मंडी। जिला मंडी में कुदरत ने कहर ढाया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज सराज प्रवास हैं। इस दौरान थुनाग में जयराम ठाकुर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों से मिले और पीड़ितों को राहत सामग्री भी वितरित की। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुश्किल घड़ी में आपका यह सेवक आपकी सहायता के लिए चट्टान की तरह खड़ा रहेगा।
कहा-यह वक्त राजनीति करने का नहीं, दिल्ली चलें भाजपा नेता
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि हिमाचल को आपदा की वजह से आठ हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ऐसे में विपक्ष सरकार पर निराधार आरोप लगा रहा है। यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, बल्कि भाजपा नेताओं को भी उनके साथ पहली राहत राशि की किस्त के लिए केंद्र सरकार के पास चलना चाहिए, ताकि प्रदेश को राहत मिल सके।
शिमला जिले के चिड़गांव की उपतहसील जांगला डिसवाणी पंचायत के जगोटी में बादल फटने से स्थानीय लैला खड्ड में बाढ़ आ गई। बादल फटने से एक ढाबा भूस्खनल की चपेट में आ गया। इसमें रह रहे तीन लोग मलबे में दबकर लापता हो गए हैं। आज सुबह हुई घटना के बाद स्थानीय प्रशासन की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू शुरू कर दिया है। बादल फटने से इलाके में भारी नुकसान होने की आशंका है।
इसका आकलन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ढाबे के ढह जाने से मलबे में एक परिवार के तीन लोग लापता हो गए हैं। उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इलाके में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हिमाचल के मनाली में लापता हुए नौसेना के जवानों के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो शव मलबे से निकाले जा रहे हैं, उनकी शिनाख्त की जा रही है।
बता दें कि हिमाचल मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल में भूस्खलन से 600 से अधिक सड़कें बंद हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं और कई जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग के अलर्ट पर कहा कि सरकार ने प्रशासन को भी अलर्ट पर रखा है।
नुकसान का आकलन करने पहुंचे केंद्रीय दल के साथ की बैठक
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आए आठ सदस्यीय केंद्रीय दल के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय दल को अवगत करवाया कि प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार को हिमाचल की उदारता से मदद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है। प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में बिजली, पानी और सड़क परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जिसे स्थाई रूप से बहाल करने में काफी वक्त लगेगा और विशेष आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होगी। ऐसे में इस त्रासदी से उबरने के लिए प्रदेश को उदार वित्तीय मदद के लिए केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्तरिम राहत के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित ज्ञापन दिया जाएगा।
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, वित्त सचिव अक्षय सूद, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला। बरसात की बारिश के हिमाचल को दिए जख्मों पर मरहम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि मंजूर कर दी है। अपने फेसबुक पेज पर यह जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा कि हिमाचल प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। जनता को त्वरित राहत पहुंचाने वाले कार्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आपदा की इस घड़ी में 400 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धनराशि मंजूर कर दी है। इस प्राकृतिक आपदा में हिमाचल प्रदेश की हर संभव मदद के लिए वह पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हृदयतल से आभार प्रकट करते हैं।
बता दें कि इस बार बरसात ने शुरुआत में ही हिमाचल में तबाही मचाई है। 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है और 8000 करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है। कहीं कहीं सड़कों का नामोनिशान मिट गया है। पुल पानी के तेज बहाव में बह गए हैं।
शिमला। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के बाद अब महंगाई की मार जनता पर पड़ने वाली है। सुक्खू सरकार ने अपनी सरकार में सात महीने बाद दूसरी बार जनता को महंगाई का तगड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने डीजल पर तीन रुपए वैट बढ़ाया है। इसी के साथ प्रदेश में डीजल पर वैट 7.40 रुपए से बढ़कर 10.40 रुपए हो गया है।
