शिमला। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने उनको राज्यसभा जीत की शुभकामनाएं दीं। वहीं, इस जीत के लिए महाजन ने केंद्रीय मंत्री का आभार भी जताया।
हर्ष महाजन ने कहा कि केंद्र से हिमाचल प्रदेश को अरबों रुपए आ रहे हैं और हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार उन पैसों से केवल मात्र सत्ता सुख भोगने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने हिमाचल दौरे पर कई घोषणाएं की हैं।
घोषणाओं के अनुसार हिमाचल में साल के अंत तक एक लाख करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे या निर्माणाधीन होंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हमीरपुर के दोसड़का में करीब 4000 करोड़ की 15 एनएच परियोजनाओं, रोपवे प्रोजेक्ट के उद्घाटन व शिलान्यास किए। यह है केंद्र की मोदी सरकार की सच्ची गारंटी।
उन्होंने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी का हिमाचल के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी जी धाम में 25 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने पर आभार प्रकट करते हैं। इससे पहले हर्ष महाजन 7 मार्च को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले थे।
शिमला। लद्दाख के प्रसिद्ध इनोवेटिव शिक्षक सोनम वांगचुक की “हिमालय बचाओ मुहिम” में शिमला के सामाजिक कार्यकर्ता समर्थन में आ गए हैं। सोनम वांगचुक के आह्वान पर शिमला में भी हिमाचल के सामाजिक कार्यकर्ता उनके समर्थन में आज एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं। माकपा नेता टिकेंद्र पंवर के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिमला में रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एक दिन का अनशन किया। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया गया।
शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर और सामाजिक कार्यकर्ता टिकेंद्र पंवर का कहना है कि लेह लद्दाख में उद्योगों की लापरवाही के चलते ग्लेशियर खत्म होने की कगार पर हैं। जोशी मठ भी प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा है। हिमाचल के किन्नौर में भी विद्युत परियोजनाओं से कई गांव खतरे की जद में है। ऐसे हालात में वह दिन दूर नहीं जब यहां भी जोशीमठ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। इनको बचाने की मुहिम शुरू हुई है। शिमला में उनके समर्थन में भूख हड़ताल कर रहे हैं।
बता दें कि लद्दाख के मशहूर इंजीनियर और इन्वेंटर सोनम वांगचुक अपने गृह प्रदेश के पर्यावरण को बचाने के लिए सांकेतिक अनशन पर बैठे हैं। आमिर खान की चर्चित फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ का मुख्य किरदार वांगचुक से ही प्रेरित था। वांगचुक का आरोप है कि लद्दाख प्रशासन उनकी आवाज को दबाना चाहता है, क्योंकि वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली विकास परियोजनाओं के विरोध में उपवास कर रहे हैं।
सोनम ने पिछले दिनों यूट्यूब पर एक विडियो डाला। इसमें उन्होंने बताया कि विकास के नाम पर लद्दाख के पर्यावरण से खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने वीडियो में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से लद्दाख के बारे में हाई लेवल पर एक्शन लेने की मांग की थी। वांगचुक ने कहा कि मेरी पीएम मोदी से गुजारिश है कि लद्दाख और अन्य हिमालयी क्षेत्रों को औद्योगिक शोषण से बचाएं, क्योंकि यह लद्दाख के लोगों के जीवन पर बुरा असर डालेगा।
उन्होंने वीडियो में लद्दाख में पानी की कमी जैसी गंभीर समस्याओं को भी उठाया। उनका कहना था कि हमारे प्रदेश में पानी की इतनी किल्लत है कि लोग 5 लीटर पानी में पूरा दिन गुजार देते हैं। कई लोग तो गंभीर जल संकट के चलते पलायन भी कर रहे हैं। इस सूरत में अगर विकास परियोजनाओं के नाम पर लद्दाख के पर्यावरण से खिलवाड़ जारी रहता है, यहां उद्योग लगते हैं, माइनिंग होती है, तो धूल और धुएं से ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे। लद्दाख में ग्लेशियर ही पानी के सबसे बड़े स्रोत हैं।
कश्मीर यूनिवर्सिटी और दूसरे रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के हालिया रिसर्च से भी पता चला है कि अगर लद्दाख पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो लेह-लद्दाख में दो तिहाई ग्लेशियर समाप्त हो जाएंगे। वांगचुक ने विडियो में पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा था, ‘आपका ध्यान इस तरफ ला सकूं, इसके लिए मैं गणतंत्र दिवस से 5 दिन के अनशन पर बैठ रहा हूं। अगर -40° टेम्परेचर वाले खार्दुंगला में अनशन के बाद मैं बच गया, तो आपसे फिर मिलूंगा।’