जोगिंद्रनगर। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में शुक्रवार को एक हादसा पेश आया है। ये हादसा लडवाण गांव के नजदीक पेश आया है। जोगिंद्रनगर से द्रुब्बल की तरफ जा रही HRTC की बस का स्टेयरिंग अचानक उखड़ गया। बस में कुल 16 यात्री सवार थे। गनीमत ये रही कि बस में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। चालक और एक-दो लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
करीब 80 फीसदी छात्र फेल, कई छात्रों का परिणाम ही पूरा नहीं
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले अंडर ग्रेजुएट छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से घोषित किए गए पहले और दूसरे साल के रिजल्ट में करीब 80 फीसदी छात्र परीक्षा पास नहीं कर सके हैं। छात्रों का आरोप है कि ऑनलाइन सिस्टम की वजह से रिजल्ट खराब आए हैं। पहले ही विश्वविद्यालय ने सात महीने के लंबे अंतराल के बाद रिजल्ट घोषित किए और इसमें भी कई खामियां हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कई छात्रों के रिजल्ट पूरे नहीं हैं, वहीं कई छात्रों को सब्जेक्ट में केवल एक, दो और शून्य नंबर दिए गए हैं। इस बीच शुक्रवार को एसएफआई ने विश्वविद्यालय में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय चौक से वाइस चांसलर कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया गया।
इसके अलावा छात्रों ने विश्वविद्यालय वाइस चांसलर के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात नजर आया। छात्रों में रिजल्ट के खिलाफ रोष है और विश्वविद्यालय प्रशासन से रिजल्ट को रिव्यू करने की मांग की जा रही है। इससे पहले गुरुवार को ABVP कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन कर रोष जताया था।
सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में आज भी प्राचीन परंपराओं को बखूबी निभाया जाता है। दीपावली के एक महीने बाद अमावस्या की रात को गिरिपार क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली को मशराली के नाम से जाना जाता है। बूढ़ी दीपावली का त्योहार गिरिपार और उत्तराखंड के जौनसार में मनाया जाता है।
गिरिपार क्षेत्र में एक सप्ताह तक मनाया जाने वाला बूढ़ी दिवाली का त्योहार शुरू हो गया है। एक हफ्ते तक चलने वाले इस त्योहार में सभी ग्रामीण अपने-अपने गांव में एक स्थान पर एकत्रित होकर बूढ़ी दिवाली मनाते हैं। इस दौरान ग्रामीण पारंपरिक लोक नृत्य भी प्रस्तुत करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि गिरिपार के लोगों को आम दिवाली के एक माह बाद जब भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास व रावण का वध करने के बाद के अयोध्या वापस लौटने की जानकारी मिली तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए देवदार और चीड़ की लकड़ियों की मशाल बनाकर रोशनी की। उन्होंने खूब नाच-गाना भी किया था। इसके बाद से ही गिरिपार क्षेत्र बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हो गई।
कई जगह बूढ़ी दिवाली को राजा बलि या बलिराज से भी जोड़ा जाता है। उनके अनुसार राजा बलि को भगवान विष्णु ने जब पाताल पहुंचाया था तो उनके बीच कुछ समझौता हुआ था। उनको ही समर्पित करते हुए ये मशालें जलाई जाती हैं। दीपावली से ठीक एक माह बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार की गरिमा किसी भी हालत में दिवाली से कम नहीं रहती। गिरिपार के क्षेत्र में तो यही असली दिवाली है। सदियों से चली आ रही बूढ़ी दिवाली की परंपरा को आज भी गिरिपार क्षेत्र के लोग संजोए हुए हैं।
आधी रात को कड़कड़ाती ठंड में भी लोग हाथों में मशाल लेकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकते-थिरकते पौराणिक लिंबर नृत्य का आनंद उठाते हैं। बच्चे-बूढ़े और महिलाएं व पुरुष सभी आस्था के इस महापर्व में खूब झूमते हैं। सतयुग से चली आ रही इस पौराणिक परंपरा को क्षेत्र के लोग सदियों बाद भी संजोए हुए हैं।
बूढ़ी दिवाली के त्योहार में लोग परोकड़िया गीत, विरह गीत, भयूरी, रासा, नाटिया व स्वांग के साथ हुड़क डांस करते हैं। कुछ जगहों पर इस बूढ़ी दिवाली पर बढ़ेचू डांस करने की भी परंपरा है। कई जगहों पर रात में बुड़ियात डांस भी किया जाता है। इस दौरान लोग एक दूसरे को सूखे मेवे, चिड़वा, अखरोट व शाकुली खिलाकर बधाई देते हैं। बूढ़ी दिवाली के दौरान अलग-अलग दिन अस्कली, धोरोटी, पटांडे, सीड़ो व तेलपकी आदि पारम्परिक व्यंजन परोसे जाते हैं।
