काजा। हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। जिला लाहौल-स्पीति और कुल्लू की ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ है।
शनिवार सुबह लाहौल-स्पीति के स्पीति घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। मनाली-लेह सड़क मार्ग के बारालाचा, शिंकुला दर्रे पर भी हल्की बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के साथ ही घाटी में परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं।
जिला लाहौल-स्पीति पुलिस की तरफ से बर्फबारी को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। जिला पुलिस का कहना है कि सितंबर माह के अंत के साथ ही जिला में सर्दियों का आगमन हो चुका है।
लाहौल-स्पीति जिला में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। इस दौरान चंद्रताल में भी भारी बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण चंद्रताल में स्थापित पुलिस चेक पोस्ट को आज हटाया जा रहा है।
इसको ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस ने स्थानीय निवासियों व बाहर से आ रहे पर्यटकों से अपील की है कि चंद्रताल की ओर यात्रा करने से बचें व चंद्रताल जाने की सूरतमें वहां ठहराव न करें।
काजा। चंद्रताल में फंसे करीब 300 लोगों को आखिरकार रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन गुरुवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं लोसर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में लोसर में समीक्षा की थी। इसके बाद जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को रेस्क्यू टीम के साथ भेजा था।
एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रेस्क्यू ऑपरेशन का सफल आयोजन हुआ। मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव ने रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की और 12 जुलाई को डेढ़ बजे कुंजुम पास के समीप रेस्क्यू टीम को निर्देश दिए।
इस दौरान लोसर गांव से कुछ युवाओं की टीम बातल भेजी गई थी जिसने सूचना दी कि कुछ लोग फंसे हैं। इसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह से फोन के माध्यम को इस बारे में अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री ने तुरंत निर्देश दिए कि दूसरी टीम बनाकर भेजी जाए और हर हाल में रेस्क्यू किया जाए। प्रशासन ने स्थानीय स्पीति के युवाओं की टीम बनाकर गाड़ियों के साथ बातल के लिए रवाना किया गया। करीब रात को 12 बजे बातल से 52 लोगों को रेस्क्यू किया गया और लोसर देर रात पहुंचाया गया।
वहीं चंद्रताल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए रास्ते खोलने का कार्य में तीसरे दिन 26 किलोमीटर सड़क बर्फ से ढकी थी उसे रात 1.25 बजे रेस्क्यू किया गया। तीन जेसीबी लगाई गई थी जिसमें निजी ऑपरेटर, बीआरओ और कंपनी की शामिल थी। करीब रात को 1.45 मुख्यमंत्री ने सेटेलाइट के माध्यम से मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव से बात करके रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अपडेट ली।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तुरंत लोगों को रेस्क्यू किया जाए। इसके बाद मंत्री ने एसपी मयंक चौधरी, एडीसी राहुल जैन, एसडीएम हर्ष नेगी के साथ बैठक की और फैसला किया कि सुबह 5.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा। करीब 3 बजे रेस्क्यू करके टूरिस्ट की पहली गाड़ी लोसर पहुंची।
यहां पर लोसर महिला मंडल ने खत्तक पहनाकर उनका स्वागत किया। वहीं अल्पाहार की व्यवस्था की हुई थी। टूरिस्टों को कुंजम टॉप से काजा तक एचआरटीसी की तीन बसें, 10 टेंपो ट्रेवेलर सहित 17 स्थानीय लोगों की ब्लैरो कैंपर थी।
जन जातीय विकास मंत्री जगत नेगी ने तीनों जेसीबी के ऑपरेटर, लोसर, पंगमो के युवा जिसमें नामका, गायलसन, छैरिंग दोरजे, tashi keshang, नामग्याल, तेंजिन जांगपो, टाकपा इशे, पेंबा छेरिंग, तेंजिन कुनफुन, ग्राम पंचायत प्रधान लोसर रिंचिन डोल्मा को सम्मानित किया।
