हमीरपुर। हिमाचल के एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा के शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा 8 जनवरी को होगी। राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ली जाने वाली ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा-2023 के लिए पात्र छात्र-छात्राएं 30 नवंबर सायं 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कैप्टन (नौसेना) मनोज कुमार महावर ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के लिए पात्र विद्यार्थियों को वेब पोर्टल aissee.nta.nic.ac.in एआईएसएसईई डॉट एनटीए डॉट एनआईसी डॉट एसी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। छठी कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं की आयु 31 मार्च 2023 को 10 और 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यार्थियों की पात्रता और प्रवेश परीक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी वेब पोर्टल aissee.nta.nic.ac.in एआईएसएसईई डॉट एनटीए डॉट एनआईसी डॉट एसी डॉट इन पर उपलब्ध है। उन्होंने पात्र छात्र-छात्राओं से निर्धारित तिथि तक आवेदन करने की अपील की है।
कांगड़ा। उपमंडल कांगड़ा की पंचायत तरसूह के युवक रमन कुमार हत्या मामले में पुलिस गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस ने शक के आधार पर एक युवक को गिरफ्तार भी किया है। रमन के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। पुलिस को अभी तक रमन का मोबाइल फोन नहीं मिला है। मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़ा जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक कांगड़ा डा. खुशहाल शर्मा ने बताया कि पुलिस ने आइपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अभी पुलिस ने एक 25 वर्षीय युवक ऋषि कुमार को गिरफ्तार किया है जो कि रमन कुमार के घर से कुछ ही दूरी पर रहता है।
रमन की बुधवार देर रात ऋषि कुमार से ही आखिरी बार बात हुई और देर रात तक दोनों इकट्ठे थे। युवक की मौत के क्या कारण रहे हैं इसके बारे में आरोपी से पूछताछ जारी है। युवक का मोबाइल फोन का कवर मिला है पर मोबाइल फोन नहीं मिला है। उसकी तलाश जारी है।
गौर हो कि तरसूह में 24 नवंबर (गुरुवार सुबह) रमन कुमार (23) का शव मिला था। वह तरसूह का ही रहने वाला था। शव भी रमन के घर के पास ही पड़ा मिला और आसपास में खून बिखरा हुआ था। स्थित को देखकर ऐसा अनुमान लगाया गया कि किसी ने रमन की हत्या कर उसके शव को 10 फीट नीचे खाई में फेंक दिया होगा।
तरसूह पंचायत प्रधान सुनील दत्त ने बताया कि उन्हें लोगों ने सुबह एक शव पड़ा होने की जानकारी दी तो उन्होंने तुरंत कांगड़ा पुलिस को इस बारे में सूचित किया। सुबह कुछ लोग जंगल की तरफ निकले थे तो रास्ते में बिखरा हुआ खून देखा और नीचे झांका तो 10 फीट नीचे युवक का शव पड़ा था। युवक के सिर और मुंह में काफी खून निकला हुआ था।
अनुमान है कि युवक के सिर पर पत्थरों से वार किया गया होगा। युवक का मोबाइल भी गायब था, पास में उसके फोन का कवर पड़ा मिला। फोरेंसिक टीम आसपास के पूरे क्षेत्र में जांच की। रमन परिवार में सबसे छोटा बेटा था। उसके दो बड़े भाई भी हैं। वह कांगड़ा में पेंटर का काम करता था।
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में शुक्रवार दोपहर दुखद हादसा पेश आया है। चैलचौक-करसोग मार्ग पर एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार सवार महिला की मौत हो गई, जबकि व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है। घायल को उपचार के लिए जोनल अस्पताल मंडी रेफर किया गया है।
बताया जा रहा है कि हादसे की शिकार महिला और पुरुष करसोग क्षेत्र के रहने वाले हैं। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है। एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है।
हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में दुखद हादसा पेश आया है। नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 8 नया नगर में तीन साल की बच्ची को लावारिस कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला। दिल दहला देने वाली इस घटना से हमीरपुर शहर में हड़कंप है और बच्ची के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि कुत्तों ने मासूम को इतनी बुरी तरह से नोचा कि उसके शरीर की हड्डियां तक निकल गई थी।
जानकारी के अनुसार माखन लाल निवासी होशियारपुर हमीरपुर शहर में सफाई का कार्य करता है। उसका एक बेटा और बेटी है। वह नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नं 8 नया नगर, हमीर हास्पिटल के सामने एक झुग्गी में रह रहा है। गुरुवार रात बच्ची झुग्गी से पिछली तरफ शौच के लिए गई थी। बच्ची के परिजन भी झुग्गी में ही मौजूद थे। इसी दौरान अचानक कुत्तों ने बच्ची पर हमला कर दिया।
बच्ची की आवाज सुनकर घरवाले दौड़े तो देखा बच्ची को कुत्ते नोच रहे थे। परिजन की आंखों के सामने चार से पांच कुत्तों का झुंड बच्चे को नोचते हुए घर से लगभग 100 मीटर दूर झाड़ियों में ले गए। उन्होंने किसी तरह कुत्तों को वहां से भगाया लेकिन तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लाया गया है।
बताया जा रहा है कि इससे पहले भी कई बार यहां पर रहने वाले बच्चों पर ये कुत्ते हमला कर चुके हैं। कुत्तों के हमलों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले कई बच्चे घायल हो चुके हैं।
जोगिंद्रनगर। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में शुक्रवार को एक हादसा पेश आया है। ये हादसा लडवाण गांव के नजदीक पेश आया है। जोगिंद्रनगर से द्रुब्बल की तरफ जा रही HRTC की बस का स्टेयरिंग अचानक उखड़ गया। बस में कुल 16 यात्री सवार थे। गनीमत ये रही कि बस में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। चालक और एक-दो लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
करीब 80 फीसदी छात्र फेल, कई छात्रों का परिणाम ही पूरा नहीं
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले अंडर ग्रेजुएट छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से घोषित किए गए पहले और दूसरे साल के रिजल्ट में करीब 80 फीसदी छात्र परीक्षा पास नहीं कर सके हैं। छात्रों का आरोप है कि ऑनलाइन सिस्टम की वजह से रिजल्ट खराब आए हैं। पहले ही विश्वविद्यालय ने सात महीने के लंबे अंतराल के बाद रिजल्ट घोषित किए और इसमें भी कई खामियां हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कई छात्रों के रिजल्ट पूरे नहीं हैं, वहीं कई छात्रों को सब्जेक्ट में केवल एक, दो और शून्य नंबर दिए गए हैं। इस बीच शुक्रवार को एसएफआई ने विश्वविद्यालय में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय चौक से वाइस चांसलर कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया गया।
इसके अलावा छात्रों ने विश्वविद्यालय वाइस चांसलर के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात नजर आया। छात्रों में रिजल्ट के खिलाफ रोष है और विश्वविद्यालय प्रशासन से रिजल्ट को रिव्यू करने की मांग की जा रही है। इससे पहले गुरुवार को ABVP कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन कर रोष जताया था।
सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में आज भी प्राचीन परंपराओं को बखूबी निभाया जाता है। दीपावली के एक महीने बाद अमावस्या की रात को गिरिपार क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली को मशराली के नाम से जाना जाता है। बूढ़ी दीपावली का त्योहार गिरिपार और उत्तराखंड के जौनसार में मनाया जाता है।
गिरिपार क्षेत्र में एक सप्ताह तक मनाया जाने वाला बूढ़ी दिवाली का त्योहार शुरू हो गया है। एक हफ्ते तक चलने वाले इस त्योहार में सभी ग्रामीण अपने-अपने गांव में एक स्थान पर एकत्रित होकर बूढ़ी दिवाली मनाते हैं। इस दौरान ग्रामीण पारंपरिक लोक नृत्य भी प्रस्तुत करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि गिरिपार के लोगों को आम दिवाली के एक माह बाद जब भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास व रावण का वध करने के बाद के अयोध्या वापस लौटने की जानकारी मिली तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए देवदार और चीड़ की लकड़ियों की मशाल बनाकर रोशनी की। उन्होंने खूब नाच-गाना भी किया था। इसके बाद से ही गिरिपार क्षेत्र बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हो गई।
