बनखंडी। हिमाचल के जिला कांगड़ा के देहरा-रानीताल रोड पर बनखंडी में पंजाब रोडवेज बस और बुलेट में टक्कर हो गई। हादसे में बुलेट सवार की मौत हो गई है। हादसा बनखंडी दोसड़क के पास राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बनखंडी के पास हुआ है। बस लुधियाना से धर्मशाला जा रही थी और बाइक सवार रानीताल की तरफ से आ रहा था।
बता दें कि कांगड़ा जिला के हरिपुर थाना के तहत पुलिस चौकी रानीताल में हादसे की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद पुलिस चौकी प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हुई।
एसएचओ थाना हरिपुर भी मौके पर पहुंचे हैं। देहरा विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ते नंदपुर का राजीव कुमार (34) पुत्र रछपाल सिंह किसी शादी समारोह से लौट रहा था। बनखंडी स्कूल के पास तेज रफ्तारी के चलते बुलेट की बस से टक्कर हो गई। हादसे में राजीव कुमार की मौत हो गई। राजीव कुमार नगरोटा सूरियां में शराब ठेके पर काम करता था और पहलवान भी था।
शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला के पर्यटन स्थल नारकंडा में शुक्रवार दोपहर सड़क हादसा पेश आया है। यहां पर दो गाड़ियों में जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में तीन पर्यटक घायल हुए हैं जिनको इलाज के लिए आइजीएमसी शिमला ले जाया गया है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली नंबर की सुमो और i20 कार के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में घायल हुए पर्यटकों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। हादसे का कारण तेज रफ्तार बताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मुंबई। दिवंगत कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने जिस तरह अपने कॉमेडी के दम पर लोगों का दिल जीता था उसी तरह उनका बेटा आयुष्मान संगीत की दुनिया में नाम रोशन करने की राह पर है। राजू श्रीवास्तव एक बेटी और एक बेटा है। बेटी का नाम है अंतरा श्रीवास्तव और बेटे आयुष्मान श्रीवास्तव हैं। राजू श्रीवास्तव के दोनों ही बच्चे काफी टैलेंटेड रहे हैं।
हाल ही में टीवी के पॉपुलर सिंगिंग रिएलिटी शो ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स 9’ में राजू श्रीवास्तव के बेटे आयुष्मान ने परफॉर्म किया। आयुष्मान एक बेहतरीन सितार प्लेयर हैं। धीरे-धीरे म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। आयुष्मान को हाल ही में सारेगामापा लिटिल चैंप्स 9 के फिनाले में फाइनलिस्ट्स के लिए सितार प्ले करते स्टेज पर देखा गया।
आयुष्मान ने इस दौरान की एक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। शो के मेकर्स के प्रति शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की। आयुष्मान श्रीवास्तव ने फोटो शेयर करते हुए लिखा, “सारेगामापा के ग्रैंड फिनाले में मैंने सितार बजाया। इस दौरान की कुछ झलक आपके साथ शेयर कर रहा हूं।”
Delighted to share that Aayushmaan Srivastava S/O Shree Raju Srivastava ji & Shikha Srivastava ji featured on ‘Sa Re Ga Ma Pa Li’l Champs Blockbuster Grand Finale 2022’, where he played his Sitar with finalist Dnyaneshwari Gadage. @AayushmaanSr#rajusrivastava#rajusrivastavpic.twitter.com/fCvLCG6JD3
श्रीवास्तव परिवार ने भी राजू श्रीवास्तव के ऑफीशियल पेज पर इस दौरान की कुछ फोटो-वीडियो शेयर की हैं। फाइनलिस्ट धन्यनेश्वरी गड़गे की परफॉर्मेंस के दौरान आयुष्मान श्रीवास्तव ने सितार प्ले किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि जैकी श्रॉफ और शंकर महादेवन उनकी परफॉर्मेंस को एन्जॉय कर रहे हैं।
आयुष्मान श्रीवास्तव की यह परफॉर्मेंस देखकर फैन्स काफी इंप्रेस हुए हैं। आयुष्मान, ग्लोबल और नेशनल लेवल के प्रोफेशनल सितार प्लेयर हैं। बहुत छोटी सी उम्र से ही उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा था।