दीपावली के अगले रोज पोड़ोई, दूज, तीच व चौथ आदि पर ग्रेटर सिरमौर के कईं गांव में सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन किया जाता है जिसमें से कुछ जगहों पर रामायण व महाभारत का मंचन किया जाता है। विशेष समुदाय से संबंध रखने वाले पारंपरिक बुड़ेछू कलाकारों द्वारा इस दौरान होकू, सिंघा वजीर, चाय गीत, नतीराम व जगदेव आदि वीर गाथाओं गायन किया जाता है।
सदियों से क्षेत्र में केवल दीपावली अथवा बड़ी दिवाली तथा बूढ़ी दिवाली के दौरान ही बुड़ेछू नृत्य होता है। इसे बूढ़ा अथवा बुड़ियाचू नृत्य भी कहा जाता है। स्थानीय लोग बुड़ेछू दल के सदस्यों को नकद बक्शीश के अलावा घी के साथ खाए जाने वाले पारंपरिक व्यंजन भी परोसते हैं। इस परंपरा को ठिल्ला कहा जाता है।
शिमला। सामाजिक क्षेत्र में जनता की भलाई के लिए काम कर रहे सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से एक बार फिर कपड़ा बैंक की शुरुआत की जा रही है। कपड़ा बैंक चार दिसंबर से शुरू किया जाएगा। सर्दियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश में ठंड की वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह परेशानी गरीब तबके के लोगों के लिए और भी ज्यादा होती है क्योंकि उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते। ऐसे में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से इन लोगों को कपड़े बांटे जाएंगे। ट्रस्ट इसके लिए यूनिवर्सिटी-कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ प्रदेश भर के लोगों का सहयोग लेता है।
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव प्रो. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट लंबे समय से गरीब तबके के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। कपड़ा बैंक भी गरीब तबके के समाज के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए एक बड़ी मुहिम है। उन्होंने कहा कि संपन्न समाज के लोग कपड़े दान कर बड़ा उपकार का काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में सुधार के लिए भी काम कर रहा है। गरीब तबके से जुड़े लोगों को पढ़ाई में भी समर्थन दिया जाता है, वहीं उन्होंने बताया कि 6 दिसम्बर को समरसता दिवस पर एक संगोष्टी का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्टार्टअप बनाकर लोगों को रोजगार देने वाले उत्कृष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
शिमला। राजधानी में बिना अनुमति लग रहे पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स पर नगर निगम अब सख्त कार्रवाई करेगा। निगम ने इस पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद नगर निगम ने यह अहम फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने शहर में बिना अनुमति लग रहे पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
होर्डिंग व पोस्टर से न केवल शहर के लोग परेशान हैं बल्कि इससे शहर की खूबसूरती दागदार हो रही है, गंदगी भी फैल रही है। नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने बताया कि सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स लगाने वालों पर जुर्माना किया जाएगा। इसमें 10 हजार रुपये का प्रावधान हैं जिसके बाद 500 रुपये प्रतिदिन रहेगा।
यह वार्ड के कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी रहेगी कि कहीं उनके वार्ड में बिना अनुमति पोस्टर और बैनर तो नहीं लग रहे। हर वार्ड में इसकी निगरानी के लिए अभियंता की अगुवाई में कमेटियां बनाने का भी फैसला लिया है। आशीष कोहली ने कहा कि शहर में बिना अनुमति लगे सभी पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स हटाए जाएंगे।
शहर में सार्वजनिक संपत्तियों पर लगने वाले पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स की शिकायत करने के लिए नगर निगम ने टोल फ्री नंबर 1916 भी जारी कर दिया है। इस पर लोग शिकायत कर सकते हैं।
मझीण। ज्वालामुखी उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कथोग में संपन्न बाल विज्ञान मेले में राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मझीण के होनहारों ने अपनी प्रतिभा का खूब लोहा मनवाया है। बाल विज्ञान मेले के तहत आयोजित विभिन्न गतिविधियों में मझीण स्कूल के कई प्रतियोगी विद्यार्थियों ने कई श्रेष्ठ स्थान हासिल किए।
