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हिमाचल में एफसीए और एफआरए केसों को लेकर बड़ा फैसला, सीएम ने दिए यह निर्देश

जिला स्तर पर समीक्षा बैठकों विधायक भी बुलाए जाएंगे

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को वार्षिक योजना 2024-25 के लिए विधायक प्राथमिकताओं पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। दूसरे दिन के पहले सत्र में जिला कांगड़ा, किन्नौर और कुल्लू के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आमजन के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है और समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं।

सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के उपेक्षित वर्ग को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकें।

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उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को उपर उठाने एवं स्थानीय विकास में इन बैठकों का विशेष महत्व है। वार्षिक योजना 2024-25 में प्रत्येक विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित पांच प्राथमिकताएं प्रस्तावित कर सकते हैं। इनमें सड़कें एवं पुल, लघु सिंचाई योजनाएं, ग्रामीण पेयजल/मल निकासी की एक-एक योजना अथवा किसी एक मद में तीन अथवा दो प्राथमिकताएं प्रस्तावित की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि रख-रखाव से संबंधित एक प्राथमिकता तथा परिवहन विभाग के अंतर्गत चार्जिंग स्टेशन सहित इलेक्ट्रिक-बस चलाने के लिए विधायक एक प्राथमिकता शामिल कर सकते हैं।

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ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नाबार्ड से ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण योग्य गतिविधियां ही पात्र हैं।

ऐसे में नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण, वित्त पोषण के लिए एवं विषम क्षेत्रीय विकास की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा संबंधित विधायकों से प्राथमिकताएं मांगकर शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) के तहत वित्त पोषण के लिए भेजी जाएंगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वन स्वीकृतियों के मामलों में तेजी आई है। जिला स्तर पर आयोजित होने वाली एफसीए तथा एफआरए केसों की समीक्षा बैठकों में संबंधित विधायक को भी बुलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार ने विधायक निधि से भूमिगत केबल बिछाने तथा मुख्यमंत्री लोक भवन के निर्माण कार्य के लिए भी धन उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि आय के साधन बढ़ें और प्रदेश आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत परिवहन निगम की बसों को ई-बसों से चरणबद्ध तरीके से बदला जा रहा है तथा राज्यभर में ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सीमित संसाधनों से आर्थिकी पर बोझ जरूर बढ़ा है, लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत तक सुधार भी आया है। उन्होंने प्रदेश की विकास नीति, वित्तीय संसाधन जुटाने, मितव्ययता, बेहतर प्रशासन, स्वरोजगार व रोजगार सृजन इत्यादि महत्वपूर्ण विषयों पर विधायकों के सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आने वाले समय में और कड़े फैसले लिए जाएंगे।

जिला कांगड़ा

नूरपुर से विधायक रणबीर सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों केे विस्तारीकरण का आग्रह किया। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र खुखलेड़ के निर्माण तथा सदवां उप- तहसील के नए भवन के निर्माण, भूमि-कटाव रोकने के लिए चक्की और जबर खड्ड में चैनलाइजेशन का आग्रह किया। उन्होंने नशा माफिया पर लगाम लगाने पर भी सुझाव दिए।

इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने अपने चुनाव क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने, बसंतपुर स्कूल को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने तथा नए शिक्षण संस्थान खोलने की बजाय पुराने संस्थानों को सुदृढ़ करने का आग्रह किया। उन्होंने आईटीआई गंगथ में नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने, बहुतकनीकी कॉलेज खोलने तथा भदरोहा में पुलिस चौकी खोलने की मांग की। उन्होंने नशा तथा खनन माफिया पर नकेल कसने के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी बल दिया।

फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया ने निर्माणाधीन रे कॉलेज तथा संयुक्त कार्यालय भवन फतेहपुर के कार्य को जल्द पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने फतेहपुर में विद्युत बोर्ड का वृत्त कार्यालय खोलने तथा शाह नहर की मरम्मत

