पालमपुर। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकी मुठभेड़ में शहीद कांगड़ा जिला के जवान अरविंद कुमार की पार्थिव देह रविवार सुबह जैसे ही घर पहुंची चारों ओर चीख पुकार मच गई। पालमपुर के होलटा मिलिट्री स्टेशन से शहीद अरविंद की पार्थिव देह मरहूं के चटियाला लाई गई।
कांगड़ा : शहीद अरविंद कुमार पंचतत्व में विलीन, सैकड़ों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
उस समय भारी बारिश हो रही थी। ऐसा लग रहा था मानो शहीद की याद में आसमां भी रो रहा है। शहीद अरविंद की पत्नी बिंदू देवी ने लाल जोड़े में पति को अंतिम विदाई देने आई। इसी लाल जोड़े में अरविंद उसे ब्याह कर लाए थे और आज पत्नी उसी रूप में आंखों में आंसू के साथ अरविंद को अंतिम विदाई दे रही थीं।
अरविंद की शादी सुलह के साथ लगते गांव पनतेहड़ में लगभग पांच साल पहले हुई थी। शहीद अरविंद की दो बेटियां हैं। इनमें शानमिता चार और छोटी बेटी शानविका दो साल की है। शहीद अरविंद कुमार की माता का नाम निर्मला देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन उन्हें हिम्मत देते रहे। वहीं उनते पिता का नाम उज्जवल सिंह इस बात से अंजान से थे कि आखिर यहां हो क्या रहा है।
दरअसल, शहीद अरविंद के पिता उज्ज्वल सिंह लोक निर्माण विभाग से करीब आठ साल पहले रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के 2 साल बाद वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे और उनकी याददाश्त चली गई। अरविंद ने अपने पिता के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी और सेना के कई अस्पतालों में उनका इलाज करवाया। ऐसे में वह अपने बेटे की शहादत से अंजान हैं। वह भीड़ को देखकर बस टकटकी लगाए हुए थे। अरविंद के परिवार में मां के अलावा एक बहन भी है।
शहीद प्रमोद नेगी पंचतत्व में विलीन, शिलाई में सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
शहीद कांगड़ा जिला के जवान अरविंद कुमार का रविवार को मरहूं के चटियाला में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शनिवार शाम को विशेष सुरक्षा दस्ते की अगुवाई में शहीद अरविंद कुमार की पार्थिव देह पालमपुर के होलटा मिलिट्री स्टेशन लाया गया।
इसके बाद रविवार को सुबह 6 बजे मिल्ट्री कैम्प से रवानगी के बाद करीब साढ़े सात बजे शहीद की पार्थिव देह कांगड़ा जिला के विकास खंड सुलह के तहत ग्राम पंचायत मरहूं के गांव चटियाला के पहुंची।
शहीद अरविंद को श्रद्धांजलि देने के लिए कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री, डीसी निपुण जिंदल, सुलह विधायक विपिन परमार सहित बड़ी संख्या में शहीद के घर पहुंचे।
अरविंद 2012 में भारतीय सेना की नवमीं पैरा स्पेशल फोर्स में भर्ती हुए थे। वह नायक के पद पर थे। उनके पिता उज्ज्वल सिंह लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और अरविंद का बड़ा भाई मजदूरी करता है।