शिमला। सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्त, गृह, योजना, कार्मिक विभाग देखेंगे वहीं, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जल शक्ति, परिवहन, भाषा एवं संस्कृति विभाग देखेंगे।
इसी तरह से चन्द्र कुमार को कृषि और पशुपालन विभाग का जिम्मा , हर्षवर्धन चौहान को उद्योग, आयुष और संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा, जगत सिंह नेगी को राजस्व, बाग़वानी और जनजातीय विकास का जिम्मा सौंपा गया है।
रोहित ठाकुर को शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा का जिम्मा और अनिरुद्ध सिंह को ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग सौंप दिया। विक्रमादित्य सिंह को पीडब्ल्यूडी और खेल विभाग का जिम्मा सौंप दिया।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आज प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधिमंडलों एवं अन्य लोगों ने भेंट की और उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक मुद्दों से भी अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडलों की मांगों और सुझावों को धैर्यपूर्वक सुना और विश्वास दिलाया कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नए जोश एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आज केकेके हरित सौर ऊर्जा उत्पादक नालागढ़, जिला सोलन के अध्यक्ष केके कश्यप द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 1,01000 रुपये का चेक भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने इस परोपकारी कार्य के लिए आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि संकट के समय यह राशि जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक की तिथि तय हो गई है। सुक्खू कैबिनेट की पहली बैठक 13 जनवरी 2023 को होनी निश्चित हुई है।
कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे प्रदेश सचिवालय में होगी। लोहड़ी पर्व पर कर्मचारियों के लिए OPS की घोषणा होनी तय है। इसे लेकर मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सात मंत्रियों को सचिवालय में बैठने के लिए कमरे और गाड़ियां भी अलॉट कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पुणे से लौटने के बाद एक-दो दिन में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। सोमवार को सप्ताह के पहले वर्किंग-डे से प्रदेश में नव-निर्वाचित मंत्री अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे।
वरिष्ठ मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल को सचिवालय में 123 नंबर कमरा अलॉट हुआ है। चंद्र कुमार कमरा नंबर 115 में बैठेंगे। हर्षवर्धन चौहान को 131 नंबर कमरा अलॉट हुआ है। जगत सिंह नेगी कमरा नंबर 219, रोहित ठाकुर 221, अनिरुद्ध सिंह 321 और विक्रमादित्य सिंह कमरा नंबर 328 में बैठेंगे।
शपथ लेने के बाद मंत्री अनिरुद्ध सिंह, हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, चंद्र कुमार सचिवालय पहुंचकर अपने कमरे में बैठे। इस अवसर पर उनके समर्थक भी भारी संख्या में सचिवालय में जुटे।
गाड़ियों की बात करें तो राज्य सरकार ने इन सभी मंत्रियों को फॉर्च्यूनर गाड़ी दी है। मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल को HP-07E-0005 नंबर गाड़ी दी गई है। चंद्र कुमार को HP 07 B-0001, हर्षवर्धन चौहान को HP07H-0001 नंबर गाड़ी अलॉट हुई है।
वहीं, जगत सिंह नेगी को HP07-0007, रोहित ठाकुर को HP07H-0006, अनिरुद्ध सिंह को HP07G-0004 और मंत्री विक्रमादित्य सिंह को HP07A-0001 नंबर गाड़ी अलॉट हुई है।
मंत्री बनने के बाद आप सभी की नजरें इनको दिए जाने वाले विभागों पर रहेंगी। सूत्रों के अनुसार हर्षवर्धन चौहान को स्वास्थ्य महकमा दिया जा सकता है। कर्नल शांडिल को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मिल सकता है।
विक्रमादित्य सिंह को लोक निर्माण विभाग या उद्योग विभाग का जिम्मा सौंपा जा सकता है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह को शहरी विकास की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। चंद्र कुमार को शिक्षा और रोहित ठाकुर को कृषि और बागवानी दिया जा सकता है। जगत सिंह नेगी को जनजातिय विकास और विधि का दायित्व सौंपा जा सकता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट बनने के साथ ही आम आदमी को बड़ा झटका मिला है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स में तीन रुपए की बढ़ोतरी की है।
हिमाचल की जनता ने बीजेपी को सत्ता के सिंहासन से उतारकर कांग्रेस को सत्ता में लाया है, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही सरकार ने डीजल पर वैट बढ़ा दिया। इससे पहले डीजल पर प्रति लीटर 4 रुपए 40 पैसे वैट था। अब इस वैल्यू एडेड टैक्स बढ़ाकर 7 रुपए 40 पैसे कर दिया गया है।
