ़ 43 सेक्टर पहुंचेगी। शाम आठ बजे दिल्ली आईएसबीटी पहुंचेगी। दिल्ली आईएसबीटी से रात करीब 9 बजकर 45 मिनट पर बस चिंतपूर्णी के लिए निकलेगी।
HRTC वोल्वो चंडीगढ़ 43 सेक्टर से सुबह 3 बजे चलकर सुबह करीब पांच बजे ऊना पहुंचेगी। सुबह करीब सात साढ़े सात बजे चिंतपूर्णी पहुंचाएगी। किराए की बात करें तो चिंतपूर्णी से दिल्ली करीब 1039 रुपए लगेंगे। ऊना से करीब 900 रुपए किराया लगेगा। चिंतपूर्णी से चंडीगढ़ 492 रुपए के करीब किराया लगेगा। किराया एचआरटीसी नियमों के अनुसार देय होगा। यह किराया अनुमानित है।
कांगड़ा। हिमाचल में HRTC बसों में महिलाओं को किराए में पचास फीसदी की छूट है। यह छूट हिमाचल के अंदर चलने वाली बसों में ही है। अगर कोई बस एक किलोमीटर भी दूसरे राज्य की सीमा में चलेगी तब भी छूट नहीं मिलेगी।
कौन सी बस किस रूट से होकर जा रही है, महिलाओं को यह जानकारी नहीं होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही रूट के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि महिला यात्रियों के लिए भी और अन्य लोगों के लिए फायदेमंद है। यही नहीं इस रूट पर यात्रियों को आरामदायक सफर करने को भी मिल रहा है।
नई चमचमाती और सुविधाओं से लैस बस में सफर करने का भी मौका मिल रहा है। बस में चार्जिंग प्वाइंट से लेकर कई सुविधाएं हैं। क्योंकि रोहड़ू डिपो की नई बस इस रूट पर चल रही है। गर्मियों में रोहड़ू से शिमला जाने वालों के लिए भी रूट काफी फायदेमंद हैं। लोग रोहड़ू से शिमला आकर अपना काम निपटा समय पर वापस जा सकते हैं। यह रूट धर्मशाला और रोहड़ू डिपो द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। एक दिन धर्मशाला तो एक दिन रोहड़ू डिपो की बस चलती है।
यह रूट है… रोहड़ू से धर्मशाला। इस रूट पर बस रोहड़ू से खड़ापत्थर, ठियोग, शिमला पुराना बस स्टैंड, आईएसबीटी शिमला, दाड़लाघाट, घाघस, घुमारवीं, भोटा, हमीरपुर, नादौन, ज्वालाजी, कांगड़ा, मटौर, शीलाचौक, धर्मशाला चलती है। समय सारणी और किराए के बारे में आपको बताते हैं विस्तार से ….
ये रहेगी टाइमिंग
धर्मशाला से बस सुबह करीब साढ़े पांच बजे रवाना होती है। कांगड़ा से करीब 6 सवा 6, ज्वालाजी से करीब 7 बजकर 10 मिनट, नादौन से करीब साढ़े सात, हमीरपुर से करीब सवा 8 बजे, शिमला से करीब 1 बजकर 30 मिनट पर चलकर शाम सवा सात या साढ़े सात बजे रोहड़ू पहुंचती है। रोहड़ू से सुबह चार बजकर 40 मिनट पर बस धर्मशाला के लिए निकलती है।
शिमला ओल्ड बस स्टैंड के बाद आईएसबीटी से सुबह करीब साढ़े 10 बजे चलती है। घाघस से करीब अढ़ाई बजे निकलती है। घुमारवीं से साढ़े तीन, भोटा से चार सवा चार, हमीरपुर से 4 बजकर 40 मिनट, नादौन से सवा पांच बजे के बाद, ज्वालाजी से करीब साढ़े पांच, कांगड़ा से करीब साढ़े 6 बजे चलकर सात, साढ़े सात बजे धर्मशाला पहुंचती है।
ये रहेगा किराया
किराए की बात करें तो धर्मशाला से रोहड़ू करीब 817, कांगड़ा से रोहड़ू करीब 773 (तिहतर), ज्वालाजी से रोहड़ू करीब 696 (छियानवे) रुपए है। वहीं, धर्मशाला से शिमला 545, कांगड़ा से शिमला 500, ज्वालाजी शिमला 425 रुपए के करीब लगेंगे। किराया एचआरटीसी के अनुसार देय होगा। किराया ऊपर नीचे हो सकता है।