शिमला। हिमाचल में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 पेपर लीक मामले की बीच जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817 की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग उठी है। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817 की परीक्षा हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने 21 मार्च 2021 को आयोजित की थी।
पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया पूरी होने का लंबे समय से इंतजार है। पर किसी न किसी कारण उनका यह इंतजार लंबा होता जा रहा है। अब अगले तीन माह तक भी प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद नहीं है।
एचपीएसएससी हमीरपुर द्वारा 21 मार्च, 2021 को आयोजित जेओए (आईटी) पोस्ट कोड-817 की परीक्षा में शामिल हुए युवाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और जेओए आईटी-817 की भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भर्ती एजेंसी में युवाओं का विश्वास पैदा हो सके।
शिमला। हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की महिला कर्मचारी की जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (JOA IT) पोस्ट कोड 965 पेपर लीक में गिरफ्तारी के बाद सुक्खू सरकार ने चयन आयोग सस्पेंड कर दिया है और भर्तियों पर भी रोक लगा दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार सत्ता में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है। नौकरियों में पिछले पांच वर्ष में व्याप्त भ्रष्टाचार हुआ है, जिसे जड़ से खत्म करने की कांग्रेस सरकार की प्रतिबद्धता है। पूर्व की भाजपा सरकार में हिमाचल प्रदेश में पेपर लीक माफिया पनपा है और कहीं ना कहीं भाजपा सरकार इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 5 साल में गलत तरीके से सरकारी भर्तियां हुई हैं और सरकार की संलिप्ता भी इसमें हो सकती है। पुलिस पेपर लीक मामला पूर्व सरकार के समय का एक बड़ा उदाहरण है, जिसको लेकर भी सरकार जांच कर रही है, लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार ने इसको लेकर भी गंभीरता नहीं दिखाई।
JOA IT पेपर लीक मामले मामले को लेकर फिलहाल एसआईटी जांच कर रही है। सरकार ने सभी भर्तियों को पोस्टपोन किया है और अगले 60 दिन के बाद फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। क्योंकि आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं, ऐसे में भर्तियों को जारी नहीं रखा जा सकता है।
सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भर्ती के लिए मैकेनिज्म तैयार कर रही है, ताकि नौकरियों में पारदर्शिता आए और वर्षों से मेहनत कर रहे लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ कोई धोखा ना हो। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हिमाचल में जीरो टॉलरेंस करप्शन फ्री सरकार देना कांग्रेस का वादा है और इसी दिशा में सरकार आगे भी बढ़ रही है।
शिमला। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (JOA IT) पोस्ट कोड 965 पेपर लीक मामले में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पत्रकार वार्ता के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। सुक्खू ने बताया कि आरोपियों के पास से लीक हुए तीन पेपर के सेट बरामद हुए हैं। इसमें में एक पेपर जनवरी में होना था और एक की तो अभी तक तिथि भी तय नहीं हुई थी। उससे पहले ही ये पेपर लीक हो गए थे।
सीएम ने बताया कि एक पेपर जेओए आईटी का था जिसका पेपर 25 दिसंबर को था। दूसरा पेपर कम्प्यूटर ऑपरेटर का था जिसकी परीक्षा पहली जनवरी 2023 में होनी थी और तीसरा पेपर जूनियर एडिटर का था, जिसकी तिथि अभी घोषित नहीं हुई थी। आरोपी महिला के घर से 6 लाख 40 लाख रुपए बरामद किए गए हैं।
मामला सामने आने के तुरंत बाद सरकार ने फैसला किया कि जो भी पेपर HPSSC द्वारा लिए जाने थी या हैं उनको पोस्टपोन किया साथ ही बोर्ड का सस्पेंड कर जांच शुरू कर दी है। सुक्खू ने कहा कि ये धंधा भाजपा की सरकार से शुरू हुआ। कांग्रेस सरकार ने एसआईटी का गठन किया जो मामले की पूरी छानबीन कर रही है।
आगे की परीक्षाओं को लेकर अध्ययन किया जा रहा है कि ये किस तरह आयोजित की जानी हैं। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ये निश्चित करेगी कि आने वाले समय में पारदर्शिता से नियुक्तियां हों। भाजपा सरकार ने अपनी आंखें मूंद रखी थीं। अयोग्य उम्मीदवार चुने जा रहे थे लेकिन इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। हिमाचल के युवाओं के साथ भाजपा ने धोखा किया।