कई जगह बूढ़ी दिवाली को राजा बलि या बलिराज से भी जोड़ा जाता है। उनके अनुसार राजा बलि को भगवान विष्णु ने जब पाताल पहुंचाया था तो उनके बीच कुछ समझौता हुआ था। उनको ही समर्पित करते हुए ये मशालें जलाई जाती हैं। दीपावली से ठीक एक माह बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार की गरिमा किसी भी हालत में दिवाली से कम नहीं रहती। गिरिपार के क्षेत्र में तो यही असली दिवाली है। सदियों से चली आ रही बूढ़ी दिवाली की परंपरा को आज भी गिरिपार क्षेत्र के लोग संजोए हुए हैं।
आधी रात को कड़कड़ाती ठंड में भी लोग हाथों में मशाल लेकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकते-थिरकते पौराणिक लिंबर नृत्य का आनंद उठाते हैं। बच्चे-बूढ़े और महिलाएं व पुरुष सभी आस्था के इस महापर्व में खूब झूमते हैं। सतयुग से चली आ रही इस पौराणिक परंपरा को क्षेत्र के लोग सदियों बाद भी संजोए हुए हैं।
बूढ़ी दिवाली के त्योहार में लोग परोकड़िया गीत, विरह गीत, भयूरी, रासा, नाटिया व स्वांग के साथ हुड़क डांस करते हैं। कुछ जगहों पर इस बूढ़ी दिवाली पर बढ़ेचू डांस करने की भी परंपरा है। कई जगहों पर रात में बुड़ियात डांस भी किया जाता है। इस दौरान लोग एक दूसरे को सूखे मेवे, चिड़वा, अखरोट व शाकुली खिलाकर बधाई देते हैं। बूढ़ी दिवाली के दौरान अलग-अलग दिन अस्कली, धोरोटी, पटांडे, सीड़ो व तेलपकी आदि पारम्परिक व्यंजन परोसे जाते हैं।
दीपावली के अगले रोज पोड़ोई, दूज, तीच व चौथ आदि पर ग्रेटर सिरमौर के कईं गांव में सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन किया जाता है जिसमें से कुछ जगहों पर रामायण व महाभारत का मंचन किया जाता है। विशेष समुदाय से संबंध रखने वाले पारंपरिक बुड़ेछू कलाकारों द्वारा इस दौरान होकू, सिंघा वजीर, चाय गीत, नतीराम व जगदेव आदि वीर गाथाओं गायन किया जाता है।
सदियों से क्षेत्र में केवल दीपावली अथवा बड़ी दिवाली तथा बूढ़ी दिवाली के दौरान ही बुड़ेछू नृत्य होता है। इसे बूढ़ा अथवा बुड़ियाचू नृत्य भी कहा जाता है। स्थानीय लोग बुड़ेछू दल के सदस्यों को नकद बक्शीश के अलावा घी के साथ खाए जाने वाले पारंपरिक व्यंजन भी परोसते हैं। इस परंपरा को ठिल्ला कहा जाता है।
शिमला। सामाजिक क्षेत्र में जनता की भलाई के लिए काम कर रहे सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से एक बार फिर कपड़ा बैंक की शुरुआत की जा रही है। कपड़ा बैंक चार दिसंबर से शुरू किया जाएगा। सर्दियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश में ठंड की वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह परेशानी गरीब तबके के लोगों के लिए और भी ज्यादा होती है क्योंकि उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते। ऐसे में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से इन लोगों को कपड़े बांटे जाएंगे। ट्रस्ट इसके लिए यूनिवर्सिटी-कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ प्रदेश भर के लोगों का सहयोग लेता है।
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव प्रो. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट लंबे समय से गरीब तबके के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। कपड़ा बैंक भी गरीब तबके के समाज के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए एक बड़ी मुहिम है। उन्होंने कहा कि संपन्न समाज के लोग कपड़े दान कर बड़ा उपकार का काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में सुधार के लिए भी काम कर रहा है। गरीब तबके से जुड़े लोगों को पढ़ाई में भी समर्थन दिया जाता है, वहीं उन्होंने बताया कि 6 दिसम्बर को समरसता दिवस पर एक संगोष्टी का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्टार्टअप बनाकर लोगों को रोजगार देने वाले उत्कृष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
