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गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने फिर जीता सोना : एशियन गेम्स में भारत का 17वां गोल्ड

किशोर जेना का बेहतरीन प्रदर्शन, जीता सिल्वर मेडल

नई दिल्ली। भारत के गोल्डन ब्वॉय वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने 19वें एशियन गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया है।

नीरज ने 88.88 मीटर की दूर भाला फेंक कर यह कमाल किया। नीरज के अलावा किशोर जेना ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता है। इस एशियाई खेलों में भारत ने अभी तक 17 गोल्ड अपने नाम कर लिए हैं।

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हालांकि, नीरज के लिए शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। उनके पहले थ्रो को ही फाउल करार दे दिया गया था। नीरज का पहला थ्रो लगभग 90 मीटर का था। इसके बाद काफी देर तक नीरज चोपड़ा की अधिकारियों से बहस भी हुई और खेल को कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ गया था।

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दरअसल, नीरज ने जब अपना पहला थ्रो किया था तो दूरी नापने वाली मशीन में दिक्कत आ गई थी इसके कारण आधिकारिक से रूप से उस थ्रो को फाउल करार दे दिया गया।

इसके बाद नीरज ने फिर से अपना पहला प्रयास किया, जिसमें 82.38 मीटर की दूरी तक जेवलिन फेंकी। नीरज का दूसरा प्रयास 84.49 मीटर का थ्रो फेंका, वहीं उनका तीसरा प्रयास फाउल हो गया था।

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इस बीच किशोर जेना ने अपने तीसरे प्रयास में 86.77 मीटर का थ्रो फेंककर नीरज से आगे निकल गए थे। हालांकि नीरज ने अपने चौथे प्रयास में 88.88 मीटर दूर भाला फेंक कर बढ़त बना ली।

इस दौरान नीरज चोपड़ा और किशोर जेना के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। किशोर जेना ने भी अपना पूरा दम खम दिखाते हुए चौथे प्रयास में 87.54 मीटर दूर भाला फेंका।

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वहीं, नीजर चोपड़ा ने अपने पांचवें प्रयास में 80.80 मीटर दूर ही भाला फेंक सके जबकि उनका आखिरी प्रयास फाउल हो गया। हालांकि इसके बावजूद नीरज ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इसके अलावा किशोर जेना का पांच और छठा प्रयास फाउल रहा लेकिन वह फिर भी सिल्वर मेडल में जीतने कामयाब रहे।

नीरज चोपड़ा और किशोर जेना के बाद जापान के डीन रॉड्रिक गेनकी 82.68 मीटर दूर थ्रो फेंकते हुए तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा।

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नेशनल जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिमाचल के वेदांत ने जीता सिल्वर मेडल

पांच मुकाबलों में से चार एकतरफा अपने नाम किए

शिमला। जिला शिमला के जुब्बल तहसील के तहत सुंडली गांव के रहने वाले वेदांत धौटा ने खेल के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

वेदांत धौटा ने नेशनल जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैच रजत पदक (सिल्वर मेडल) जीता है। 8 से 14 जुलाई तक चली इस प्रतियोगिता में वेदांत ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए कुल खेले पांच मुकाबलों में से चार एकतरफा अपने नाम किए।

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81+ कैटेगरी में वेदांत ने दूसरी बार नेशनल जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए सिल्वर मेडल पर कब्ज़ा किया। उन्होंने जीत को लेकर बेहद खुशी जताई है और इसका श्रेय अपने कोच और बॉक्सिंग फेडरेशन को दिया है। इसके अलावा उन्होंने युवाओं को भी खेल से जुड़ने का संदेश दिया।

वेदांत धौटा बताते हैं कि यह उनका दूसरा प्रयास था जिसमें उन्हें रजत पदक हासिल हुआ है। वेदांत ने युवाओं को भी अधिक से अधिक खेल खेलने का संदेश दिया। वेदांत ने कहा कि फिटनेस को भी साथ लेकर चलना चाहिए अगर स्वास्थ्य साथ रहेगा तो कुछ भी किया जा सकता है।

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इंदिरा गांधी खेल परिसर में वेदांत के कोच रहे दिनेश बताते हैं कि यह जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप 8 से 14 जुलाई तक इटानगर में हुई जिसमें हिमाचल प्रदेश के 12 मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया।

बॉक्सिंग कोच दिनेश ने बताया कि इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला के दो मुक्केबाजों ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें वेदांत ने 5 मुकाबले खेले जिनमें चार एक तरफा अपने नाम किए।

हालांकि, पांचवे और आखिरी मुकाबले में भारतीय सेना के मुक्केबाज से को हार का सामना करना पड़ा। कोच दिनेश ने वेदांत के कड़े परिश्रम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हालांकि वे फाइनल मुकाबला हार गए, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की और बेहतरीन मुक्केबाजी की।

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वेदांत की मां मंजू धौटा ने बेटे की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें प्यार खुशी है कि बेटे ने थोड़े से वक्त में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों ने दिन-रात मेहनत करवाई और बच्चे ने यह मुकाम हासिल किया। मंजू धौटा ने बताया कि वेदांत का खेल से परिवारिक नाता है। वेदांत के दादा और बुआ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं।

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