प्रतिबंध के बावजूद कई जगहों पर हुई थी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की बेंच में होगी। आपको बत्ता दें कि डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित है। एक याचिका वरिष्ठ पत्रकार एनराम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दायर और अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार करेगी।
20 जनवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने यूटयूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले लिंक को हटाने का आदेश दिया था। शर्मा की याचिका में आईटी अधिनियम के तहत 21 जनवरी के आदेश को अवैध, दुर्भावनापूर्ण और मनमाना, असंवैधानिक और भारत के संविधान के अधिकारातीत और अमान्य होने के कारण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
डॉक्यूमेंट्री को सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैनलों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस समेत कई दूसरे दलों और उससे जुड़े संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री को सार्वजनिक स्थानों पर चलाकर दिखाया था। जेएनयू, डीयू, ओस्मानिया यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर तनाव का माहौल बना जब बीजेपी समर्थित संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का विरोध किया।
शर्मा की याचिका में तर्क दिया गया है कि BBC डॉक्यूमेंट्री ने 2002 के दंगों के पीड़ितों के साथ-साथ दंगों के परिदृश्य में शामिल अन्य संबंधित व्यक्तियों की मूल रिकॉर्डिंग के साथ वास्तविक तथ्यों को दर्शाया है और इसे न्यायिक न्याय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बीबीसी ने इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम से दो पार्ट की एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री के पहले पार्ट के आते ही यह विवादों में घिर गई थी। इसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि यह गुजरात दंगों के दौरान की गई कुछ पहलुओं की जांच रिपोर्ट का हिस्सा है. वहीं केंद्र सरकार ने इसे प्रोपेगेंडा बताया है।डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के साथ ही केंद्र सरकार ने इसे शेयर करने वाले यूट्यूब वीडियो और ट्विटर लिंक को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को हटाने के सरकार के फैसले की विपक्षी पार्टी की तरफ से जमकर विरोध किया गया और इसे सेंसरशिप कहा गया।
नई दिल्ली। बजट पेश होने के दो दिन बाद ही आम आदमी को बड़ा झटका लगा है। अमूल ने दूध के दाम तीन रुपए बढ़ा दिए हैं। नई कीमतें तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गई हैं। इसी के साथ अमूल गोल्ड की कीमत 66 रुपए प्रति लीटर, अमूल फ्रेश की कीमत 54 रुपए प्रति लीटर, अमूल गाय के दूध की कीमत 56 रुपए प्रति लीटर और अमूल A2 भैंस के दूध की कीमत 70 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
दूध के साथ ही अमूल दही और अन्य उप-उत्पादों के दाम भी बढ़ गए हैं। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी अमूल ने दूध के दाम में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। अमूल के अलावा पराग और मदर डेयरी ने भी दूध और दूध से बने उत्पादों के दामों में इजाफा कर दिया है। पिछले 10 महीनों में दूध के दाम 12 रुपए तक बढ़े हैं। इससे पहले करीब सात साल तक दूध के दाम नहीं बढ़े थे।
अमूल ताजा 500 मिली – 27 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ताजा एक लीटर – 54 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ताजा दो लीटर – 108 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ताजा छह लीटर – 324 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ताजा 180 मिली – 10 रुपये प्रति यूनिट
अमूल गोल्ड 500 मिली – 33 रुपये प्रति यूनिट
अमूल गोल्ड एक लीटर – 66 रुपये प्रति यूनिट
अमूल गोल्ड छह लीटर- 396 रुपये प्रति यूनिट
अमूल गाय का दूध 500 मिली – 28 रुपये प्रति यूनिट
अमूल गाय का दूध एक लीटर – 56 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ए2 भैंस का दूध 500 मिली – 35 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ए2 भैंस का दूध एक लीटर – 70 रुपये प्रति यूनिट
अमूल ए2 भैंस का दूध छह लीटर – 420 रुपये प्रति यूनिट
विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र होंगे स्थापित