इसी के साथ शिमला में अब डीजल का दाम भी 85.93 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इसका असर फल और सब्जियों के साथ अन्य वस्तुओं के दामो में भी देखने को मिलेगा यानी की जनता पर महंगाई की मार पड़ने वाली है।
डीजल के दाम बढ़ने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। वाहन चालकों के साथ आम जनता का कहना है कि हाल ही में सत्ता में आई कांग्रेस पहले तो लोगों को राहत देने की बात कर रही थी, लेकिन अब डीजल के दाम बढ़ाकर महंगाई का बोझ लादा जा रहा है। सरकार को वैट बढ़ाने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और आम जनता को बढ़ती महंगाई के इस दौर में राहत देनी चाहिए।
उधर, कांग्रेस सरकार की ओर से डीजल पर तीन रुपए वैल्यू एडेड टैक्स की बढ़ोतरी पर बीजेपी ने निशाना साधा है। हिमाचल बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कहा है कि यह सरकार का जनविरोधी निर्णय है।
डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने से इसका सीधा असर आम लोगों के साथ किसानों पर पड़ेगा।डीजल सीधे तौर पर माल-भाड़े से जुड़ा हुआ है ऐसे में सरकार का निर्णय यह जनविरोधी है। कांग्रेस जनता से झूठे वादे करके सत्ता में आई है और अब जनविरोधी निर्णय लेने का काम कर रही है।
शिमला। हिमाचल में कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर बीजेपी ने हमला बोला है। बीजेपी का कहना है कि 7 मंत्री और 6 सीपीएस कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए उसमें वह प्रदेश के जिला और संसदीय क्षेत्र में संतुलन नहीं बना पाए।
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पूरे विधानसभा सत्र में कांग्रेस सरकार के नेताओं ने हिमाचल में खर्च कम करने की बात की थी पर छह सीपीएस बनाने से उन्होंने हिमाचल की जनता पर करोड़ों रुपए का बोझ डाल दिया है।
बीजेपी उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कहा कि कांग्रेस के मंत्रिमंडल विस्तार से कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही फूट सामने आ गई है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से केवल एक जबकि शिमला से तीन मंत्री बनाए गए हैं।
एक जिला से दो-दो सीपीएस बनाए गए हैं। सीपीएस भी जानते हैं कि वह ज्यादा दिन के मेहमान नहीं हैं। मंत्रिमंडल में वरिष्ठ लोगों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री ने खास लोगों को ही स्थान दिया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आज मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में राज्य मंत्रिमंडल के नवनियुक्त सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया।
मंत्रिमंडल में शिमला जिला से तीन तथा कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और किन्नौर से एक-एक मंत्री शामिल किए गए हैं। कर्नल धनीराम शांडिल को सबसे पहले मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई। दूसरे नंबर पर विधायक चंद्र कुमार ने मंत्रीपद की शपथ ली। वह कांगड़ा जिले की ज्वाली विधानसभा से विधायक हैं।
तीसरे नंबर पर विधायक हर्षवर्धन चौहान को शपथ दिलाई गई। चौथे नंबर पर किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने मंत्री पद की शपथ ली। पांचवें नंबर पर रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली। छठे नंबर पर अनिरुद्ध सिंह और सातवें पर विक्रमादित्य सिंह ने शपथ ग्रहण की।
सोलन विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र से चुने गए प्रो. चंद्र कुमार, सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर विधानसभा क्षेत्र से चुने जगत सिंह नेगी, शिमला जिला के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित रोहित ठाकुर, कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अनिरुद्ध सिंह तथा शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुने गए विक्रमादित्य सिंह ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ ग्रहण की।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल : इनका जन्म सोलन जिला की कंडाघाट तहसील के बशील गांव में नारायणू राम शांडिल के घर 20 अक्तूबर 1940 को हुआ। इन्होंने एमए, एमफिल एवं पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इनके एक बेटा और दो बेटियां हैं। यह राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे हैं। इन्होंने सशस्त्र बलों में वर्ष 1962-1996 तक अपनी सेवाएं प्रदान कीं और कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 1999 में यह हिमाचल विकास कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 13वीं लोकसभा के लिए बतौर सांसद चुने गए। वर्ष 2004 में यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 14वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
