मुझे कई मौके पर अपमानित करने की कोशिश की गई
शिमला। हिमाचल की राजनीति में खलबली मच गई है। राज्यसभा चुनावों में बड़ी हार के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के खिलाफ है।
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इस तरह का घटनाक्रम हिमाचल में चिंतजनक है। क्या कारण रहे यह जानना जरूरी है। 2022 में विधानसभा चुनाव हुए उस समय सभी ने मिलकर चुनाव लड़े। वीरभद्र का नाम चुनावों में इस्तेमाल किया गया, सबके योगदान से सरकार बनी। एक साल की सरकार की कार्यप्रणाली पर बेबाक तरीके से कहना जरूरी है।
एक साल की सरकार की व्यवस्था में सरकार में विधायकों को दबाने की कोशिश हुई जिसका ये परिणाम है। हाई कमान के सामने मामला उठाया लेकिन जिस तरह से होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ।
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प्रदेश के युवा नौजवान साथियों ने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्या सरकार उनके लिए कुछ कर पाई हैं? केवल ये कहना कि हमने किया है? ये सब घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
दुख के साथ कहना पड़ रहा है मुझे कई मौके पर अपमानित करने की कोशिश की गई है। मैं किसी भी प्रैशर में आने वाला नहीं हूं। वीरभद्र सिंह के जो प्रिंसिपल हैं हम उसी राह पर चलेंगे, लेकिन कोई हमारी आवाज और अस्तित्व को दबाने और मिटाने की कोशिश करेगा वह सहन नहीं होगा।
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कांग्रेस हाई कमान को इसके बारे में अवगत कराया गया है। अब गेंद हाई कमान के पाले में हैं। जिसके नाम पर सरकार बनी उसके लिए दो गज जमीन माल रोड़ पर नहीं मिली। विक्रमादित्य सिंह ने रोते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए मालरोड पर दो गज जमीन तक उपलब्ध नहीं करवाई गई।
विक्रमादित्य ने रोते हुए कहा कि हम इमोशनल लोग हैं भावनात्मक रूप से, मैं बहुत आहात हूं। किस वजह से ये हुआ हाई कमान को ये देखना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने पार्टी का हर मोके पर साथ दिया है। आने वाले समय में कोई ऐसा कदम नहीं उठाऊंगा जिससे किसी को ठेस लगे। मैं इस सरकार से इस्तीफा देता हूं।
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