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। उनके बजट भाषण के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे। अगले तीन वर्ष के भीतर लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी। ऑन-जॉब प्रशिक्षण, उद्योग भागीदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों पर बल दिया। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे
वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार। 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज दिया गया है। पीएम सम्मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण। 5जी सेवाओं पर आधारित एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे नए अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी। कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य उद्योग को ध्यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा। पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मछली पालकों, मत्स्य विक्रेताओं और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए सर्वोत्कृष्ट संस्थान के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जाएंगे।
भूगोल, भाषा सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल बाल एवं किशोर पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। अवसंरचना में निवेश बढ़ाने और पूरक नीतिगत कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज रहित कर्ज को 1 और साल के लिए जारी रखा जाएगा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा।
नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा। नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है। नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।
गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नकदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा। वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया। सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरुआत करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा।
कम्पाउंडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत वर्तमान सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा। कुछ अपराधों को अपराधीकरण की सीमा से बाहर किया जाएगा। संबंधित रिटर्न विवरण को भरने की निर्धारित तिथि से न्यूनतम तीन वर्षों की अवधि तक रिटर्न विवरणी को भरने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। ई-वाणिज्य संचालनों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए गैर-पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को मिश्रित करदाताओं को सक्षम बनाया जाएगा।
नई दिल्ली। यूपीएससी (UPSC) ने सिविल सर्विसेज एग्जाम (CSE) 2023 या इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस एग्जाम ( IAS 2023) और इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS 2023) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी है। नोटिफिकेशन के अनुसार, यूपीएससी सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा 28 मई 2023 (रविवार) को आयोजित की जाएगी। आईएएस प्रीलिम्स 2023 के ऑनलाइन आवेदन आज से शुरू हो गए हैं। संघ लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsconline.nic.in पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं।
आवेदन की आखिरी तिथि 21 फरवरी होगी। यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए। आयु सीमा 01 अगस्त 2023 को कम से कम 21 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष तक होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए यूपीएससी की ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2023-24 पेश किया। बजट में कुछ चीजों पर सीमा शुल्क कम किया गया है। इसे 13 फीसदी किया गया है। बजट में क्या महंगा हुआ है और क्या सस्ता इसकी जानकारी आपको देते हैं विस्तार से …
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव किया गया है। खिलौनों पर लगने वाले सीमा शुल्क घटाकर 13 फीसदी किया गया यानी अब खिलौने सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा साइकिल को भी सस्ता किया गया है। लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी में राहत दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में लगने वाली बैटरी से कस्टम ड्यूटी हटा दी गई और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली लीथियम बैटरी पर सीमा शुल्क हटाया गया है और ये बैटरियां भी सस्ती हो जाएंगी। इसका असर मोबाइल और EV की कीमतों पर भी पड़ेगा। बैटरी की कीमत घटने से कुछ मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ते होंगे।
