Categories
Top News Himachal Latest Sirmaur State News

पझौता : शिरगुल महाराज की पावन स्थली ठंडी धार में ऐतिहासिक मेले की धूम

27 साल बाद मनाया गया, ठोडा खेल रहा आकर्षण

राजगढ़। सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के तहत पझौता परगणा के आराध्य देव शिरगुल महाराज की पावन स्थली ठंडी धार में ऐतिहासिक रेलटी (रेई) मेले का धूमधाम से आयोजन किया गया।

ये दो दिवसीय मेला शांतिपूर्ण ढंग से मंगलवार संपन्न हुआ। इस मेले में पधारे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिरगुल महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान इंद्र देव की कृपा भी बनी रही।

दिल्ली जाने और हिमाचल आने वाले यात्री ध्यान दें, HRTC बसों को लेकर बड़ी अपडेट 

मेले के दौरान सभी श्रद्धालुओं ने ठोडा खेल का आनंद लिया। मेले में “शाठी दल कुंथल” एवं “पाशी दल जीमू” जम्वाल ने खेल का प्रदर्शन करके इस ऐतिहासिक मेले की शोभा बढ़ाई।

बता दें कि इस खेल में दो दल होते हैं। दोनों दल विशेष परिधान पहन कर क्षत्रिय वीरगाथा गाते व ललकारते हुए एक दूसरे पर तीरों से प्रहार करते हैं। यह प्रहार टांगों पर घुटने के नीचे किए जाते हैं, जो दल सबसे अधिक सफल प्रहार करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।

शिमला : न लगाई थी रेट लिस्ट, महंगी बेच रहे थे फल और सब्जी-नपे

दोनों टीमें तीर कमान, डांगरे (फरसे) व लाठियों से सुसज्जित होती हैं। फरसे लहराते हुए जब ये दल पारंपरिक नृत्य करते हैं। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ बजने वाले गीत और एक दूसरे को ललकारने वाले बोल सबका मन मोह लेते हैं।

मन्दिर कमेटी द्वारा ठोडा पार्टी की दोनों टीमों को व मेले में सहयोग करने वालों को सम्मानित किया गया। ठोडा खेल की समाप्ति पर सभी ने मिलकर नाटी भी की।

गृहस्थ लोग 6 तो वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर को मनाएंगे जन्माष्टमी

इसके अलावा मेले में मिठाई व तरह-तरह की दुकानें भी सजाई गई थीं। लोग दूर-दूर से शिरगुल महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे साथ ही मेले का लुत्फ उठाया। मेले में बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए थे। बता दें कि शिरगुल महाराज की पावन स्थली ठंडी धार में ये ऐतिहासिक मेला इस बार 27 साल बाद मनाया गया।

हिमाचल : मानसून सीजन में 11 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड 

 

 

हिमाचल का श्री बृजराज स्वामी मंदिर : यहां एक साथ विराजमान हैं श्री कृष्ण और मीरा

 

हिमाचल में रफ्तार पकड़ेंगी भर्तियां, एक हफ्ते में निकलेगा रिजल्ट- पढ़ें खबर

 

शिक्षा विभाग में 11 से 25 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक, रविवार को भी बुलाया जा सकता है

 

 

मंडी-कुल्लू वाया कमांद और पंडोह डैम रोड को लेकर बड़ी अपडेट-पढ़ें

 

 

हमीरपुर : गुरु का बन्न में 3 आपदा प्रभावित परिवारों को छह-छह मरला मिली भूमि 

 

हमीरपुर में कर्मचारी चयन आयोग के स्थान पर होगा ‘राज्य चयन आयोग

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया की घोषणा-किसे मिली जगह, पढ़ें 

SBI में 6160 अपरेंटिस पदों पर निकली भर्ती, हिमाचल के लिए 200 पद 

लेडी अफसर ओशिन का एक्शन : संधोल में रात के अंधेरे में अवैध खनन पर कार्रवाई
Categories
Top News Himachal Latest Sirmaur State News

