काजा। हिमाचल के जिला लाहौल स्पीति के काजा के कन्या छात्रावास में टूथपेस्ट बांटे गए। कारवां संस्था के सहयोग से छात्राओं को डाबर कंपनी का टूथपेस्ट वितरित किया गया। एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने बच्चों को टूथपेस्ट वितरित किए।
एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि कारवां संस्था ने जो सहयोग छात्रावास की छात्राओं के लिए किया है, उसका विशेष आभार व्यक्त करते है। उन्होंने बच्चों से कहा कि हॉस्टल में बच्चों को नियमों के पालन के साथ बेहतरीन पढ़ाई के लिए सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
पिछले कई सालों से यह हॉस्टल स्पीति की बच्चियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने कारवां संस्था के अध्यक्ष इशू ठाकुर को हॉस्टल में 100 टूथपेस्ट भेजने के लिए आभार व्यक्त किया है। इस अवसर पर हॉस्टल वार्डन और सभी छात्राएं मौजूद रही।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोग चिड़ियाघरों के जानवरों को गोद ले सकते हैं। आपको सुनने में यह अजीब जरूर लगेगा, लेकिन ऐसा हो सकता है। इसके लिए अलग-अलग जानवरों व पक्षियों के लिए अलग-अलग रेट हैं। हालांकि ये जानवर चिड़ियाघर में ही रहेंगे।
व्यक्ति जिस भी जानवर को गोद लेगा उसकी जानकारी पिंजरे के बाहर बोर्ड लगाकर दी जाएगी। इस योजना को अक्टूबर माह में ही राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इसे लांच किया है। इतना ही नहीं राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने खुद पक्षी को गोद लेते हुए 12 हजार रुपये दिए हैं।
प्रधान मुख्य संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव राजीव कुमार ने बताया कि इस योजना को अक्टूबर माह में शुरू किया गया था। इसके तहत अभी तक 3 पक्षी व एक तेंदुए को गोद लिया गया है। इसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल के राजकीय पक्षी जाजुराना को गोद लिया है।
इस योजना के तहत चिड़ियाघर में मौजूद तेंदुआ, शेर, भूरा भालू, काला भालू, हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना समेत अन्य पशु पक्षियों को गोद लिया जा सकता है। हर पशु या पक्षी को गोद लेने के लिए एक निश्चित राशि रखी गई है। ये रकम सालाना 5 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक है। इस योजना में पूरा चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर भी गोद ले सकते हैं।
हालांकि पशु पक्षियों को गोद लेने की योजना देश के कई राज्यों में चलाई जा रही है, लेकिन अब इसे हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया है। पशु पक्षियों को गोद लेने की सालाना फीस की बात करें तो तेंदुआ की 2 लाख, शेर की 2 लाख, भालू की 2 लाख, सांभर की 50 हजार, ग्रिफन वल्चर की 50 हजार, घोरल की 25 हजार, बारकिंग डियर की 25 हजार रुपए सालाना है।
लैपर्ड कैट की 25 हजार, ईमू की 25 हजार, फीजेंट की 12 हजार, लव बर्डस की 12 हजार, कछुआ की 12 हजार, पूरे चिड़ियाघर की 1 करोड़, पूरे रेस्क्यू सेंटर की 1 करोड़, छोटे पक्षी की 5 हज़ार, मनाली, सराहन, चायल की फीजेंटरी की 25 लाख रुपये सालाना रखी गई है।
न्यूजीलैंड से सीरीज जीतने के टीम इंडिया के अरमानों पर तो पानी फिर गया है। पर अभी सीरीज बराबर करने का मौका है। वहीं, न्यूजीलैंड के पास सीरीज जीतने का अवसर है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया दूसरा वनडे मैच बारिश के चलते रद्द करना पड़ा।
सीरीज का तीसरा और अंतिम मुकाबला 30 नवंबर को क्राइस्टचर्च में खेला जाएगा। पहला वनडे मैच न्यूजीलैंड ने जीता था। ऐसे में 3 मैचों की सीरीज में भारत श्रृंखला जीत नहीं सकता है। पर अंतिम मैच जीत कर बराबरी जरूर कर सकता है।
दूसरे वनडे मैच अधिकतर समय मैदान गीला रहा। हैमिल्टन में पहले ही बारिश की संभावना जताई थी। मैच दो बार शुरू हुआ पर बारिश के चलते 12.5 ओवर का खेल ही हो पाया।
सुबह टॉस में लगभग 15 मिनट की देरी हुई। इसके बावजूद मैच समय से शुरू हुआ। टॉस जीतकर न्यूजीलैंड के कैप्टन केन विलियमसन ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। टीम इंडिया से शुभम गिला और शिखर धवन ने पहले 4.5 ओवर में 22 रन बनाए।