के लिए समुचित धनरशि उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया।
देहरा से विधायक होशियार सिंह ने क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा बेहतर वन प्रबंधन से आर्थिक संसाधन बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने इमारती लकड़ी पर आधारित उद्योग स्थापित करने तथा प्रदेश के मंदिरों में वीआईपी दर्शन पर्ची के माध्यम से राजस्व बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने लगभग 7000 पौंग बांध विस्थापितों के मुद्दे को केंद्र सरकार से उठाने का आग्रह भी किया।

जसवां प्रागपुर से विधायक बिक्रम सिंह ने अपने चुनाव क्षेत्र में निर्माणाधीन पॉलीक्लीनिक का कार्य पूरा करने के लिए समुचित धन उपलब्ध करवाने की मांग की। साथ ही राजकीय बहुतकनीकी कॉलेज जंडौर को शुरू करने तथा चुनौर औद्योगिक क्षेत्र को सुदृढ़ करने का आग्रह भी किया।

ज्वालामुखी सेे विधायक संजय रतन ने मां ज्वालामुखी मंदिर का मास्टर प्लान बनाकर श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत एकीकृत केंद्र तथा राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया ने शाहपुर मल निकासी योजना तथा खंड विकास अधिकारी कार्यालय खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या दूर करने तथा चंबी ग्राउंड के सुधार की मांग रखी। उन्होंने रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति के लिए समुचित कैलेंडर बनाने का भी आग्रह किया।

जिला कुल्लू

मनाली से विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने मनाली बाई-पास सड़क के कार्य में तेजी लाने आग्रह किया। उन्होंने राज्य सरकार से रोहतांग क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां शुरू करने, नए रोपवे लगाने तथा पर्यटन ग्राम विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर बनाने का भी आग्रह किया।

बंजार से विधायक सुरेंद्र शौरी ने एनएच-305 के सुदृढ़ीकरण की मांग की, ताकि पर्यटकों को तीर्थन घाटी तक आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने पेयजल तथा बिजली आपूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाने का भी आग्रह किया। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन दलासनी पुल तथा बंजार बाईपास का कार्य जल्द पूरा करने का आग्रह किया।

आनी से विधायक लोकेंद्र कुमार ने सैंज-आनी सड़क के सुधारीकरण तथा श्रीखंड यात्रा को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। साथ ही नशे पर नकेल कसने के लिए पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने, आनी में पुलिस का ट्रैफिक विंग तथा सीए स्टोर खोलने की तथा जलोड़ी पास से सरयोलसर झील तक ई-व्हीकल चलाने का भी आग्रह किया।मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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कांगड़ा : दुरगेला के पूर्ण चंद ने सेब में ढूंढा स्वरोजगार, 6 राज्यों में पौधे कर रहे सप्लाई

किसी रासायनिक खाद या स्प्रे का नहीं करते इस्तेमाल

धर्मशाला। मिट्टी से सोना उगाने का हुनर रखने वाले लोग खेती में नयापन लाकर केवल पैसा ही नहीं कमाते, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन जाते हैं। ऐसे ही एक बागवान हैं कांगड़ा जिले के शाहपुर उपमंडल के तहत आने वाले दुरगेला गांव के पूर्ण चंद। पूर्ण चंद ने कांगड़ा के मैदानी इलाके में ठंडे पहाड़ों की फसल कही जाने वाले सेब की पैदावार से सफलता की ऐसी उम्दा कहानी लिखी है, जो पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा से कम नहीं है।

पूर्ण चंद ने अन्ना व डोरसेट प्रजाति के लगभग 300 सेब के पौधे लगाए हैं, जिनमें से लगभग 140 पौधों में अभी फल आ चुके हैं। मौजूदा सीजन में उन्हें सेबों की पैदावार से एक से डेढ़ लाख रुपये की आमदनी की उम्मीद है। उनकी देखा देखी अब आसपास के गांवों के लोग भी सेब समेत अन्य फलों की खेती की ओर मुड़ने लगे हैं।

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वहीं, सेब लगाने के लिए बागवानी विभाग से भी पूरी मदद मिल रही है। इस खबर में हम आपको दुरगेला के किसान पूर्ण चंद की सफलता की कहानी के साथ बागवानी विभाग द्वारा दी जा रही मदद की जानकारी दे रहे हैं।

