शिमला। हिमाचल निर्माता व प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार की 44वीं पुण्यतिथि पर आज प्रदेश भर में उन्हें याद किया गया।
शिमला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां कांग्रेस महासचिव यशवंत छाजटा सहित अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कांग्रेस महासचिव यशवंत छाजटा ने कहा कि आज डॉ यशवंत सिंह परमार की 44वीं पुण्यतिथि है और उन्हें याद किया जा रहा है। उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
हिमाचल यदि आज विकास के पथ पर अग्रसर है तो ये यशवंत सिंह परमार और वीरभद्र सिंह की देन है। आज हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों में शमिल है और विकास के पथ पर अग्रसर है।
सोलन। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। राज्यपाल ने 773 विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। इसके अलावा 1305 विद्यार्थियों को बीएससी औद्यानिकी और बीएससी वानिकी, बी टेक बायो-टेक्नोलॉजी, एमबीए/एबीएम,एमएससी और पीएचडी औद्यानिकी एवं वानिकी में डिग्रियां प्रदान कीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को 23 स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें से 20 स्वर्ण पदक छात्राओं को प्रदान किए गए। राज्यपाल ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक शिक्षा राकेश चंद अग्रवाल को मानद उपाधि भी प्रदान की।
राज्यपाल ने युवाओं से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्टार्ट-अप योजनाओं का लाभ उठा कर समाज के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें स्वरोजगार की ओर अग्रसर होना चाहिए और रोजगार प्रदाता बन कर अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए।
स्वर्ण पदक विजेताओं और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने उनसे राष्ट्र निर्माण में योगदान का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों को बधाई दी और प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10,000 रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं और सकारात्मक सोच से चुनौतियों पर विजय हासिल कर सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पहचानने और संरक्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और 23 स्वर्ण पदक विजेताओं में से 20 लड़कियां हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और कई जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। समाज के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रदेश सरकार लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है और इस विषय पर परामर्श के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना सरकार की योजना में शामिल है। सरकार प्राकृतिक उत्पादों की खरीददारी और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों के माध्यम से उत्पादित फसलों के लिए आकर्षक दरें प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सतलुज जल विद्युत निगम के मुख्य महाप्रबंधक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक आर.सी.अग्रवाल को मानद उपाधि के लिए बधाई भी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 1.16 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कौशल विकास छात्रावास और 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित विवेकानंद योगा और मेडीटेशन सेंटर का लोकार्पण किया।
डॉ.यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों और अन्य गतिविधियों से अवगत करवाया। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सुरेंद्र ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, विश्वविद्यालय सीनेट, प्रबंधन बोर्ड और अकादमिक परिषद के सदस्य, विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने रिज पर अर्पित किए श्रद्धा सुमन
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार की आज 117वीं जयंती है। इस मौके पर शिमला के रिज मैदान पर यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक साथ श्रद्धा सुमन अर्पित किए और प्रदेश विधानसभा में श्रद्धांजली समारोह में हिमाचल निर्माण में यशवंत सिंह परमार के योगदान को याद किया।
इस मौके पर विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह और सीपीएस मोहनलाल, मेयर सुरेंद्र चौहान मौजूद रहे और विपक्ष से विधायक बलवीर वर्मा, रीना कश्यप ने भी डॉ. परमार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
हिमाचल निर्माण में यशवंत सिंह परमार के योगदान को याद करते हुए विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल के निर्माण में डॉक्टर परमार का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आधुनिक स्वरूप की आधारशिला रखी। हिमाचल को राज्य बनाने से लेकर पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने तक हर क्षेत्र में डॉ यशवंत परमार ने अपना योगदान दिया।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने डॉ यशवंत सिंह परमार के योगदान को याद करते हुए कहा कि जब हिमाचल के राज्य बनने की संभावनाएं कम थी ऐसे समय में डॉक्टर परमार ने आगे आकर हिमाचल के राज्य बनने को मूर्त रूप देने के लिए प्रयास किए।
नेता विपक्ष ने डॉक्टर परमार की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उस समय प्रदेश की आर्थिकी बहुत कमजोर थी ऐसे में हिमाचल की वन संपदा को कैसे प्रदेश की ताकत बनाया जाए और हिमाचल वासियों के पीठ के बोझ को किस तरह कम किया जाए डॉ. परमार ने इस दिशा में काम किया और यही आज हम सबका भी दायित्व है। आज के दौर में सभी को परमार की सादगी से सीखने की जरूरत है।