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एशियन गेम्स 2023 : भारत में मेडल्स की बौछार, आंकड़ा पहुंचा 100 के पार

एशियाई खेलों के इतिहास में भारत ने पहली बार लगाया पदकों का शतक

नई दिल्ली। एशियन गेम्स 2023 में भारत ने इतिहास रच दिया है। भारत ने 14वें दिन 100 मेडल का जादुई आंकड़ा पार कर लिए और पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। एशियाई खेलों के इतिहास में भारत ने पहली बार पदकों का शतक लगाया है। इस प्रतियोगिता में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

भारत ने 11वें दिन 71 का जादुई आंकड़ा छुआ था और एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इसके बाद से यह बेहतर होता चला गया। इससे पहले एशियाई खेल के एक संस्करण में भारत ने सर्वाधिक 70 पदक जीते थे। यह 2018 जकार्ता में हुआ था।

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मेडल पाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। हांगझोऊ एशियन गेम्स 2023 में भारत का शानदार प्रदर्शन अभी जारी है। 14वें दिन की सुबह भारत की झोली में पांच पदक आए हैं। शूटिंग में ज्योति और ओजस ने स्वर्ण पदक जीता। वहीं, महिला कबड्डी टीम भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही।

तीरंदाजी में अभिषेक ने रजत और अदिति ने कांस्य पदक अपने नाम किया। दिन का पहला पदक कंपाउंड तीरंदाजी में ही आया। अदिति ने महिला एकल में कांस्य पदक अपने नाम किया। इसके बाद इसी प्रतियोगिता में ज्योति ने स्वर्ण पदक जीता।

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पुरुषों की कंपाउंड तीरंदाजी प्रतियोगिता का फाइनल अभिषेक और ओजस के बीच था। ऐसे में भारत के दोनों पदक पहले से ही पक्के थे। ओजस ने फाइनल में बेहतर प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि अभिषेक को रजत से संतोष करना पड़ा। इसके बाद महिला कबड्डी टीम ने चीनी ताइपे को हराकर लगातार चौथी बार एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

 

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बता दें कि एशियन गेम्स की शुरुआत 1951 में हुई थी। दिल्ली में इसका आयोजन किया गया था और मेजबान भारत ने कुल 51 पदक जीते थे। इसमें 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल थे। पदक तालिका में भारत दूसरे स्थान पर था।

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हालांकि, इसके बाद भारत को 50 पदक हासिल करने के लिए 31 साल का इंतजार करना पड़ा। 1982 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई खेलों में भारत ने 13 स्वर्ण सहित 57 पदक जीते। 1954 में भारत ने कुल 17 और 1958 में सिर्फ 13 पदक जीते, जबकि 1951 में भारत ने 15 स्वर्ण जीते थे।

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1990 में ऐसा मौका भी आया, जब पदक तालिका में भारत शीर्ष 10 में भी नहीं था। इस साल भी भारत के पास सिर्फ 23 पदक थे। इसमें सिर्फ एक स्वर्ण पदक था। 1998 से भारत के प्रदर्शन में सुधार आया और 2006 में पहली बार भारत ने घर से बाहर 50 से ज्यादा पदक जीते।

इसके बाद से भारत लगातार 50 से ज्यादा पदक जीतता आया है। 2010 में भारत ने 65 पदक जीते और सबसे ज्यादा पदकों का नया कीर्तिमान हासिल किया। 2018 में भारत ने इसे बेहतर किया और 70 पदक जीते।

 

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एशियन गेम्स 2023 : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रचा इतिहास, जापान को हराकर जीता गोल्ड मेडल

नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने चीन के हांगझोऊ में चल रही एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। यह हॉकी में भारत का चौथा स्वर्ण रहा। इससे पहले 1966, 1998 और 2014 में भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।

वहीं, एशियाड में कुल मिलाकर भारतीय हॉकी टीम का यह 16वां पदक रहा। चार स्वर्ण के अलावा टीम इंडिया ने 1958, 1962, 1970, 1974, 1978, 1982, 1990, 1994, 2002 एशियाई खेलों में रजत जीता था, जबकि 1986, 2010 और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पर कब्जा जमाया था।