पझौता : ठंडी धार में 27 साल बाद मनाया जा रहा ऐतिहासिक मेला

चार और पांच सितंबर को होगा आयोजन

राजगढ़। सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के तहत पझौता परगणा के आराध्य देव शिरगुल महाराज की पावन स्थली ठंडी धार में ऐतिहासिक रेलटी (रेई) मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन चार और पांच सितंबर को आयोजित होना सुनिश्चित हुआ है। ये मेला 27 साल बाद मनाया जा रहा है।

इस मेले में परंपरागत ठोडा खेल का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे “शाठी दल कुंथल” एवं “पाशी दल जीमू” जम्वाल चार और पांच सितंबर को अपने खेल का प्रदर्शन करके इस ऐतिहासिक मेले की शोभा बढ़ाएंगे।

कुल्लू-मंडी वाया पंडोह सड़क पर दौड़ी गाड़ियां, सब्जी मंडी भेजे 700 वाहन

सुदर्शन सिंह भण्डारी, ठाकुर देशराज सिंह, बबलू भगनाल , जोगिन्दर सिंह, नरेश ठाकुर, आकाश नेगी, अमन नेगी एवं समस्त शिरगुल सेवा समिति ठंडीधार के ने सभी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पधार कर इस मेले की शोभा में चार चांद लगाने की अपील की है।

सिरमौर जिला के मेलों में ठोडा खेल का बड़ा महत्व है। जब हमारी तकनीक से पहुंच बहुत दूर थी, मनोरंजन के सीमित साधन थे तब मेलों में मनोरंजन का ज़रिया था ठोडा खेल। इस खेल में दो दल होते हैं।

मंडी : मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर व बार्बर के प्रशिक्षण को करें आवेदन

दोनों दल विशेष परिधान पहन कर क्षत्रिय वीरगाथा गाते व ललकारते हुए एक दूसरे पर तीरों से प्रहार करते हैं। यह प्रहार टांगों पर घुटने के नीचे किए जाते हैं, जो दल सबसे अधिक सफल प्रहार करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।

दोनों टीमें तीर कमान, डांगरे (फरसे) व लाठियों से सुसज्जित होती हैं। फरसे लहराते हुए जब ये दल पारंपरिक नृत्य करते हैं। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ बजने वाले गीत और एक दूसरे को ललकारने वाले बोल सबका मन मोह लेते हैं।

हिमाचल में बढ़ रहे स्क्रब टाइफस के मामले : अब तक तीन की गई जान, 130 लोग पॉजिटिव

नियमानुसार केवल विशेष पोशाक अथवा सुथण पहनने वाले धनुर्धर की टांगों पर ही सूर्यास्त से पहले तक दूसरा योद्धा वार कर सकता है। इसे मूल रूप से क्षत्रियों का ही खेल माना जाता है। इन मेलों में प्राचीन काल से इस परंपरा से जुड़े परिवार ही भाग लेते हैं।

पुरानी परंपरा के मुताबिक हर देवठी यानी देवी के फॉलोअर्स का अपना एक खूंद होता है। ये खूंद क्षत्रिय परिवारों के ही होते हैं और युवा ठोडा खेल अपने पूर्वजों से सीखते आ रहे हैं। हर खूंद देवी दुर्गा और कुछ कुल देवताओं के उपासक माने जाते हैं।

 

कांगड़ा : जलाड़ी में जल शक्ति विभाग के जेई के बनेर खड्ड में बह जाने के मामले में बड़ी अपडेट

हिमाचल में बढ़ रहे स्क्रब टाइफस के मामले : अब तक तीन की गई जान, 130 लोग पॉजिटिव

HRTC बस में सामान ले जाने के विरोध में कंडक्टर यूनियन, उठाई ये मांग

शिमला-कालका एनएच 5 पर सनवारा में 20 दिन से बंद टोल प्लाजा फिर शुरू

 

हिमाचल : 143 स्कूलों को बंद करने के आदेश, 20 सीनियर सेकेंडरी स्कूल दोबारा खोले 

हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तिथि तय, आवेदन शुरू

 

 

HRTC बस में दो लैपटॉप का नहीं लगेगा किराया, अतिरिक्त पर चौथा हिस्सा करना होगा अदा

 

हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें EWN24 NEWS की वेबसाइट https://ewn24.in/ फेसबुक https://www.facebook.com/ewn24 और यूट्यूब https://www.youtube.com/@ewn24news/videos के साथ