शिमला। हिमाचल लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी (कॉलेज कैडर) के स्क्रेनिंग टेस्ट की आंसर की (Answer Key) जारी कर दी है। स्क्रीनिंग टेस्ट 27 नवंबर को आयोजित किया गया था।
अगर किसी अभ्यर्थी को आंसर की में किसी उत्तर को लेकर कोई आपत्ति हो तो वह 5 दिसंबर तक साक्ष्यों सहित आपत्ति भेज सकता है। आपत्तियां डाक और कूरियर से भेजी जा सकती हैं। साथ ही हिमाचल लोक सेवा आयोग के कार्यालय में खुद आकर भी आपत्तियां दी जा सकती हैं।
आयोग के नियमों के अनुसार ईमेल और उक्त के अलावा अन्य माध्यम से भेजी भेजी आपत्तियां स्वीकार नहीं होंगी। साथ ही आधी अधूरी आपत्तियों पर भी ध्यना नहीं दिया जाएगा। आपत्तियां भेजने के लिए परफोर्मां आयोग की वेबसाइट पर है।
शिमला/कांगड़ा। मेधावी छात्रा निकिता चौधरी का सपना पूरा होने में दिव्यांगता बाधा बन गई है। दिव्यांगता के कारण डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल टांडा ने एमबीबीएस (MBBS)में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है।
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल को पत्र लिखकर निकिता को न्याय दिलाने की मांग की है। राज्यपाल अटल मेडिकल विश्वविद्यालय मंडी के कुलाधिपति भी हैं।
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कांगड़ा जिले की तहसील बड़ोह के गांव सरोत्री की निकिता चौधरी ने इस वर्ष नीट की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण की। वह दिव्यांगता के कारण व्हीलचेयर यूजर हैं। कांगड़ा के मेडिकल बोर्ड ने उसे 75% विकलांगता का प्रमाण पत्र दिया था। उसे मेरिट के आधार पर राज्य कोटे की एमबीबीएस की सीट टांडा मेडिकल कॉलेज में मिलनी थी।
नीट की शर्तों के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों को उसके द्वारा अधिकृत मेडिकल बोर्ड से विकलांगता का प्रमाणीकरण कराना आवश्यक है। चंडीगढ़ के सेक्टर 32 का राजकीय मेडिकल कॉलेज इसके लिए नीट ने अधिकृत किया था। निकिता ने वहां से विकलांगता का प्रमाण पत्र लिया जो 78 फीसदी का है। नीट के नियमों के अनुसार 80 फीसदी तक विकलांगता वाले युवा एमबीबीएस में प्रवेश के पात्र हैं। इस आधार पर उसका प्रवेश टांडा मेडिकल कॉलेज में हो जाना चाहिए था।
टांडा मेडिकल कॉलेज ने नीट के नियमों के विपरीत जाकर उसका दोबारा मेडिकल कराया और प्रमाण पत्र में उसकी विकलांगता 90 फीसदी कर दी। वहां उससे यह भी कहा गया कि तुम पढ़ाई के दौरान व्हीलचेयर से कैसे चल पाओगी। गौरतलब है कि कांगड़ा के मेडिकल बोर्ड और चंडीगढ़ के मेडिकल कॉलेज के अधिकृत बोर्ड ने उसकी विकलांगता को ‘प्रोग्रेसिव’ नहीं बताया था। टांडा मेडिकल कॉलेज के बोर्ड ने प्रमाण पत्र पर लिखा कि उसकी बीमारी प्रोग्रेसिव है यानी भविष्य में और भी बढ़ सकती है।
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल को बताया कि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी और टांडा मेडिकल कॉलेज द्वारा दोबारा उसका मेडिकल किया जाना बिल्कुल गैरकानूनी है, क्योंकि यह मेडिकल कॉलेज विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए नीट द्वारा अधिकृत ही नहीं किया गया है। मेडिकल कॉलेज को नीट द्वारा अधिकृत मेडिकल बोर्ड वाले विकलांगता प्रमाण पत्र को ही स्वीकार करना चाहिए था।
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय कोटे की एमबीबीएस सीटों के लिए विकलांगता का प्रमाण पत्र टांडा मेडिकल कॉलेज दोबारा नहीं बनाया जाता। यानी यदि निकिता चौधरी को राष्ट्रीय कोटे की सीट टांडा मेडिकल कॉलेज में मिली होती तो चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर ही उसे दाखिला मिल जाता।
उन्होंने राज्यपाल से कहा कि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी और टाटा मेडिकल कॉलेज ने एक दिव्यांग मेधावी छात्रा के साथ अन्याय किया है। निकिता चौधरी के दसवीं में 93 फीसदी और 12वीं की परीक्षा में 96 फीसदी अंक थे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को बाधा रहित वातावरण देना विकलांग जन अधिनियम 2016 के अंतर्गत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