अप्रैल 2011 से सितंबर 2013 तक यह मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के प्रभारी और कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य रहे। दिसंबर 2012 में यह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और 25 दिसंबर 2012 से 21 दिसंबर 2017 तक इन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया। दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए यह दूसरी बार चुने गए और कल्याण, लोक प्रशासन एवं आचार नीति समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए।
चंद्र कुमार : इनका जन्म 8 मई, 1944 को कांगड़ा जिला की जवाली तहसील के धन गांव में बेली राम के घर हुआ। इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एमए, एमएड और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की है। इनका विवाह कृष्णा देवी से 2 मार्च 1976 को हुआ। इनका एक बेटा और एक बेटी हैं। यह एक कृषक भी हैं। यह समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और दूरदराज के लोगों की शिकायतों के निवारण में समर्पित रहे हैं।
इन्होंने पूर्ण राज्यत्व के संघर्ष में सक्रिय रूप से भाग लिया। वर्ष 1968 में इन्होंने एक शिक्षक के रूप में कार्य प्रारंभ किया। बाद में यह सरकारी सेवाओं से त्याग-पत्र देकर सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। राज्य युवा कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में इन्होंने शिमला के भट्ठा कुफर (संजय वन) में वृहद् पौधरोपण अभियान में भाग लिया। इन्होंने वर्ष 1978 से 1982 तक शिमला के प्रतिष्ठित सेंट बीड्ज कॉलेज में भूगोल विषय में शिक्षा भी प्रदान की।
वर्ष 1981 में इन्होंने नई दिल्ली में आयोजित शिक्षा पर राष्ट्रीय अधिवेशन में बतौर संयुक्त संयोजक के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1977 में राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा, वर्ष 1982 और 1985 मंे यह राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए, 1990 में पुनः चुनाव लड़ा। इसके उपरांत वर्ष 1993, 1998 और 2003 में पुनः विधायक चुने गए।
वर्ष 1982-85 तक हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष रहे। 14 अप्रैल 1984 से मार्च 1985 तक यह स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और सूचना एवं जन संपर्क विभाग के उप-मंत्री रहे। मार्च 1985 से 1989 तक यह वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। वर्ष 1989 से 1990 तक यह कृषि और कला, भाषा एवं संस्कृति तथा मत्स्य पालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
इन्होंने 13 दिसंबर 1993 से 1998 तक सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त यह वन मंत्री भी रहे। यह कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2004 से 2009 तक सांसद रहे। 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में यह पुनः विधायक चुने गए।
हर्षवर्द्धन चौहान : इनका जन्म सिरमौर जिला के नाहन में स्वर्गीय गुमान सिंह चौहान (पूर्व मंत्री) के घर 14 सितंबर 1964 को हुआ। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल से प्राप्त की और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बी.ए.एल.एल.बी. की उपाधि प्राप्त की। इनका विवाह कल्पना चौहान से हुआ है। इनकी एक बेटी है।
यह महाविद्यालय काल से ही एनएसयूआई के साथ जुड़ गए और महाविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ के सदस्य रहे। वर्ष 1986 से 1988 तक यह युवा कांग्रेस शिलाई के महासचिव चुने गए। वर्ष 1990-96 तक जिला सिरमौर कांग्रेस समिति के महासचिव रहे। वर्ष 1997 में राज्य कांग्रेस समिति के संयुक्त सचिव बने। यह वर्ष 2008-12 तक जिला कांग्रेस समिति सिरमौर के अध्यक्ष रहे तथा वर्ष 2003-07 तक कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव रहे और वर्ष 2005-08 व 2013-18 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव रहे।
वर्ष 1993 में यह राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। इसके उपरांत वर्ष 1998, 2003 और 2007 में लगातार पुनः विधायक बने। वर्ष 1995-97 तक यह राज्य सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 1994-97 तक हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सदस्य रहे। वर्ष 1994-96 तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की कार्यकारी परिषद् के सदस्य रहे। वर्ष 1995-97 तक हिमाचल प्रदेश राज्य युवा बोर्ड के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) के सीनेट में सदस्य रहे।