बारिश के चलते खेल रोकना पड़ा। मैच लगभग 4 घंटे रुका रहा। बारिश थमने पर खेल दोबारा शुरू हुआ और 29 ओवर का कर दिया गया। दोबारा मैच शुरू होने पर दूसरी ही गेंद पर शिखर धवन आउट हो गए।
इसके बाद सूर्यकुमार यादव खेलने आए। दोनों ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के बॉल पर शानदार शॉट लगाए। दोनों की खिलाड़ी अच्छी लय में थे। एक बार फिर बारिश ने दस्तक दे दी और मैच रोकना पड़ा।
इस बार रुका मैच दोबारा शुरू न हो सका और मैच रद्द करने का फैसला लिया गया। शिखर धवन तीन रन बनाकर आउट हुआ। शिखर धवन मैट हेनरी की गेंद पर फर्ग्युसन के हाथों कैच आउट हुए। दूसरी बार मैच रुकने के वक्त शुभम गिल 42 गेंद पर 45 और सूर्यकुमार यादव 25 गेंद पर 34 रन बनाकर खेल रहे थे।
इस मैच में भारत ने दो बदलाव किए थे। शार्दुल ठाकुर की जगह दीपक चाहर को जगह दी थी। वहीं, संजू सैमसन की जगह दीपक हुड्डा को मौका दिया गया था। न्यूजीलैंड ने एडम मिल्ने की जगह माइकल ब्रेसवेल को शामिल किया था।
इंदौरा। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मध्यप्रदेश में आज पांचवां दिन है। यात्रा आज महू से इंदौरा जिला के लिए आगे बढ़ी। इस दौरान यात्रा में रविवार सुबह हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपने पुत्र व कांग्रेस महासचिव विक्रमादित्य सिंह के साथ शामिल हुईं। युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर भी यात्रा में पैदल मार्च कर रहे हैं। इस दौरान राहुल गांधी हिमाचली टोपी पहने हुए नजर आए।
प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह शनिवारा रात को ही महू पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को पूरा चुनावी फीडबैक भी दिया। यहां प्रतिभा सिंह ने एक जनसभा को भी संबोधित किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि हिमाचल में कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। प्रदेश में कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा है।
राहुल गांधी की यह यात्रा देश के 12 राज्य से होकर जाएगी। दरअसल, यात्रा का प्रारंभ दक्षिणी भारत के छोर कन्याकुमारी से हुआ था जो उत्तर भारतीय राज्यों से होते हुए फरवरी में श्रीनगर पहुंचेगी। अभी यात्रा मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में है जहां से श्रीनगर तक की दूरी 1396 किलोमीटर बची है।
हिमाचल में विधानसभा चुनाव की वजह से पार्टी के प्रदेशस्तरीय तमाम नेता अभी तक व्यस्त थे। 8 दिसंबर को होने वाली मतगणना से पहले, हफ्तेभर तक नेताओं के पास इस यात्रा में पहुंचने का समय है। अगले कुछ दिन में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के अनुसार यह यात्रा बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, विभाजन की राजनीति और भारतीय पॉलिटिक्स के गिरते स्तर के ख़िलाफ जन-जागरण है।
मनाली। कुल्लू जिला स्थित पर्यटन स्थल मनाली के सोलंगनाला में एक निर्माणाधीन पुल ढह गया। मजदूर शटरिंग हटा रहे थे इसी दौरान अचानक पुल ढह गया। इस पुल का निर्माण सात साल से लटका हुआ है। शटरिंग हटाते समय सोलंग पुल का लेंटल गिर गया।
गनीमत ये रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। काम कर रहे सभी मजदूर बाल-बाल बच गए। लोक निर्माण विभाग ने पुराने ठेकेदार को अपना सामान समेटने के आदेश दिए थे। पुराना ठेकेदार इन दिनों अपना सामान समेट रहा है। इसी दौरान ये हादसा हो गया।
बता दें कि 2015 से शुरू हुआ इस पुल का कार्य ठेकेदार की कमी के कारण सात साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया। सोलंग के ग्रामीणों ने पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इसके बाद विभाग ने जांच की तो गुणवत्ता में कमी पाई। विभाग ने ठेकेदार का टेंडर रद्द करवा दिया व नया टेंडर करवाया है। अब नया ठेकेदार इस पुल का निर्माण करेगा।
यह पुल पहले से ही काफी विवादों में रहा है। 2015 में शुरू हुआ कार्य जब धीमी गति से चल रहा था तो ग्रामीणों ने खूब हो हल्ला कर सरकार व विभाग को चेताया था। एक बार मजबूरन ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर दिया।
लोक निर्माण विभाग मनाली के अधिशाषी अभियंता अनूप शर्मा ने बताया कि पुराने ठेकेदार के टेंडर रद कर उन्हें अपना सामान समेटने के आदेश दिए थे।
इस पुल के लेंटल को हटाकर नए सिरे से पुल निर्माण किया जाना है। शटरिंग हटाते हुए यह हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि पुल के पिलर यहीं रहेंगे, लेकिन पुल का निर्माण नए सिरे से होगा। अगले साल यह पुल तैयार कर लिया जाएगा।
जोगिंद्रनगर। हिमाचल के मंडी जिला के जोगिंदरनगर से दिल्ली कम किराए में एसी बस में सफर करें। जी हां आज हम आपको जोगिंदरनगर- दिल्ली वाया पधर, मंडी, सुंदरनगर, बिलासपुर, स्वारघाट, रोपड़, चंडीगढ़, अंबाला और पानीपत हिमधारा एसी बस रूट के बारे जानकारी दे रहे हैं।
उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आएगी और आपके लिए फायदेमंद रहेगी। आगे सर्दियों में दिल्ली व चंडीगढ़ जाने व दिल्ली से मंडी, जोगिंदरनगर आने के लिए सही रूट रहेगा।
जोगिंदरनगर डिपो की यह बस जोगिंदरनगर से सुबह 6 बजे चलती है। मंडी से साढ़े आठ, सुंदरनगर से 9 बजकर 15 मिनट, बिलासपुर से 10 बजकर 45(पैंतालीस) मिनट, कीरतपुर से दोपहर 1 बजे, रोपड़ से 1 बजकर 30 मिनट, चंडीगढ़ 17 (सत्रह) सेक्टर से तीन बजे, अंबाला से 5 बजकर 30 मिनट, करनाल से शाम 6 बजकर 30 मिनट, पानीपत से रात 7 बजकर 30 मिनट पर चलकर रात करीब आठ बजे दिल्ली पहुंचती है।
हिमधारा एसी बस दिल्ली से सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर निकलती है। चंडीगढ़ 43 (तैंतालीस) सेक्टर से 10 बजकर 50 मिनट, रोपड़ से 11 बजकर 55 (पचपन) मिनट, स्वारघाट से दोपहर दो बजकर 30 मिनट, बिलासपुर से 3 बजकर 30 मिनट, घाघस से चार बजे, बरमाणा से 4 बजकर 30 मिनट, सुंदरनगर से पांच बजे, नेरचौक से 5 बजकर 15 मिनट, मंडी से 5 बजकर 30 मिनट, पदर से साढ़े छह बजे चलकर करीब साढ़े सात आठ बजे जोगिंदरनगर पहुंचती है।
किराए की बात करें तो जोगिंद्रनगर से दिल्ली हिमसुता वोल्वो से करीब चार सौ रुपए कम और साधारण बस से करीब दो सौ रुपए अधिक है। जोगिंदरनगर से दिल्ली का किराया करीब 1044 (चौंतालीस) रुपए है। चंडीगढ़ का छह सौ तिरेपन, अंबाला का 731 रुपए है। दिल्ली से बिलासपुर के करीब 716 रुपए लगेंगे।
शिमला। जिला शिमला स्थित हसन वैली में शनिवार सुबह दो गाड़ियों में जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 60 वर्षीय श्याम सिंह वर्मा के सिर व कमर सहित टांगों में चोटें आई है। उन्हें इलाज के लिए आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। गाड़ियों की टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।
श्याम सिंह वर्मा का इलाज आईजीएमसी में चल रहा है। घायल श्याम सिंह ठियोग तहसील के ददास गांव के रहने वाले हैं। पुलिस से प्राप्त सूचना के अनुसार ओवर टेक के चलते यह हादसा हुआ है। हादसे के समय श्याम सिंह शिमला और राजेंद्र कुफरी जा रहे थे। श्याम सिंह को ज्यादा चोट आई है वहीं राजेंद्र सुरक्षित है।
सुबह के समय पेश आए इस हादसे के चलते काफी देर तक लंबा जाम लगा रहा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और यातायात सुचारू करवाया। ढली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नई दिल्ली। बीएसएफ, सीआईएसएफ (CISF), सीआरपीएफ (CRPF), एसएसबी, आईटीबीपी, एसएसएफ (SSF),असम राइफल्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में नौकरी की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए नौकरी का सुनहरा मौका है।
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में व एसएसएफ में कांस्टेबल, असम राइफल्स में राइफलमैन और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में सिपाही के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। आवेदन के लिए तीन दिन का समय ही बचा है। वहीं, अब पदों की संख्या भी 24,369 से बढ़कर 45,284 हो गई है। यानी अधिक युवाओं को नौकरी का मौका मिलेगा।
बता दें कि आवेदन प्रक्रिया 27 अक्टूबर 2022 से शुरू हो चुकी है। आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट https://ssc.nic.in पर जाकर इन पदों के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। इन पदों के लिए पुरुष और महिला अभ्यर्थी दोनों ही आवेदन कर सकते हैं। पुरुषों के लिए 40,274 और महिलाओं के लिए 4,835 पद हैं।
इन पदों के लिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट जनवरी 2023 में प्रस्तावित है। हिमाचल में हमीरपुर और शिमला में परीक्षा केंद्र होंगे। बीएसएफ में 20765, सीआईएसएफ में 5914, सीआरपीएफ में 11169, एसएसबी में 2167, आईटीबीपी में 1787, असम राइफल्स में 3153, एसएसएफ में 154 और एनसीबी में 175 पद हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें।
चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश के रहने वाले एक युवक की ड्रग ओवरडोज के कारण पंजाब के जीरकपुर में मौत की खबर है। हिमाचल का रहने वाला ये 33 वर्षीय युवक जीकरपुर में पटियाला रोड पर बने एक ढाबे के पास एक दुकान के ऊपर बनी दूसरी मंजिल पर किराए के मकान में रहता था।
जानकारी के मुताबिक युवक की पहचान नवीन सिसोदिया निवासी गांव डिडोर नहरा, जिला मंडी के रूप में हुई है। नवीन का शव जीरकपुर में उसके किराए के घर में सीढ़ियों पर मिला। वह औंधे मुंह गिरा हुआ था। आसपास के लोगों ने तुरंत उसको अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
जीरकपुर थाना पुलिस के मुताबिक नवीन शादीशुदा था और वह शराब पीने का भी आदी था। नवीन के हाथ पर सिरिंज के काफी निशान मिले हैं जिससे साफ पता चलता है कि वह नशे की लत में बुरी तरह जकड़ा हुआ था। नशे की लत के चलते ही उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई थी। नवीन का एक साल का बच्चा भी है। फिलहाल वह बेरोजगार था।
शव को पोस्टमार्टम के लिए डेराबस्सी के सिविल अस्पताल में रखा गया है और उसके परिवार को सूचना दे दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारण का पता चल पाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिमला। हिमाचल में 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 2022 के विधानसभा चुनाव में आम मतदाताओं की संख्या में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में यह संख्या 49.88 लाख थी, जो इन चुनाव में बढ़कर 55.25 लाख हो गई। इस संख्या में 18 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के 1.93 लाख नए मतदाता भी शामिल हैं। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज यहां दी।
उन्होंने बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सेवा अहर्ता मतदाताओं तथा मतदान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मतदाताओं के डाक मतपत्रों को छोड़कर, कुल 37.27 लाख लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था, जबकि इन चुनाव में कुल 41.60 लाख लोगों ने मतदान किया, जिसके परिणामस्वरूप मतदान प्रतिशतता में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या में लगभग 5.37 लाख जबकि मताधिकार का प्रयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या में 4.33 लाख की वृद्धि हुई है।
इस विश्लेषण के माध्यम से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 2017 के उपरांत 2022 के विधानसभा चुनाव में नए पंजीकृत मतदाताओं की मतदान प्रतिशतता लगभग 80.5 रही।
मनीष गर्ग ने बताया कि चुनाव आयोग के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में मतदाताओं की जागरूकता के लिए उत्सव कार्यक्रम तथा राज्यव्यापी चुनाव जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में नए मतदाताओं के नामांकन तथा मत प्रतिशतता में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘हर वोट मायने रखता है’ तथा ‘कोई भी मतदाता पीछे ना छूटे’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में प्रदेश में विशेषकर युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए 2524 चुनाव साक्षरता क्लब और 7881 चुनावी पाठशालाओं का भी गठन किया गया।