बाधा रहित वातावरण मिलने पर उसकी दिव्यांगता पढ़ाई में रुकावट नहीं बन सकती। सुप्रीम कोर्ट भी दृष्टिबाधित एवं व्हीलचेयर यूजर दिव्यांगों को एमबीबीएस में प्रवेश देने के लिए कई फैसले कर चुका है। उन्होंने पत्र में मांग की कि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर मेधावी छात्रा का जीवन बर्बाद होने से बचाना चाहिए।
मंडी। हिमाचल के मंडी के इंदिरा मार्केट के छत पर स्वतंत्रता सेनानी भाई हिरदाराम की जयंती पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं ने मातृ वंदना के साथ स्वतंत्रता सेनानी भाई हिरदाराम को याद व नमन किया। भाई हिरदा राम के स्वजनों सहित उपस्थित तमाम व्यक्तियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
प्रसिद्ध साहित्यकार केके नूतन ने बताया कि भाई हिरदाराम का जन्म 28 नवंबर, 1885 को मंडी रियासत की राजधानी मंडी नगर में हुआ था। भाई हिरदा राम को याद करते हुए कहा कि वह एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
हिमाचल राज्य की शिक्षा में छठी कक्षा के पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी को शामिल किया गया है तथा अब तक करीब 24 लाख विद्यार्थी उनकी जीवनी का अध्ययन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाई हिरदा राम के पुत्र को ऐसा दस्तावेज मिला है, जिसमें शहीद भगत सिंह ने भाई हिरदा राम को अपना प्रेरणा स्त्रोत होने का जिक्र किया है।
विश्व हिंदू परिषद प्रांत सह गौ सेवा प्रमुख हरमीत सिंह बिट्टू ने स्वतंत्रता सेनानी हिरदा राम की जीवनी को प्रकाशित कराने के लिए प्रसिद्ध साहित्यकार केके नूतन की सराहना करते हुए कहा कि जो बारूद की लड़ाई हिरदा राम ने लड़ी है, वह कभी सामने ना आती, अगर साहित्यकार नूतन ने कलम से उनकी जीवनी का लेखन न किया होता।
उन्होंने कहा कि मंडी जिले में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी खोली गई है। इस यूनिवर्सिटी में शोध के रूप में भाई हिरदाराम की जीवनी को शामिल किया जाए और यहां के बच्चों को पीएचडी डिग्री हासिल करने में कहीं और न जाना पड़े। इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, लेखक गंगाराम, केके नूतन, उमेश शर्मा, शमशेर सिंह, विश्व हिंदू परिषद प्रांत सह गौ सेवा प्रमुख हरमीत सिंह बिट्टू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
बदायूं। अगर आप यह सोचते हैं कि किसी चूहे या छोटे जानवर को आप कभी भी और कैसे मार सकते हैं और आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो आप गलत हैं। ऐसा सोचने वाले इस खबर को जरूर पढ़ लें। ऐसे ही एक व्यक्ति को चूहे को निर्मम तरीके से मारना भारी पड़ गई और हत्या के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंच गया।
जी हां यह मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं क्षेत्र का है। यहां एक व्यक्ति पर चूहे की हत्या करने के मामले में आईपीसी की धारा 429 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1)(L) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला कल्याण नगर निवासी विकेंद्र शर्मा की शिकायत पर थाना कोतवाली बदायूं में दर्ज हुआ है। मामले में चूहे का आईवीआरआई में पोस्टमार्टम भी करवाया गया है। मामला 24 नवंबर का है। शिकायतकर्ता विकेंद्र शर्मा ने मामले के बारे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद जानकारी है। साथ ही शिकायत और एफआईआर की कापी भी शेयर की है।
कल्याण नगर निवासी विकेंद्र शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जब वह गांधी ग्राउंड की ओर बिजली घर की ओर आ रहे थे तो एक व्यक्ति वहां पर बनी पुलिया के पास अपने बच्चों के साथ बैठा था। वह एक चूहे को उसकी पूछ पर पत्थर बांधकर नाले में डूबाकर मार रहा था। उन्होंने उसे ऐसा करने से मना किया। तब चूहा जिंदा था। जब उन्होंने उसे निकालने के लिए कहा तो उसने उसे नाले में फेंक दिया।
उन्होंने चूहे को जैसे तैसे नाले के बाहर निकाला। पर बाहर आते ही चूहे ने दम तोड़ दिया। उस आदमी ने अपना नाम मनोज कुमार बताया। कहा कि मैं ऐसे ही मारता हूं ओर आगे भी ऐसे ही मारूंगा, जो करना हो कर लेना। उन्होंने पनवडिया बिजली घर निवासी मनोज कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने मरे चूहे को कोतवाली में दिया।