सीएम ने कहा कि अगले 60 दिनों में पूरी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी। जो इसमें सम्मिलित है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामले में और जानकारियां एकत्रित की जा रही है और आने वाले समय में और सनसनीखेज खुलासे कि जाएंगे लाएंगे।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों और नेताओं से बैठक कर नीतिगत फैसला लिया गया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी है। जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं वहां भी देखा जाएगा कि ऐसी कोई वारदात तो नहीं हुई है। अगर सब ठीक निकला तो डॉक्यूमेन्टेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। अगली भर्तियां भी जल्द शुरू करेंगे।
शिमला। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का पेपर लीक होने के बाद सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग की फंक्शनिंग को सस्पेंड कर दिया है और भर्तियों पर भी रोक लगा दी है।
सरकार के इस निर्णय से एग्जाम की तैयारियां कर रहे और एग्जाम पास कर चुके अभ्यर्थियों काफी खुश हैं, लेकिन दूसरी तरफ परीक्षा रद्द होने संबंधित चिंता भी सता रही है। अभ्यर्थियों ने शिमला सचिवालय पहुंचकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से परीक्षाओं को रद्द न करने की गुहार लगाई है।
अभ्यर्थियों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक माफिया पर बड़ी कार्रवाई की है, जिसका वे स्वागत करते हैं। चयन आयोग के अंदर अगर पेपर लीक माफिया काम रहा है तो कई वर्षों से एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों को रोजगार कैसे मिलेगा।
सरकार पूरे मामले की गहन्नता से जांच कर दोषियों को सलाखों के पीछे डाले, लेकिन जो एग्जाम हो चुके हैं, जिन बच्चों ने मेहनत से एग्जाम पास कर लिया है, उनकी भर्ती रद्द न की जाए।
जूनियर ऑडिटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर पेपर लीक की भी है सूचना
शिमला। कहते हैं कि लावारिस पशुओं के फसलों को बचाने के लिए खेतों में बाड़ लगाई जाती है, पर बाड़ ही फसलों को खाने लगे तो बेचारा किसान क्या करे। ऐसा ही हिमाचल में होनहार अभ्यर्थियों जो अपनी पढ़ाई की बूते नौकरी पाना चाहते हैं के साथ हुआ है। जी हां, हम बात कर कर हैं पेपर लीक मामले की।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर लीक का मामला उजागर होने के बाद आशंका जताई है कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कर्मियों से मिलीभगत से यह कदाचार काफी समय से चल रहा है।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 व आगामी परीक्षाओं का मामला तो सामने आ गया पर पहले हुई चयन प्रक्रियाओं का क्या। ये चयन पक्रियाएं भी अब संदेह के घेरे में हैं। पेपर खरीद कर परीक्षा पास कर नौकरी पाने के कई मामले उजागर हो सकते हैं।
पेपर बेचने का यह धंधा बेशर्म और पैसे के लोभी लोगों के लिए चांदी है और होनहार अभ्यर्थियों के साथ बड़ा धोखा है। हैरानी की बात यह है कि हजारों वेतन ले रहे लोग ऐसा कर रहे हैं।
एक होनहार अभ्यर्थी दिन रात एक करके परीक्षा की तैयारी करता है और परीक्षा देता है। उसके बावजूद भी वह नौकरी हासिल नहीं कर पाता। उसके मन में यही सवाल रहता है कि इतनी मेहनत कर भी कुछ हासिल न हो सका। पर उस अभ्यर्थी को शायद यह नहीं मालूम होता है कि पेपर ही लीक हो चुका है।
अगर किसी परीक्षा में ऐसा मामला उजागर भी हो जाता है तो होनहार छात्रों के साथ हुए इस धोखे के लिए कैसे न्याय मिलेगा। सवाल यह भी है कि अगर आयोग में ऐसा लंबे समय से चल रहा था तो पूर्व की सरकारों ने उस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। सरकार ने पिछली परीक्षाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। विजिलेंस के डीआईजी शिवकुमार टीम का नेतृत्व करेंगे। अब पुरानी परीक्षाओं के मामले में क्या सामने आते यह देखना बाकी है।
मामला सामने आने के बाद कहीं न कहीं युवाओं में भर्तियों पर से विश्वास उठता जाएगा। क्योंकि काफी हद तक ऐसा माना जाता था कि आयोग के माध्यम से होने वाली भर्तियों में धांधली की संभावना काफी कह है।
अब भर्तियों पर युवाओं का विश्वास कैसे कायम होगा, यह सुक्खू सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 पेपर बेचने का मामला सामने आने के बाद सुक्खू सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और आयोग के कामकाज को सस्पेंड कर दिया है।
साथ ही सचिव और उप सचिव को हटाकर एडीएम हमीरपुर को आयोग में ऑफिसर इन स्पेशल ड्यूटी तैनात किया है। वहीं, आगामी चयन प्रक्रियाओं पर आगामी आदेश तक रोक लगी दी है। पर पहले हुई चयन प्रक्रियाओं पर संदेह बरकरार है। अगर उन परीक्षाओं में भी ऐसा ही कदाचार हुआ है तो क्या वह उजागर हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 965 के बाद जूनियर ऑडिटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पदों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी लीक होने की सूचना है।
हमीरपुर। सरकारी नौकरी को हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) के माध्यम से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अब नौकरी के लिए इंतजार करना होगा। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 का पेपर लीक होने के बाद सुक्खू सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है।
सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया है। सभी चल रही और लंबित भर्ती प्रक्रियाओं को अगले आदेश तक स्थगित करने के आदेश दिए हैं। आगामी लिखित परीक्षाएं और मूल्यांकन प्रक्रियाएं स्थगित हो गई हैं।
हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) के कामकाज को निलंबित करने के बाद सरकार ने एडीसी कम एडीएम हमीरपुर को HPSSC में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी तैनात किया है। वह अपने पद से अतिरिक्त रूप से ये कार्यभार देखेंगे। आयोग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर और डिप्टी सेक्रेटरी को भी हटा दिया गया है। इन अधिकारियों के तैनाती आदेश अलग से जारी किए जाएंगे। इन्हें पर्सनल (पूल) विभाग को रिपोर्ट करनी होगी। पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी महिला उमा आजाद को निलंबित कर दिया गया है।
हमीरपुर। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 पेपर लीक मामले में सुक्खू सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने एडीसी कम एडीएम हमीरपुर को HPSSC में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी तैनात किया है। वह अपने पद से अतिरिक्त रूप से ये कार्यभार देखेंगे।
आयोग के सचिव डॉ जितेंद्र कंवर और डिप्टी सेक्रेटरी को भी हटा दिया गया है। इन अधिकारियों के तैनाती आदेश अलग से जारी किए जाएंगे। इन्हे पर्सनल (पूल) विभाग को रिपोर्ट करनी होगी। पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी महिला उमा आजाद को निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा सरकार ने आगामी और पेंडिंग भर्ती प्रक्रिया पर अगले आदेश तक भी रोक लगा दी है। आयोगा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर ने कहा कि JOA IT पोस्ट कोड 965 का पेपर लीक करने वाले वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया है। निलंबन के बाद उसका मुख्यालय कहां तय होगा यह विजिलेंस कार्रवाई की आगामी बैठक में तय होगा।
गौर हो कि पैसे लेकर पेपर लीक करने के मामले में विजिलेंस ने शुक्रवार को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके छोटे बेटे निखिल आजाद, घर पर काम करने वाले नीरज, दो अभ्यर्थियों तनु शर्मा और अजय शर्मा के अलावा दलाल संजीव कुमार को गिरफ्तार किया था, जिन्हें हमीरपुर कोर्ट ने 28 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में जल्द ही और भी कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
शुक्रवार (23 दिसंबर) को हिमाचल के हमीरपुर में विजिलेंस की टीम ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक, उनके बेटे और अन्य को 2 लाख 50 हजार रुपए लेकर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 के हल प्रश्न पत्र बेचते रंगे हाथ पकड़ा था।
विजिलेंस थाना हमीरपुर में मामले को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। संजय (दलाल) नामक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता से 25 दिसंबर को होने वाले जेओए आईटी आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 के प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाने की बात कही थी। 23 दिसंबर को विजिलेंस हमीरपुर ने स्वतंत्र गवाहों के साथ एक ट्रैप टीम का गठन किया।
संजय (दलाल) ने शिकायतकर्ता से एनआईटी हमीरपुर में मिलने के लिए दोबारा संपर्क किया और उसे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी हमीरपुर स्थित गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद के घर ले गया। उसने अपने बेटे निखिल आजाद के साथ दलाल को पहले से हल प्रश्न पत्र प्रदान किए। उसी वक्त विजिलेंस की टीम ने उन्हें नकद और प्रश्नपत्रों के साथ पकड़ लिया। हमीरपुर विजिलेंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, जिसकी आगे की जांच की जा रही है।
बता दें कि जेओए आईटी आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 का पेपर रविवार 25 दिसंबर को था। आयोग ने मई 2022 में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी आईटी (JOA IT) के 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
अक्टूबर 2022 में 121 पद जोड़े जाने के बाद पदों की संख्या 319 हो गई। इन पदों के लिए 1,03,344 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। मामला सामने आने के बाद हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने पेपर रद्द कर दिया गया।
पैसे लेकर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 का प्रश्न पत्र देने के मामले में विजिलेंस ने अब तक 6 आरोपियों को पकड़ा है। इसमें हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद, उनका बेटा निखिल आजाद, संजीव शर्मा, नीरज, अजय शर्मा और तनु शर्मा शामिल हैं।