ऊना। जिला ऊना में ऊना-नंगल हाईवे पर मंगलवार सुबह एक सड़क हादसा पेश आया है। यहां पर ऊना से चंडीगढ़ जा रही सीटीयू की एक बस हादसे सड़क किनारे पलट गई। हादसे में बस में सवार करीब 8 यात्री घायल बताए जा रहे हैं। चालक-परिचालक को भी चोटें आई हैं। यात्रियों को अस्पताल ले जाया गया है। घायलों की सूची अभी तक जारी नहीं की गई हैं।
हादसे के कारणों का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आज सुबह करीब 9.30 बजे ये हादसा हुआ है। बस अंब की तरफ से आ रही थी और सड़क पर पलट गई। स्थानीय लोगों ने शीशे तोड़कर यात्रियों को बस से सुरक्षित बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शिमला के शोघी-मैहली बाईपास पर सोमवार रात एक गाड़ी खाई में जा गिरी। इस सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि तेज रफ्तार की वजह से गाड़ी महिंद्रा मैक्स 900 मीटर गहरी खाई में गिर गई। ये हादसा शोघी-मैहली बाईपास पर बनोग गांव के पास पेश आया।
शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील नेगी ने बताया कि थाना बालूगंज में सोमवार देर रात एक गाड़ी गिरने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया।
इस दर्दनाक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अन्य दो लोगों ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। फिलहाल चार लोगों में से एक व्यक्ति इस सड़क हादसे में बच सका है। घायल का इलाज अस्पताल में चल रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में मृतकों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
सड़क हादसे में जान गंवाने वाले लोग पंजाब के नंगल के रहने वाले थे। यह सभी आपस में रिश्तेदार थे। मृतकों की पहचान कृष्ण (30) पुत्र चंदिया नंगल पंजाब, अमर (18) पुत्र जैल सिंह नंगल पंजाब और राजवीर (16) पुत्र एतवारी, लुधियाना पंजाब के रूप में हुई है। घायल की पहचान लखन (31) पुत्र बालक राम के रूप में हुई है, जो नंगल का रहने वाला है।
घायल लखन ने बताया कि गाड़ी में सवार सभी लोग कबाड़ का काम करते थे। सोमवार को जब भी सोलन की तरफ जा रहे थे, तो उनकी खाई गाड़ी खाई में गिर गई जिसकी वजह से हादसा पेश आया। मंगलवार को मृतकों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में मैहली-शोघी बाईपास पर सोमवार देर रात एक दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहा पर एक कार गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक घायल हुआ है। मरने वालों में दो किशोर भी शामिल हैं। एक मृतक जिला लुधियाना व दो जिला रूपनगर (रोपड़) के रहने वाले थे। सोमवार रात करीब 8 बजे शोघी के पास यह हादसा पेश आया है।
मृतकों की पहचान कृष्ण (30) पुत्र चादिया निवासी गांव भांघल, नंगल, अमर (18) पुत्र जैल सिंह निवासी गांव भांघल और राजवीर (16) पुत्र एतवारी मच्छीवाड़ा, लुधियाना पंजाब निवासी के तौर पर हुई हैं। वहीं, घायल लखन (31) पुत्र बालका निवासी गांव भांघल नंगल के तौर पर हुई है। यह लोग कबाड़ का काम करते थे।
जानकारी के मुताबिक पंजाब नंबर की मैहली से सोलन की तरफ जा रही थी। आनंदपुर पंचायत के बनोग गांव के पास कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। कार करीब 900 मीटर गहरी खाई में जा लुढ़की। करीब दो घंटे तक पुलिस ने अग्निशमन और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव अभियान चलाया। हादसे में दो किशोरों सहित चार लोग सवार थे। इसमें टेंपो चालक कृष्ण की मौके पर की मौत हो गई।
तीन घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही दो किशोरों ने दम तोड़ दिया। तीसरे युवक का IGMC में उपचार चल रहा है। बालूगंज थाना पुलिस ने मृतकों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी हैं। एएसपी सुनील नेगी ने बताया कि मंगलवार को मृतकों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
