उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिल्क्यारा टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। 17 दिन से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन आज सफल हुआ। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बल्ह घाटी के बंगोट गांव का विशाल कुमार भी सुरक्षित बाहर निकल गया है।
विशाल के बाहर निकले की खबर मिलते ही उनके परिवार में खुशी का माहौल है। विशाल के परिवार में आज त्योहार जैसा माहौल बन गया है। विशाल के सुरक्षित निकलने की खुशी में परिजन पटाखे चलाकर और मिठाई बांटकर जश्न मना रहे हैं। विशाल की मां उर्मिला और दादी अपने लाडले के सुरंग से बाहर आने की खबर सुनकर काफी खुश हैं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने माला पहनाकर और गले लगाकर विशाल का स्वागत किया। विशाल के परिजनों ने सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए केंद्र और उत्तराखंड सरकार का आभार जताया है।
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल में 17 दिन से फंसे मजदूरों और उनके परिजनों का इंतजार आज खत्म होने वाला है। किसी भी घड़ी खुशखबरी आ सकती है। टनल में खुदाई पूरी हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सुरंग के अंदर चली गई है। वहीं, मेडिकल टीम भी सुरंग के अंदर गई है। 41 एंबुलेंस टनल के अंदर हैं। टनल के अंदर काफी हलचल है।
उत्तरकाशी में श्रमिकों के परिजनों को सुरंग के पास लिया गया है। परिजनों को कार्ड दिया गया है। परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मौके पर पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सुरंग के अंदर है। गर्म कपड़े भी सुरंग में मंगवाए गए हैं। गद्दे और स्ट्रेचर भी सुरंग के अंदर ले जाए गए। रस्सी और सीढ़ी भी सुरंग के अंदर ले जाई गई है। सुरंग के अंदर बेड लगाए गए हैं।
बता दें कि 800 मिमी व्यास का पाइप भी डाला जा चुका है। NDRF व एसडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई है। ये टीम मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालने में मदद करेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है।
उत्तरकाशी में रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों के परिजनों से उनके कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा है। मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें सीधे हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। रेस्क्यू से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि खुदाई पूरी हो गई है। NDRF की टीम पाइप के जरिए मजदूरों के पास जा रही है। एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए एक एक कर मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालेगी।
बता दें कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं।
सिल्क्यारा टनल में हिमाचल प्रदेश का युवक विशाल भी फंसा हुआ है। विशाल के परिजन बेहद परेशान हैं और लगातार उसके सकुशल लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं।
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों तक 8वें दिन दाल, रोटी, सब्जी और चावल पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। पहले ड्राई फ्रूट ही मजदूरों तक पहुंच पा रहा था। सुरंग में फंसे मजदूरों को खाने-पीने की चीजों और दवाइयां पहुंचाने के लिए एक सिस्टम तैयार किया गया था। पाइप के जरिए सामान मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा था।
इस सिस्टम के समानांतर ही दूसरा सिस्टम तैयार किया गया है। 80 मिमी व्यास वाले पानी निकासी के पाइप से खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही थी। अब सुरंग में 125 मिमी व्यास का एक पाइप और भी डाला गया है। ऐसे में अब रोटी, सब्जी, चावल व दाल आदि मजदूरों तक पहुंचाई जा सकती है।
मौके पर सिविल सर्जन भी पहुंचे और सुरंग में फंसे मजदूरों तक सिरदर्द, पेट दर्द आदि की मेडिसीन पहुंचाई। मजदूरों को निकालने का कार्य जारी है। अमेरिका की ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में पहाड़ी जिग जैग की तरह है। जहां पहाड़ी डाउन है वहां पर ड्रिलिंग की जा रही है। ड्रिलिंग कर बड़ी पाइप डाली जाएगी, इसके माध्यम से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। अगले करीब दो दिन में मजदूरों तक पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्य का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार की प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग जारी है। जहां पहाड़ी पर मजदूरों तक जल्दी पहुंचा सा सके वहां से ड्रिलिंग की जा रही है।
विशेषज्ञों की टीमें भी इस कार्य में जुटी हैं। अमेरिका में ऑगर मशीन से एक्सपर्ट से भी सलाह ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां मजदूर फंसे हैं, वहां पर लाइट भी है। वहां पर खाली जगह है और लोग घूम रहे हैं। मजदूरों के साथ संपर्क हुआ है। पानी, ऑक्सीजन आदि कि व्यवस्था की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हादसे के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन ठीक से चल गई तो 2 से अढ़ाई दिन में पहुंच सकेंगे।
क्या है मामला
यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोल गांव के लिए सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। 12 नवंबर को दिवाली वाले दिन सुरंग में भारी भूस्खलन हुआ था। इसके चलते मुहाने के पास सुरंग बंद होने से 41 मजदूर अंदर फंस गए।
पहले जेसीबी से मलबा हटाने की कोशिश की गई। पर सफलता हाथ न लगी। इसके बाद 14 नवंबर को दिल्ली से अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। इसके बाद ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई।
हिमाचल के मंडी का विशाल भी फंसा
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हिमाचल के मंडी जिला की बल्ह घाटी के सिध्याणी पंचायत के बंगोट गांव का विशाल भी फंसा है। विशाल की मां का रो रो कर बुरा हाल है। हर दिन भारी गुजर रहा है। मां का कहना है कि उसके बच्चे को सुरक्षित घर भेज दो, बाकी उसे कुछ नहीं चाहिए।
विशाल का बड़ा भाई योगेश और पिता धर्म सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं। विशाल दिवाली से पहले घर आया था और छुट्टी काट लौटा था।