मंडी। पंडोह डैम में पानी का प्रवाह बढ़ रहा है। ऐसे में पंडोह डैम से पानी छोड़ा जाएगा। बीबीएमवी पंडोह के वरिष्ठ कार्यकारी अभियंता विवेक चोपड़ा ने बताया कि पंडोह डैम के जलग्रहण क्षेत्र में बर्फ पिघलने के कारण डैम में पानी का प्रवाह बढ़ रहा है।
इस कारण ब्यास नदी में पानी का बहाव और बढ़ सकता है। पानी का बहाव बढ़ने के कारण किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो इसलिए उन्होंने नदी किनारे रहने वाले सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे सर्तकता बरतें तथा ब्यास नदी के समीप न जाएं।
शिमला।बरसात में मेघ तो खूब बरस रहे हैं, लेकिन शिमला शहर में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची है। सोमवार को शिमला में 31 एमएलडी पानी पहुंच पाया है, जबकि हर रोज शहर के लिए 42 एमएलडी पानी की जरूरत होती है। ऐसे में अब शिमला शहरवासियों को दो दिन के अंतराल में पानी देने पर विचार किया जा रहा है।
बता दें कि भारी बारिश के बाद शिमला शहर के लिए जलापूर्ति करने वाली परियोजनाएं अभी भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई हैं, जिससे शिमला में जल संकट गहराया हुआ है। नगर निगम व पार्टियां हर बार चुनाव के समय शिमला शहर को चौबीस घंटे पानी देने का वादा करती हैं, लेकिन परियोजनाओं में गाद न आए इसके लिए अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं हो पाया है। वहीं, शहरवासियों में पानी को लेकर परेशानी बनी हुई है। हर साल बरसात में शिमला शहर को आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं में गाद की वजह से पानी लिफ्ट नहीं हो पाता है।
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि गाद न आए इसके लिए ठोस प्लान तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 दिन में एसजेपीएनएल व अन्य अधिकारियों को इसके लिए प्लान तैयार करने को कहा है, जिससे सिल्ट को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि सिल्ट का सीधा असर मशीनों पर पड़ता है, जिससे मशीनरी खराब होती है। उन्होंने बताया कि आज 31 एमएलडी पानी आया है। उम्मीद है कि जल्द यह व्यवस्था सुचारू होगी।
धर्मशाला।कांगड़ा के धर्मशाला में आने वाले समय में बोतल बंद पानी खरीदने के झंझटों से छुटकारा मिलेगा। शहर और आसपास ऐसे करीब 50 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां सभी के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को प्लास्टिक बोतल बंद पानी खरीदने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बड़ी सहूलियत होगी। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने यह बात मंगलवार को धर्मशाला में जल शक्ति भवन का शिलान्यास करते हुए कही।
2.22 करोड रुपये से बनने वाला जल शक्ति विभाग का यह कार्यालय भवन तीन मंजिला होगा, जिसमें स्थापत्य कला और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उचित समायोजन होगा। विधायक ने नए भवन के निर्माण में भूकंप रोधी तकनीक समेत विद्युत व्यवस्था के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्मेताल करने की बात कही।
सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में विकास को नई दिशा और गति देने के लिए सुनियोजित तरीके के साथ काम किया जा रहा है। धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की धनराशि को सही ढंग से इस्तेमाल करने पर फोकस किया गया है। विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने धर्मशाला के ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने को स्वीकृति दी है। इसके संचालन से लेकर विपणन संबंधी गतिविधियों के लिए एनडीडीबी की सहायता ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते कल शिमला में इसे बैठक लेकर प्रोजेक्ट को स्वीकृति देते हुए कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने को कहा है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। ढगवार दुग्ध संयंत्र की क्षमता एक लाख लीटर से तीन लाख लीटर तक होगी, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले दूध के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। प्रदेश में डेयरी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर बनाने में यह कदम बहुत कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के जदरांगल कैंपस के लिए पहले चरण की स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही इसका कार्य गति पकडे़गा। इसके अलावा सरकार ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय भी लिया। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के बाद, रनवे की लंबाई 3010 मीटर तक बढ़ाई जाएगी जो ए-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त होगी। यह कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना के कार्यान्वयन के लिए दूरगामी भूमिका निभाएगा। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण खेल अधोसंरचना को मजबूत बनाने तथा युवाओं को खेल सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। क्षेत्र में 7 जगहें चिन्हित की गई हैं जहां धर्मशाला के पुलिस मैदान से भी बड़े आकार क मैदान खेल स्टेडियम के तौर पर विकसित किए जाएंगे। इससे युवाओं को गांवों में खेल को लेकर अच्छी सुविधा मिलेगी। खेल स्टेडियम बनाने को लेकर एफआरए मामले तैयार करने का काम किया जा रहा है, जल्द ही वन विभाग से इसकी स्वीकृति प्राप्त कर ली जाएगी और बरसात के बाद तुरंत इनका काम आरंभ किया जाएगा।