धर्मशाला। जिला निर्वाचन अधिकारी और डीसी हेमराज बैरवा ने मंगलवार को कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी के खुंडियां, बारीकलां तथा लगडू में पोलिंग बूथों का तथा नगरोटा विस क्षेत्रों के बड़ोह क्षेत्र में विभिन्न पोलिंग बूथों का निरीक्षण किया।
बूथ लेवल अधिकारियों को बुजुर्गों, महिलाओं व दिव्यांगों की सुविधा के लिए मतदान केन्द्रों में रैंप, सुलभ शौचालय, पेयजल व उचित प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को पोलिंग बूथों की स्थापना के लिए चुनाव आयोग के दिशा निर्देशानुसार आवश्यक प्रबंधों की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
डीसी ने कहा कि कांगड़ा जिला के 15 विधानसभा क्षेत्रों में 1642 पोलिंग बूथ स्थापित किए गए हैं जिसमें 33 मॉडल पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जा सके।
इसमें प्रत्येक विस क्षेत्र में दो-दो तथा ज्वालामुखी, देहरा, जसवां प्रागपुर में तीन-तीन मॉडल पोलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला के विभिन्न विस क्षेत्रों में 29 पोलिंग बूथ महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे।
इसके साथ ही आठ पोलिंग स्टेशन दिव्यांगों तथा धर्मशाला का दाड़ी बूथ युवाओं द्वारा संचालित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला में कुल मतदाताओं की संख्या 1328768 हैं, जिसमें पुरुष मतदाता छह लाख 79 हजार 472 महिला मतदाता छह लाख 49 हजार 292 मतदाता हैं। 18-19 वर्ष आयु वर्ग के नए मतदाताओं की संख्या 10441 हैं, जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 9938 है। अस्सी वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं की संख्या 37,505 है।
कानून व्यवस्था के लिए एसपी कांगड़ा तथा एसपी नुरपूर, स्वीप के लिए एडीसी, ईवीएम प्रबंधन के लिए एडीएम, आदर्श आचार संहिता एमसीसी के लिए एडीएम, परिवहन के लिए डीएम एचआरटीसी, दिव्यांगजनों के लिए जिला कल्याण अधिकारी को नोडल आफिसर तैनात किया गया है।
इस अवसर एसडीएम ज्वालामुखी डा संजीव शर्मा, एसडीएम नगरोटा मुनीष शर्मा भी उपस्थित थे।
कांगड़ा। हिमाचल की कांगड़ा पुलिस ने हेरोइन सहित एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी कांगड़ा के जमानाबाद क्षेत्र में किसी ग्राहक को हेरोइन सौंपने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने इसे धर दबोचा।
आरोपी के खिलाफ कांगड़ा पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं।
युवक को हेरोइन सहित पकड़े जाने की पुष्टि डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा ने की है। डीएसपी अंकित शर्मा ने कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
हाल ही में यह देखा गया है कि ड्रग तस्कर हिमाचल के बाहर के राज्यों से हेरोइन ला रहे हैं और इसे लोगों को बेच रहे हैं। इसमें छात्रों को सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना है।
सोमवार सुबह जब ट्रक चालक नहीं उठा तो उसे सामान उतारने के लिए आवाज लगाई, लेकिन चालक की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
कुछ समय बाद ट्रक की खिड़की खोलकर देखा तो चालक बेसुध हालत में पड़ा था। मामले की सूचना पुलिस थाना कांगड़ा में दी गई। सूचना मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची।
ऋषि महाजन/ जसूर। पठानकोट-मंडी फोरलेन के कार्य ने कांगड़ा जिला के व्यापारिक शहर जसूर का नूर छीन सा लिया है। वहीं, ट्रेन भी दगाबाज साबित हो रही है। इसके चलते जसूर में दुकानदारों को तो परेशानी उठानी पड़ ही रही है। साथ ही लोगों को भी दिक्कत हो रही है।
व्यापारियों का कहना है कि जसूर में फोरलेन का काम काफी धीमी गति से चला हुआ है। इसे देखते हुए लगता है कि अगले चार साल में भी यह पूरा नहीं होगा। वहीं, डेढ़ साल से छुकछुक बंद है।
कांगड़ा-चंबा लोकसभा सांसद ने हमारे मन की बात नहीं सुनी। धूल से हमारा बुरा हाल हो रहा है। आर्थिक रूप से नुकसान के साथ स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ हो रहा है।
फोरलेन के कार्य के चलते और ट्रेन बंद होने से लोग बाजार का रुख करने से बच रहे हैं। साथ ही धूल से व्यापारियों को बीमारियां का खतरा बढ़ गया है। क्योंकि व्यापारियों को तो मजबूरन दुकानें खोलकर पूरा दिन बैठना ही पड़ता है।