एडीसी राहुल जैन ने कहा कि रेस्क्यू टीम में एसडीएम, तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, टीएसी सदस्य केशांग्ग रैपचिक, वीर भगत, लिदांग, लोसर किब्बर, चिचम, काजा स्पीति के अन्य गांवों के करीब 70 युवाओं के साथ बीआरओ, आईटीबीपी, पुलिस,न्यू एज इंडिया कंपनी और गर्ग एंड गर्ग कंपनी, लंबरदार लोसर को शामिल किया गया था।
जन जातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि लोसर महिला मंडल और युवक मंडल जिन्होंने रेस्क्यू में भूमिका निभाई है उन्हें 1 लाख रुपए इनाम के तौर पर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही महिला मंडल और युवकों को रेस्क्यू ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण कर रहे थे।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिस हिसाब से इस रेस्क्यू में भूमिका निभाई है वो काबिले तारीफ हैं। जेसीबी ऑपरेटर सुखदेव ने 21 से 18 घंटे लगातार जेसीबी चलाई है। इन्हीं के कारण सारा रास्ता बहाल हो पाया है। स्पीति प्रशासन के अधिकारियों ने काफी बेहतरीन तरीके से रेस्क्यू को अमलीजामा पहनाया।
सभी को अब सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और काजा शिमला रास्ता खुला है। टूरिस्ट को इसी रास्ते से भेजा रहा है। मुनस्लिंग रंगरीक स्कूल में रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भई शाम को रखा गया है।
क्यामों गांव के युवा मण्डल के सदस्य तन्जिन वंगज्ञाल रुमबाह, तन्जिन लन्दन, तन्जिन छोपेल, प्रेम कुमार, केसंग मोनलम, टकपा नमगयाल ने भी रेस्क्यू में अहम भूमिका निभाई ।
चंद्रताल व बातल में फंसे सैलानियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित लोसर पहुंचाया गया। इस दौरान विधायक रवि ठाकुर ने सभी का लाहुल स्पीति की परंपरा के अनुसार खतक पहना स्वागत किया और उनका हालचाल जाना।
यही नहीं विधायक रवि ठाकुर ने सभी पर्यटकों को अपना फोन नंबर देते हुए कहा कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी हो तो वे उन्हें उनके नंबर पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं।
काजा। लाहौल-स्पीति के चंद्रताल में फंसे 300 लोगों के लिए चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन 12 किलोमीटर रोड़ बहाल किया गया है। अभी कुल 25 किलोमीटर और दूरी चंद्रताल टैंट कैंप तक शेष बची है।
एडीसी राहुल जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि भारी बर्फबारी के कारण तीन से चार फीट की बर्फ कुंजम पास से चंद्रताल की ओर है। इसी के साथ शाम होते ही तापमान में भारी गिरावट आ रही है। माइनस 5 से अधिक तापमान जा रहा है।
एडीसी राहुल जैन ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दूसरे दिन स्पीति प्रशासन की ओर से छह सदस्यीय मैसेंजर टीम कुंजुम दर्रे से चंद्रताल टेंट कैंप के लिए दोपहर ढाई बजे भेजी गईं जोकि शाम 6.45 बजे पहुंच गए थे। मैसेंजर टीम 7 किलीमीटर बर्फ में पहाड़ क्रॉस करके गई है।
इस मैसेंजर टीम में पांगमो गांव से गायलसन और तेंजिन नामका, हल गांव से नामग्याल और छेरिंग, लोसर गांव जेई टशी केशग और केषांग पलजोर शामिल है। इनके पास सैटेलाइट फोन भी दिया गया है।
चंद्रताल में सभी लोग सुरक्षित हैं। दूसरे दिन रात को 10 बजे तक सड़क खोलने का कार्य किया गया है। भारी बर्फबारी के कारण पैदल भी फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल भरा है।
ऑपरेशन के तीसरे दिन बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे से सड़क खोलने का कार्य शुरू कर दिया है। काजा से समुदो मार्ग अभी बहाल नहीं हो पाया है। मार्ग बहाल करने का कार्य तीव्र गति से चला हुआ है।
एडीसी राहुल जैन ने बताया कि हमें आशंका है कि बातल में कुछ लोग फंसे हो सकते हैं इसलिए स्थानीय युवकों की टीम बातल में रेकी करने के लिए आज सुबह भेजी गई है। हमारा लक्ष्य है कि आज चंद्रताल तक पहुंचने का है ताकि लोग रेस्क्यू आज ही किया जाए।
एसडीएम हर्ष नेगी, तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, SHO संजय कुमार, टीएसी सदस्य वीर भगत, लोसर महिला मंडल भोजन व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी, बीआरओ, स्थानीय लोगों में छेवांग लिदांग गांव से, गोंपो क्यूलिग गांव से अमित मंडाला आदि शामिल है।