आईपीसी की धारा 429 की बात करें तो किसी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करने को अपराध बनाती है। धारा के अनुसार अगर किसी जानवर की हत्या की जाती है, उसे जहर दिया जाता है या फिर अपाहिज किया जाता है, तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। वहीं कैद और जुर्माना दोनों की सजा भी हो सकती हैं।
शुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1)(L) के तहत अगर कोई जानवर के हाथ पैर काटता है या बिना वजह की क्रूर तरीके से हत्या करता है तो तीन माह कैद या जुर्माना हो सकता है। दोनों सजाएं भी हो सकती हैं।
जोगिंद्रनगर। हिमाचल में खाई में गिरते ही कार में आग लग गई। कुछ ही समय में कार धू-धू कर जल गई। कार सवार फौजी युवक ने समय रहते कार से छलांग लगाकर जान बचाई। यह मामला हिमाचल के जिला मंडी का है।
बता दें कि कलेहड़ू निवासी सैनिक अभिषेक छुट्टी पर घर आया है। आज सुबह किसी कार्य के लिए कोलंग से एहजू जा रहा था। लडभड़ोल की रोपड़ी पंचायत के लकेहड़ में जब पहुंचा तो कार पर नियंत्रण खो बैठा और कार खाई में जा गिरी। कार के खाई में गिरते ही कार में आग लग गई।
हादसे का पता चलते ही स्थानीय लोग मौके पर दौड़े। पर कार सवार अभिषेक ने समय रहते ही कार से छलांग लगा दी थी। उसे चोटें आई हैं। घायल सैनिक को जोगिंद्रनगर अस्पताल ले जाया गया। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। कार में आग कैसे लगी यह जांच विषय है।
धर्मशाला। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने आज रविवार को जिला कांगड़ा के फतेहपुर और जवाली विधानसभा क्षेत्र में बने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद जिले में सभी स्थापित सभी स्ट्रांग रूम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से लैस हैं। उन्होंने बताया कि मतदान के बाद ईवीएम को कड़े पहरे में संबंधित उपमंडल मुख्यालय पर बनाए स्ट्रांग रूम में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई है। केंद्रीय अर्ध सैनिक बल और पुलिस जवान 24 घंटे ईवीएम की कड़ी पहरेदारी पर तैनात हैं। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से भी 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
डीसी उक्त ने फतेहपुर में स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लगे जवानों को पूरी मुस्तैदी से काम करने की हिदायत दी। उन्होंने सुरक्षा में लगे सैन्य कर्मचारियों से बातचीत की और उनका मनोबल बढ़ाया। डॉ. निपुण जिंदल ने निरीक्षण के उपरांत बताया कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश अनुसार सभी स्ट्रांग रूम की पहरेदारी को अभेद्य सुरक्षा घेरा बनाया गया है और सुरक्षा कर्मचारी पूरी सजगता से इनकी निगरानी कर रहे हैं।
कार्यकारी प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने की अध्यक्षता
चंबा। पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल चंबा हिमाचल के सभागार में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता के द्वारा की गई। बैठक में पिछली बैठकों की कार्यवाही की रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
साथ ही एमबीबीएस बेंच 2022-23 में शामिल हुए प्रशिक्षुओं के प्रति शून्य सहनशीलता का पालन, कॉलेज परिसर में सीसीटीवी कैमरों पर भी मंथन किया गया। सदर चंबा थाना प्रभारी द्वारा रैगिंग के संवेदनशील बिंदु की जांच और समीक्षा की।
बैठक में एसडीएस चंबा अरुण शर्मा, मेडिकल कॉलेज चंबा के अतिरिक्त निदेशक निशांत ठाकुर, एंटी रैगिंग कमेटी मेंबर सेक्टरी डॉ. प्रदीप सिंह, मेडिकल कॉलेज चंबा एसीएफ हंसराज, सदर थाना प्रभारी, डिप्टी एमएस डॉ. देवेंद्र कुमार, डॉ. मणिक सहगल, नर्सिंग स्कूल पीएनओ कुसुम गुरंग, वार्डनर ब्वॉयज होस्टल डॉ. परवीन कुमार, वार्डनर गर्ल्स होस्टल डॉ. बलरीत कौर और एमबीबीएस प्रशिक्षु के सभी बेंच के सीआर, जीआर व सहित नर्सिंग स्कूल सीआर व जीआर सहित अन्य मौजूद रहे।