क्या कहते हैं दुरगेला गांव के पूर्ण चंद

दुरगेला गांव के पूर्ण चंद ने बताया कि वह अपनी तीन-चार कनाल जमीन पर गेहूं, मक्की इत्यादि की परंपरागत खेती करते थे, लेकिन इसमें कुछ अधिक लाभ नहीं हो रहा था। करीब चार साल पहले उन्होंने प्रदेश के बागवानी विभाग के मार्गदर्शन एवं सहयोग से सेब का बगीचा लगाया।

उनके बगीचे की खासियत यह है कि वह अपने सेब बागान में किसी रासायनिक खाद या स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसके स्थान पर वह विभिन्न तरह से बनाए जानी वाली जैविक खादों का ही इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि वे विभिन्न दालें, किचन वेस्ट, ऑयल सीड, गौ मूत्र तथा गोबर द्वारा बनाई जाने वाली जैविक खादों का ही प्रयोग करते हैं। पूर्ण चंद इन सब खादों को भी स्वयं ही तैयार करते हैं।

पूर्ण चंद के अनुसार इस बार उनके बागान में सेब की फसल काफी अच्छी हुई है। सेबों की अच्छी गुणवत्ता के चलते खरीददार उनके घर पर आकर ही सेब खरीद ले जाते हैं। पूर्ण चंद को इस वर्ष एक से डेढ़ लाख रुपये के सेबों की पैदावार की उम्मीद है। प्रदेश सरकार द्वारा एंटी हेलनेट के लिए भी पूर्ण चंद को 80 प्रतिशत उपदान दिया गया है। पूर्ण चंद ने सेब के पौधों की एक नर्सरी भी लगाई है। बीते दो वर्ष में प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में अपनी नर्सरी के पौधे भेज चुके हैं।

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महाराष्ट्र के विदर्भ, नागपुर, अमरावती, औरंगाबाद व अहमदनगर के साथ मध्य प्रदेश के जबलपुर, भोपाल, नीमच तथा राजस्थान के जयपुर और कर्नाटक के बीजापुर तथा सिन्दगी सहित हरियाणा, गुजरात इत्यादि प्रदेशों में वर्ष 2021-22 में 10 हजार तथा 2022-23 में 20 हजार पौधों की सप्लाई कर चुके हैं। समय समय पर वे खुद वहां जाकर उनकी प्रोनिंग इत्यादि का कार्य करते हैं तथा वहां के बागवानों को इन पौधों की रख-रखाव के बारे में बताते हैं।

उनका कहना है कि शुरुआती दौर में लगाए गए पौधों में फल आने भी शुरू हो गए हैं। इस समय भी उनकी नर्सरी में लगभग 40 हजार पौधे लगे हुए हैं और आने वाले सीजन की सप्लाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने यहां पास के गांव के 6-7 लोगों को खेती में मदद के लिए स्थाई रोजगार दे रखा है।

उन्होंने अपनी नर्सरी को प्रदेश सरकार के पास भी पंजीकृत कराया है। पूर्ण चंद का कहना है कि वे वैदिक विधि से खेती से जोर दे रहे हैं। देसी गाय के गोबर और गौ मूत्र का प्रयेाग और अग्निहोत्र करना और उसके बाद शेष बची राख का छिड़काव प्रतिदिन अपने बगीचे में करते हैं।

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बागवानी के कार्य में पूर्ण चंद की पत्नी मधु भी पूरा सहयोग करती हैं। कई बार उनके घर से बाहर होने की स्थिति में उनके बच्चे भी अग्निहोत्र की क्रिया को सम्पन्न कर लेते हैं। बागवान पूर्ण चंद की किसान भाईयों विशेष कर युवाओं से अपील है कि वे अपनी जमीन को खाली न रखें अपितु सेब, अमरूद, कीवी इत्यादि के पौधे लगाकर अपनी आजीविका अच्छे से चला सकते हैं।

