हक को लेकर सड़कों पर उतरे शिक्षक
शिमला। व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ आगे बढ़ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ कंप्यूटर टीचर सड़कों पर उतर आए हैं। शिक्षकों ने सरकार से पूछा है कि सरकार यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है, जहां डिफॉल्टर कंपनियों को कंप्यूटर टीचर के नियुक्तियों का जिम्मा सौंप दिया गया है।
22 साल से कार्यरत कंप्यूटर टीचर का भविष्य अभी भी अधर में लटका है और उनके पढ़ाए गए छात्र भी अच्छे पदों पर पहुंच गए हैं, जबकि कंप्यूटर टीचर आज भी सड़कों पर उतर कर हक की मांग कर रहे हैं।
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शिमला सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पहुंचे कंप्यूटर टीचर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते कहा है कि सरकार ने NIELIT कंपनी कंप्यूटर टीचर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर सरकार के अधीन इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन के तहत अध्यापकों को रखने का निर्णय लिया था, लेकिन कॉरपोरेशन ने इसे आगे सबलेट करते हुए पांच कंपनियों को कंप्यूटर टीचर की नियुक्ति का काम सौंप दिया है। इनमें कुछ डिफॉल्टर कंपनियां हैं।
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कंप्यूटर टीचर एसोसिशन हिमाचल के प्रेस सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि 1,321 कंप्यूटर टीचर प्रदेश के स्कूल में सेवाए दे रहे हैं और मात्र 14 हजार रुपए महीना अध्यापकों को मिल रहा है। PTA, PET और पैरा टीचर को सरकार ने नीति बनाकर नियमित कर दिया है, जबकि कंप्यूटर टीचर उनसे भी पहले से सेवाएं दे रहे हैं और आज तक केवल आश्वासन ही मिलते आए हैं।
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