कुल्लू। हिमाचल के अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में एक तरफ लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाते हैं और खरीददारी करते हैं, वहीं जेब कतरे भी इस दौरान सक्रिय हो जाते हैं। मेला ग्राउंड में लोगों की जेब पर हाथ फेरने की फिराक में रहते हैं।
कुल्लू दशहरा मेले के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन करते जेब कतरे को रंगे हाथ धरा। पुलिस को आरोपी के पास से तीन मोबाइल, दो बटुए (पर्स) और कुछ नगदी मिली है। यह कामयाबी पुलिस की स्पेशल टीम को मिली है।
स्पेशल टीम में एसआई चमन लाल, मुख्य आरक्षी नरेंद्र ठाकुर और मानक मुख्य आरक्षी इंद्र शामिल हैं। जेब कतरे को पुलिस थाना कुल्लू के हवाले करके नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। कुल्लू पुलिस ने लोगों से आह्वान किया है कि दशहरा मेला में जेब कतरों से विशेष सावधान रहें।
कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुल्लू पुलिस ने ट्रैफिक प्लान जारी किया है।
कुल्लू पुलिस ने सभी आम नागरिकों से अपील की है कि कुल्लू दशहरा में आने के लिए अपने निजी वाहनों का प्रयोग कम से कम करें।
क्योंकि प्रशासन ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए रूटिन बसों के अलावा दशहरा स्पेशल इलेक्ट्रिक बसों का भी प्रबंध किया है। इसके अलावा सभी नागरिक अपने निजी वाहनों को प्रशासन द्वारा चिन्हित पार्किंग स्थलों में ही पार्क करें।
कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आज आगाज हो गया है। सुबह से ही ढालपुर में देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। भारी संख्या में देवता भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। पूरी घाटी ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनियों से गूंज उठी है। और देव धुनों से माहौल भक्तिमय हो गया है।
शाम चार बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ उत्सव का आधिकारिक शुभारंभ हुआ। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भगवान रघुनाथ के दर्शन किए। भुवनेश्वरी माता भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू हुई।
देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भी देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की संभावना है।
मेले के लिए आउटर सराज के 14 देवी-देवता 200 किमी दूर से कुल्लू पहुंचे हैं। इनमें देवता खुडीजल, ब्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग, बिशलू नाग, देवता चंभू उर्टू, देवता चंभू रंदल, सप्तऋषि, देवता शरशाई नाग, देवता चंभू कशोली, कुई कांडा नाग, माता भुवनेश्वरी शामिल हैं।
ढालपुर में 1300 जवान तैनात हैं वहीं ड्रोन और सीसीटीवी से भी पूरी नजर रखी जा रही है। भगवान रघुनाथ के सम्मान में वर्ष 1660 से ये मेला मनाया जा रहा है।
कुल्लू दशहरा की पहली सांस्कृतिक संध्या में पार्श्व गायक साज भट्ट, दूसरी में पंजाबी गायिका सिमर कौर, तीसरी में यूफोनी बैंड, लमन बैंड, चौथी में पंजाबी गायक शिवजोत, पांचवीं में जसराज जोशी, छठी में पार्श्व गायिका मोनाली ठाकुर, हारमनी ऑफ द पाइन्स के कलाकार आकर्षण रहेंगे।
अंतिम संध्या में लोक कलाकार रमेश ठाकुर, कुशल वर्मा, लाल सिंह, खुशबू भारद्वाज, ट्विंकल दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। दशहरा में पहली बार मलयेशिया, रूस, साउथ अफ्रीका, कजाकिस्तान, रोमानिया, वियतनाम, केन्या, श्रीलंका, ताइवान, किरगीस्तान, इराक और अमेरिका के सांस्कृतिक दल प्रस्तुति देंगे।
11 सांस्कृतिक दलों सहित बड़े सितारे देंगे प्रस्तुति
कुल्लू। देवभूमि हिमाचल के देवी-देवताओं के मिलन अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन 24 अक्तूबर से 30 अक्तूबर 2023 तक किया जा रहा है। दशहरा पर्व को लेकर तैयारियों पूरी कर ली गई हैं। यह त्योहार विभिन्न देशों के 11 सांस्कृतिक दलों सहित संगीत उद्योग के बड़े सितारों की भागीदारी का साक्षी बनेगा।
25 अक्टूबर 2023 को एक सांस्कृतिक परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक मंडलियां शामिल होंगी। इस उत्सव में ऑडिशन के माध्यम से चयनित 235 कलाकार कला केंद्र और प्रदर्शनी मैदान के मंच पर अपनी प्रतिभा की प्रस्तुति देंगे। स्टार कलाकारों में मोनाली ठाकुर, शिव जोत, साज भट्ट, सिमर कौर, यूफोनी बैंड, प्रिंस डांस ग्रुप शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस आर्केस्ट्रा हार्मनी ऑफ पाइन्स 29 अक्टूबर को प्रस्तुति देगा।
