Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Shimla

शिमला में ब्रिटिश उच्चायोग के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की

सीएम बोले-हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर हिमाचल

शिमला। ब्रिटिश उच्चायोग में जलवायु परिवर्तन नीति की प्रमुख एरीना कोसेक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है तथा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में इलेक्ट्रिक वाहन संचालन मुख्य भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि इंडिया-यूके पैक्ट के तहत शिमला शहर में करवाए गए सर्वेक्षण के निष्कर्ष शिमला को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को इस विषय पर अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करने का आग्रह किया।

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए। एरिना कोसेक ने कहा कि इंडिया-यूके पैक्ट के तहत शिमला शहर में इलेक्ट्रिक वाहन संचालन, बहुस्तरीय परिवहन तथा रज्जूमार्ग इत्यादि पर मूल सर्वेक्षण करवाया गया है। इंडिया-यूके पैक्ट के तहत राज्य तथा शहर स्तर पर सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक वाहन संचालित बनाने के उद्देश्य से नीति तथा संस्थागत कमियों को चिन्हित करने के लिए रिसर्च ट्राइएंगल इन्स्टीच्यूट को वित्तपोषित किया जाता है।

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नज़ीम, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप, ब्रिटिश उच्चायोग में आर्थिकी, जलवायु तथा विकास की वरिष्ठ सलाहकार मधु मिश्रा, निदेशक ऊर्जा तथा आरई आईसीएफ सुष्मिता अजवानी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पूर्व, प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन विभाग, स्मार्ट सिटी परियोजना, नगर निगम, रोपवे कार्पोरेशन तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अधिकारियों के साथ विमर्श किया।

Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Shimla

ड्रोन टेक्नोलॉजी बदलेगी हिमाचल की तस्वीर, पहले चरण में होगा कुछ ऐसा

सरकारी क्षेत्र में व्यापक स्तर पर होगा ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: सीएम

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से जन-सुविधाओं को त्वरित और सुगम बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री ने वीरवार देर शाम यहां ड्रोन प्रौद्योगिकी से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में सरकारी क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम और समय की बचत के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी का सरकारी क्षेत्र में व्यापक उपयोग करने की तैयारी कर रही है। आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग करते हुए प्रदेश की जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

अखिलेश बोले- कांग्रेस सरकार बनते ही क्यों बंद हुई सीमेंट कंपनियां-दें जवाब?

उन्होंने कहा कि कृषि व बागवानी तथा स्वास्थ्य क्षेत्र, यातायात प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, ट्रैकर्स रूट पर बचाव, अवैध खनन पर नजर रखने तथा विभिन्न योजनाओं को धरातल पर लागू करने की निगरानी में ड्रोन उपयोगी एवं सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। प्रारंभिक चरण में ड्रोन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल निगरानी तंत्र को विकसित करने तथा माल ढुलाई इत्यादि के लिए करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न विभागों की सेवाओं में तेजी लाने पर भी गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

हिमाचल में कर्ज पर सियासत, जयराम ठाकुर ने बोला बड़ा हमला

बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी व आशीष बुटेल, विधायक केवल सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, सचिव आईटी विभाग डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क विभाग किरण भड़ाना, ओएसडी गोपाल शर्मा, इल्मा अफरोज़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 
Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR State News

हिमाचल को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार व जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड

ग्रीन स्कूल प्रोग्राम के तहत विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र ने दिया सम्मान

शिमला। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र, नई दिल्ली द्वारा हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्कूल प्रोग्राम (जीएसपी) के अंतर्गत देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार तथा जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है।

कार्यक्रम प्रभारी एवं सदस्य सचिव, हिमकोस्टे, ललित जैन, 21 फरवरी, 2023 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में राज्य से उच्चतम जीएसपी लेखा परीक्षण प्रस्तुतीकरण के लिए यह प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार और जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड प्राप्त करेंगे।

हिमाचल में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के दिशा-निर्देशों को स्वीकृति-जानिए डिटेल में 

प्रदेश के सोलन जिला को बेस्ट जिला का पुरस्कार तथा चंबा की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हिमगिरी को लैंड सैक्शन अवार्ड के लिए चुना गया है। प्रदेश के दो शिक्षकों को जीएसपी एंबेसडर पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने यह जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्रों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसके लिए हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् (हिमकोस्टे) को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

परिषद् द्वारा नेशनल ग्रीन कॉर्पस (एनजीसी) कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 3000 विद्यालयों तथा 100 महाविद्यालयों में इको-क्लब स्थापित किए गए हैं। इको-क्लब कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करना है। वृहद शैक्षणिक दृष्टिकोण एवं अनुभवों के माध्यम से विद्यार्थियों में विषय की गहन समझ विकसित की जा रही है।

HP Cabinet: सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया

परिषद् द्वारा राज्य में पर्यावरणीय गतिविधियों को मज़बूत करने के लिए इन इको-क्लब को अभिनव पर्यावरणीय परियोजनाएं भी प्रदान की जा रही हैं। विद्यालयों में इको-क्लब द्वारा वर्षा जल संचयन (छत के ऊपर/पक्के क्षेत्र), विद्यालय परिसर में जड़ी-बूड़ी आधारित उद्यानों का विकास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (कचरे से धन की अवधारणा), स्कूल परिसर के सौंदर्यीकरण तथा विज्ञान एवं पर्यावरण आदर्श प्रदर्शन प्रयोगशालाओं की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियां करवाई जा रही हैं।

हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद द्वारा प्रदेश के 100 इको क्लब विद्यालयों में प्लास्टिक अपशिष्ट क्रय योजना भी लागू की गई है।
परिषद राज्य के इको-क्लब विद्यालयों के माध्यम से ‘ग्रीन हिमाचल स्वच्छ हिमाचल’ की अवधारणा के साथ ‘एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम’ विषय पर प्रति वर्ष वृक्षारोपण अभियान भी चला रहा है।

हिमाचल कैबिनेट: बजट सत्र को लेकर फैसला, सुख आश्रय कोष पर लगी मुहर

इस अभियान के माध्यम से वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाएगा और वर्तमान वित्त वर्ष में विभिन्न प्रजातियों के 26,106 पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें औषधीय पौधे, पुष्प, ईंधन और पशुचारे से संबंधित पौधे रोपित किए गए हैं।

इसके अलावा परिषद् द्वारा राज्य के इको-क्लब विद्यालयों में रूफ टॉप सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की अवधारणा का भी प्रचार किया जा रहा है। रूफ टॉप सौर ऊर्जा पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 20 स्कूलों की पहचान की गई है।

JEE Main 2023: सत्र 2 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, ये है लास्ट डेट

मंडी: शिवरात्रि में दिव्यांगों, वृद्धाश्रमों के बुर्जुगों को भी मिलेगा हुनर दिखाने का मौका

ttps://youtu.be/r9-K_Q2Da2M

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें