धर्मपुर। हिमाचल कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी से बगावत की है। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के इन 6 विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी अयोग्य करार दी है।
सोलन जिला के धर्मपुर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागी विधायकों पर जमकर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद धर्मपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, जो जिस कांग्रेस विचारधारा और हाथ के निशान से चुनकर आया हो, उस हाथ के निशान और पार्टी जिसकी हम मां की तरह सेवा करते हैं, उसको भूलकर उससे गद्दारी करे।
अगर इतना व्यक्तित्व था तो आजाद लड़ते।जो व्यक्ति सत्ता और पैसों के प्रलोभन में अपना ईमान बेच सकता है वो अपने विधानसभा क्षेत्र की क्या सेवा करेगा। ऐसे लोग गरीब आदमी का शोषण और पैसे के बल पर राजनीति में आ जाते हैं और विधायक बन जाते हैं।
गरीब जनता का शोषण करते हैं। वे ऐसी संपदा को पैदा करते हैं। धन को पैदा करते हैं, जिससे उनके पास ताकत रहे। उस प्रदेश की संपदा को मैं लुटने नहीं दूंगा। यह हिमाचल की जनता से मेरा वादा है।
शिमला। हिमाचल कांग्रेस में मचा घमासान शांत हो गया है। हाईकमान द्वारा भेजे ऑब्जर्वर ने बैठक कर सभी विधायकों से बातचीत की और सबकी नाराजगी जानी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि सभी विधायकों की सुनेंगे और उनकी नाराजगी दूर करेंगे। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अनुसार ऑब्जर्वर से बैठक के बाद विधायकों में सेटिस्फेक्शन हैं।
आखिर कुछ विधायकों और कांग्रेस पदाधिकारियों में नाराजगी क्यों थी। इसका कारण भी प्रतिभा सिंह ने शिमला में मीडिया से बातचीत में बताया है।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल में पांच साल भाजपा की सरकार रही। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के काम नहीं हुए। सभी ने मेहनत की और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई।
कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि जो उम्मीदें इतने साल से संजो कर रखी थीं, उस पर सरकार एक्शन लेगी।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि विधायकों की इच्छा थी,’ किसी के घर में प्रोब्लम है, कोई चाहता हमें नौकरी मिले, हमारी ट्रांसफर हो, छोटे मोटे काम मिलें। लोगों के ऐसे छोटे मोटे इश्यू को लेकर विधायक मुख्यमंत्री से मिलते रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन सबका ज्यादा संज्ञान नहीं लिया। इन विषयों पर गंभीरता से नहीं सोचा। उनका दुख और बढ़ता गया। इसके कारण इस करार पर सरकार को आना पड़ा। ऐसी परिस्थिति हिमाचल में पैदा हुईं।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस सरकार को जो संकट आया है, इसकी उनको पहले से आशंका थीं और कई बार मुख्यमंत्री के समक्ष कार्यकर्ताओं और विधायकों की नाराजगी की बात रखी भी गई थी, लेकिन पार्टी हाई कमान और मुख्यमंत्री ने बात नहीं सुनी।
वीरवार को बैठक में तीन ऑब्जर्वर ने सभी विधायकों से बात की और विधायकों ने नाराजगी जाहिर की। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि नाराजगी दूर करेंगे, सबकी सुनूंगा। अब सभी विधायक संतुष्ट हैं।
प्रतिभा सिंह ने भाजपा में शमिल होने की चर्चाओं को नकारते हुए कहा कि वे पार्टी के साथ खड़ी हैं और सरकार को बरकरार रखने के लिए काम कर रही हैं।