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मुख्यमंत्री के NHAI अधिकारियों को निर्देश, लोगों को मुआवजा देने में ना करें देरी

178 किमी लंबी फोरलेनिंग परियोजनाओं का किया जाएगा निर्माण

 

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में लोक निर्माण विभाग तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में जारी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के कार्यों की समीक्षा की।

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मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं के लिए भू-अधिग्रहण के मुआवज़े से संबंधित मामलों का समयबद्ध निस्तारण करने के लिए संबंधित जिला प्रशासनों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुआवज़ा राशि प्रदान करने में अनावश्यक देरी से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन सड़कों का निर्माण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए करें और सुरंगों तथा पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने सुचारू यातायात संचालन के लिए इन मार्गों में तंग गलियारों व मोड़ों में सुधार के भी निर्देश दिए।

उन्होंने प्राधिकरण को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने तथा निविदा प्रक्रिया की समय सीमा घटाने के भी निर्देश दिए, ताकि परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने कहा कि सड़कें हिमाचल प्रदेश के लोगों की जीवन रेखाएं हैं क्योंकि यहां रेल तथा हवाई संपर्क सीमित स्तर पर ही उपलब्ध है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रियों को विश्व स्तरीय सड़क ढांचा उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रही है और इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा प्राप्त होगी।  इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने शिमला-मटौर, कीरतपुर-नेरचौक और मण्डी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन मार्गों में स्तरोन्नत करने के कार्य को गति प्रदान करने के भी निर्देश दिए।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऊना जिला में बिढ़ू से लठियाणी को जोड़ने के लिए गोविंद सागर झील पर 900 करोड़ रुपये अनुमानित लागत से एक पुल का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने 25 फरवरी, 2023 तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि नालागढ़ से स्वारघाट फोरलेन के विस्तारीकरण पर 600 करोड़ रुपये, कालाअम्ब-पावंटा साहिब-देहरादून फोरलेन के विस्तारीकरण पर 1200 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्ग-503 अम्ब से ऊना और पंजाब सीमा से नादौन तक राष्ट्रीय राजमार्ग-03 के फोरलेन विस्तारीकरण पर 1500 करोड़ रुपये तथा ऊना बाईपास के निर्माण पर अनुमानित 500 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 4700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से प्रदेश में शीघ्र ही 178 किलोमीटर लंबी फोरलेनिंग परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 750 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जलोड़ी दर्रे पर एप्रोच रोड के साथ दो-लेन की सुरंग, 700 करोड़ रुपये की लागत से सैंज-लुहरी- जलोड़ी-बंजार-औट सड़क, 100 करोड़ रुपये की लागत से नाहन-सराहन-कुमारहट्टी सड़क पर नाहन शहर के लिए दो लेन की सुरंग, 700 करोड़ रुपये के परिव्यय से नाहन से कुमारहट्टी खंड-एनएच-907ए तक के दो लेन के सुधारीकरण तथा 300 करोड़ रुपये के परिव्यय से एनएच-154ए पंजाब सीमा से बनीखेत-चंबा-भरमौर सड़क के स्तरोन्नयन कार्य स्वीकृत भी हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एफआरए और एफसीए मामलों की समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है तथा डीएफओ और यूजर एजेंसी इसके सदस्य होंगे।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण अजय गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित तथा मंडी, शिमला, पालमपुर और हमीरपुर के परियोजना निदेशक एवं संबंधित अधिरकारी उपस्थित रहे।

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कंडवाल से भेड़खड्ड तक के फोरलेन प्रभावितों को मिलेगा 148 करोड़ मुआवजा

अब तक 72 करोड़ रुपए जारी, शेष राशि का शीघ्र होगा भुगतान
 

ऋषि महाजन/नूरपूर। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा फोरलेन परियोजना के तहत कंडवाल से भेड़खड्ड तक सड़क निर्माण की जद में आने वाले 750 भवनों के पहले चरण के मुआवजे का आकलन कार्य पूरा कर लिया गया है। जिस पर 148 करोड़ रूपये की मुआवजा राशि संबन्धित मालिकों को जारी की जाएगी। यह जानकारी एसडीएम अनिल भारद्वाज ने दी है।

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उन्होंने बताया कि अब तक नूरपुर प्रशासन द्वारा इसकी जद में आने वाले 346 भवनों के लिए 72 करोड़ रुपये की राशि प्रभावित मालिकों के खाते में भेजी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 13 भवनों के भुगतान हेतु लगभग 6 करोड़ 8 लाख रूपये की मुआवजा राशि के भुगतान की स्वीकृति राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त हो चुकी है जिसे एक सप्ताह के भीतर संबंधित लोगों के खाते में भेज दिया जाएगा।

एसडीएम ने बताया कि प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए शेष भवनों की मुआवजा राशि के शीघ्र भुगतान हेतु विशेष पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मुआवजा राशि के भुगतान की प्रक्रिया में किए गए कुछ बदलाव के पश्चात नए निर्देशों के तहत अब भुगतान को भूमि राशि पोर्टल के माध्यम से सुनिश्चित बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में भू-मालिकों के राजस्व रिकार्ड में त्रुटियां पाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ऐसे मामलों पर आपत्ति दर्ज की जा रही है जिस कारण भुगतान में  विलम्ब हो रहा है। ऐसे मामलों को शीघ्र निपटारे के लिए विभाग द्वारा विशेष पग उठाए जा रहे है।