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सावधान ! ठंड से बचने को जलाते हैं अंगीठी तो इन बातों का रखें ध्यान

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ठंड से बचने के लिए लोग की तरह की चीजों का सहारा लेते हैं। कुछ लोग हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग अंगीठी या अलाव जलाते हैं। ये चीजें ठंड से तो बचाती हैं लेकिन कहीं न कहीं सेहत के लिए हानिकारक भी होती हैं। इनका प्रयोग करते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है वरना ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अंगीठी का उपयोग ज्यादा करते हैं, लेकिन यह बात ध्यान में रखना बेहद जरूरी है कि बंद कमरे में अंगीठी जलाना हानिकारक है। जानकारी के अभाव में कई बंद कमरे के अंदर लोग अंगीठी जलाकर सो जाते हैं जो कि बड़े हादसे को न्योता देने जैसा है। ऐसा ही मामला सामने आया है शिमला जिला के कुमारसैन के शिलाजान गांव में।
यहां गैस लगने से दो लोगों की मौत हो गई है और सात बेहोश हुए हैं। इन लोगों ने ठंड से बचने के लिए लोहे की बाल्टी में लकड़ियों से आग जलाई थी। पर एक गलती कर बैठे कि रात को बाल्टी कमरे में ही रहने दी और सो गए।
सुबह बड़ी मुश्किल से दो मजदूरों ने दरवाजा खोला तो पाया कि सभी बेहोश थे। सभी को सीएचसी कोटगढ़ ले जाया गया। अस्पताल में सिरमौर जिला के चाड़ना निवासी रमेश (22) और सुनील (21) की मौत हो गई। बबाई बलीच गांल श्री रेणुका जी के विनोद, अनिल, कुलदीप, राजेन्द्र चौहान, राहुल, कुलदीप व यशपाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
किस तरह जानलेवा है कोयले की गैस जानिए –
बता दें कि बंद कमरे में लकड़ी या कोयले की अंगीठी को जलाने से ऑक्सीजन का स्तर घटता है। इसके साथ ही कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जो सीधे मनुष्य के दिमाग पर असर डालता है। दिमाग पर कार्बन मोनोऑक्साइड का असर पूरे शरीर में होता है और सोया हुआ इंसान बेहोश हो जाता है।
बंद कमरे में अंगीठी को रखा जाता है तो कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचता है। इसके फेफड़ों तक पहुंचने के बाद ये सीधा खून में मिल जाता है, जिससे हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और इंसान की मौत हो जाती है।
अंगीठी से निकलने वाली गैस सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं बल्कि आंखों को भी नुकसान पहुंचाती है। अंगीठी के सामने बैठने से आंसुओं की परत सूख जाती है। ठंड दूर भगाने को अंगीठी के बजाय मैकेनिकल हीटर आदि का प्रयोग ज्यादा उपयुक्त है। हालांकि रात में सोते समय इसे बंद करना भी नहीं भूलना चाहिए।
अंगीठी जलाते कुछ सावधानियां बरत सकते हैं जैसे –
  • सर्दियों में अगर आप अंगीठी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कभी भी कमरे को पूरी तरह से बंद न करें। कमरे की खिड़की को हमेशा खुला रखें।
  • अंगीठी जलाकर उसके आसपास ना सोएं।
  • कमरे में अंगीठी जलाते वक्त हमेशा एक बाल्टी पानी भरकर किनारे जरूर रखें।
  • जमीन पर सोने से बचें। अंगीठी के आसपास किसी भी तरह का प्लास्टिक का सामान, केमिकल, कपड़े आदि रखने से बचें।
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हिमाचल : ठंड से बचने को बाल्टी में जलाई थी आग, जानलेवा हुई साबित

कुमारसैन के कोटगढ़ के शिलाजान का मामला
शिमला। सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ठंड से बचने के लिए लोग की तरह के जुगाड़ करते हैं। कुछ लोग अंगीठी जलाते हैं तो कुछ लोग हीटर आदि का प्रयोग करते हैं। पर इन्हें प्रयोग करने को लेकर सावधानी जरूरी है। नहीं तो यह जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऐसा ही एक मामला शिमला जिला के कुमारसैन के शिलाजान गांव में सामने आया है।
यहां गैस लगने से दो लोगों की मौत हो गई है और सात बेहोश हुए हैं। इन लोगों ने ठंड से बचने के लिए लोहे की बाल्टी में लकड़ियों से आग जलाई थी। पर एक गलती कर बैठे कि रात को बाल्टी कमरे में ही रहने दी और सो गए।
बता दें कि कुलदीप मेहता निवासी गांव जब्बलपुर कोटगढ़ के शिलाजान स्थित बगीचे में निर्माण कार्य चला था और 9 मजदूर काम कर रहे थे और एक कमरे में रहते थे। 18 नवंबर की रात को ठंड से बचने के लिए कमरे में लोहे की बाल्टी में सूखी लकड़ियों से आग जलाई। आग तपने के बाद बाल्टी अपने कमरे में ही रख दी थी और सो गए।
19 नवंबर को सुबह मुंशी विष्णु मौके पर पहुंचा और कमरे का दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला गया। वह लगातार प्रयास करता रहा। बड़ी मुश्किल से दो मजदूरों ने दरवाजा खोला। मुंशी ने सभी को बेहोश देखा तो अन्य लोगों को मदद के लिए बुलाया। सभी को सीएचसी कोटगढ़ ले जाया गया।
सिरमौर जिला के चाड़ना निवासी रमेश (22) और सुनील (21) की मौत हो गई। बबाई बलीच गांल श्री रेणुका जी सिरमौर के विनोद, अनिल, कुलदीप, राजेन्द्र चौहान, राहुल, कुलदीप व यशपाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
मामले की सूचना पुलिस थाना कुमारसैन को दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस थाना कुमारसैन के एएसआई करतार सिंह अपनी टीम के साथ सीएचसी पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की करवाई शुरू कर दी है।