रामपुर। शिमला जिला के रामपुर ननखड़ी में नालबन के पास एक हादसा पेश आया है। यहां पर एक मारुति कार पहाड़ी से टकरा गई। हादसे में 3 लोग घायल हुए हैं जिनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। व्यक्ति को ननखड़ी अस्पताल से IGMC शिमला रेफर किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार हादसा शनिवार रात पेश आया है। कार में सवार चारों लोग ननखड़ी बाजार से धरान होते हुए रामपुर की तरफ जा रहे थे। जैसे ही कार नालबन के पास पहुंची तो चालक का बैलेंस बिगड़ा और कार पहाड़ी से टकरा गई। स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना ननखड़ी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
घायलों को ननखड़ी अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों में चालक सुनील मेहता, कपिल देव और चुन्नी लाल शामिल हैं जिनमें से चुन्नी लाल की हालत गंभ्रीर है। चुन्नी लाल को ननखड़ी अस्पताल से IGMC शिमला रेफर कर दिया गया है। डीएसपी चंद्रशेखर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि घायलों का इलाज चल रहा है साथ ही पुलिस जांच कर रही है।
सोलन। जिला सोलन के कोठी देवरा में सात दिन से लापता युवक का शव पट्टा घाट के पास सड़क के साथ लगते जंगल में मिला है। युवक महेंद्र 20 नवंबर की शाम से घर से लापता था। घट्टी निवासी एक व्यक्ति ने सपरून पुलिस चौकी को सूचना दी कि वह पशुओं को चराने के लिए जंगल में गया था तो पट्टाघाट में उसे एक युवक का शव रास्ते में पड़ा हुआ दिखा।
सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। शिनाख्त में पाया गया कि ये शव महेंद्र (25) निवासी कोठी देवरा का है। पुलिस ने उसके परिजनों को तुरंत सूचित किया। महेंद्र के बड़े भाई सुनील कुमार और चाचा कृष्ण दत्त ने शव की पहचान की।
शव पर किसी भी तरह की कोई चोट नहीं लगी है, साथ में ही एक छोटा काले रंग का पिट्ठू और कीटनाशक का एक छोटा कागज का खाली पाउच मिला है जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है। शव का पोस्टमार्टम क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में करवाया गया है।
महेंद्र के भाई सुनील कुमार ने बताया कि उसका छोटा भाई महेंद्र 20 नवंबर की शाम 6:30 बजे से घर से अपनी बहन कमलेश को यह कह कर गया था कि वह कोठी में दुकान तक सामान लेने के लिए जा रहा है, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। उसके बाद परिजनों ने फोन करके पूछा तो उसने बताया कि वह अपनी बुआ के घर गांव कोरो जा रहा है।
यह बात उसने अपने मामा के लड़के को फोन कर बताई थी, लेकिन महेंद्र जब अपने बुआ के घर गांव कोरो नहीं पहुंचा तो 21 नवंबर को परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना सदर में दर्ज कराई थी। एसपी सोलन वीरेंद्र शर्मा ने मामले की पुष्टि की करते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है।
शिमला। एमटीबी शिमला हिल्स ने शिमला हिल्स विंटर चैलेंज आयोजित किया। चैलेंज के आयोजन का मकसद हिमाचल प्रदेश के साइकिलिस्ट को बढ़ावा देना है। शिमला में आयोजित इंटर चैलेंज में चार जिलों के 36 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 37 किलोमीटर लंबी इस रेस में 22 किलोमीटर कंपीटीटिव ट्रैक शामिल है। इस आयोजन के जरिए प्रदेश की साइकिलिस्ट को आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर जाने का मौका मिलेगा।
MTB शिमला के संयोजक मोहित सूद ने कहा कि एक दिवसीय विंटर चैलेंज हिमाचल प्रदेश के साइकिलिस्ट को बढ़ावा देने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इससे जुड़ा टैलेंट भरा पड़ा है, जिसे मंच की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि देश में 10 साल के दो साइकिलिस्ट में भाग ले रहे हैं, जो अन्य युवा साइकिलिस्ट के लिए भी प्रेरणा हैं। मोहित सूद ने बताया कि 36 प्रतिभागियों में से केवल एक ही लड़की इस रेस में भाग ले रही है, जो काफी कम है। हालांकि इसके पीछे इन दिनों स्कूल-कॉलेजों में चल रही परीक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से हिमाचल प्रदेश के युवा टैलेंट को मदद मिलती है।