व्यापार मंडल जसूर के प्रधान राजीव महाजन का कहना है कि डेढ़ साल से रेल बंद है। इसको लेकर मौजूदा कांगड़ा के सांसद किशन कपूर ने प्रश्न नहीं उठाया। फोरलेन का कार्य पिछले दो साल से धीमी गति से चल रहा है। इस गति से अगले चार साल तक काम पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
इससे लोगों और जसूर के दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। नुकसान की भरपाई दो तीन साल तक नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि धीमी गति से चले फोरलेन के कार्य को लेकर समस्त व्यापारियों से बैठक कर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। अगर जरूरी हुआ तो प्रदर्शन का रास्ता अपनाया जाएगा।
जसूर निवासी गोलू पठानिया और रण सिंह का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से रेल बंद पड़ी है। नूरपुर रोड (जसूर) रेलवे स्टेशन सुना पड़ा है। फोरलेन का कार्य काफी धीमी गति से चला है। कोई सुध लेने वाला नहीं है। व्यापारियों को लोगों की बात सुनने वाले को ही वोट मिलेगा।
पालमपुर। अग्निवीर ऑनलाइन लिखित परीक्षा के लिए कांगड़ा और चंबा जिला के उम्मीदवारों के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं।
कांगड़ा और चंबा जिला के अग्निवीर आवेदकों की प्रथम चरण ऑनलाइन लिखित परीक्षा 22 अप्रैल, 2024 से शुरू होगी। सेना भर्ती कार्यालय पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) के भर्ती निदेशक कर्नल मनीष शर्मा (सेना मेडल) ने ये जानकारी दी है।
जिन अभ्यर्थियों का आवेदन असफल पंजीकृत हुआ है और किसी तकनीकी कारण से प्रवेश पत्र प्राप्त नहीं हुआ है वे सेना भर्ती कार्यालय पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में ऑनलाइन लिखित परीक्षा से 3-4 दिन पहले निजी तौर पर संपर्क कर सकते हैं।
अभ्यर्थी यह भी ध्यान दें कि परीक्षा केंद्र पर प्रवेश पत्र में दिए हुए तिथि, स्थान व समय पर पहुंचे अन्यथा प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
परीक्षा केंद्रों पर अभ्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ब्लूटूथ, लैपटॉप, मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कर्नल मनीष शर्मा (सेना मेडल) ने यह भी बताया कि सेना भर्ती प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत, निष्पक्ष और पारदर्शी हैं। आवेदक किसी भी दलाल से संपर्क न करें, वह भर्ती प्रक्रिया में आपको मदद नहीं कर सकते।
फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी पर लगे लापरवाही के आरोप
ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के तहत जसूर में शनिवार सुबह एक सड़क हादसा हुआ है। यहां पर एक स्कूटी सवार महिला को ट्रक ने कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है और आगामी कार्रवाई में जुट गई है।
हालांकि, मामले को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फोरलेन के निर्माण में डायवर्जन को सही तरीके से न दर्शाने के कारण ये हादसा हुआ है।
लोगों का कहना है कि ये सारा का सारा कसूर फोरलेन कंपनी का है। जिस जगह पर इनका दिल करता है गड्डे कर देते हैं, पुराना काम इनका खत्म नहीं होता और नया शुरू कर देते हैं।
कछुआ चाल से काम चला हुआ है। जसूर बाजार के समस्त दुकानदारों का धूल से बुरा हाल है, लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है।
कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा जिला में शुक्रवार दोपहर एक सड़क हादसा पेश आया है। कांगड़ा सुरंग के पास समेला में श्रद्धालुओं से भरी एक बस सड़क पर पलट गई। बस श्रद्धालुओं से भरी हुई थी।
बस में करीब 50-60 श्रद्धालु सवार थे। हादसे में करीब 15 श्रद्धालुओं को चोटें आई हैं जिन्हें उपचार के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। पुलिस प्रशासन मौके पर है और बस को सड़क से हटाने के लिए मशीनरी भी पहुंच गई है।
जानकारी के अनुसार, चैत्र नवरात्र के चलते उत्तर प्रदेश के फरबाबाद जिला से श्रद्धालु बस (UP 82 T7752) में सवार होकर कांगड़ा में मां बज्रेश्वरी को दर्शनों को आए हुए थे।
शुक्रवार दोपहर मां बज्रेशवरी के दर्शनों के बाद श्रद्धालु मां ज्वालामुखी मंदिर जा रहे थे। कांगड़ा सुरंग के पास समेला में मोड़ पर अचानक बस में कोई तकनीकी खराबी आ गई और चालक ब्रेक नहीं लगा पाया।
प्रयागराज में नॉर्दर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल ने दिया सम्मान