एलईडी और देशी चिमनी के दाम घटेंगे सरकार की ओर से टेलीविजन पैनल में आयात शुल्क 2.5 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा LED टेलीविजन सस्ता कर दिया गया है और बायोगैस से जुड़ी चीजों के दाम में भी कटौता का फैसला लिया गया है। इलेक्ट्रिक चिमनी पर आयात शुल्क में कटौती की गई है। इस फैसले के बाद इनके दाम घट जाएंगे।
इसके अलावा कुछ चीजें महंगी की गई हैं। इनमें सिगरेट और इंपोर्टेड ज्वैलरी शामिल हैं। सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी को बढ़ाने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक, सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया। यानी की अब सिगरेट महंगी हो गई है। इसके अलावा सोना, चांदी और प्लेटिनम से बनी इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी हो गई है।
विदेश से आनी वाली चांदी से बनी चीजें महंगी होंगी। सोना, चांदी व प्लेटिनम महंगा होगा। सिगरेट भी महंगा होगा। सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया। बैटरी पर आयात शुल्क कम होगा।
यानी कुल मिलाकर खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल, देसी मोबाइल, कैमरे के लैंस और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। एलईडी टीवी और बायोगैस से जुड़ी चीजें सस्ती होगी। देसी रसोई इलेक्ट्रिकल चिमनी महंगी होगी। विदेश से आनी वाली चांदी से बनी चीजें महंगी होंगी। सोना, चांदी व प्लेटिनम महंगा होगा। सिगरेट भी महंगा होगी।
इसके अलावा बुजुर्गों की बचत की लिमिट बढ़ा दी गई। यह 30 लाख कर दी गई है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 फीसदी का ब्याज़ मिलेगा। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी।
चैलेंज मोड के माध्यम से 50 पर्यटन स्थलों का चयन कर घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा। बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। पीएम आवास योजना के परिव्यय को 66 फीसदी बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया जा रहा है।
कारोबार में पहचान पत्र के तौर पर पैन (PAN) मान्य होगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए स्थाई खाता संख्या होना आवश्यक है। पैन का उपयोग निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। 50 नए एयरपोर्ट बनाएं जाएंगे। केवाईसी की प्रक्रिया आसान होगी।
वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी। पूंजी निवेश परिव्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी होगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O की शुरूआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में अगले 3 वर्ष में 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती होगी।
विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी (PMPBTG) विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी (PBTG) बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सकें।
अगले 3 साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे। सफाई कर्मी मेनहोल में नहीं उतरेंगे। इसके लिए योजना लाई जाएगी। बजट पेश करते उन्होंने कहा कि भारत में 2014 से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। यह 1.97 लाख से ज्यादा हुई है। दुनिया में सुस्ती के बाद भी सात फीसदी विकास दर रही है। भारत अर्थव्यवस्था में 10वें से 5वें स्थान पर पहुंच गया है।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिलेगा। इसके लिए दो लाख करोड़ से ज्यादा बजट का प्रावधान है। पीपीपी मॉडल पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार रोजगार पैदा करने पर ध्यान देगी। किसानों को खेती के लिए विशेष फंड बनाया जाएगा। मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके लिए श्रीअन्न योजना लाई जाएगी। कृषि क्षेत्र के लिए स्टोर क्षमता को बढ़ाया जाएगा। 2014 से 157 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए। 157 नर्सिंग कॉलेज भी खोले जाएंगे। आईसीएम लैब बढ़ाई जाएंगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2023-24 पेश कर रही हैं। बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। पीएम आवास योजना के परिव्यय को 66 फीसदी बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया जा रहा है।