यह 18 अप्रैल से 18 अगस्त 2005 तक राज्य सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2005-07 एवं 2008-12 तक यह प्राक्कलन समिति, सामान्य विकास समिति तथा याचिका समिति के अध्यक्ष भी रहे। इसी अवधि में यह विधानसभा की अन्य समितियों के सदस्य भी रहे। वर्ष 2013-17 तक यह राज्य स्तरीय संसाधन संघटन एवं रोजगार सृजन समिति के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) रहे। वर्ष 2017 में यह 13वीं विधानसभा के लिए पांचवीं बार निर्वाचित हुए। इस दौरान यह लोक लेखा, पुस्तकालय एवं सुख-साधन एवं विशेषाधिकार समितियों के सदस्य भी रहे। दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
जगत सिंह नेगी : पूर्व विधायक हिमाचल प्रदेश विधानसभा ज्ञान सिंह नेगी के सुपुत्र जगत सिंह नेगी का जन्म 2 फरवरी, 1957 को किन्नौर जिला के कल्पा में हुआ। उन्होंने बी.ए.एल.एल.बी. की शिक्षा डी.ए.वी. महाविद्यालय चण्डीगढ़ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है। उनका विवाह 01 जुलाई, 1982 को सुशीला नेगी से हुआ। उनका एक सुपुत्र और एक सुपुत्री है। वह वर्ष 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं।
वह वर्ष 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह वर्ष 1996 से 2011 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह वर्ष 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रहे हैं। वह वर्ष 1987 से 1992 तक पंचायत समिति पूह के अध्यक्ष तथा 1996 से 1997 तक हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे हैं।
जगत सिंह नेगी 27 मई, 1995 को विधानसभा उप-चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। वह जून, 2003 तथा 2012 में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए। वह 18 अप्रैल, 2005 से 18 अगस्त, 2005 तक संसदीय सचिव रहे। जनवरी 2013 से मार्च 2013 तक अधीनस्थ विधायन समिति के अध्यक्ष तथा 12 मार्च, 2013 से 21 दिसम्बर, 2017 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।
दिसम्बर, 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं सामान्य विकास समिति के सदस्य रहे तथा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक भी रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
रोहित ठाकुर : स्वर्गीय जगदीश चन्द्र के सुपुत्र रोहित ठाकुर का जन्म 14 अगस्त, 1974 को जिला शिमला में हुआ। उन्होंने राजनीतिक विज्ञान बी. ए. ऑनर्स की उपाधि प्राप्त की है। उनका विवाह प्रतिभा से हुआ। उनका एक सुपुत्र व दो सुपुत्रियां हैं। वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल के पौत्र हैं। वह वर्ष 2000 से 2004 तक प्रदेश युवा कांग्रेस राज्य समिति के सदस्य रहे तथा वर्ष 2002 से जुब्बल कोटखाई से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं।
वह वर्ष 2008 से 2011 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रहे हैं। वह वर्ष 2003 तथा 2012 में राज्य विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मई, 2013 से दिसम्बर, 2017 तक मुख्य संसदीय सचिव रहे। 30 अक्तूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए। रोहित ठाकुर दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
अनिरुद्ध सिंह : स्वर्गीय त्रिविक्रम सिंह के सुपुत्र अनिरुद्ध सिंह का जन्म 27 जनवरी, 1977 को शिमला में हुआ। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह चेतना सिंह से हुआ। उनका एक सुपुत्र और एक सुपुत्री है। वह राज्य युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, भारतीय युवा कांग्रेस के राज्य महासचिव, राज्य एवं शिमला लोकसभा क्षेत्र पी.वाई.सी. के उपाध्यक्ष रहे हैं। आई.वाई.सी. के राष्ट्रीय समन्वयक, वर्ष 2005 तथा 2010 में चमियाणा वार्ड से जिला परिषद् के सदस्य और 27 जनवरी, 2011 से जनवरी, 2013 तक जिला परिषद शिमला के अध्यक्ष रहे हैं।
अनिरुद्ध सिंह दिसम्बर, 2012 में 12वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा वर्ष 2013 से 2017 तक सार्वजनिक उपक्रम, अधीनस्थ विधायन एवं नियम समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2017 में पुनः विधायक के रूप में निर्वाचित हुए तथा सार्वजनिक उपक्रम, अधीनस्थ विधायन एवं नियम समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में पुनः 14वीं राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।