शिमला। ‘पराक्रम दिवस’ के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान-निकोबार के 21 अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र से सम्मानित योद्धाओं के नाम पर किया है। इसमें हिमाचल के चार जांबाज शामिल हैं। यह देवभूमि और वीर भूमि हिमाचल के लिए किसी गौरव से कम नहीं है। इसमें प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार मेजर संजय कुमार और धन सिंह थापा के नाम पर अंडमान-निकोबार के तीन द्वीपों का नामकरण किया है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि परमवीरों के नाम पर द्वीपों का यह नामकरण पूरे देश को हर्षित करने का अवसर है। वीरधरा हिमाचल के वीरों ने भी जब जब जरूरत पड़ी अपने पराक्रम से भारत भूमि की आन-बान-शान को बढ़ाया है। मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार मेजर संजय कुमार और धन सिंह थापा के नामों पर द्वीपों का नामकरण हर हिमाचली के लिए गौरव का विषय है।
मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर थे। जिन्होंने अक्टूबर-नवम्बर 1947 के भारत-पाक संघर्ष में हिस्सा लिया था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। वह परमवीर चक्र पाने वाले वे प्रथम व्यक्ति हैं। सोमनाथ शर्मा जी का जन्म 31 जनवरी 1923 को हिमाचल के कांगड़ा जिला में हुआ था।
कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म हिमाचल के पालमपुर निवासी जीएल बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर 9 सितंबर 1974 को हुआ था। दो बेटियों के बाद दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। विज्ञान विषय में स्नातक करने के बाद विक्रम का चयन सीडीएस के जरिए सेना में हो गया। जुलाई 1996 में उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रवेश लिया।
दिसंबर 1997 में प्रशिक्षण समाप्त होने पर उन्हें 6 दिसम्बर 1997 को जम्मू के सोपोर नामक स्थान पर सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली। उन्होंने 1999 में कमांडो ट्रेनिंग के साथ कई प्रशिक्षण भी लिए। पहली जून 1999 को उनकी टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया। हम्प व राकी नाब स्थानों को जीतने के बाद विक्रम को कैप्टन बना दिया गया।
कारगिल युद्ध में चोटी 4875 पर कब्जे की जिम्मेदारी कैप्टन विक्रम और उनकी टुकड़ी को सौंपी गई। कैप्टन विक्रम बत्रा ने एक संर्कीण पठार के पास से शत्रु के ठिकानों पर आक्रमण करने का निर्णय लिया। युद्ध में नजदीक से पांच शत्रु सैनिकों को मार गिराया। इस दौरान वह गंभीर घायल हो गए। कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद वीरगति को प्राप्त हुए।
वहीं, सूबेदार संजय कुमार का जन्म 3 मार्च 1976 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कलोल गांव में हुआ। जिन्होंने कारगिल युद्ध में एरिया फ्लैट टॉप पर कब्ज़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें 1999 में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। संजय कुमार चार व पांच जुलाई को कारगिल में मस्को वैली प्वाइंट पर फ्लैट टॉप पर 11 साथियों के साथ तैनात थे। यहां दुश्मन ऊपर पहाड़ी से हमला कर रहा था। इस टीम में 11 साथियों में से दो शहीद हो चुके थे, जबकि आठ गंभीर रूप से घायल थे।
