रजिस्ट्रेशन के बाद आपदा की स्थिति में तुरंत होगा बचाव
शिमला। पहाड़ों में ट्रैकिंग का शौक काफी लोगों को होता है, लेकिन कुछ लोग लापरवाही करते हुए बिना पंजीकरण के कठिन व जोखिम भरे मार्ग में ट्रैकिंग के लिए निकल पड़ते हैं। इससे नुकसान ये होता है कि ऐसे लोग कई तरह की परिस्थितियों के चलते रूट से भटक जाते हैं। कई लोगों को तो रेस्क्यू कर लिया जाता है लेकिन कुछ अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
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विभाग ने इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक ऐप बनाई हैं। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन के बाद ट्रेकर को रूट की सही जानकारी मिलेगी। पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि प्रदेश में ट्रैकिंग के लिए आए सैलानी बिना पंजीकरण के रूट पर चले जाते हैं। रूट की सही जानकारी न होने से कई बार वह मुसीबत में फंस जाते हैं।
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पर्वतारोहियों की सुविधा के लिए विभाग ने एक ऐप बनाई है जिसमें रूट की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें रेड, ऑरेंज व ग्रीन तीन श्रेणियों में रूट्स को दर्शाया गया है। पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर इसका लिंक उपलब्ध करवाया गया है। ऐप में हिमाचल के सभी ट्रैकिंग रूट की जानकारी दी गई है।
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साल के कौन से समय में कौन सा रूट ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त है यह जानकारी भी इसमें दी गई है। ऐप में पंजीकरण के बाद इसकी जानकारी संबंधित उपायुक्त व एसएचओ को मिल जाएगी और यदि ट्रैकर्स का दल बताई गई समयावधि में नहीं लौटता है तो इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को मिल जाएगी, जिससे रेस्क्यू में सहायता मिलेगी और समय रहते बचाव कार्य किया जा सकेगा।
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