आरोपियों के घर और अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश देकर तलाशी ली जा रही है। अब तक की जांच में विजिलेंस की टीम ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा काफी मात्रा में नकदी के साथ अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी विजिलेंस की टीम के हाथ लगे हैं।
शिमला। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 (JOA IT) का पेपर लीक मामले को गंभीर बताते हुए कर्मचारी चयन आयोग की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि जैसे त्वरित कार्रवाई अभी तक हुई है, उसी प्रकार से भाजपा सरकार में हुई और भर्तियों को भी देखा जाए, जिन-जिन पर आरोप लगे हैं। जो अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए जाते हैं, उन्हें सजा मिले, ताकि प्रदेश के लाखों युवाओं का भरोसा इन संस्थाओं पर कायम रहे।
एनएसयूआई (NSUI) के राज्य महासचिव यासीन बट्ट ने कहा कि आज प्रदेश के सैकड़ों युवा दिन रात मेहनत कर रोजगार प्राप्त करने के लिए अलग अलग संस्थानों, विश्वविद्यालयों व पुस्तकालयों में पढ़ रहे हैं। पिछले पांच साल में कई पेपर लीक हो चुके हैं। NSUI लगातार पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत कराता रहा।
राज्यपाल के समक्ष भी पूर्व सरकार के कार्यकाल में हो रही धांधलियों को रखा गया, लेकिन तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। यासीन बट्ट ने खुशी जताई कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने दोषियों को पेपर लीक मामले को अंजाम देने से पहले ही पकड़ लिया।
उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल हैं कि सीक्रेट ब्रांच में CCTV कैमरे खराब हैं और पूर्व सरकार ने कोई ध्यान बीते पांच साल में नहीं दिया। इसके पूर्व प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। यह कैसे संभव है कि भाजपा सरकार के समय हुई भर्तियों में एक ही महिला अफसर का बेटा 3-4 बार पूरे प्रदेश में परीक्षाओं में टॉप कर रहा है।
2 लाख 50 हजार रुपए लेकर प्रश्न पत्र बेचने का है मामला
हमीरपुर। पैसे लेकर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 का प्रश्न पत्र देने के मामले में विजिलेंस ने जांच तेज कर दी है। मामले में अब तक 6 आरोपियों को पकड़ा है। इसमें हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद, उनका बेटा निखिल आजाद, संजीव शर्मा, नीरज, अजय शर्मा और तनु शर्मा शामिल हैं।
आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। आरोपियों के घर और अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश देकर तलाशी ली जा रही है। अब तक की जांच में विजिलेंस की टीम ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा काफी मात्रा में नकदी के साथ अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी विजिलेंस की टीम के हाथ लगे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को हिमाचल के हमीरपुर में विजिलेंस की टीम ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक, उनके बेटे और अन्य को 2 लाख 50 हजार रुपए लेकर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 के हल प्रश्न पत्र बेचते रंगे हाथ पकड़ा था।
विजिलेंस थाना हमीरपुर में मामले को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। संजय (दलाल) नामक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता से 25 दिसंबर को होने वाले जेओए आईटी आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 के प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाने की बात कही थी। 23 दिसंबर को विजिलेंस हमीरपुर ने स्वतंत्र गवाहों के साथ एक ट्रैप टीम का गठन किया।
संजय (दलाल) ने शिकायतकर्ता से एनआईटी हमीरपुर में मिलने के लिए दोबारा संपर्क किया और उसे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी हमीरपुर स्थित गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक उमा आजाद के घर ले गया। उसने अपने बेटे निखिल आजाद के साथ दलाल को पहले से हल प्रश्न पत्र प्रदान किए। उसी वक्त विजिलेंस की टीम ने उन्हें नकद और प्रश्नपत्रों के साथ पकड़ लिया। हमीरपुर विजिलेंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, जिसकी आगे की जांच की जा रही है।
बता दें कि जेओए आईटी आईटी (JOA IT) पोस्ट कोड 965 का पेपर रविवार 25 दिसंबर यानी कल था। आयोग ने मई 2022 में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी आईटी (JOA IT) के 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
अक्टूबर 2022 में 121 पद जोड़े जाने के बाद पदों की संख्या 319 हो गई। इन पदों के लिए 1,03,344 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। मामला सामने आने के बाद हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने पेपर रद्द कर दिया है।