संजय कुमार अपनी राइफल के साथ दुश्मनों से कड़ा मुकाबला कर रहे थे। उन्होंने कुछ पाकिस्तान सैनिकों को मार गिराया। अचानक हुए हमले को देखते हुए पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े हुए। संजय कुमार को भी तीन गोलियां लगी, इनमें दो उनकी टांगों में और एक गोली पीठ में लगी। घायल संजय कुमार को तत्काल सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिस तरह बहादुरी के साथ युद्ध भूमि में लड़े वैसे ही अस्पताल में मौत को हराकर ठीक होकर फिर सेना में सेवाएं देने लगे। बाद में उन्हें राइफलमैन से सूबेदार के पद पर पदोन्नति दी। परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता संजय कुमार को एनडीए में प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
धन सिंह थापा का जन्म 10 अप्रैल 1928 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। उनके पिता पदम सिंह थापा क्षेत्री थे। थापा को 8 गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन में 28 अगस्त 1949 को शामिल किया गया था। मेजर धनसिंह थापा को 1962 में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
1962 में शुरू हुए चीन-भारतीय युद्ध के दौरान चीन ने पैनगॉन्ग झील के उत्तर में सिरिजैप और यूल पर कब्ज़ा करने के उद्देश्य से घुसपैठ शुरू की थी। सिरिजैप 1, पांगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर 8 गोरखा राइफल्स की प्रथम बटालियन द्वारा स्थापित एक पोस्ट थी जो मेजर धन सिंह थापा की कमान में थी। जल्द ही यह पोस्ट चीनी सेनाओं द्वारा घेर लिया गया था। मेजर थापा और उनके सैनिकों ने इस पोस्ट पर होने वाले तीन आक्रमणों को असफल कर दिया।
थापा सहित बचे लोगों को युद्ध के कैदियों के रूप में कैद कर लिया गया था। हालांकि, युद्ध की समाप्ति पर उन्हें मुक्त भी कर दिया गया था। देश के लिए अपने महान कार्यों और अपने सैनिकों को युद्ध के दौरान प्रेरित करने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, किन्तु वर्ष 1963 में उनके जीवित वापस आ जाने पर, आवश्यक संशोधन किये गए।
शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में एक दुखद हादसा पेश आया है। रविवार देर रात पर्यटकों से भरी तेज रफ्तार बेकाबू जिप्सी ने सड़क पर चल रहे व्यक्ति को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। गाड़ी में सवार 6 लोगों को भी गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को इलाज के लिए IGMC शिमला में भर्ती किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ नंबर CH01CF 9736) की जिप्सी कुफरी से शिमला की ओर आ रही थी। शिमला के उपनगर संजौली चलौंठी बाइपास वर्कशॉप के पास वह अचानक अनियंत्रित हो गई। पहले जिप्सी पैराफिट से टकराई। उसके बाद सड़क पर चल रहे एक व्यक्ति के ऊपर चढ़ गई, फिर रोड पर पलट गई।
घायल व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान पवन के तौर पर हुई है, जो पेशे से मैकेनिक था और अपनी दुकान बंद कर करके सड़क पार खड़ी स्कूटी के पास जा रहा था तभी पीछे से आ रही जिप्सी ने टक्कर मार दी।
इस हादसे में कुल 6 लोग घायल हुए हैं, जिनमें हर्ष 22 साल, पुरुषोत्तम 27 साल, अमन वर्मा 21 साल, प्रवीण 27 साल, ममता 35 साल और ज्योति 26 साल शामिल हैं। सभी घायलों की हालत स्थिर बनी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुबारकपुर। हिमाचल के ऊना जिला में भरवाईं-मुबारकपुर रोड पर सड़क किनारे युवती का शव बरामद किया गया है। शव मुबारकपुर से भरवाईं की तरफ मुबारकपुर से करीब एक किलोमीटर आगे सड़क किनारे नीचे झाड़ियों में पड़ा मिला है।
मामले की सूचना मिलने के बाद अंब पुलिस थाना की टीम मौके पर पहुंची है और शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। खबर लिखे जाने तक युवती की पहचान नहीं हो पाई है।
प्रारंभिक जांच में युवती की उम्र 26 से 30 साल के बीच प्रतीत होती लग रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि युवती को मार कर फेंका गया है। लेकिन पुलिस की जांच में ही सारी बात का खुलासा हो पाएगा।