कारोबार में पहचान पत्र के तौर पर पैन (PAN) मान्य होगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए स्थाई खाता संख्या होना आवश्यक है। पैन का उपयोग निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। 50 नए एयरपोर्ट बनाएं जाएंगे। केवाईसी की प्रक्रिया आसान होगी।
वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी। पूंजी निवेश परिव्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी होगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O की शुरूआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2023-24 पेश कर रही हैं। बजट पेश करते उन्होंने कहा कि भारत में 2014 से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। यह 1.97 लाख से ज्यादा हुई है। दुनिया में सुस्ती के बाद भी सात फीसदी विकास दर रही है। भारत अर्थव्यवस्था में 10वें से 5वें स्थान पर पहुंच गया है।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिलेगा। इसके लिए दो लाख करोड़ से ज्यादा बजट का प्रावधान है। पीपीपी मॉडल पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार रोजगार पैदा करने पर ध्यान देगी। किसानों को खेती के लिए विशेष फंड बनाया जाएगा। मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए श्रीअन्न योजना लाई जाएगी। कृषि क्षेत्र के लिए स्टोर क्षमता को बढ़ाया जाएगा। 2014 से 157 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए। 157 नर्सिंग कॉलेज भी खोले जाएंगे। आईसीएम लैब बढ़ाई जाएंगी।
आर्थिक समीक्षा 2022-23 में वित्त मंत्री ने दी जानकारी
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली फरवरी को आम बजट पेश करने से पहले आज 31 जनवरी, 2023 को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश की। उन्होंने बताया कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि (जीवीए) वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 3.7 प्रतिशत दर्ज की गई है। यह पिछले दशक की पहली छमाही में 2.8 प्रतिशत की औसत वृद्धि से अधिक है।
संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में उद्योग क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2022 में यह 10.3 प्रतिशत थी। यह निवेश मूल्य के दबाव, आपूर्ति श्रृंखला में बाधा और चीन में लॉकडाउन के प्रभाव से आवश्यक निवेश में कमी तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमे होने के कारण हुआ है। समीक्षा में पीएलआई योजना से विनिर्माण क्षमता में वृद्धि, निर्यात में तेजी, आयात पर निर्भरता में कमी और रोजगार सृजन में वृद्धि को रेखांकित किया गय है। समीक्षा के अनुसार निवेश मूल्य में आसानी और मांग की स्थितियों मे वृद्धि से ओवरऑल औद्योगिक वृद्धि में मदद मिलेगी।
समीक्षा के अनुसार नवंबर, 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं में सकारात्मक निर्यात वृद्धि दिखाई दी। इसके अनुसार मोबाइल फोन के मामले में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है। वित्त वर्ष 2015 में जहां 6 करोड़ मोबाइल फोन बनते थे, वित्त वर्ष 2022 में इनकी संख्या 31 करोड़ हो गई।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार भारत दिसंबर, 2022 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर बिक्री के मामले में तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मोबाइल बाजार बन गया है। 2021 में भारत सबसे बड़ा दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माता तथा यात्री कार के मामले में चौथा सबसे बड़ा निर्माता था। घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार के 2022 और 2030 के बीच 49 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की आशा है और इसके 2030 तक 10 मिलियन इकाइयों की वार्षिक बिक्री तक पहुंचने की आशा है। इससे 2030 तक 5 करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
नई दिल्ली। भारत में बेरोजगारी की दर 2018-19 में 5.8 प्रतिशत से गिरकर 2020-21 में 4.2 प्रतिशत पर आ चुकी है। सावधिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) में सामान्य स्थिति के अनुसार पीएलएफएस 2020-21 (जुलाई-जून) में श्रम बल सहभागिता दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) में पीएलएफएस 2019-20 तथा 2018-19 की तुलना में ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं और पुरुषों दोनों में सुधार आया है। यह जानकारी केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि 2018-19 के 55.6 प्रतिशत की तुलना में पुरुषों के लिए श्रम बल सहभागिता दर 2020-21 में 57.