हिमाचल से मुख्य कलाकार एसी भारद्वाज, शुभांक शर्मा, अभिज्ञ बैंड, अनुज शर्मा, विक्की राजटा, सिराजी रोहित चौहान, गीता भारद्वाज, बीरबल किन्नौरी रहेंगे। एक्सक्लूसिव पहाड़ी नाइट का आयोजन 30 अक्टूबर को होगा, जहां रमेश ठाकुर, कुशल वर्मा, ट्विंकल, जीवन, खुशबू और लाल सिंह जैसे कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। 30 अक्टूबर को कुल्लू कार्निवल में कुल्लू की गौरवशाली संस्कृति का प्रदर्शन होगा और उत्सव का समापन होगा।
शिमला।अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा 24 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर 2023 तक मनाया जाएगा। दशहरे पर्व को आकर्षक बनाने के लिए विश्व भर से 18 से 20 देश के सांस्कृतिक दल बुलाए गए हैं। ये दल कुल्लू दशहरा में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। देव समागम के इस महोत्सव को लेकर शिमला में हाई लेवल बैठक आयोजित की गई।
कुल्लू दशहरा को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू , डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित आला अफसर मौजूद रहे। इस दौरान कुल्लू दशहरा का “कर्टन रेजर” भी जारी किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा से हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें कुल्लू जिला में भी ज्यादा नुकसान हुआ है।
आपदा से पर्यटन क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कुल्लू दशहरा पर्यटन को वापस पटरी पर लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। क्योंकि प्रदेश आपदा से उभर चुका है। पर्यटक अब कुल्लू सहित प्रदेश में बिना डर के घूमने के लिए आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्सव के लिए क्षेत्र में निर्बाध परिवहन सुविधा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान प्रदेश विशेषकर कुल्लू जिले में पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आपदा के दौरान जिला प्रशासन, विभिन्न विभागों, संगठनों एवं लोगों द्वारा राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए दिया गया योगदान प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक बार फिर पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और आगामी कुल्लू दशहरा उत्सव इस संबंध में एक मील पत्थर साबित होगा।
पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन प्रदान करने में दशहरा उत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव वास्तव में एक वैश्विक कार्यक्रम बनने के लिए तैयार है।
विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक दलों के साथ-साथ रूस, इजराइल, रोमानिया, कजाकिस्तान, क्रोएशिया, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड, पनामा, ईरान, मालदीव, मलेशिया, कीनिया, दक्षिण सूडान, जाम्बिया, घाना और इथियोपिया सहित 19 देशों के प्रतिभागी उत्सव में एक विविध और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक झलक दिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्सव में 25 अक्टूबर को सांस्कृतिक परेड और 30 अक्टूबर को कुल्लू कार्निवल का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही 13 विभाग क्षेत्र की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए पैगोड़ा टेंट में प्रदर्शनियां लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, उन्होंने सांस्कृतिक एवं लोक परंपराओं को संरक्षित करने के लिए उत्सव के दौरान पारंपरिक खेलों और स्थानीय लोक कलाकारों को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले और त्यौहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और इसके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि कुल्लू दशहरा धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक मूल्यों का वैश्विक प्रतीक है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के लिए 12 करोड़ रुपये की कई विकासात्ममक परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। जिसमें कुल्लू में 5.49 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चार मंजिला बहुउद्देशीय उपायुक्त कार्यालय का भवन शामिल है।
इस भवन में दो सम्मेलन कक्ष सहित विभिन्न कमरे और पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने ढालपुर में उभरती खेल प्रतिभाओं के लिए 3 करोड़ रुपये से निर्मित इंडोर बैडमिंटन हॉल का उद्घाटन तथा कुल्लू में 3.51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महिला पुलिस स्टेशन भी जनता को समर्पित किया।