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शिमला : SFI ने किया चीफ वार्डन का घेराव, उग्र आंदोलन को चेताया

छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए

शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई एसएफआई ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर चीफ वार्डन का घेराव कर ज्ञापने पत्र सौंपा। जिसमें मुख्य मांगी थी कि जो छात्र पीएचडी में 5 साल से अधिक समय से हॉस्टलों में रह रहे हैं उनके हॉस्टल कैंसिल किए जाए। ताकि जो छात्र अभी पीएचडी में दाखिल हुए हैं उन्हें अधिक मात्रा में हॉस्टल मिल सके। एसएफआई ने यह मांग भी रखी है की नए हॉस्टल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए और नई हॉस्टल एलॉटमेंट लिस्ट जल्द से जल्द जारी की जाए।

एसएफआई ने मांग की है कि हॉस्टलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की व्यवस्था की जाए, हॉस्टलों का रिनोवेशन का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए, हॉस्टलों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। कन्या छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, छात्रावासों की सड़कों को स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत की जाए व छात्रावासों के अंदर इंडोर गेम के उपकरण स्थापित किए जाएं।

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इन मांगों को लेकर परिसर अध्यक्ष हरीश ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जानबूझकर पीएचडी के छात्रों को 5 साल से अधिक समय तक हॉस्टलों के अंदर रहने की एक्सटेंशन दी जा रही है। जिस वजह से जो छात्र अभी पीएचडी के अंदर एनरोल हुए हैं व इस सुविधा से वंचित रह रहे हैं।

परिसर सचिव सुरजीत ने यह मांग रखी कि छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए क्योंकि खराब खाना खाने के कारण छात्रों को या तो बाहर खाना खाना पड़ रहा है या फिर भूखे रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक छात्रावास के हर फ्लोर पर एक्वागार्ड स्थापित करने की मांग रखी।

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छात्रावासों में सिक्योरिटी के मुद्दे पर बात रखते हुए इकाई सह सचिव संतोष कुमार ने कहां की छात्रावासों में पुलिस को सिर्फ डराने धमकाने के मकसद से रखा है। जहां पर कन्या छात्रावासों में पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है वहां पर एक या दो सुरक्षाकर्मी ही तैनात है जिस कारण छात्राएं बंदरों के डर से छात्रावासों से बाहर निकलने से डरती है तथा लाइब्रेरी तक नहीं पहुंच पाती है।

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हॉस्टल की रिनोवेशन पर बात रखते हुए एसएफआई ने कहा कि हॉस्टलों की मरम्मत पर लाखों रुपए सैंक्शन हुए हैं परंतु उनका उपयोग कहीं नहीं हो रहा है जिस कारण ना तो उन छात्रावासों में कोई छात्र अथवा छात्राएं रह रहे हैं और ना ही उनकी मरम्मत हो रही है। एसएफआई ने यह मांग भी रखी कि छात्रावासों की तरफ जाने वाले रास्ते की मरम्मत की जाए वह स्ट्रीटलाइट्स की भी मरम्मत की जाए ताकि आने जाने वाले छात्रों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

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इसके अलावा हॉस्टलों की सभी मांगो पर चीफ वार्डन से हुई बातचीत पर चीफ वार्डन ने यह आश्वासन दिया की जल्द से जल्द इन मांगो वर अमल किया जाएगा। एसएफआई ने यह चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इन मांगों पर संज्ञान नहीं लेता है तो ऐसे में आने वाले समय में विश्वविद्यालय के छात्रों को लामबंद करते हुए प्रशासन का घेराव करेगी और उग्र आंदोलन की ओर बढ़ेगी जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

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