शिमला। राजधानी में बिना अनुमति लग रहे पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स पर नगर निगम अब सख्त कार्रवाई करेगा। निगम ने इस पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद नगर निगम ने यह अहम फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने शहर में बिना अनुमति लग रहे पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
होर्डिंग व पोस्टर से न केवल शहर के लोग परेशान हैं बल्कि इससे शहर की खूबसूरती दागदार हो रही है, गंदगी भी फैल रही है। नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने बताया कि सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स लगाने वालों पर जुर्माना किया जाएगा। इसमें 10 हजार रुपये का प्रावधान हैं जिसके बाद 500 रुपये प्रतिदिन रहेगा।
यह वार्ड के कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी रहेगी कि कहीं उनके वार्ड में बिना अनुमति पोस्टर और बैनर तो नहीं लग रहे। हर वार्ड में इसकी निगरानी के लिए अभियंता की अगुवाई में कमेटियां बनाने का भी फैसला लिया है। आशीष कोहली ने कहा कि शहर में बिना अनुमति लगे सभी पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स हटाए जाएंगे।
शहर में सार्वजनिक संपत्तियों पर लगने वाले पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स की शिकायत करने के लिए नगर निगम ने टोल फ्री नंबर 1916 भी जारी कर दिया है। इस पर लोग शिकायत कर सकते हैं।
मझीण। ज्वालामुखी उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कथोग में संपन्न बाल विज्ञान मेले में राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मझीण के होनहारों ने अपनी प्रतिभा का खूब लोहा मनवाया है। बाल विज्ञान मेले के तहत आयोजित विभिन्न गतिविधियों में मझीण स्कूल के कई प्रतियोगी विद्यार्थियों ने कई श्रेष्ठ स्थान हासिल किए।
साइंस एक्टिविटी कार्नर के सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण स्कूल की रिम्मी पहले पायदान पर रही। जबकि इसी एक्टिविटी के सीनियर वर्ग में विद्यालय के ही एक छात्र आयुश ने द्वितीय स्थान झटका। वहीं विज्ञान प्रश्नोतरी प्रतियोगिता के सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण स्कूल के ही अतुल व कोमल कौंडल ने प्रथम स्थान हासिल किया। सीनियर वर्ग में अनिकेत और अक्षित ने तृतीय स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहे।
मैथेमैटिक्स ओलम्पियाड सीनियर सैंकेडरी वर्ग में मझीण विद्यालय का साहिल तृतीय स्थान अपने नाम करने में सफल रहा। आज विद्यालय पहुंचने पर सभी होनहार विद्यार्थियों का स्कूल के प्रधानाचार्य संजय धीमान, बाल विज्ञान मेले के समन्वयक व भौतिकी विषय के प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा और अन्य अध्यापक व प्राध्यापक वर्ग ने स्वागत किया। साथ ही सभी प्रतियोगी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
भौतिकी विषय के प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा ने बताया कि सीनियर सैंकेडरी वर्ग के विज्ञान प्रश्नोतरी व साइंस एक्टिविटी कार्नर व मैथ्स ओलम्पियाड प्रतियोगिता में श्रेष्ठ स्थान हासिल करने वाले उक्त चारों विद्यार्थी व सीनियर सैंकडरी वर्ग में एक विद्यार्थी जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए उपमंडल ज्वालाजी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
वहीं, प्रधानाचार्य ने इस उपलब्धि का श्रैय स्कूल के अध्यापकों व बच्चों को दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय के अध्यापकों ने इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बच्चों से खूब मेहनत करवाई, जो आज रंग लाई है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भी मझीण स्कूल के विद्यार्थियों से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। इसके लिए उन्होंने बच्चों को शुभकामनाएं भी दी हैं।