हादसे में एक हुआ है घायल
शिमला : 9 दिन से लापता थे करसोग के दो युवक, सतलुज में मिली गाड़ी
शिमला। हिमाचल के शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र में सड़क हादसे में मृतक सहारनपुर यूपी के थे। यह शिमला में रहते थे और टीन शेड आदि बनाने का काम करते थे। काम के सिलसिले में ही बलसन क्षेत्र की तरफ निकले थे।
मृतकों की पहचान बिलाल (27)निवासी कस्बा बेहड़, मुकर्रम और विकास के रूप में हुई है। तीनों के शव ठियोग अस्पताल में रखे हैं। बिलाल पिछले 7 साल से शिमला में रह रहा था। हादसे से कुछ घंटे पहले बिलाल की छोटे भाई अस्लम से बात हुई थी। करीब एक साल पहले बिलाल के पिता की मृत्यु हुई थी। परिवार के पालन पोषण का भार बिलाल पर ही था।
बता दें कि शिमला जिले के चौपाल के बलसन क्षेत्र में धनोटू की बंधु ढांक के पास एक स्विफ्ट कार UK07Z-9695 अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में उक्त तीन लोगों की मौत हो गई।
सूचना मिलने के बाद पुलिस स्टेशन देहा की टीम एसएचओ की अगुवाई में मौके पर पहुंची और शवों को खाई से निकाला। शवों को ठियोग अस्पताल ले जाया गया।
बिलाल का छोटा भाई और चचेरे भाइयों के साथ शिमला पहुंच गए हैं। बिलाल के छोटे भाई अस्लम ने बताया कि बिलाल पिछले सात साल से शिमला में रह रहा था और शेड बनाने का काम करता था।
बिलाल को हम सहारनपुर आकर ही काम करने को कहते थे, लेकिन वो कहता था कि यहां काम अच्छा चल रहा है।
शिमला। हिमाचल के शिमला जिला में दर्दनाक हादसा हुआ है। एक कार के गहरी खाई में गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है और एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। गाड़ी उत्तराखंड नंबर की थी।
बता दें कि शिमला जिले के चौपाल के बलसन क्षेत्र में धनोटू की बंधु ढांक के पास एक कार (UK07Z-9695) अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। प्रारंफिक सूचना के अनुसार तीन लोगों की मौत हुई है और एक सवार लापता बताया जा रहा है।
कार सवार उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं। हालांकि, अभी मृतकों के नाम पता मालूम नहीं हो सके हैं।
सूचना मिलने के बाद पुलिस स्टेशन देहा की टीम एसएचओ की अगुवाई में मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
शिमला। जिला शिमला के ठियोग में शुक्रवार सुबह हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस सड़क किनारे पलट गई। हादसे में 10 से 12 सवारियों को हल्की चोटें आई हैं। घायलों को उपचार के लिए ठियोग अस्पताल पहुंचाया गया है।
जानकारी के अनुसार HRTC की बस नंबर HP 03-6127 शिमला से थरोच चौपाल जा रही थी। सैंज के पास बस के चालक का बैलेंस अचानक बिगड़ गया और बस अनियंत्रित होकर सड़क से ड्रेनेज में पलट गई।
हालांकि बस खाई की तरफ न पलट कर पहाड़ी की ओर पलटी जिस कारण बड़ा हादसा टल गया। हादसे के समय बस में करीब 35 लोग सवार थे।
बस पलटने के बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और सभी सवारियों को खिड़कियों की तरफ से बस से बाहर निकाला साथ ही घायलों को उपचार के लिए ठियोग अस्पताल पहुंचाया गया।
हादसे की सूचना पुलिस को भी दे दी गई। हादसे के असल कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 8 और 9 अगस्त, 2023 को जिला शिमला के चौपाल, रोहड़ू, ननखड़ी व नारकंडा आदि क्षेत्रों के प्रवास पर रहेंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री 8 अगस्त को प्रातः 11 बजे शिमला से हवाई मार्ग के माध्यम से चलेंगे और 11:20 पर चौपाल पहुंचेगे और सड़क के माध्यम से लोक निर्माण विभाग के विश्राम ग्रह पहुंचेंगे जहां वह जनसमस्याएं सुनेंगे।
इसके पश्चात वह कोटखाई जायेंगे और क्यारी गांव में भारी बरसात से हुए नुकसान का जायजा लेंगे और ठियोग-खड़ा पत्थर-हाटकोटी मार्ग का भी निरिक्षण करेंगे। इसके पश्चात वह शाम 4:35 पर सर्किट हाउस रोहड़ू पहुंचेंगे और वहां जनसमस्याएं सुनेंगे और अधिकारीयों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री 9 अगस्त को प्रातः 10 बजे रोहड़ू से चलेंगे और ननखड़ी पहुंचकर ननखड़ी, अड्डू, गाहन और खोलीघाट में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे।
इसके पश्चात वह दोपहर 2:15 पर नारकंडा सर्किट हाउस पहुंचेंगे और वहां जन समस्याएं सुनने के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों को लेकर बैठक करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री जरोल, कोटगढ़, खनेटी, मधावनी में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे और सांय 6 बजे वापस शिमला पहुंचेंगे।
चौपाल। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में चौपाल से चूड़धार जाने वाले मार्ग पर पेड़ों के ठूंठों में सिक्के गड़े हुए मिले हैं। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार की तरफ जाते समय लोग या तो रास्ते में भटकने के डर से पेड़ों के ठूंठ पर सिक्के गाड़ देते होंगे ताकि उन्हें रास्ते का पता चल सके क्योंकि चूड़धार जाते समय लोगों को जंगल से होकर गुजरना पड़ता है जिससे लौटते समय रास्ता भटकने का डर बना रहता है।
दूसरी वजह लोगों की आस्था भी हो सकती है। किसी मन्नत के तौर पर लोग यहां सिक्के गाड़ते होंगे। सही वजह जो भी हो, लेकिन लोगों के लिए ये तस्वीरें खासी उत्साहित करने वाली हैं और चर्चा का विषय बनी हुई हैं। आपका इसे लेकर क्या मानना है कमेंट कर जरूर बताएं ….