कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत आज मणिपुर के थोबल से हुई। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी विशेष रूप से शामिल हुए।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत आज मणिपुर के थोबल से हुई। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी विशेष रूप से शामिल हुए।
नई दिल्ली। मणिपुर में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इसी बीच दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक समुदाय की दो युवतियों को दूसरे पक्ष के कुछ लोग निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमा रहे हैं। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। वीडियो मई माह का बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार वीडियो इस वजह से वायरल किया जा रहा है, ताकि उस समुदाय की दुर्दशा को उजागर किया जा सके। यह वीडियो इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के गुरुवार को होने वाले प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले प्रसारित किया जा रहा है।
ITLF के प्रवक्ता के अनुसार कांगपोकपी जिले में 4 मई का है। इसमें दो युवतियों को निर्वस्त्र पुरुषों का एक झुंड घुमा रहा है। वीडियो में पुरुष पीड़ित युवतियों से लगातार छेड़छाड़ करते भी नजर आ रहे हैं। वहीं पीड़ित युवतियां बंधक बनी हुई हैं और लगातार मदद की गुहार लगा रही हैं। अपराधियों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि भीड़ ने इनका रेप भी किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ITLF के प्रवक्ता ने इस ”घृणित कृत्य” की निंदा करते हुए मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग इस मामले का संज्ञान लें और दोषियों को कानून के सामने लाएं। कुकी समुदाय गुरुवार को चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं।
वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि सरकार ने उस वीडियो का स्वत: संज्ञान ले लिया है। इसमें 2 युवतियों को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घसीटते हुए दिखाया गया है। बी फेनोम गांव के 65 साल के प्रमुख थंगबोई वैफेई द्वारा सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीड़ ने तीसरी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेत में घसीटा। हिंसा प्रभावित मणिपुर में आज जो वीडियो वायरल हुआ है, वह घटना 4 मई को कांगकोपी जिले में हुई थी।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का दावा है कि युवतियां कुकी-ज़ो जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी। बताया जा रहा है कि घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को FIR दर्ज कराई गई थी। IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़की थी। हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
शिमला। मणिपुर के तनावग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाले गए हिमाचल के छात्रों ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से नई दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने त्वरित सहायता उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के व्यक्तिगत प्रयासों के फलस्वरूप मणिपुर में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हिमाचल से संबंधित पांच विद्यार्थी सकुशल दिल्ली पहुंचे। छात्रों को विशेष उड़ान के माध्यम से इम्फाल से कोलकाता और उसके उपरांत दिल्ली लाया गया।
मुख्यमंत्री ने छात्रों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर बच्चों का यात्रा खर्चा भी वहन किया। इससे पहले गत देर सायं हिमाचल भवन में पहुंचने पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने इन छात्रों की अगवानी की।
बता दें कि इन छात्रों ने रविवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को फोन कर वहां से रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी थी। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत पांच बच्चों को इम्फाल ईस्ट से रेस्क्यू करवाया, जिनमें एक लड़की भी शामिल है। इनमें से तीन बच्चे एनआईटी के, जबकि दो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर के विद्यार्थी हैं।
रेस्क्यू किए गए छात्रों में से तीन सिमरन, सुजल कौंडल, अश्वनी कुमार मंडी, नवांग छेरिंग कुल्लू और केशव सिंह हमीरपुर जिला का रहने वाला है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सारी रात खुद रेस्क्यू मिशन की निगरानी की। बच्चों को मणिपुर से बाहर निकालने में सबसे बड़ी दिक्कत इम्फाल से फ्लाइट न मिलने की थी, क्योंकि सभी फ्लाइट फुल चल रही थीं। ऐसे में उनके लिए सीट का इंतजाम करना टेड़ी खीर साबित हो रहा था।