नई दिल्ली। देश के लिए जान न्योछार करने वाले 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का नाम रखा गया है। इन परमवीरों में कारगिल जंग के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा, मनोज कुमार पांडेय, भारत-चीन जंग में पैर से मशीनगन चलाने वाले मेजर शैतान सिंह आदि के नाम पर द्वीपों के नाम रखे गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोग्राम से जुड़े। पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान की धरती पर ही सबसे पहले तिरंगा लहराया गया था। आजाद भारत की पहली सरकार यहीं बनी थी। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस भी है। इस दिन को हम पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहे हैं।
इन 21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर…
1. INAN 198- नायक जदुनाथ सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
2. INAN 474- मेजर राम राघोबा राणे (भारत-पाक युद्ध 1947)
3. INAN 308- ऑनरेरी कैप्टन करम सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
4. INAN 370- मेजर सोमनाथ शर्मा (भारत-पाक युद्ध 1947)
5. INAN 414- सूबेदार जोगिंदर सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
6. INAN 646- लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा (भारत-चीन युद्ध 1962)
7. INAN 419- कैप्टन गुरबचन सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
8. INAN 374- कम्पनी हवलदार मेजर पीरू सिंह (भारत-पाक युद्ध 1947)
9. INAN 376- लांस नायक अलबर्ट एक्का (भारत-पाक युद्ध 1971)
10. INAN 565- लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर तारापोर (भारत-चीन युद्ध 1962)
11. INAN 571- हवलदार अब्दुल हमीद हवलदार अब्दुल हमीद (भारत-पाक युद्ध 1965)
12. INAN 255- मेजर शैतान सिंह (भारत-चीन युद्ध 1962)
13. INAN 421- मेजर रामास्वामी परमेश्वरन (श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के शहीद 1987)
14. INAN 377- फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों (भारत-पाक युद्ध 1971)
15. INAN 297- सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल (भारत-पाक युद्ध 1971)
16. INAN 287- मेजर होशियार सिंह (भारत-पाक युद्ध 1971)
17. INAN 306- कैप्टन मनोज पांडेय (कारगिल युद्ध 1999)
18. INAN 417- कैप्टन विक्रम बत्रा (कारगिल युद्ध 1999)
19. INAN 293- नायक सूबेदार बाना सिंह (सियाचिन में पाकिस्तान से पोस्ट छीनी 1987)
20. INAN 193- कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव (कारगिल युद्ध 1999)
21. INAN 536- सूबेदार मेजर संजय कुमार (कारगिल युद्ध 1999)
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश की आजादी के लिए लड़ने वाले वीर सावरकर और कई अन्य सेनानी अंडमान की धरती पर आए। जब मैं 4-5 साल पहले यहां आया था, तब मैंने 3 मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम दिए थे। 21 द्वीपों के नाम आज बदले गए हैं। इसमें कई संदेश छिपे हैं। सबसे बड़ा संदेश है एक भारत-श्रेष्ठ भारत। यह हमारी सेनाओं की बहादुरी का संदेश है।’
इन 21 परमवीरों के लिए एक ही नारा था… देश पहले, कंट्री फर्स्ट। आज 21 द्वीपों का नाम उनके नाम पर रखने से उनका यह निश्चय अमर हो गए है। अंडमान में बहुत संभावनाएं हैं। 8 साल से हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।’
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय शर्मा ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- मुझे खुशी है कि सरकार ने हमारे वीर सैनिकों के सम्मान में अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण उनके नाम पर करने का फैसला लिया है। कुलदीप ने सरकार से अपील की है कि इस बारे में स्कूलों बच्चों के लिए एक किताब भी प्रकाशित करें, जिससे बच्चे भी अपने देश के जवानों के बलिदान के बारे में जान सकें।