क्या कहते हैं उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी

बागवानी विभाग जिला कांगड़ा के उप निदेशक डॉ. कमलशील नेगी बताते हैं कि सेब की सघन खेती में क्लोनल रूट स्टॉक के बौने और मध्यम बौने पौधे आपस में कम दूरी पर लगाए जाते हैं, इससे भूमि का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सकता है। इसमें जहां कम भूमि पर अधिक पौधे लग जाते हैं, वहीं पौधों के बीच की भूमि पर अन्य खेती की जा सकती है, जिससे अधिक लाभ होता है। प्रदेश सरकार क्षेत्र विस्तार सघन खेती फलों के अंतर्गत 50 प्रतिशत उपदान प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रत्येक बूंद अधिक फसल के तहत बगीचे में टपक सिंचाई योजना स्थापित करने के लिए भी अनुदान दिया जाता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 50 हज़ार क्षमता तक जल भंडारण टैंक बनाने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 70 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।

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फल भंडारण पैक व ग्रेडिंग हाउस बनाने के लिए अधिकतम 2 लाख या 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उप निदेशक डॉ. नेगी ने बताया कि कृषि उत्पादन संरक्षण योजना के अंतर्गत एंटी हेलनेट की स्थापना के लिए बांस का ढांचा बनाने को 50 प्रतिशत या अधिकतम 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथा लोहे के ढांचे हेतु 1.20 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।

जिले में बागवानी गतिविधियों को दी जा रही रफ्तार

डीसी डॉ. निपुण जिंदल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिहं सुक्खू के निर्देशानुसार कांगड़ा जिले में बागवानी गतिविधियों को रफ्तार देने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन, उद्यान विभाग के सहयोग से जिले में बागवानी की मौजूदा स्थिति में व्यापक सुधार और मजबूती के लिए लगातार प्रयासरत है। किसानों-बागवानों को सरकारी मदद मुहैया कराने, खेती की पैदावार बढ़ाने और इससे जुड़े कार्यों को मुनाफे वाला बनाकर किसानों की आय में बढोतरी के लिए कदम उठाए गए हैं।

 

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‘पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी पहाड़ के नहीं आती काम’ बदलनी होगी धारणा

उत्तराखंड रोजगार मेले को संबोधित करते पीएम मोदी ने कही ये बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है’ यह धारणा बदलनी होगी। इसलिए केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास है कि युवा गांव की तरफ लौटें। इसके लिए पहाड़ में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बनाए जा रहे हैं। उत्तराखंड में सड़कें बन रही हैं, रेल लाइनें बिछ रही हैं। दूरदराज क्षेत्रों में आना जाना आसान हो गया है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कही।

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उन्होंने कहा कि रोजगार मेलों के जरिए लाखों युवाओं को नियुक्त पत्र दिए हैं। मुद्रा योजना से टूरिज्म और स्वरोजगार को बल देने में कारगर सिद्ध हो रही है। दुकान, ढाबे, गेस्ट हाउस व होम स्टे जैसा व्यवसाय करने वाले युवाओं को 10 लाख तक का लोन बिना गारंटी दिया जा रहा है। अब तक पूरे देश में 38 करोड़ मुद्रा योजना के तहत लोन दिए जा चुके हैं। देश में 8 करोड़ युवा पहली बार उद्यमी बने हैं। इसमें महिलाओं, एससी/एसटी का हिस्सा ज्यादा है। उत्तराखंड के भी हजारों युवाओं को लाभ मिला है।

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उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी डिमांड बढ़ी है। इंटरनेट और डिजिटल सेवा देने वाले क्षेत्रों में हजारों युवा काम कर रहे हैं। टूरिज्म सेक्टर का विस्तार हो रहा है। उत्तराखंड के युवाओं को घर के नजदीक रोजगार मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज से आपकी नई शुरूआत का अवसर है। इससे आपका जीवन और आपके परिवार का जीवन बदलने वाला है। लेकिन, जिस सेवा में आप आज प्रवेश कर रहे हैं वो आपका जीवन बदलने का नहीं बल्कि व्यापक बदलाव का माध्यम है। अपने सेवा भाव राज्य और राष्ट्र में विकास और विश्वास के प्रयासों में भरपूर योगदान देना है।

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