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शिमला। प्रदेश सचिवालय शिमला में एसएमसी (SMC) और कंप्यूटर टीचर से जुड़े मसलों को लेकर बनाई गई सब कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि कमेटी ने चार विकल्प सुझाए हैं। इन सुझावों को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा, जिसके बाद इस पूरे मसले पर कैबिनेट बैठक में आखिरी फैसला होगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़े मुद्दों को लेकर कैबिनेट की ओर से बनाई गई सब कमेटी की आज बैठक हुई। एसएमसी SMC शिक्षक हों या कंप्यूटर टीचर सभी शिक्षकों से जुड़े मसलों पर कमेटी ने चर्चा की।
उन्होंने कहा कि एसएमसी (SMC) शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, ऐसे में स्थाई नीति बनाने को लेकर इस मसले को कैबिनेट में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कमेटी ने सभी पहलूओं को देखते हुए इन अध्यापकों से जुड़े मसलों को लेकर चार विकल्प सुझाए हैं, जिस पर आखिरी फैसला कैबिनेट की ओर से किया जाएगा।
बता दें कि हिमाचल कैबिनेट की बैठक 9 फरवरी, 2024 को आयोजित की जाएगी। बैठक में एसएमसी और कंप्यूटर टीचर के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। सब कमेटी रिपोर्ट कैबिनेट बैठक में रखेगी। चर्चा के बाद चार विकल्प में से सही विकल्प चुनने पर फैसला होगा। ऐसे में एसएमसी और कंप्यूटर टीचर को 9 फरवरी को कोई खुशखबरी मिलने की संभावना है।
वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि श्री राम भगवान पर उनकी भी आस्था है, लेकिन कांग्रेस पार्टी विकास के नाम पर चुनाव लड़ने पर विश्वास रखती है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में भाजपा मध्यवर्ती चुनाव में भी जीत के दावे तो करती थी, लेकिन साल 2021-22 और 23 में भाजपा को लगातार हार का मुंह देखना पड़ा। रोहित ठाकुर ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी।
शिमला। व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ आगे बढ़ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ कंप्यूटर टीचर सड़कों पर उतर आए हैं। शिक्षकों ने सरकार से पूछा है कि सरकार यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है, जहां डिफॉल्टर कंपनियों को कंप्यूटर टीचर के नियुक्तियों का जिम्मा सौंप दिया गया है।
22 साल से कार्यरत कंप्यूटर टीचर का भविष्य अभी भी अधर में लटका है और उनके पढ़ाए गए छात्र भी अच्छे पदों पर पहुंच गए हैं, जबकि कंप्यूटर टीचर आज भी सड़कों पर उतर कर हक की मांग कर रहे हैं।
शिमला सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पहुंचे कंप्यूटर टीचर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते कहा है कि सरकार ने NIELIT कंपनी कंप्यूटर टीचर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर सरकार के अधीन इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन के तहत अध्यापकों को रखने का निर्णय लिया था, लेकिन कॉरपोरेशन ने इसे आगे सबलेट करते हुए पांच कंपनियों को कंप्यूटर टीचर की नियुक्ति का काम सौंप दिया है। इनमें कुछ डिफॉल्टर कंपनियां हैं।
कंप्यूटर टीचर एसोसिशन हिमाचल के प्रेस सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि 1,321 कंप्यूटर टीचर प्रदेश के स्कूल में सेवाए दे रहे हैं और मात्र 14 हजार रुपए महीना अध्यापकों को मिल रहा है। PTA, PET और पैरा टीचर को सरकार ने नीति बनाकर नियमित कर दिया है, जबकि कंप्यूटर टीचर उनसे भी पहले से सेवाएं दे रहे हैं और आज तक केवल आश्वासन ही मिलते आए हैं।