मसलों को हल करने की जगह तानाशाही का तरीका अपना रही
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने राजीव गांधी स्वावलंबन ई-टैक्सी योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए नियम भी बना दिए हैं। इस योजना के लिए आवेदन करने की पात्रता उम्र 20 से 45 वर्ष है और आवेदक के पास कम से कम 7 साल का ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।
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वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस बनने की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। यदि सात साल का ड्राइविंग लाइसेंस और जोड़ दिया जाए तो आवेदक की न्यूनतम उम्र 25 साल हो जाएगी, लेकिन सरकारी नियमों में आवेदक की उम्र सीमा 20 से 45 साल रखी गई है, जो अपने आप में हास्यास्पद है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार जिला परिषद कर्मियों की मांगें पूरी करने की बजाय उन्हें धमका रही है। कार्रवाई की तैयारी कर रही है। जब चुनाव का समय था तो सरकार बनते ही हर मांग पूरी करने का वादा कर रहे थे।
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अब जब झूठ बोलकर सरकार बन गई है तो महीनों से धरने पर बैठे जिला परिषद कर्मियों के मसलों को हल करने के बजाय सरकार तानाशाही का तरीका अपनाना चाह रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के आपदा राहत और पुनर्निर्माण के सारे कार्य सरकार की नीतियों की वजह से बंद पड़े हैं, जिससे आज भी हजारों बेघर लोगों का अपना घर नहीं बन पा रहा है। क्रशर बंद हैं। बालू, रेत, बजरी जैसे निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं आज लोगों को मिल नहीं रही हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा से प्रदेश में पर्यटन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इससे उबरने में सरकार के सहयोग की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान की सुक्खू सरकार पर्यटन की कमर तोड़ने में लगी है।
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ऐसे-ऐसे टैक्स लाद रही है कि पर्यटन कारोबारी हिमाचल की बजाय अन्य प्रदेशों का रुख कर रहे हैं। विभिन्न संस्थाओं के आंकड़ों की माने तो सरकार के इन नियमों परिमाण स्वरूप विंटर सीजन की 90 फीसदी एडवांस बुकिंग लोगों ने रद्द कर दी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा पर्यटक बसों और टेंपो ट्रैवलर टाइप वाहनों पर अतिरिक्त टैक्स लगा दिया। इस टैक्स की वजह से हर बस को चार से पांच दिन के टुअर पर 20 से 25 हजार अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं, ऐसे में बस ऑपरेटर हिमाचल की बजाय कश्मीर और अन्य राज्यों का रुख कर रहे हैं, जिससे प्रदेश को हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा लाई गई लगेज पॉलिसी हर लिहाज से जन विरोधी थी। एचआरटीसी का उद्देश्य प्रदेश के लोगों की सेवा करना है।
यह आम लोगों के परिवहन का साधन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लगेज पॉलिसी के मामले में एचआरटीसी के दो परिचालकों को बर्खास्त कर दिया। यह सरकार का तानाशाही भरा दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। इस फैसले को सरकार को वापस लेना होगा।
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