साइंस एक्टिविटी कार्नर के सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण स्कूल की रिम्मी पहले पायदान पर रही। जबकि इसी एक्टिविटी के सीनियर वर्ग में विद्यालय के ही एक छात्र आयुश ने द्वितीय स्थान झटका। वहीं विज्ञान प्रश्नोतरी प्रतियोगिता के सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण स्कूल के ही अतुल व कोमल कौंडल ने प्रथम स्थान हासिल किया। सीनियर वर्ग में अनिकेत और अक्षित ने तृतीय स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहे।
मैथेमैटिक्स ओलम्पियाड सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण विद्यालय का साहिल तृतीय स्थान अपने नाम करने में सफल रहा। आज विद्यालय पहुंचने पर सभी होनहार विद्यार्थियों का स्कूल के प्रधानाचार्य संजय धीमान, बाल विज्ञान मेले के समन्वयक व भौतिकी विषय के प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा और अन्य अध्यापक व प्राध्यापक वर्ग ने स्वागत किया। साथ ही सभी प्रतियोगी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
भौतिकी विषय के प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा ने बताया कि सीनियर सैंकेडरी वर्ग के विज्ञान प्रश्नोतरी व साइंस एक्टिविटी कार्नर व मैथ्स ओलम्पियाड प्रतियोगिता में श्रेष्ठ स्थान हासिल करने वाले उक्त चारों विद्यार्थी व सीनियर सैंकडरी वर्ग में एक विद्यार्थी जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए उपमंडल ज्वालाजी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
वहीं, प्रधानाचार्य ने इस उपलब्धि का श्रैय स्कूल के अध्यापकों व बच्चों को दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय के अध्यापकों ने इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बच्चों से खूब मेहनत करवाई, जो आज रंग लाई है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भी मझीण स्कूल के विद्यार्थियों से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। इसके लिए उन्होंने बच्चों को शुभकामनाएं भी दी हैं।
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में चंडीगढ़-मनाली एनएच पर शुक्रवार सुबह एक सड़क हादसा पेश आया है। सागर व्यू होटल के पास पर्यटकों से भरी एक लग्जरी बस (PB 01C 9972) दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस में 40 यात्रियों में से 18 को गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में भर्ती करवाया गया। बस में ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब व जालंधर के पर्यटक सवार थे।
जानकारी के अनुसार यह बस मनाली से चंडीगढ़ की तरफ जा रही थी कि होटल के पास मोड़ पर पलट गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और पुलिस को भी सूचित कर दिया।
एंबुलेंस की सहायता से सभी घायलों को क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर पहुंचाया गया। प्राथमिक दृष्टि में ओवरस्पीड के कारण ये हादसा पेश आया है। फिलहाल हादसे के सही कारणों का पता जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
घायलों में आरती, शांति व राहुल निवासी मुंबई, हर्ष व्यास निवासी राजस्थान, आशीष दिगारे निवासी वेस्ट बाम्बे, पूर्वी जैन निवासी राजस्थान, दीवान निवासी नासिक, वर्षा नायक निवासी भुवनेश्वर, ओडिशा, पंवित शाह निवासी ओडिशा, अमित राय निवासी जालंधर और मुतु करिशाना निवासी तमिलनाडु शामिल हैं।
घायलों में से एक व्यक्ति को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है, जबकि अन्य घायलों का इलाज क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में ही चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला स्थित फ्रेंडशिप पीक में लापता हुए ट्रैकर का एक सुराग मिला है। सर्च ऑपरेशन में जुटी टीमों को गुरुवार को ट्रैकर का हेलमेट मिला है। इस सुराग से ट्रैकर के मिलने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
बता दें कि 17 नवंबर को फ्रेंडशिप पीक में ग्लेशियर की चपेट में आकर शिमला जिला के चौपाल से संबंध रखने वाला एक ट्रैकर आशुतोष लापता हो गया है। 19 नवंबर की शाम को कुल्लू प्रशासन को इसकी सूचना मिली थी। उसके बाद 20 नवंबर से सर्च अभियान शुरू किया गया। लिहाजा लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद पांचवें दिन लापता ट्रैक्टर का हेलमेट ग्लेशियर के मलबे में बरामद हुआ है। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही लापता ट्रैकर का शव भी बरामद होगा।
