42 एमएलडी पानी की होती है जरूरत
शिमला। बरसात में मेघ तो खूब बरस रहे हैं, लेकिन शिमला शहर में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची है। सोमवार को शिमला में 31 एमएलडी पानी पहुंच पाया है, जबकि हर रोज शहर के लिए 42 एमएलडी पानी की जरूरत होती है। ऐसे में अब शिमला शहरवासियों को दो दिन के अंतराल में पानी देने पर विचार किया जा रहा है।
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बता दें कि भारी बारिश के बाद शिमला शहर के लिए जलापूर्ति करने वाली परियोजनाएं अभी भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाई हैं, जिससे शिमला में जल संकट गहराया हुआ है। नगर निगम व पार्टियां हर बार चुनाव के समय शिमला शहर को चौबीस घंटे पानी देने का वादा करती हैं, लेकिन परियोजनाओं में गाद न आए इसके लिए अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं हो पाया है। वहीं, शहरवासियों में पानी को लेकर परेशानी बनी हुई है। हर साल बरसात में शिमला शहर को आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं में गाद की वजह से पानी लिफ्ट नहीं हो पाता है।
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नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि गाद न आए इसके लिए ठोस प्लान तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 दिन में एसजेपीएनएल व अन्य अधिकारियों को इसके लिए प्लान तैयार करने को कहा है, जिससे सिल्ट को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि सिल्ट का सीधा असर मशीनों पर पड़ता है, जिससे मशीनरी खराब होती है। उन्होंने बताया कि आज 31 एमएलडी पानी आया है। उम्मीद है कि जल्द यह व्यवस्था सुचारू होगी।
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