नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आफताब को 22 नवंबर को दोबारा कोर्ट में समक्ष पेश कर चार दिन का पुलिस रिमांड मिला था। पुलिस रिमांड की अवधि आज समाप्त हो रही थी। आफताब को आज अंबेडकर अस्पताल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आफताब को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजा जाएगा। बता दें कि श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दिल्ली, हिमाचल सहित पांच राज्यों में पुलिस ने जांच की है। पिछले पेशी के दौरान आफताब ने कोर्ट के समक्ष अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था।
उसने जज के सामने कहा था कि जो भी हुआ है वो HEAT OF THE MOMENT था। यानी कि जो उसने किया, वो बिना सोचे समझे गुस्से में किया। उसने कोर्ट में यह भी कहा था कि वह जांच में सहयोग कर रहा है। जहां उसने शव के टुकड़े फेंके, उन जगहों की जानकारी दी है। वारदात को काफी समय हो गया है, ऐसे में वह कई चीजों को याद नहीं कर पा रहा है।
शिमला। दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस के बारे में जिस किसी ने भी सुना, उसकी रूह कांप उठी। श्रद्धा के हत्यारे आफताब को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग उठ रही है। राजधानी शिमला की सीटीओ चौक पर मंगलवार को डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट संस्था ने प्रदर्शन किया और शेर-ए-पंजाब तक मार्च निकालकर श्रद्धा के लिए इंसाफ मांगा।
श्रद्धा की आत्मा की शांति के साथ आफताब पूनावाला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की गई। देश के साथ प्रदेश में बढ़ रहे लव जिहाद और लिव इन रिलेशनशिप के मामलों को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग भी उठाई गई।
डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट संस्था के सदस्य भरत भूषण ने कहा कि देशभर में लगातार लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। हिंदू लड़कियों को बहला- फुसलाकर उनकी हत्या करना आम हो गया है। उन्होंने कहा कि जनजागरण के जरिए उनकी संस्था देशभर में लव जिहाद को रोकने का संदेश दे रही है। उन्होंने देश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए सख्त सख्त कानून बनाने की मांग की।
भारत भूषण ने कहा कि हिंदू लड़कियों के साथ लगातार लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की निधि गुप्ता हो या दिल्ली की श्रद्धा, हिंदू बेटियों को की हत्या के बाद काटकर सूटकेस में फेंक दिया जाता है। भरत भूषण ने कहा कि यदि समय पर रोका नहीं गया, तो वह दिन दूर नहीं जब शांत राज्य में ऐसी घटनाएं होने लगेंगी। उन्होंने समस्त हिंदू समाज और बेटियों से जागृत होने का भी आह्वान किया।
नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब का पुलिस रिमांड चार दिन बढ़ा दिया है। रिमांड अवधि खत्म होने पर आज आरोपी की दिल्ली के साकेत कोर्ट में वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी हुई। आफताब ने सुनवाई के दौरान जज के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
उसने जज के सामने कहा कि जो भी हुआ है वो HEAT OF THE MOMENT था। यानी कि जो उसने किया, वो बिना सोचे समझे गुस्से में किया। उसने कोर्ट में यह भी कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहा है। जहां उसने शव के टुकड़े फेंके, उन जगहों की जानकारी दी है। वारदात को काफी समय हो गया है, ऐसे में वह कई चीजों को याद नहीं कर पा रहा है।
अब पुलिस नार्को टेस्ट के बाद पॉलीग्राफ टेस्ट की तैयारी में जुट गई है। आफताब ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नार्को टेस्ट की अनुमति दे दी है। पर नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट होता है। इसके लिए भी कोर्ट से मंजूरी लेनी पड़ती है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मांगी है।