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इन खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीतने के मामले में भारत शीर्ष पर (पदकों की संख्या के मामले में) है। 16 पदकों में भारत के पास चार स्वर्ण, नौ रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। वहीं, पाकिस्तान के पास 14 पदक हैं।

इनमें आठ स्वर्ण (1958, 1962, 1970, 1974, 1978, 1982, 1990, 2010), तीन रजत (1966, 1986, 2014) और तीन कांस्य (1994, 1998, 2006) पदक शामिल हैं। कोरिया के पास सात पदक हैं। इनमें चार स्वर्ण (1986, 1994, 2002, 2006), एक रजत (1998) औ दो कांस्य पदक (1958, 2014) शामिल हैं। जापान के नाम तीन पदक हैं। इनमें एक स्वर्ण (2018) और दो कांस्य पदक (1966, 1970) शामिल हैं।

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भारतीय पुरुष हॉकी टीम इस पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। उसने लगातार सात मैच जीते। भारत को पूल-ए में पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, सिंगापुर, जापान और बांग्लादेश के साथ रखा गया था। पहले मैच में भारत ने उज्बेकिस्तान को 16-0 से रौंदा। दूसरे मैच में सिंगापुर को 16-1 से परास्त किया।

तीसरे मैच में जापान को 4-2 से हराया। वहीं, चौथे मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 10-2 से करारी शिकस्त दी। यह भारत की पाकिस्तान पर सबसे बड़ी जीत रही। पांचवें और आखिरी ग्रुप मैच में भारत ने बांग्लादेश को 12-0 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 5-3 से शिकस्त दी। वहीं, फाइनल में जापान को 5-1 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।

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भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 68 गोल दागे, जो कि सबसे ज्यादा है। वहीं, उसके खिलाफ कुल नौ गोल हुए। भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने सबसे ज्यादा 13 गोल दागे। वहीं, फॉरवर्ड मनदीप सिंह ने 12 गोल किए। अभिषेक ने नौ और वरुण कुमार ने आठ गोल दागे। हरमनप्रीत ने इन एशियाई खेलों में तीन मैचों में गोल की हैट्रिक लगाई।

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एशियाई खेलों में यह भारत का 13वां फाइनल था और उसने इसमें से चार जीते हैं और नौ में उसे हार का सामना करना पड़ा है। भारत और जापान अब तक कुल 37 बार आमने-सामने आ चुके हैं। इनमें से टीम इंडिया ने 30 और जापान ने तीन मुकाबले जीते हैं। चार मैच ड्रॉ रहे हैं।

दोनों टीमें फाइनल से पहले ग्रुप राउंड में आमने सामने आई थी। तब भारत ने जापान को 4-2 से हराया था। सेमीफाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को 5-3 से और जापान ने चीन को 3-2 से हराया था। कांस्य पदक कोरिया ने जीता। तीसरे स्थान के लिए मैच में उसने चीन को 2-1 से हरा दिया।

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गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने फिर जीता सोना : एशियन गेम्स में भारत का 17वां गोल्ड

किशोर जेना का बेहतरीन प्रदर्शन, जीता सिल्वर मेडल

नई दिल्ली। भारत के गोल्डन ब्वॉय वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 19वें एशियन गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया है।

नीरज ने 88.88 मीटर की दूर भाला फेंक कर यह कमाल किया। नीरज के अलावा किशोर जेना ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता है। इस एशियाई खेलों में भारत ने अभी तक 17 गोल्ड अपने नाम कर लिए हैं।

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हालांकि, नीरज के लिए शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। उनके पहले थ्रो को ही फाउल करार दे दिया गया था। नीरज का पहला थ्रो लगभग 90 मीटर का था। इसके बाद काफी देर तक नीरज चोपड़ा की अधिकारियों से बहस भी हुई और खेल को कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ गया था।

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दरअसल, नीरज ने जब अपना पहला थ्रो किया था तो दूरी नापने वाली मशीन में दिक्कत आ गई थी इसके कारण आधिकारिक से रूप से उस थ्रो को फाउल करार दे दिया गया।

