Categories
Top News Dharam/Vastu

चैत्र नवरात्र : सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा, जानें विधि, बीज मंत्र व आरती

चैत्र नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। यह मां दुर्गा का रौद्ध रूप भी है जिसका वर्ण काला है इसलिए इन्हें मां काली या कालिका के नाम से भी जाना जाता है।

माता का यह रूप अत्यंत भयंकर है परंतु भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी है। माना जाता है कि मां काली की पूजा करने से व्यक्ति का सभी प्रकार का भय खत्म होता है।

हमीरपुर से वृंदावन के लिए जा रही थी HRTC बस, पहाड़ी से जा टकराई

 

 

माना जाता है कि माता कालरात्रि की आराधना से साधक को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। तंत्र मंत्र के साधकों में मां कालरात्रि की पूजा विशेष रूप से प्रचलित है। यही कारण है कि मां कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है।

साथ ही यह भी माना गया है कि मां काली की पूजा से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। क्योंकि मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं इसलिए हिंदू धर्म में उन्हें वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है।

देहरा : रणियां दी हट्टी खरोह मोड़ के पास बाइक को मारी टक्कर, पति-पत्नी घायल

 

मां कालरात्रि की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज नाम के राक्षसों ने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था। इन राक्षसों को हाहाकर से परेशान होकर सभी देवतागण शिवजी के पास गए और उनसे इस समस्या से बचने का कोई उपाय मांगने लगे।

तब भगवान शिव ने माता पार्वती से इन राक्षसों का वध करने के लिए कहा। तब माता पार्वती ने दुर्गा का रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया।

हरिपुर : रोड़ डिब्बर बैसाखी मेला में दंगल, विधायक होशियार सिंह भी पहुंचे

 

 

लेकिन जब रक्तबीज के वध की बारी आई तो उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों की संख्या में रक्तबीज दैत्य उत्पन्न हो गए। क्योंकि रक्तबीज को यह वरदान मिला था कि यदि उनके रक्त की बूंद धरती पर गिरती है तो उसके जैसा एक और दानव उत्पन्न हो जाएगा।

ऐसे में दुर्गा ने अपने तेज से देवी कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का वध किया और मां कालरात्रि ने उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को जमीन पर गिरने से पहले ही अपने मुख में भर लिया। इस तरह रक्तबीज का अंत हुआ।

मां कालरात्रि की पूजा विधि
  • देवी पार्वती के कालरात्रि रूप की पूजा करने के लिए सुबह और रात्रि दोनों का समय शुभ माना जाता है।
  • इस रूप में मां की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करके लाल कंबल के आसन पर बैठे।
  • मां कालरात्रि की तस्वीर स्थापित करें, वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
  • इसके बाद दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ मां के जयकारे लगाएं।
  • दुर्गा चालीसा का पाठ करें, हवन करें और मां कालरात्रि को गुड़ से बनाएं मालपुए का भोग जरूर लगाएं।
  • आप चाहे तो रुद्राक्ष की माला से मां के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
मां कालरात्रि पूजा मंत्र

मां कालरात्रि की पूजा के दिन लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मुरादें पूरी होती हैं साथ ही जीवन में आ रहे कष्टों से भी मुक्ति मिलती है …

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।

मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

कांगड़ा : जसूर में ट्रक ने कुचली स्कूटी सवार महिला, गई जान

 

सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर हुई फायरिंग, भारी पुलिस बल मौके पर

कांगड़ा : मां बज्रेश्वरी के दर्शन कर ज्वालामुखी जा रहे थे श्रद्धालु, सुरंग के पास पलटी बस

हिमाचल लोकसभा चुनाव : मंडी से विक्रमादित्य होंगे कांग्रेस उम्मीदवार, प्रतिभा सिंह का ऐलान

हिमाचल लोकसभा चुनाव : भाजपा ने इन्हे सौंपा विशिष्ट कार्यभार, देखें लिस्ट

हिमाचल मौसम अपडेट : इन जिलों में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी, ऑरेंज अलर्ट

शिमला रिज पर हिमाचल दिवस की रिहर्सल : 14 टुकड़ियां लेंगी परेड में हिस्सा

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इन पदों के स्क्रीनिंग टेस्ट का शेड्यूल किया जारी
हिमाचल : HAS, तहसीलदार, जिला पंचायत अधिकारी के पदों को लेकर बड़ी अपडेट
HPPSC : जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर के पदों को लेकर अपडेट – जानिए
हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें हमारे फेसबुक पेज से यहां करें क्लिक- https://www.facebook.com/ewn24
Categories
Top News Dharam/Vastu

शारदीय नवरात्र का सातवां दिन : ये है मां कालरात्रि की पूजा विधि, बीज मंत्र व आरती

शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। यह मां दुर्गा का रौद्ध रूप भी है जिसका वर्ण काला है इसलिए इन्हें मां काली या कालिका के नाम से भी जाना जाता है। माता का यह रूप अत्यंत भयंकर है परंतु भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी है। माना जाता है कि मां काली की पूजा करने से व्यक्ति का सभी प्रकार का भय खत्म होता है।

