नाइट ओवरटाइम की अदायगी ने होने से कर्मचारी मुखर
शिमला। हिमाचल में 7 मई से एचआरटीसी (HRTC) रात्रि बसों के पहिए थम सकते हैं। HRTC कर्मी नाइट ओवटर टाइम की अदायगी न होने से मुखर हो गए हैं। पिछले माह ही एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन ने सरकार और प्रबंधन को अदायगी के लिए नोटिस दिया था। पर अब तक कर्मचारियों की मांग नहीं मानी गई है। इससे चलते कर्मचारियों ने फैसला लिया है कि अगर 7 मई तक मांग नहीं मानी जाती है तो रात्रि बस सेवा पर नहीं जाएंगे। अगर जाएंगे तो एडवांस लेकर जाएंगे।
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शिमला में मीडिया से बातचीत में एचआरटीसी (HRTC) ड्राइवर यूनियन के राज्य अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि यूनियन ने पिछले माह नाइट ओवर टाइम को लेकर नोटिस दिया था। कर्मचारियों को 41 माह का नाइट ओवर टाइम नहीं मिला है। नाइट ड्यूटी पर जाने वाले ड्राइवर और कंडक्टर को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में 15000 रुपए वेतन लेने वाले कर्मचारी का करीब 6 हजार रुपए तो इसी में चला जा रहा है।
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कर्मचारियों के समक्ष परिवार का पालन पोषण करने की गंभीर समस्या पैदा हो जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर 7 मई तक सरकार को निगम प्रबंधन ने मांग नहीं मानी तो 7 मई को दिन 12 बजे के बाद ड्राइवर कंडक्टर अगर नाइट ड्यूटी पर जाएगा तो एडवांस लेकर जाएंगा, जोकि 3900 रुपए के करीब बनता है। अगर एडवांस नहीं मिलता है तो चालक और परिचालक रात्रि ड्यूटी पर नहीं जाएगा।
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उन्होंने कहा कि इससे लोगों को दिक्कतें जरूर होंगी। पर अब पानी सिर के ऊपर से निकल चुका है। हमारे पास अब और कोई चारा नहीं है। HRTC कर्मियों का लाखों रुपए का नाइट ओवरटाइम बकाया है। इसके अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों को पे कमीशन का 50-50 एरियर भी मिल चुका है। अन्य कर्मचारियों को 3 फीसदी डीए की किस्त भी मिल चुकी है। पर HRTC के कर्मी खाली हाथ हैं। उन्हें न पे कमीशन का और न ही 4-9-14 का एरियर मिला है। वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले माह भी वेतन 13 अप्रैल के आसपास मिला था। हमने मांग की थी कि वेतन पहली तारीख को मिलना चाहिए। पर इस माह की 3 तारीख हो चुकी है और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। सरकार और प्रबंधन ने कर्मचारियों को वेतन में ही उलझा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और निगम प्रबंधन से मांग की है कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द माना जाए। साथ ही ड्राइवर यूनियन को शीघ्र वार्ता के लिए बुलाया जाए।