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 2018-19 के 18.6 प्रतिशत की तुलना में महिलाओं के लिए श्रम बल सहभागिता दर 2020-21 में 25.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 2018-19 के 19.7 प्रतिशत से 2020-21 के 27.7 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण महिला श्रम बल सहभागिता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रोजगार में व्यापक स्थिति के अनुसार, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रूझान से प्रेरित, 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में स्वरोजगार वाले लोगों का हिस्सा बढ़ा और नियमित मजदूरी/वेतनभोगी श्रमिकों के हिस्से में गिरावट आई। आर्थिक समीक्षा के अनुसार, कार्य के उद्योग पर आधारित, कृषि से जुड़े श्रमिकों का हिस्सा 2019-20 के 45.6 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 2020-21 में 46.5 प्रतिशत पर पहुंच गया, इसी अवधि के दौरान विनिर्माण का हिस्सा 11.2 प्रतिशत की तुलना में मामूली रूप से गिरकर 10.9 प्रतिशत पर आ गया, निर्माण का हिस्सा 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 12.1 प्रतिशत हो गया तथा व्यापार, होटल और रेस्तरां का हिस्सा 13.2 से गिरकर 12.2 प्रतिशत हो गया।
2019 और 2020 में 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को समाहित किया गया, युक्तिसंगत बनाया गया तथा चार श्रम संहिताओं नामतः मजदूरी पर संहिता, 2019 (अगस्त 2019) औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा पर संहिता 2020 तथा पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी स्थिति संहिता 2020 (सितम्बर 2020) में सरलीकृत किया गया। समीक्षा के अनुसार, संहिताओं के तहत बनाए गए नियमों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा उपयुक्त स्तर पर सुपुर्द किया गया। 13 दिसम्बर, 2022 को 31 राज्यों ने मजदूरी पर संहिता, 28 राज्यों ने औद्योगिक संबंध संहिता के तहत, 28 राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा पर संहिता के तहत तथा 26 राज्यों ने पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी स्थिति संहिता के तहत प्रारूप नियमों का पूर्व प्रकाशन भी किया है।
आर्थिक समीक्षा महिला श्रम बल सहभागिता दर की गणना में माप मुद्दों को रेखांकित करता है। भारतीय महिलाओं की निम्न एलएफपीआर के समान विवरण परिवारों तथा देश अर्थव्यवस्था के लिए अभिन्न कामकाजी महिलाओं की वास्तविकता से चूक जाती हैं। समीक्षा डिजाइन और कन्टेंट के माध्यम से रोजगार की माप अंतिम एलएफपीआर अनुमानों में एक उल्लेखनीय अंतर पैदा कर सकते हैं और पुरूष एलएफपीआर की तुलना में महिला एलएफपीआर के लिए यह ज्यादा मायने रखता है।
समीक्षा में कहा गया है कि काम की माप करने के दायरे को विस्तारित करने की आवश्यकता है, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के साथ-साथ उत्पादक कार्यकलापों का एक बहुत व्यापक क्षेत्र शामिल है। नवीनतम आईएलओ मानकों के अनुसार, उत्पादक कार्य को श्रम बल सहभागिता तक सीमित करना संकीर्ण है और कार्य को केवल एक बाजार उत्पाद की तरह माप करता है। इसमें महिलाओं के बिना भुगतान वाले घरेलू कार्य के मूल्य को शामिल नहीं किया जाता, जिसे जलावन एकत्र करने, खाना बनाने, बच्चों को पढ़ाने आदि जैसे खर्च बचाने वाले कार्य के रूप में देखा जा सकता है और जो परिवार के जीवन स्तर को बढ़ाने में उल्लेखनीय रूप से योगदान देते हैं।
समीक्षा में अनुशंसा की गई है कि ‘कार्य’ की समग्र माप के लिए फिर से डिजाइन किए गए सर्वेक्षण के माध्यम से उन्नत मात्रा निर्धारण की आवश्यकता हो सकती है। इसके अनुसार, श्रम बाजार में शामिल होने में महिलाओं को स्वतंत्र विकल्प देने में सक्षम बनाने के लिए जेंडर आधारित नुकसानों को दूर करने की अभी और अधिक गुंजाइश है। किफायती क्रेच सहित इकोसिस्टम सेवाएं, कैरियर, काउंस्लिंग/आरंभिक सहायता, रहने एवं परिवहन आदि कि सुविधा से समावेशी एवं व्यापक विकास के लिए जेंडर लाभ प्रकट करने में और अधिक सहायता मिल सकती है।
नवीनतम एएसआई वित्त वर्ष 2020 के अनुसार, संगठित विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार ने, प्रति फैक्ट्री रोजगार में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी करते हुए समय के साथ निरंतर वृद्धि का रूझान जारी रखा है। रोजगारपरकता में सुधार के साथ रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है। वित्त वर्ष 2022 के दौरान ईपीएफ धारकों की संख्या में वित्त वर्ष 2021 की तुलना में 58.7 प्रतिशत वृद्धि तथा वित्त वर्ष 2019 के महामारी पूर्व वर्ष की तुलना में 55.7 प्रतिशत वृद्धि रही। वित्त वर्ष 2023 में ईपीएफओ के तहत जोड़े गए शुद्ध औसत मासिक ग्राहक अप्रैल-नवम्बर, 2021 के 8.8 लाख की तुलना में अप्रैल-नवम्बर, 2022 में 13.2 लाख तक पहुंच गए।