माना जाता है कि माता कालरात्रि की आराधना से साधक को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। तंत्र मंत्र के साधकों में मां कालरात्रि की पूजा विशेष रूप से प्रचलित है। यही कारण है कि मां कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है। साथ ही यह भी माना गया है कि मां काली की पूजा से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। क्योंकि मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं इसलिए हिंदू धर्म में उन्हें वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है।

धर्मशाला : भारत-न्यूजीलैंड मैच से पहले ब्लैक में बेच रहा था टिकटें, रंगे हाथ पकड़ा

मां कालरात्रि की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज नाम के राक्षसों ने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था। इन राक्षसों को हाहाकर से परेशान होकर सभी देवतागण शिवजी के पास गए और उनसे इस समस्या से बचने का कोई उपाय मांगने लगे। तब भगवान शिव ने माता पार्वती से इन राक्षसों का वध करने के लिए कहा। तब माता पार्वती ने दुर्गा का रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया।

लेकिन जब रक्तबीज के वध की बारी आई तो उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों की संख्या में रक्तबीज दैत्य उत्पन्न हो गए। क्योंकि रक्तबीज को यह वरदान मिला था कि यदि उनके रक्त की बूंद धरती पर गिरती है तो उसके जैसा एक और दानव उत्पन्न हो जाएगा। ऐसे में दुर्गा ने अपने तेज से देवी कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का वध किया और मां कालरात्रि ने उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को जमीन पर गिरने से पहले ही अपने मुख में भर लिया। इस तरह रक्तबीज का अंत हुआ।

मंडी : पत्नी की हत्या के दोषी पति को 10 साल का कठोर कारावास

मां कालरात्रि की पूजा विधि

देवी पार्वती के कालरात्रि रूप की पूजा करने के लिए सुबह और रात्रि दोनों का समय शुभ माना जाता है।
इस रूप में मां की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करके लाल कंबल के आसन पर बैठे।
मां कालरात्रि की तस्वीर स्थापित करें, वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
इसके बाद दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ मां के जयकारे लगाएं।
दुर्गा चालीसा का पाठ करें, हवन करें और मां कालरात्रि को गुड़ से बनाएं मालपुए का भोग जरूर लगाएं।
आप चाहे तो रुद्राक्ष की माला से मां के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

एक दिन में काम करने का किया था वादा एक साल बाद नौकरी से निकाल रहे

मां कालरात्रि पूजा मंत्र

मां कालरात्रि की पूजा के दिन लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मुरादें पूरी होती हैं साथ ही जीवन में आ रहे कष्टों से भी मुक्ति मिलती है …

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।

मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

 

हिमाचल : PGT के 585 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, डिटेल नोटिफिकेशन जारी, पढ़ें

धर्मशाला भारत-न्यूजीलैंड मैच : बारिश डाल सकती है खलल, जानें मौसम अपडेट

 

हिमाचल : आपके मोबाइल पर भी आया ऐसा मैसेज, न घबराएं- जानें वजह

हिमाचल के इन स्कूलों में खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों पर लगी रोक, आदेश जारी

हिमाचल : एक माह में 15 रुपए बढ़े सीमेंट के दाम, अब 5 रुपए प्रति बैग हुई बढ़ोतरी
हिमाचल में बेटियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करने पर विचार-बनेगी कमेटी

HRTC लगेज पॉलिसी : छात्रों को राहत, नहीं लगेगा लैपटॉप का किराया 

हिमाचल में इंतकाल के 22 हजार से अधिक मामले लंबित, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

हिमाचल के मेडिकल कॉलेज हाईकोर्ट के फैसले की उड़ा रहे धज्जियां-जानें कैसे 

IGMC शिमला से निकाले सुरक्षा कर्मियों को नौकरी पर न रखा तो देंगे गिरफ्तारियां 

HRTC बस में भी स्वाइप कर सकेंगे क्रेडिट-डेबिट कार्ड, तीन माह में शुरू होगी सुविधा

हिमाचल के सभी डीसी को निर्देश, अनाथ बच्चों को 7 नवंबर से पहले जारी करें प्रमाणपत्र 

HRTC कर्मियों और पेंशनर को दिवाली का तोहफा, भरे जाएंगे कंडक्टर के 300 पद

हिमाचल : निजी कंपनियों में नौकरी के इंटरव्यू के लिए अब ऑनलाइन होंगे आवेदन 

हिमाचल में इन्हें घर बनाने के लिए 280 रुपए में मिलेगी सीमेंट की बोरी 
हिमाचल दर्शन योजना : बाहरी राज्यों के धार्मिक स्थलों के लिए भी चलेंगी सीधी बसें

हिमाचल में एक बेटी पर मिलेंगे दो लाख, दो पर दिया जाएगा एक लाख रुपए का इंसेंटिव
धर्मशाला : चौके-छक्कों के साथ मौज-मस्ती, विदेशी खिलाड़ियों को भा रही हसीन वादियां
हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें EWN24 NEWS की वेबसाइट https://ewn24.in/ फेसबुक https://www.facebook.com/ewn24 और यूट्यूब https://www.youtube.com/@ewn24news