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हिमाचल कैबिनेट बैठक : नए साल के पहले दिन 3 बड़े तोहफे, बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत

दिव्यांग बच्चों और हाटी समुदाय को भी मिली सौगात

शिमला। नए साल 2024 के पहले दिन हिमाचल कैबिनेट की बैठक में तीन बड़ी योजनाओं को शुरू करने का ऐलान हुआ है। दिव्यांग बच्चों, हाटी समुदाय और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को बड़ा तोहफा मिला है। सरकार ने दिव्यांग बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने को लेकर योजना शुरू करने का फैसला लिया है।

कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दिव्यांग बच्चे शिक्षा प्राप्त करने चाहते हैं, लेकिन अच्छे शिक्षा संस्थान नहीं हैं, जहां बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकें। सरकार ने नए साल के पहले दिन इन बच्चों के लिए योजना लाने का फैसला लिया है। यह योजना आने वाले समय में धरातल पर होगी।

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योजना में स्कूल और कॉलेज में शिक्षा क्षेत्र में आधुनिक सुविधा दी जाएगी। योजना के तहत दिव्यांग बच्चों को अच्छी दी जाएगी। इसके अलावा हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर सितंबर में भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था। शनिवार रात को ही भारत सरकार से स्पष्टीकरण प्राप्त हुआ है।

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इसके बाद आज कैबिनेट ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। हमने पहले ही कहा था कि भारत सरकार से स्पष्टीकरण मिलते ही 24 घंटे के अंदर नोटिफिकेशन जारी करेंगे। वह 3 जनवरी को नाहन में विधिवत रूप से इसकी घोषणा भी करेंगे।

तीसरा बड़ा फैसला बेरोजगार युवाओं को लेकर लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में 90 फीसदी युवा गांव में रहते हैं। कैबिनेट ने विचार विमर्श कर स्वरोजगार योजना को बढ़ावा देने का फैसला लिया है।

राजीव गांधी स्टार्टअप योजना सोलर पावर प्रोजेक्ट फेस टू को मंजूरी दी है। जिस युवा के पास तीन बीघा जमीन होगी सरकार उसकी जमीन पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाएगी। प्रोजेक्ट की मार्जिन मनी की जगह पर 10 फीसदी सिक्योरिटी ली जाएगी। 100 से 500 किलोवाट प्रोजेक्ट को इसमें शामिल किया गया है।

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उदाहरण के तौर पर 100 किलोवाट के प्रोजेक्ट के लिए 40 लाख की लागत आती है। अगर मार्जिन मनी की बात करें तो 10 लाख लगेगी। पर सरकार ने मार्जिन मनी को सिक्योरिटी में परिवर्तित कर दिया है। यानी 100 किलोवाट की 4 लाख सिक्योरिटी जमा करवानी होगी। वहीं, सरकार प्रतिमाह जमीन की एवज में 20 हजार रुपए देगी। साल में 2 लाख 40 हजार रुपए दिए जाएंगे।

ऐसे ही 200 किलोवाट के लिए हर माह 40 हजार रुपए दिए जाएंगे। 500 किलोवाट के लिए 10 बीघा जमीन की जरूरत होगी। इसकी एवज में प्रति माह 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। साल के 12 लाख सरकार देगी।

Breaking हिमाचल कैबिनेट : हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने की अधिसूचना जारी

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 500 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाने के लिए 2 करोड़ खर्च आता है। इसमें 25 फीसदी मार्जन मनी देनी पड़ती थी। यानी 50 लाख मार्जन मनी जमा करवानी पड़ती थी।

कुछ युवाओं के पास जमीन तो होती है लेकिन पैसे नहीं होते हैं।  लोन लेकर भी युवा प्रोजेक्ट लगाने की नहीं सोच सकते। पर इस योजना के तहत 10 फीसदी सिक्योरिटी जमा करवानी होगी। यानी 500 किलोवाट प्रोजेक्ट के लिए 20 लाख जमा करवाने पड़ेंगे।

प्रदेश सरकार बिजली बोर्ड को 240 करोड़ रुपए इक्विटी देगी। 500 किलोवाट का 12 लाख साल का मिलेगा। यह 25 साल तक मिलता रहेगा। मेंटेनेंस उसी व्यक्ति को करनी होगी, जिसकी जमीन पर प्रोजेक्ट लगा है। प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को योजना का लाभ मिलेगा।

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