मुख्यमंत्री के आदेश पर अधिकारियों ने इंडिगो से विशेष फ्लाइट चलाने का अनुरोध किया, जिसे एयरलाइंस ने मान लिया। इंडिगो अधिकारियों का जवाब आया कि सुबह 8.20 बजे इम्फाल से विशेष फ्लाइट उड़ान भरी। लेकिन, मुश्किल यहां भी खत्म नहीं हुई। फ्लाइट पर सवार होने के लिए बच्चों को सुरक्षित एयरपोर्ट पर पहुंचाना भी अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि यह क्षेत्र हिंसाग्रस्त था।
इसके बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सेना से संपर्क कर बच्चों को सुरक्षित एयरपोर्ट पर पहुंचाने के लिए मदद मांगी। सेना ने सुबह तड़के सवा पांच बजे बच्चों को इम्फाल एयरपोर्ट पर पहुंचाया। सुबह 10.10 बजे यह बच्चे इम्फाल से निकलकर कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंच गए। सोमवार शाम तक यह बच्चे सुरक्षित दिल्ली पहुंच गए।
दिल्ली में ये बच्चे हिमाचल सदन में व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से मिले। सभी बच्चों ने संकट की घड़ी में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न सिर्फ बच्चों की तत्काल मदद की, बल्कि उनको सुरक्षित निकालने का पूरा खर्च भी राज्य सरकार ने वहन किया।
मुख्यंमत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि बच्चों ने उनसे हिंसाग्रस्त मणिपुर से उन्हें बाहर निकलने में मदद मांगी थी। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वह स्वयं सारी रात पल-पल बच्चों को रेस्क्यू करने की डिटेल अधिकारियों से लेते रहे। उनके कुशलतापूर्वक कोलकाता पहुंचने तक वह हालात पर नजर बनाए रहे।
उन्होंने कहा कि अगर अन्य किसी हिमाचली को भी मणिपुर से बाहर निकलने के लिए मदद की आवश्यकता है तो वह फोन नंबर 89883-41921, 0177-2929688, 0177-2629439 पर कॉल कर सकते हैं। राज्य सरकार उन्हें हर संभव मदद प्रदान करने का प्रयास करेगी।
शिमला। मणिपुर हिंसा के बीच फंसे हिमाचल प्रदेश के पांच छात्रों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। इन छात्रों ने रविवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को फोन कर वहां से रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी थी। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत पांच बच्चों को इम्फाल ईस्ट से रेस्क्यू करवाया, जिनमें एक लड़की भी शामिल है। इनमें से तीन बच्चे एनआईटी के, जबकि दो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर के विद्यार्थी हैं।
रेस्क्यू किए गए छात्रों में से तीन सिमरन, सुजल कौंडल, अश्वनी कुमार मंडी, नवांग छेरिंग कुल्लू और केशव सिंह हमीरपुर जिला का रहने वाला है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सारी रात खुद रेस्क्यू मिशन की निगरानी की। बच्चों को मणिपुर से बाहर निकालने में सबसे बड़ी दिक्कत इम्फाल से फ्लाइट न मिलने की थी, क्योंकि सभी फ्लाइट फुल चल रही थीं। ऐसे में उनके लिए सीट का इंतजाम करना टेड़ी खीर साबित हो रहा था।
मुख्यमंत्री के आदेश पर अधिकारियों ने इंडिगो से विशेष फ्लाइट चलाने का अनुरोध किया, जिसे एयरलाइंस ने मान लिया। इंडिगो अधिकारियों का जवाब आया कि सुबह 8.20 बजे इम्फाल से विशेष फ्लाइट उड़ान भरेगी। लेकिन, मुश्किल यहां भी खत्म नहीं हुई, फ्लाइट पर सवार होने के लिए बच्चों को सुरक्षित एयरपोर्ट पर पहुंचाना भी अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि यह क्षेत्र हिंसाग्रस्त था।
इसके बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सेना से संपर्क कर बच्चों को सुरक्षित एयरपोर्ट पर पहुंचाने के लिए मदद मांगी। सेना ने सुबह तड़के सवा पांच बजे बच्चों को इम्फाल एयरपोर्ट पर पहुंचाया। सुबह 10.10 बजे यह बच्चे इम्फाल से निकलकर कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंच गए। आज शाम तक यह बच्चे सुरक्षित दिल्ली पहुंच जाएंगे।
दिल्ली में ये बच्चे हिमाचल सदन में व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री से मिलकर उनका धन्यवाद करेंगे। सभी बच्चों ने संकट की घड़ी में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न सिर्फ बच्चों की तत्काल मदद की, बल्कि उनको सुरक्षित निकालने का पूरा खर्च भी राज्य सरकार ने वहन किया।
मुख्यंमत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि बच्चों ने उनसे हिंसाग्रस्त मणिपुर से उन्हें बाहर निकलने में मदद मांगी थी। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वह स्वयं सारी रात पल-पल बच्चों को रेस्क्यू करने की डिटेल अधिकारियों से लेते रहे। उनके कुशलतापूर्वक कोलकाता पहुंचने तक वह हालात पर नजर बनाए रहे।
उन्होंने कहा कि अगर अन्य किसी हिमाचली को भी मणिपुर से बाहर निकलने के लिए मदद की आवश्यकता है तो वह फोन नंबर 89883-41921, 0177-2929688, 0177-2629439 पर कॉल कर सकते हैं। राज्य सरकार उन्हें हर संभव मदद प्रदान करने का प्रयास करेगी।