विक्रमादित्य सिंह : हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के सुपुत्र विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्तूबर, 1989 को शिमला में हुआ। उन्होंने इतिहास में स्नातक उपाधि सेंट स्टीफनज महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वह वर्ष 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
वह दिसम्बर, 2017 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा सार्वजनिक उपक्रम समिति व ई-गवर्नेंस एवं सामान्य प्रायोजन समिति के सदस्य रहे। विक्रमादित्य सिंह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट विस्तार से पहले रविवार सुबह प्रदेश सचिवालय में 6 मुख्य संसदीय सचिव को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, दून के विधायक रामकुमार, रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, अर्की के विधायक संजय अवस्थी औऱ कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने मुख्य संसदीय सचिव (CPS) के रूप में शपथ ली है।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, विधायकगण, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी गोपाल शर्मा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और नवनियुक्त मुख्य संसदीय सचिवों के परिजन भी उपस्थित थे।
मुख्य संसदीय सचिवों का जीवन-परिचय कुछ इस प्रकार है –
सुंदर सिंह ठाकुर : इनका जन्म खूबी देवी एवं जोग ध्यान ठाकुर के घर 5 मई, 1965 को कुल्लू जिला के शालंग में हुआ। इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बीएससी (मेडिकल) और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की। इनकी धर्मपत्नी इंदिरा ठाकुर एवं दो बेटे हैं। यह बागवानी एवं होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। इन्होंने वर्ष 1985-86 में हिमसा चंडीगढ़ के संगठन सचिव के रूप में कार्य किया।
इसके उपरांत वर्ष 1989-91 तक हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई के उपाध्यक्ष, 1991 में पंचायत समिति सदस्य, वर्ष 1991-94 तक पंचायत समिति कुल्लू के अध्यक्ष, वर्ष 1994-99 तक जिला परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009-2012 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के राज्य प्रतिनिधि तथा वर्ष 2012 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव पद पर रहे।
इन्होंने वर्ष 2003-08 तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा वर्ष 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश खेल परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया। सुंदर सिंह ठाकुर दिसंबर 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए और जनरल डेवल्पमेंट एंड सबोर्डिनेट लेजिस्लेशन कमेटी के सदस्य रहे।
दिसंबर 2022 में यह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक के रूप में चुने गए। यह सामाजिक सेवाओं से जुड़े रहे हैं और सक्रिय रक्तदाता भी हैं। भ्रमण के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की संस्कृति, परंपराओं और जीवन शैली के बारे में जानना-समझना इनकी अभिरुचि में शामिल हैं।
मोहन लाल ब्राक्टा : इनका जन्म शिमला जिछला के रोहड़ू में तेजू राम के घर 19 जून 1965 को हुआ। इन्होंने विधि स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है और एक अधिवक्ता के तौर पर सक्रिय रहे हैं। इनका विवाह रंजना ब्राक्टा के साथ हुआ। इनका एक बेटा और एक बेटी है। यह वर्ष 2012 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
वर्ष 2013 से 2017 तक इन्होंने प्राक्कलन, ग्राम नियोजन, सार्वजनिक उपक्रम, कल्याण, विशेषाधिकार एवं नीति समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। 13वीं विधानसभा के लिए यह पुनः निर्वाचित हुए और कल्याण, नियम एवं ई-गवर्र्नेंस व सामान्य मामले समितियों के सदस्य रहे। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए यह पुनः बतौर विधायक चुने गए।
राम कुमार चौधरी : इनका जन्म सोलन जिला के हरिपुर संदोली गांव में लज्जा राम (पूर्व मुख्य संसदीय सचिव) के घर 2 मार्च 1969 को हुआ। इन्होंने लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। इनका विवाह श्रीमती कुलदीप कौर (निधि) से हुआ है। इनका एक बेटा एवं एक बेटी है। यह रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं। यह हरिपुर संदोली ग्राम सुधार सभा के अध्यक्ष रहे हैं।
इसके अतिरिक्त यह वर्ष 1993-95 में प्रदेश एनएसयूआई के महासचिव, वर्ष 2003 में राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव तथा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के वर्तमान में महासचिव हैं। वर्ष 2006 से 2011 तक यह जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रहे। यह दिसंबर 2012 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए बतौर विधायक चुने गए। दिसंबर 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः विधायक चुने गए।