औपचारिक क्षेत्र पेरौल वृद्धि के त्वरित परिवर्तन का कारण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, कोविड-19 रिकवरी चरण के बाद रोजगार सृजन में वृद्धि करने तथा सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ नये रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करने तथा महामारी के दौरान खो चुके रोजगार की बहाली के लिए अक्तूबर, 2022 में लॉन्च की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) हो सकती है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों के राष्ट्रीय डाटा बेस के सृजन के लिए ई-श्रम पोर्टल का विकास किया है, जिसे आधार के साथ सत्यापित किया जाता है। इसमें श्रमिकों की रोजगारपरकता की अधिकत्म प्राप्ति करने तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए उनके नाम, पेशा, पता, व्यवसाय का प्रकार, शैक्षणिक योग्यता और कौशल प्रकार आदि जैसे विवरणों को संकलित किया जाता है। यह प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, गिग तथा प्लेटफार्म श्रमिकों आदि सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का अबतक का पहला राष्ट्रीय डाटा बेस है। वर्तमान में ई-श्रम पोर्टल सेवाओं के निर्बाधित सुगमीकरण के लिए एनसीएस पोर्टल तथा असीम पोर्टल के साथ लिंक किया गया है।
31 दिसम्बर, 2022 तक, ई-श्रम पोर्टल पर कुल 28.5 करोड़ से अधिक असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है। कुल में से महिला पंजीकरणों की संख्या 52.8 प्रतिशत थी तथा कुल पंजीकरणों में से 61.7 प्रतिशत 18-40 वर्ष के आयु समूह के थे। राज्य वार कुल पंजीकरणों में से लगभग आधे उत्तर प्रदेश (29.1 प्रतिशत), बिहार (10.0 प्रतिशत) तथा पश्चिम बंगाल (9.0 प्रतिशत) के थे। कृषि क्षेत्र श्रमिकों ने कुल पंजीकरणों में 52.4 प्रतिशत का योगदान दिया जिसके बाद स्थानीय एवं घरेलू श्रमिक (9.8 प्रतिशत) और निर्माण श्रमिक (9.1 प्रतिशत) का स्थान रहा।
अंडर19 T20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को सात विकेट से हराया
नई दिल्ली। भारत के लिए आज बड़ा दिन है। भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर अंडर-19 विमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। टूर्नामेंट जीतने पर BCCI ने विमेंस क्रिकेट टीम और सपोर्ट स्टाफ को 5 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है साथ ही BCCI सचिव जय शाह ने कप्तान शेफाली वर्मा और टीम इंडिया को भारत और न्यूजीलैंड सीरीज के बीच अहमदाबाद बुलाया है। जहां एक फरवरी को पूरी टीम भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी-20 सीरीज का आखिरी मैच देखेगी।
साउथ अफ्रीका के पोचेस्ट्रूम स्थित स्टेडियम में भारत ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग चुनी और इंग्लैंड को 17.1 ओवर में 68 रन पर ऑल आउट कर दिया। 69 रन का टारगेट भारत ने 14 ओवर में 3 विकेट पर हासिल कर लिया। फाइनल में 6 रन पर 2 विकेट लेने वालीं टिटास साधू को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया। इंग्लैंड की कप्तान ग्रेस स्रीवंस प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहीं। उन्होंने 7 मैचों में 293 रन बनाने के साथ 9 विकेट भी चटकाए।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पहली बार ही विमेंस का अंडर-19 वर्ल्ड कप आयोजित कराया। 20 ओवर फॉर्मेट में हुए इस टूर्नामेंट की मेजबानी साउथ अफ्रीका को मिली। इंग्लैंड को हराकर टीम इंडिया इस टूर्नामेंट की पहली चैंपियन बनी। भारत पुरुषों का भी अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन है। 2022 में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को ही हराया था।
इंडिया विमेंस टीम किसी भी लेवल पर पहली ही बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। जूनियर लेवल पर ICC ने पहली बार वर्ल्ड कप आयोजित कराया, वहीं सीनियर लेवल पर टीम इंडिया कभी भी वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी।
भारत ने इससे पहले 2005 और 2017 का वनडे वर्ल्ड कप फाइनल खेला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हार गए। वहीं, 2020 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में भी टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।