इसके बाद नीरज ने फिर से अपना पहला प्रयास किया, जिसमें 82.38 मीटर की दूरी तक जेवलिन फेंकी। नीरज का दूसरा प्रयास 84.49 मीटर का थ्रो फेंका, वहीं उनका तीसरा प्रयास फाउल हो गया था।

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इस बीच किशोर जेना ने अपने तीसरे प्रयास में 86.77 मीटर का थ्रो फेंककर नीरज से आगे निकल गए थे। हालांकि नीरज ने अपने चौथे प्रयास में 88.88 मीटर दूर भाला फेंक कर बढ़त बना ली।

इस दौरान नीरज चोपड़ा और किशोर जेना के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। किशोर जेना ने भी अपना पूरा दम खम दिखाते हुए चौथे प्रयास में 87.54 मीटर दूर भाला फेंका।

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वहीं, नीजर चोपड़ा ने अपने पांचवें प्रयास में 80.80 मीटर दूर ही भाला फेंक सके जबकि उनका आखिरी प्रयास फाउल हो गया। हालांकि इसके बावजूद नीरज ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इसके अलावा किशोर जेना का पांच और छठा प्रयास फाउल रहा लेकिन वह फिर भी सिल्वर मेडल में जीतने कामयाब रहे।

नीरज चोपड़ा और किशोर जेना के बाद जापान के डीन रॉड्रिक गेनकी 82.68 मीटर दूर थ्रो फेंकते हुए तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा।

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास : एशियन गेम्स में जीता गोल्ड मेडल

नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हांगझोऊ में इतिहास रच दिया। भारतीय टीम ने पहली बार एशियन गेम्स में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल जीता। हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने एशियन गेम्‍स 2023 के महिला क्रिकेट के फाइनल में सोमवार को श्रीलंका को 19 रन से पटखनी दी। भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्‍नों में दर्ज करवा लिया है।

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भारतीय महिला टीम की दिग्गज सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड मेडल जीतने को लेकर कहा कि उन्होंने नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल जीतते हुए टीवी पर देखा था और अब खुद ये कारनामा किया। मंधाना के मुताबिक उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। मंधाना ने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि भारत के लिए हम एक और मेडल लेकर आए और गोल्ड तो गोल्ड होता है। हमने अपना बेस्ट दिया और इस बात की मुझे बेहद खुशी है

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भारत की तरफ से बल्लेबाजी में स्मृति मंधाना ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने 45 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 46 रनों की पारी खेली। हांगझोऊ में खेले गए मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और निर्धारित 20 ओवर में सात विकेट खोकर 116 रन बनाए। जवाब में श्रीलंकाई टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 97 रन बना सकी।

117 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका को कप्तान चमारी अट्टापट्टू ने धमाकेदार शुरुआत दिलाई। उन्होंने दीप्ति शर्मा द्वारा किए पारी के पहले ओवर में एक छक्के और एक चौके के साथ 12 रन बनाए। मगर फिर भारत की युवा तेज गेंदबाज तितस सिद्धू ने अपना जलवा बिखेरा। उन्होंने अपने पहले ओवर में अनुष्का संजीवनी (1) और विषमी गुनारत्ने को शिकार बनाया। गुनारत्ने खाता नहीं खोल सकी।

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इसके बाद सिद्धू ने श्रीलंका को तगड़ा झटका देते हुए कप्तान चमारी अट्टापट्टू (12) को कवर्स में दीप्ति शर्मा के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद हसीनी परेरा (25) और निलाक्षी डी सिल्‍वा (23) के बीच साझेदारी हुई, लेकिन ये दोनों रन गति में इजाफा नहीं कर सकी।

भारतीय गेंदबाजों ने नियमित अंतराल में विकेट निकाले और श्रीलंका को लक्ष्य की पहुंच से बहुत दूर रखा। राजेश्वरी गायकवाड़ ने आखिरी ओवर करते हुए भारत की जीत पर मुहर लगाई। भारत की तरफ से तितस सिद्धू ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। राजेश्वरी गायकवाड़ को दो सफलता मिली। दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्राकर और देविका वैद्य के खाते में एक-एक विकेट आया।