आशीष बुटेल : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री बृज बिहारी लाल बुटेल के पुत्र आशीष बुटेल का जन्म 9 जनवरी, 1980 को हुआ। उनका विवाह कनिका भुल्लर से हुआ है। इनकी एक सुपुत्री है। उन्होंने सिम्बोयसिस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय पुणे से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह वर्ष 2011 से 2013 तक लोकसभा युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं।
वह वर्ष 2014 से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। वह वर्ष 2017 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा प्राक्कलन एवं ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य रहे। वह दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। आशीष बुटेल जिला कांगड़ा बॉस्केटबाल संघ के अध्यक्ष हैं। उनकी सामाजिक कार्यों तथा अध्ययन में विशेष रूचि है।
किशोरी लाल : स्वर्गीय संत राम के पुत्र किशोरी लाल का जन्म 10 अक्तूबर, 1947 को जिला कांगड़ा के बैजनाथ में हुआ। उनका विवाह जोगिन्द्रा देवी से हुआ। उनका एक सुपुत्र और तीन सुपुत्रियां हैं। वह पांच बार पंचायत प्रधान तथा उप-प्रधान रहे हैं।
वह ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव, जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। किशोरी लाल दिसम्बर, 2012 में प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में पुनः विधायक के रूप में चुने गए हैं।
संजय अवस्थी : स्वर्गीय दिला राम के सुपुत्र संजय अवस्थी का जन्म 7 अक्तूबर, 1965 को गांव व डाकघर कंधेर, तहसील अर्की, जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश में हुआ। उनका विवाह श्रीमती मीनाक्षी से हुआ। उनकी दो सुपुत्रियां हैं। वह वर्ष 1996 से 2006 तक जिला क्रिकेट संघ सोलन के अध्यक्ष तथा वर्ष 2000 से 2005 तक नगर परिषद सोलन के पार्षद रहे।
वह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी के सदस्य है। संजय अवस्थी 30 अक्तूबर, 2021 को विधानसभा उप-चुनाव में प्रथम बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा दिसम्बर, 2022 में 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए। समाज सेवा तथा युवाओं को राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रेरित करने में इनकी विशेष रुचि है। इन्होंने रणजी ट्राफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है।
शिमला। हिमाचल में कैबिनेट विस्तार का इंतजार खत्म हो गया है। सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री कल यानी 8 जनवरी को शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह कल सुबह 10 बजे राजभवन में होगा। राज्यपाल मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। राजभवन में मंत्रियों के शपथ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री अपने कार्यालयों में विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं।
बता दें कि सुक्खू कैबिनेट में 10 मंत्री बनने हैं क्योंकि सीएम और डिप्टी सीएम पहले ही शपथ ले चुके हैं। हिमाचल में मुख्यमंत्री सहित 12 ही मंत्री बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि कल सात मंत्री शपथ ले सकते हैं।
अगर ऐसा होता है तो मंत्री दो चरण में शपथ लेंगे। कल सात मंत्री शपथ लेते हैं तो तीन बाद में लेंगे। टोप लिस्ट में कांगड़ा जिला के जवाली से ओबीसी संबंधित चौधरी चंद्र कुमार और सोलन से धनी राम शांडिल शामिल हैं।
साथ ही कांगड़ा के धर्मशाला से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, सिरमौर के शिलाई से छह बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर के विधायक और पूर्व डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और जुब्बल-कोटखाई से चार बार के विधायक रोहित ठाकुर भी दौड़ में हैं।
रोहित ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री राम लाल ठाकुर के पोते हैं। अब देखना होगा कि कल कौन मंत्री शपथ लेते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कल पुणे के लिए रवाना होंगे। मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल की छुट्टी पर गोवा जा रहे हैं।
दिल्ली से शिमला लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उन्होंने 10 लोगों की सूची हाईकमान को सौंपी है। वहां से क्लियरेंस मिलने के बाद कैबिनेट विस्तार होगा।