बता दें कि श्रद्धा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस जांच में जुटी है। दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुरुग्राम में सबूत जुटाए गए हैं। वहीं, श्रद्धा के शव के बाकी टुकड़े भ ढूंढे जा रहे हैं। पुलिस ने सोमवार को महरौली के जंगलों से एक जबड़ा और कुछ हड्डियां बरामद की हैं। दिल्ली पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि जबड़ा श्रद्धा का है। इसका पता डेंटिस्ट लगाएगा। डेंटिस्ट जबड़े की जांच में जुट गए हैं।
पूछताछ में आफताब ने बताया कि आरी और ब्लेड को गुरुग्राम की डीएलएफ फेज 3 की झाड़ियों में फेंका है.। वहीं, चापड़ उसने महरौली के 100 फीट रोड स्थित कूड़ेदान में फेंका था। 18 नवंबर को दिल्ली पुलिस की टीम गुरुग्राम की झाड़ियो से कुछ सबूत लेकर निकली थी। सबूत को जांच के लिए भेजा गया है।
मैदानगढ़ी का तालाब भी खाली करवाने का काम किया जा रहा था, पर उसे रोकना पड़ा। इसमें सीवर का पानी गिर रहा है। तालाब से 1 लाख लीटर पानी खाली निकलवाया था, सीवर से पानी आने के चलते तालाब फिर से उतना ही भर गया। पुलिस गोताखोरों की मदद लेने पर विचार कर रही है।
पहले होगा पॉलीग्राफ टेस्ट, कोर्ट से ली जाएगी अनुमति
नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब का आज नार्को टेस्ट नहीं होगा। नार्को टेस्ट से पहले आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। इसके लिए भी कोर्ट से अनुमति ली जाएगी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद 10 दिन में पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होगी।
बता दें कि मामले के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का आज नार्को टेस्ट होना था। हालांकि, आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने का गुनाह तो कबूल कर लिया है पर सबूत के नाम पर बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसलिए पुलिस का सारा फोक्स अब श्रद्धा के शरीर के बचे टुकड़े ढूंढने के साथ सबूत जुटाने पर है, ताकि आरोपी को सजा मिल सके और श्रद्धा को इंसाफ।
अब तक की जांच में आफताब बार-बार बयान बदल रहा। उसके बार-बार बयान बदलने से जांच की दिशा भटक रही है। इसी के चलते दिल्ली पुलिस ने नार्कों टेस्ट की मांग की थी। पुलिस की दलील सुनने के बाद साकेत कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट करवाने की अनुमति दी। इसमें आरोपी की सहमति भी जरूरी होती है। आरोपी ने भी नार्को टेस्ट करवाने की सहमति दे दी है। पुलिस हत्या करने, लड़ाई की वजह, हत्या कैसे की, योजना कब बनाई, शव काटने के लिए प्रयोग आरी, शरीर के बाकी टुकड़े कहां हैं आदि 50 सवालों की लिस्ट तैयार की गई है। पुलिस सिलसिलेवार घटना की कड़ियां जोड़ने का प्रयास करेगी। पर नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट जरूरी होता है और इसकी भी अनुमति कोर्ट से लेनी पड़ती है। पुलिस ने नार्को टेस्ट की अनुमति तो ली है। पर पॉलीग्राफ टेस्ट की नहीं।
नार्को टेस्ट अंबेडकर अस्पताल में होना था। टेस्ट रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब करेगी। अस्पताल सारी सुविधाएं होती हैं, अगर टेस्ट के दौरान कुछ इमरजेंसी आती है तो आरोपी को अस्पताल में समय पर इलाज मिल सकता है, इसके चलते अस्पताल में ही यह टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के दौरान पुलिस के अधिकारी, फोरेंसिक साइंस लैब की टीम मौजूद रहेगी। फोरेंसिक साइंस लैब इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करेगी।
नार्को टेस्ट कैसे किया जाएगा। हम आपको बताते हैं। इंजेक्शन में साइकोएक्टिव दवा ‘ट्रूथ ड्रग’ मिलाई जाती है। इसमें सोडियम पेंटोथल नाम का केमिकल होता है। इससे आरोपी कुछ मिनट से लेकर लंबे समय के लिए बेहोशी में चला जाता है। इसके बाद आधी बेहोशी की हालत में सच बोलता जाता है। नार्को टेस्ट से पहले आरोपी की मेडिकल जांच भी होती है। इससे यह पता चलता है कि आरोपी को कोई बड़ी बीमारी तो नहीं है। अगर आरोपी को मनोवैज्ञानिक, ऑर्गन से जुड़ी या कैंसर जैसी कोई बीमारी है तो नार्को टेस्ट नहीं किया जाता है।