आशुतोष गर्ग ने बताया कि सर्च अभियान के लिए ऐसे सेवानिवृत्त सेना के जवानों को भी लगाया गया है, जिन्होंने एवलॉन्च क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं। वहीं, एडवेंचर टूअर ऑपरेटर एसोसिएशन और अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टीमें 20 नवंबर से सर्च अभियान में लगातार जुटी हुई हैं।
डीसी ने बताया कि सर्च अभियान में जुटे लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली टेक्निकल टीम भी मौके के लिए गुरुवार को रवाना की है जो मौके पर आधुनिक उपकरणों के माध्यम से ट्रैकर की तलाश करेगी। ट्रैकर का हेलमेट मिलने के बाद अब सर्च दलों ने सर्च अभियान को सीमित सीमा क्षेत्र तक ही समेट लिया है। अब जहां हेलमेट मिला है उसी क्षेत्र में ट्रैकर के दबे होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। लिहाजा, इस क्षेत्र को सर्च टीम खंगाल रही है।
जनवादी नौजवान सभा ने नगर निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
शिमला। शिमला शहर में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन बंदरों व कुत्तों के आतंक से लोग ज्यादा ही परेशान हैं। जनवादी नौजवान सभा ने इसे लेकर निगम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन के माध्यम से जनवादी नौजवान सभा ने शिमला शहर में लगातार बढ़ रही कुत्तों में बंदरों की समस्या से निपटने के उचित प्रबंध करने, शहर में प्रवासी मजदूरों के लिए रेन बसेरा व शेल्टर बनाने, सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, शहर के युवाओं के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना को सही तरीके से लागू करने, शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर को साफ करवाने, बर्फबारी के दौरान हर वार्ड में बर्फ से निपटने के लिए उचित प्रबंध करने आदि मांगों को नगर निगम प्रशासन के समक्ष रखा।
नौजवान सभा शिमला शहरी के सचिव अमित कुमार ने कहा कि शिमला शहर में लगातार लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है एक और जहां शहर में लगातार कुत्तों और बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, वहीं सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है शिमला शहर में सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं जो कि नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हैं।
इसके ही साथ शहर के युवाओं के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत किसी भी तरह का रोजगार युवाओं को नहीं मिल पा रहा है तथा नगर निगम प्रशासन को इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। आगामी समय में शहर में बर्फबारी से निपटने के लिए उचित प्रबंध करने की मांग को भी नगर निगम प्रशासन से रखा गया।
सुंदरनगर। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी स्थित सुंदरनगर के सलाह वार्ड निवासी डॉ. अभिषेक सोनी को इंटरनेशनल “बेस्ट यंग रिसर्चर अवार्ड” से सम्मानित किया गया है। डॉ. अभिषेक सोनी ने बताया कि यह अवार्ड उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुआ है। यह अवार्ड उन्हें उनके PHD के शोध कार्य को देखते हुए मिला है।
डॉ. अभिषेक सोनी वर्तमान में अभिलाषी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपने PHD में PCOD (महिलाओं में होने वाली इनफर्टिलिटी की समस्या) के लिए वैजाइनल रूट से पहुंचाने के लिए दवाई डॉ. सचिन गोयल के मार्गदर्शन में बनाई है। इसकी सफल लैब टेस्टिंग पंजाब विश्वविद्यालय में डॉ. अनिल कुमार के मार्गदर्शन में की गई है। वहीं, इस दवाई का पेटेंट भी प्रकाशित हो चुका है।
कुंगु को कॉस्मेटिक के रूप में लाने के लिए कर रहे शोध
डॉ. सोनी के पांच पेटेंट अब तक प्रकाशित हो चुके हैं तथा 50 शोध और रिव्यू पत्र नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रकाशित हैं। डॉ. सोनी मंडी में उपयोग होने वाले कुंगु को कॉस्मेटिक के रूप में शोध द्वारा लाने जा रहे हैं। इस पर 80 फीसदी शोध कार्य अभिलाषी विश्वविद्यालय की रिसर्च लैब में पूरा कर लिया है। यह फॉर्मूला एक मेडिसिन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। डॉ. सोनी ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता अंबिका सोनी तथा सुभाष चंद्र सोनी और अपने गाइड को दिया है।