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हरिद्वार से चंबा जा रही HRTC बस और कार में टक्कर, एक की मौत April 26, 2024
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शिमला। रिजल्ट निकाले जाने की मांग को लेकर जेओए आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 817 सहित अन्य पोस्ट कोड, स्टेनो टाइपिस्ट पोस्ट कोड 928, ड्राइंग मास्टर पोस्ट कोड 980 आदि के अभ्यर्थी शिमला में डटे हुए हैं। शिमला के चौड़ा मैदान में अभ्यर्थियों की भूख हड़ताल शुरू हो गई है। शिमला के चौड़ा मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे एक अभ्यर्थी की तबीयत खराब हो गई। उसे आईजीएमसी शिमला ले जाया गया।
बता दें कि विभिन्न पोस्ट कोड के अभ्यर्थी 9 फरवरी को शिमला में एकत्रित हुए थे। कैबिनेट बैठक से पहले प्रदेश सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था। कड़ाके की ठंड में रात बिना छत, कंबल और रजाई के सड़क पर गुजारी थी।
अभ्यर्थी लंबित रिजल्ट निकाले जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, 9 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में भर्तियों के लंबित रिजल्ट को लेकर एक सब कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। कमेटी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में बनाई जाएगी, लेकिन अभ्यर्थियों को यह निर्णय मंजूर नहीं है। अभ्यर्थी रिजल्ट निकाले जाने की लिखित मांग पर अड़े हुए हैं।
इसके बाद आज यानी सोमवार से अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है, जो एक महीना तक चलेगी। शिमला में भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों ने बताया कि क्रमिक अनशन के बाद आज से सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल की जा रही है।
सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने के लिए कमेटी बनाई है, जो परिणाम और ज्यादा लटकाने के लिए बनी है, जबकि कमेटी चाहे तो सप्ताह में ही अपना निर्णय ले सकती है, लेकिन सरकार बेरोजगारों के दर्द को समझ नहीं रही है।
शिमला में अभ्यर्थी 3 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी सुध नहीं ले रहा। एक अभ्यर्थी की आज तबियत भी बिगड़ी है जिसे अस्पताल ले जाया गया है। एक महीने की भूख हड़ताल के बाद लोकसभा चुनाव आचार संहिता शुरू होते ही बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर सरकार के खिलाफ न्याय यात्रा निकाली जाएगी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) (JOA IT) पोस्ट कोड 817 की भर्ती प्रक्रिया लगभग 4 वर्ष से लटकी है। कोर्ट की क्लीयरेंस मिलने के बाद भी 817 के अभ्यर्थियों का फाइनल रिजल्ट नहीं निकल पाया है। इससे हताश होकर अभ्यर्थी वीरवार को शिमला सचिवालय के बाहर पहुंचे और सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर करते हुए तुरंत रिजल्ट निकालने की सरकार से गुहार लगाई है।
जेओए आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 817 के अभ्यर्थी ने बताया कि कई बार मुख्यमंत्री, मंत्रियों से मिले हैं और रिजल्ट को निकालने की बार-बार मांग की गई है। हर बार केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं, जिसके चलते अभ्यर्थियों को कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
अभ्यर्थी सौरव शर्मा ने कहा कि JOA IT पोस्ट कोड 817 का रिजल्ट को लटकाने का दोनों ही सरकारों में प्रयास हुआ है। बेरोजगारों के साथ सरकार मजाक कर रही है। बार-बार मुख्यमंत्री कई मंच से रिजल्ट निकालने की बात कह चुके हैं, लेकिन इतना समय भी जाने के बाद भी बेरोजगारों के हाथ खाली हैं। सरकार बेरोजगारों को समस्या को समझे और तुरंत फाइनल रिजल्ट घोषित करें।
नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने श्रवणबाधित अभ्यर्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अभ्यर्थियों को परीक्षा स्थलों पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक कान की मशीन (श्रवण यंत्र) के उपयोग की अनुमति होगी। इस बारे SSC ने नोटिस जारी किया है।
बता दें कि आयोग के मौजूदा निर्देश के अनुसार परीक्षा हॉल में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की अनुमति नहीं है। आयोग ने परीक्षा स्थलों पर बधिर अभ्यर्थियों को होने वाली असुविधाओं का संज्ञान लेते हुए तथा स्थल पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच के लिए सुविधा और समय की कमी को ध्यान में रखते हुए श्रवण-बाधित उम्मीदवारों को परीक्षा स्थलों पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक श्रवण यंत्र का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
यह सुविधा केवल उन्हीं उम्मीदवारों को दी जाएगी, जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र या परीक्षा के उनके प्रवेश प्रमाण पत्र में दर्शाए गए अनुसार बधिर श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, ऐसे उम्मीदवार को अपना श्रवण यंत्र हटाना/बंद करना होगा, क्योंकि मौजूदा मानदंडों के अनुसार, परीक्षा शुरू होने से पहले उम्मीदवार को परीक्षा से संबंधित निर्देश कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध करा दिए जाते हैं।
उम्मीदवारों को श्रवण यंत्र का उपयोग करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी, जब परीक्षा हॉल में कोई घोषणा की जाती है या उनके पास पूछने के लिए कोई स्पष्टीकरण है। परीक्षा के दौरान डिवाइस को हर समय बंद रखने की जिम्मेदारी उम्मीदवार की होगी और यदि कोई दुरुपयोग होता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी और उसे प्रतिबंधित किया जाएगा।
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