प्रदेश के अलग-अलग शहरों में डीजल अब 89 रुपए से 91 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से मिलेगा। शिमला में डीजल की कीमतें बढ़कर 89.11 रुपए हो गई है। बीती रात 12 बजे से डीजल की बढ़ी हुई कीमतें लागू हो गई हैं।
डीजल की कीमतें बढ़ने से आम जनता पर महंगाई की मार पड़ेगी। राजधानी के लोगों का कहना है कि बरसात की मार के बाद अब डीजल की कीमतें बढ़ने से लोगों पर महंगाई की दोहरी मार पड़ेगी। सब्जियों के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं। टमाटर तड़के से गायब हो गया है। ऐसे में गरीब जनता को घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।
लोगों को राहत की उम्मीद थी लेकिन राहत के बजाय लोगों पर महंगाई का बोझ लादा जा रहा है। सरकार को रेट बढ़ाने के बजाय कम करने चाहिए थे, लोगों का कहना है कि जब भी किसी चीज के दाम बढ़ते हैं तो सबसे ज्यादा असर मध्यमवर्ग, गरीब वर्ग पर पड़ता है। कुछ लोगों की राय ये भी है कि आपदा में प्रदेश को हुए नुकसान को जनता से भरपाई करना सरकार के लिए जरूरी है।
शिमला। तीन दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु शुक्रवार को शिमला पहुंचे और उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में तीन दिन तक लगातार हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सरकार ने इस आपदा में पहले फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया। 75 हजार में से 67 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाल दिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बताया कि कसोल में कुछ पर्यटक फंसे हैं उनके पास खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है। अभी तक इस आपदा में 103 लोगों की मौत हो गई है जबकि 16 लोग गुम है हालांकि किसी भी पर्यटक की मौत नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि चार हजार करोड़ का अनुमानित नुकसान बढ़कर आठ से नौ हजार करोड़ हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दो हजार करोड़ की राहत की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि 188 करोड़ की राहत 12 जिलों को प्रदेश सरकार ने दी है। वहीं, प्रदेश सरकार ने 315 करोड़ जो आपदा का केंद्र के पास पिछला बकाया है उसकी मांग की गई है।
मुख्यमंत्री ने चंद्रताल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा प्रदेश के लिए बेहद मुश्किल वक़्त था चारो तरफ प्राकृतिक आपदा से हो रही आपदा के बीच लोगों का जीवन बचाना मुश्किल काम था, लेकिन सरकार ने पूरी तैयारी के साथ स्थिति को संभाला और सब जगह एक साथ “ऑपरेशन जीवन” चलाकर लोगों के जीवन बचाने में सफलता हासिल की।
ऐसे हालातों में स्थानीय लोगों के साथ ऐसे सैलानी जिनका कोई पता नहीं था उन तक पहुंचना और उनको सुरक्षित बचाना हमारी सरकार की सबसे बड़ी सफलता है। मुख्यमंत्री ने कहा आज किन्नौर से आते हुए 9 लोगों को अपने साथ लेके आया हूं और 119 और लोगों को सांगला से सफल रेस्क्यू किया गया।
उन्होंने कैबिनेट मंत्री जगत नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी की सराहना करते हुए कहा कि 62 साल की उम्र में कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्र में जाने का साहस दिखाया और रेस्क्यु ऑपरेशन में लगे लोगों का मनोबल बढ़ाया जिसके चलते ये असम्भव सा काम थोड़े ही समय में सफल हो गया।
कुल्लू, मनाली, किन्नौर, लाहौल स्पीति, चंबा, सिरमौर जो सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है वहां से अधिकांश लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यु कर उनको उनके गंत्वय की और भेज दिया गया है। अकेले कुल्लू मनाली में लगभग 70 हज़ार के करीब सैलानी फंसे थे जिनमें से 60 हज़ार लोगों को घर भेज दिया गया है। 10 हज़ार लोग अपनी गाड़ियां छोड़ कर नहीं जाना चाह रहे हैं इसलिए वहां रुके हैं।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में आपदा राहत कोष 2023 बनाया गया है। लोगों से इसमें सहयोग की अपील की गई है। इसमें कांग्रेस विधायक व मंत्रियों ने एक महीने का वेतन, आईएएस HAS एसोसिएशन ने एक दिन की सैलरी आपदा राहत कोष में देने का फैसला लिया है। इसके अलावा 1100 करोड़ राज्य ने इस आपदा के लिए जारी किया है जिसमें 610 करोड़ पीडब्ल्यूडी और 218 करोड़ आईपीएच के लिए जारी किया है।
हरिपुर। हिमाचल के कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भटोली फकोरियां में छात्रों को आकस्मिक आपदा के दौरान बचाव की जानकारी दी। फायर पोस्ट इंचार्ज देहरा सुजान सिंह व उनकी टीम ने छात्रों को टिप्स दिए। स्कूल की प्रधानाचार्य कविता कुमारी ने अग्निशमन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए.धन्यवाद किया। इस अवसर पर स्कूल का अन्य स्टाफ भी मौजूद था।