ज्वालामुखी। कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी उपमंडल निवासी मेजर भावुक शर्मा को कश्मीर घाटी में जान पर खेलकर आतंकवादी को मार गिराने के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नॉर्दर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल ने उन्हें यह सम्मान दिया है। ज्वालामुखी के वार्ड नंबर 7 निवासी संजय शर्मा के पुत्र भावुक शर्मा 21 साल की उम्र में भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल में भर्ती हुए थे।
2023 में उनकी ड्यूटी कश्मीर घाटी के बारामूला में थी। इस दौरान उन्हें एक गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली।
भावुक शर्मा ने अपनी टीम के साथ इलाके की घेराबंदी की और काफी समय तक चली मुठभेड़ में भावुक ने एक आतंकी को मार गिराया। मेजर भावुक के पिता संजीव शर्मा सेवानिवृत्त एसीएफ हैं और माता आशा शर्मा गृहिणी हैं।
माता-पिता के अलावा परिवार में पत्नी राविया शर्मा और बेटी काशवी शर्मा है। मेजर भावुक शर्मा ने दसवीं तक की शिक्षा ज्वालामुखी के सरस्वती बाल भारती स्कूल में की है। इसके बाद डीएवी स्कूल चंडीगढ़ से उन्होंने 12वीं पास की।
21 साल की उम्र में भावुक लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में भर्ती हुए थे। 2023 से उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में है। भावुक को सेना पदक मिलने से उनके परिवार सहित ज्वालामुखी के लोग बेहद खुश हैं और गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।
हरिपुर। गुलेर रियासत और उसकी राजधानी हरिपुर को कौन नहीं जानता होगा। इतिहास में भी इनका जिक्र आता है। हरिपुर कांगड़ा जिला के विधानसभा क्षेत्र देहरा के तहत पड़ता एक कस्बा है। हरिपुर वर्तमान में वजूद की जंग लड़ रहा है। यहां बेशकीमती प्राचीन धरोहरें हैं, जोकि खंडहरों में तब्दील हो चुकी हैं।
अब संस्कृति की पहचान कहलाने वाले हरिपुर बाबा धुडू छिंज मेले पर भी संकट पैदा हो गया है। मेला हरिपुर चौगान में आयोजित नहीं होगा। इसका कारण हरिपुर चौगान का शिक्षा विभाग के अधीन होना है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने स्कूल के मैदानों में ऐसे आयोजन पर रोक लगाई है। ऐसा बच्चों की पढ़ाई के मध्यनजर लिया गया है।
इसके चलते मेले का आयोजन हरिपुर अस्पताल के पास निजी भूमि पर किया जाएगा। निजी भूमि पर मेला कब तक आयोजित होता रहेगा इस पर भी सवाल है। अब कारण प्रशासनिक, राजनीतिक या आपसी खींचतान कुछ भी हो, पर मेले के अस्तित्व पर तो संकट जरूर है।
हालांकि, शिक्षा विभाग की एनओसी के साथ चौगान में मेला आयोजन की अनुमति ली जा सकती थी। ऐसे प्रयास किए जाते तो चौगान में मेला हो सकता था। क्योंकि आयोजन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित तो नहीं हो रही आदि को देखते हुए एजुकेशन अथॉरिटी एनओसी दे सकती है।
हरिपुर चौगान की बात करें तो यहां आयोजन पर बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पड़ने के कम चांस हैं, क्योंकि स्कूल चौगान के आखिरी कोने में है। मैदान काफी बड़ा है। पर जानकारी के अनुसार इस बार मेले का आयोजन करने वाली कमेटी हरिपुर चौगान में मेले का आयोजन करवाने से इंकार करते हुए किसी और जगह मेला करवाने की अनुमति ली है।
बता दें कि हरिपुर बाबा धुडू छिंज मेले का आयोजन हर वर्ष 10 अप्रैल को आयोजित होता है। पहले मेला सूखा तालाब में आयोजित किया जाता है। पर सूखा तालाब में जगह की कमी के चलते मेले को हरिपुर चौगान में शिफ्ट किया गया था।
उस वक्त भी मेला शिफ्ट करने का कुछ लोगों ने विरोध किया था और शिफ्ट होने के साल दो जगह मेला आयोजित किया गया था। इसके बाद से मेला चौगान में ही आयोजित होता था। हरिपुर में यही एक मात्र बड़ा मैदान है।
देहरा एसडीएम शिल्पा बेक्टा ने कहा कि ग्राउंड रेवेन्यू या पंचायत के अधीन होता तो मेले का आयोजन हो सकता था। ग्राउंड शिक्षा विभाग के अधीन है। हाईकोर्ट ने स्कूल मैदानों में ऐसे आयोजन पर रोक लगाई है।
यहां आयोजन की अनुमति एजुकेशन अथॉरिटी की एनओसी के बाद ही दी जा सकती है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित तो नहीं हो रही आदि को ध्यान में रखते हुए एनओसी दी जाती है।
हरिपुर में 10 अप्रैल को मेला आयोजन की अनुमति के लिए लोग उनके पास आए थे। उन्होंने हरिपुर ग्राउंड में मेले का आयोजन करने से इंकार करते अन्य जगह मेला आयोजन की अनुमति ली है। मेला किसी प्राइवेट जगह करवाया जा रहा है।